- यह संसार चंदन का बगीचा है। इसे हम लोग अपने कुकर्मों के द्वारा कोयले में परिणत कर रहे हैं। -स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी
- निराशा मस्तिष्क को वैसा ही शून्य बना देती है जैसे कि लकवा शरीर को। -ग्रेविल
- गलती करना इंसान का काम है ,परन्तु जानबूझकर गलती पर जमे रहना शैतान का काम है। -सेंट आगस्टीन
- अत्याचारी के प्रति विद्रोह करना ईश्वर की आज्ञा मानना है। -जेफरसन
- बुद्धिमान वही है जो पूर्ण संकल्प से कार्य को निपटाना जानता है। -नेपोलियन बोनापार्ट
- ज्ञान शक्ति से कहीं बढ़कर है। मशीनों के सामने शारीरिक ताकत क्या कर सकती है। -जॉनसन
- स्वतंत्रता केवल अनुशासन की श्रंखलाओं द्वारा प्राप्त की जा सकती है। -महात्मा गांधी
- वही मनुष्य वास्तव में बुद्धिमान है ,जो क्रोधावस्था में भी गलत बात नहीं बोलता। -शेख सादी
- आत्म -प्रेम के कारण स्वयं को अनावश्यक महत्व देना अभिमान है। -सिप्नोजा
- भौतिक वस्तुओं के प्रति आसक्ति रखने वाले को सच्ची सुख -शांति कदापि नहीं मिलती। -स्वामी भजनानंद सरस्वती जी
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