- जिसने किसी का मन नहीं जीता ,वह ईश्वर की सृष्टि का रहस्य नहीं समझ सकता। -विनोबा भावे
- बड़प्पन अमीरी में नहीं ,ईमानदारी और सज्जनता में सन्निहित है। -श्रीराम शर्मा आचार्य
- असम्भव और सम्भव के बीच में अंतर् व्यक्ति के दृढ़ निश्चय पर निर्भर करता है। -टामी लसोरदा
- जहां कल्पनाशीलता नहीं है वहां किसी तरह की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। -जार्ज वाशिंगटन
- ज्यों ही मनुष्य अपनी निजी विचारधारा की पकड़ खोना शुरू करता है ,उसका समाज में महत्व खत्म होने लगता है। -जवाहरलाल नेहरू
- उत्साह ही बलवान होता है ,उत्साह से बढ़करदूसरा कोई बल नहीं है। उत्साही पुरुष के लिए संसार में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं है। -वाल्मीकि
- सुखी वह है जिसकी परिस्थितियां उसके स्वभाव के अनुकूल हैं ,लेकिन वह और भी सुखी है जो अपने स्वभाव को परिस्थिति के अनुकूल बना लेता है। -हुम्
- ज्ञान का सार यह है कि ज्ञान रहते उसका प्रयोग करना चाहिए और उसके अभाव में अपनी अज्ञानता स्वीकार कर लेनी चाहिए। -कन्फ्यूशियस
- जिस त्याग से अभिमान उत्पन्न होता है ,वह त्याग नहीं। त्याग से शांति मिलनी चाहिए। अंततः अभिमान का त्याग ही सच्चा त्याग है। -विनोबा भावे
- बुद्धिमान मनुष्य कभी अपनी हानि पर शोक नहीं करते ,बल्कि प्रसन्न्तापूर्वक अपनी क्षति को को पूरा करने का उपाय करते हैं। -शेक्सपियर
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