- मनुष्य के आधे गुण तो उसी समय विदा हो जाते हैं जब वह दूसरे की दासता स्वीकार कर लेता है। -होमर
- आलसी की कोई भी अच्छी इच्छा कभी पूर्ण नहीं हुई। -सर्वेण्टीज
- कर्म को स्वार्थ से परमार्थ की ओर ले जाना ही मुक्ति है। कर्म का त्याग मुक्ति नहीं है। -रवीन्द्रनाथ ठाकुर
- आप किसी विषय का विशद ज्ञान हासिल करना चाहते हैं तो इसे दूसरों को सिखाना शुरू कर दीजिए। -ट्रायन एडवर्ड्स
- वही उन्नति कर सकता है ,जो दूसरों को उपदेश देने की अपेक्षा स्वयं को उपदेश देता है। -गुरुनानक
- निराशा से जीवन के बहुमूल्य तत्व नष्ट हो जाते हैं। इससे विजय के बहुत से अवसर खो जाते हैं। -स्वेट मार्डेन
- जो लोग खतरों से डरते हैं उनकी जिंदगी को दुनिया की हर चीज से खतरा है। -बर्नार्ड शा
- अवसर उनकी सहायता कभी नहीं करते जो खुद कभी अपनी सहायता नहीं करते। -सोफोक्लीज
- वही पुत्र है जो पितृभक्त है ,वही पिता है जो ठीक से पालन करता है ,वही मित्र है जिसपर विश्वास किया जा सके और वही देश है जहां जीविका हो। -चाणक्य
- हम क्या सोचते हैं ,क्या जानते हैं और किसमें विश्वास करते हैं ,इसके बजाय हम क्या करते हैं यह अधिक महत्वपूर्ण है। -जॉन रस्किन
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