- निष्काम होकर पुरुषार्थ करने वाले को सफलता स्वयमेव प्राप्त होती है। -भारवि
- सेवा सबकी करो परन्तु आशा किसी से मत रखो। यह संसार में रहने का उत्तम ढंग है। -आनंदमयी माँ
- समय का मूल्यांकन करो। बीता हुआ समय कोटि -कोटि मुद्राएं देने पर भी नहीं मिलता। -स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी
- निरपराधी मनुष्य पर अपराध का आरोप लगाना महापाप है। -कुरान शरीफ
- किसी व्यक्ति को समझने के लिए इस बात को न देखें कि उसने अभी तक क्या प्राप्त किया है ,इस बात को देखें कि वह क्या अभिलाषा रखता है। -खलिल जिब्रान
- एकाग्रता एक कला है ,जिसके आते ही सफलता निश्चित हो जाती है। उम्र ,शक्ति ,योग और सम्पूर्ण साधनों की सिद्धि का मूलमंत्र एकाग्रता है। -गीताज्ञान
- अपमानों का या तो ठीक से बदला लें अथवा उसे सहन करने की आदत डालें। -स्पेन की लोकोक्ति
- मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती ,धर्म करने से पाप नहीं रहता ,मौन रहने से कलह नहीं होता। -चाणक्य
- यदि एक मनुष्य की उन्नति होती है तो उसके साथ पूरे संसार की उन्नति होती है। और यदि एक व्यक्ति का पतन होता है तो संसार का भी पतन होता है। -महात्मा गांधी
- क्रोध कभी भी बिना कारण नहीं होता ,लेकिन कदाचित ही यह कारण सार्थक होता है। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
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