- प्रसन्नता हृदय की वह निर्मलता है ,जो अनायास देखी जा सकती है। -अज्ञात
- तुम अपनी इच्छाओं को जितना घटाओगे ,उतने ही परमात्मा के निकट होंगे। -सुकरात
- ईर्ष्या करने वाले का सबसे बड़ा शत्रु इसकी ईर्ष्या ही है ,दूसरे शत्रु उसका अहित करने से रह भी जाए ,लेकिन ईर्ष्या उसे हानि पहुंचा कर ही रहती है। -संत तिरुवल्लुवर
- जैसे महान पर्वत हवा के झोंकों से विकम्पित नहीं होता ,वैसे ही बुद्धिमान लोग निंदा और स्तुति से विचलित नहीं होते। -आचार्य सुधांशु जी
- हम जितना ज्यादा अध्ययन करते हैं , उतना ही हमे अपने अज्ञान का आभास होता जाता है। -शैली
- धैर्य और परिश्रम से हम वह प्राप्त कर सकते हैं ,जो शक्ति और जल्दबाजी में कभी नहीं मिलता। -ला फोन्टेन
- जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य पाने को अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार होता है ,तो उसका जितना सुनिश्चित होता है। -नेपोलियन हिल
- जीवन में दुखद बात यह है कि हम बड़े तो जल्दी हो जाते हैं लेकिन समझदार देर से होते हैं। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
- अपनी सफलता में किस्मत को जो बिलकुल नहीं मानते ,वे अपने आप से मजाक कर रहे हैं। -लेरी किंग
- जो जितना अमानवीय धैर्य से प्रकृति से भिड़ता है ,उसे उतना ही कठोर दंड मिलता है। -शिवानी
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