Gyaan Sangam
  • Home
  • Gyaan Sangam
  • Hindi Quotes
  • Health

Saturday, September 1, 2018

मोक्ष प्राप्त करने का अवसर केवल मनुष्य जन्म में ही मिलता है।

 Updesh Kumari     September 01, 2018     Gyaan Sangam     No comments   

     संसार रूपी मकान से निकलकर मोक्ष प्राप्त करने का अवसर केवल मनुष्य जन्म में ही मिलता है। मनुष्य कर्मफल के अनुसार पशु -पक्षियों ,कीट -पतंगों की योनियों में भटकता है। जब कभी मनुष्य जन्म मिलता है तो उसे विषय -वासना रूपी खुजली मन में उठती है और वह उसके चक्कर में पड़  जाता है। बस ,मनुष्य जन्म रूपी दरवाजा निकल जाता है और वह विविध योनिओं में भटकता रहता है। मनुष्य के साथ हर जन्म में वही होता है जो अंधे व्यक्ति के साथ हुआ।
         एक अन्धा किसी बड़े भारी मकान के भीतर बंद हो गया। अब बेचारे को मार्ग मिलना कठिन हो गया ,परन्तु अंधे ने एक युक्ति सोची कि यदि मैं दीवार पकड़े -पकड़े इसके सहारे चलूँ तो दरवाजा अवश्य मिल जाएगा। अंधे ने ऐसा ही किया ,परन्तु दीवार पकड़े -पकड़े जब भी वह दरवाजे के सामने आता ,तो उसकी देह में खुजली उठती जिससे वह दोनों हाथों से दीवार का सहारा छोड़ खुजलाने लगता। इसी भाँति उसने सैकड़ों चक्कर लगाए ,पर हर बार दरवाजा निकल जाता था वह यों ही हाथ मलता रह जाता था।
इसका भाव यह है कि यह जीवात्मारूपी अन्धा पुरुष जन्म -जन्मांतर रूपी मकान के घेरे में पड़ा उससे निकलने का प्रयास करता है। यह ज्ञात रहे कि अंदर से निकलने का दरवाजा एकमात्र मनुष्य -योनि है। जब मनुष्य जन्म मिलता है तब -तब उसमें विषय -वासना रूपी खुजली उठा करती है ,विषयों में ही इसकी उम्र व्यतीत हो जाती है और मनुष्य -शरीर -रूपी दरवाजा निकल जाता है। जन्म -जन्मांतर तक जीव विभिन्न योनियों में भटकता रहता है।  
  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
Updesh Kumari
सुंदर विचारों को लिखकर प्रकट करना मेरी आदत में शुमार है। मैने सन 1995 में हिंदी साहित्य में (शिवप्रसाद का कथा साहित्य ) शोध प्रबंध लिखा था। मुझे अध्यापन कार्य करते हुए पच्चीस वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। विचारों को एकत्रित कर सहेजना मेरी खूबी रही है। मुझे अपने विचार व्यक्त करना भी बहुत अच्छा लगता है। मुझे ये बतलाते हुए गर्व है कि मेरे द्वारा पढ़ाये गये छात्र शत -प्रतिशत परिणाम लाये हैं और उच्च पदों पर कार्यरत हैं। ये कहने की कोई आवश्यकता नहीं है कि विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करने का सदैव अवसर मिलता रहा है। मैं अपने पारिवारिक व कार्यस्थल से पूर्ण संतुष्ट हूँ। लिखना मेरा शौक है मजबूरी नहीं। मै आशा करती हू कि आप मेरे द्वारा लिखे गये को पसंद करेंगें।
Newer Post Older Post Home

0 comments:

Post a Comment

About Me

My photo
Updesh Kumari
सुंदर विचारों को लिखकर प्रकट करना मेरी आदत में शुमार है। मैने सन 1995 में हिंदी साहित्य में (शिवप्रसाद का कथा साहित्य ) शोध प्रबंध लिखा था। मुझे अध्यापन कार्य करते हुए पच्चीस वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। विचारों को एकत्रित कर सहेजना मेरी खूबी रही है। मुझे अपने विचार व्यक्त करना भी बहुत अच्छा लगता है। मुझे ये बतलाते हुए गर्व है कि मेरे द्वारा पढ़ाये गये छात्र शत -प्रतिशत परिणाम लाये हैं और उच्च पदों पर कार्यरत हैं। ये कहने की कोई आवश्यकता नहीं है कि विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करने का सदैव अवसर मिलता रहा है। मैं अपने पारिवारिक व कार्यस्थल से पूर्ण संतुष्ट हूँ। लिखना मेरा शौक है मजबूरी नहीं। मै आशा करती हू कि आप मेरे द्वारा लिखे गये को पसंद करेंगें।
View my complete profile

Popular Posts

  • बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय।
    माता -पिता हमारे लिए पूजनीय होते हैं लेकिन उनकी वृद्धावस्था में जब हम उनका साथ नहीं दे पाते तो बाद में हमे बड़ा पछतावा होता है। सोहन को वृद्...
  • मानव -शरीर एक घोडा गाड़ी
    मनुष्य शरीर क्या है ?कठोपनिषद में मनुष्य शरीर की तुलना एक घोडा गाड़ी से की गई है मनुष्य के शरीर में दस इंद्रियां -पांच ज्ञानेन्द्रियां -...
  • निराशाजनक स्थिति में हालात नहीं अपना नजरिया बदलें।
    निराशा से बचने का एक तरीका यह है कि किसी से कोई उम्मीद मत रखिए। इसके लिए कुछ सुझाव है -  अच्छी बातों को याद रखिए और बुरी बातों को भूल जा...
  • संसार तो नाम ही खट -खट का है, इससे कहां तक बचोगे ?
    लोग सोचते हैं कि घर के धंधों में प्रभु -भक्ति का समय ही नहीं निकलता। सब कुछ छोड़कर कहीं एकांत में भजन करेंगे। यही सोच लोग घर बार छोड़कर चल दे...
  • अहंकार पर विजय कैसे हो
    ईश्वर में विश्वास बनाये रखना अति आवश्यक है तभी हमारे अहंकार पर नियंत्रण होगा और हम अच्छे कार्य करते हुए शांतचित्त बने रह सकते है। जब मनुष्य...

Blog Archive

  • ▼  2018 (171)
    • ▼  September (32)
      • सुविचार 27/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 26/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 25/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 24/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 23/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 22/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 21/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 20/9/2018 Hindi Quotes
      • सुविचार 20/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 19/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 18/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 17/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 16/9/2018 -Hindi Quotes
      • सुविचार 14/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 15/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 13/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 12/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 11/9/2018 Hindi Quotes
      • सुविचार 10/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 9/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 8/8/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 7/8/2018 - Hindi Quotes
      • अपशब्दों से अपनी ही वाणी गंदी होती है।
      • सुविचार 6/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 5/9/2018 - Hindi Quotes
      • माता के साथ -साथ पिता को भी देवतुल्य समझकर उनकी प...
      • सुविचार 4/9/2018 - Hindi Quotes
      • माँ का कलेजा बोला --मेरे बच्चे ! चोट तो नहीं आई कह...
      • सुविचार 3/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 2/9/2018 - Hindi Quotes
      • सुविचार 1/9/2018 - Hindi Quotes
      • मोक्ष प्राप्त करने का अवसर केवल मनुष्य जन्म में ही...
    • ►  August (36)
    • ►  July (58)
    • ►  June (45)

CATEGORIES

Gyaan Sangam (64) Hindi Quotes (102) हेल्थ (6)

Total Pageviews

Sample Text

Copyright © Gyaan Sangam | Powered by Blogger
Design by Sachin | Managed by Updesh Kumari