- सज्जनों का क्रोध जल पर खींची गई रेखा के समान है ,जो शीघ्र ही विलुप्त हो जाती है। -रामकृष्ण परमहंस
- कभी भी जब आपका शत्रु कोई गलती कर रहा हो तो उसके काम में बाधा मत डालिए। -नेपोलियन बोनापार्ट
- सज्जनों से जोड़े हुए संबंधों का परिणाम कष्टदायक नहीं होता। -कालिदास
- केवल उन लोगों को अपने चारों ओर इकट्ठा करें जो आपको और ऊपर ले जा पाएं। -ओपराह विनफ्रे
- एक मकान तब तक घर नहीं बनता जब तक उसमें मस्तिष्क और शरीर दोनों के लिए भोजन और अग्नि न हो। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
- जो उदारता के बीज बोता है ,उसे दिव्य प्रेम रूपी फल की प्राप्ति होती है। स्वामी शिवानंद सरस्वती
- बड़ा सोचें ,जल्दी सोचें ,आगे की सोचें। विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है। -धीरूभाई अम्बानी
- प्रारब्ध चिंता मिटाने के लिए है। प्रारब्ध की आड़ में निकम्मा रहने वाले को कभी संतोष व सफलता नहीं मिलती। -स्वामी रामसुखदास जी महाराज
- उच्चतम शिक्षा वह है जो हमें महज जानकारी नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को सम्पूर्ण अस्तित्व के साथ सदभाव में लाती है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
- एकजुट हो जाना तो महज शुरुआत है ,एक साथ बने रहना प्रक्रिया है लेकिन एक साथ काम करना ही सफलता है। -हेनरी फोर्ड
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