- इंसान को व्यापार के लिए कभी भी अपने परिवार की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। -वॉल्ट डिज्नी
- अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं आपको सबसे पहले उसी की तरह से खुद को जलाना होगा। -अडोल्फ हिटलर
- वे कितने निर्धन हैं ,जिनके पास धैर्य नहीं है। -शेक्सपियर
- जब आप एक बार लोगों को हंसा लेते हैं तो वे आपकी बात की ओर आकर्षित हो जाते हैं। फिर आप जो कुछ भी कहें ,वे सुनने को तैयार रहते हैं। -हर्ब गार्डनर
- गुणी मनुष्य अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते ,बल्कि दूसरों से अपनी प्रशंसा सुनकर नम्र हो जाते हैं। -अज्ञात
- यदि मनुष्य सीखना चाहे तो हर भूल कुछ न कुछ शिक्षा देती है। -डिकेंस
- कभी -कभी उन लोगों से भी शिक्षा मिलती है ,जिन्हें हम अभिमानवश अज्ञानी समझते हैं। -प्रेमचंद
- यदि आप मानसिक शांति के बदले में साम्राज्य भी प्राप्त करते हैं तो भी आप पराजित ही हैं। -अज्ञात
- हमारी प्रार्थना सर्व -सामान्य की भलाई के लिए होनी चाहिए ,क्योंकि ईश्वर जानता है कि हमारे लिए अच्छा क्या है। -सुकरात
- तर्क केवल मुक्ति का विषय है। हृदय की सिद्धि तक बुद्धि नहीं पहुंच सकती। जिसे बुद्धि माने मगर हृदय न माने। वह तजने योग्य है। -महात्मा गांधी
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