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Friday, August 10, 2018

सुविचार 10/8/2018 - Hindi Quotes

 Updesh Kumari     August 10, 2018     Hindi Quotes     No comments   


  1. प्रसन्नता हृदय  की वह निर्मलता है ,जो अनायास देखी जा सकती है। -अज्ञात
  2. तुम अपनी इच्छाओं को जितना घटाओगे ,उतने ही परमात्मा के निकट होंगे। -सुकरात 
  3. ईर्ष्या करने वाले का सबसे बड़ा शत्रु इसकी ईर्ष्या ही है ,दूसरे शत्रु उसका अहित करने से रह भी जाए ,लेकिन ईर्ष्या उसे हानि पहुंचा कर ही रहती है। -संत तिरुवल्लुवर 
  4. जैसे महान पर्वत हवा के झोंकों से विकम्पित नहीं होता ,वैसे ही बुद्धिमान लोग निंदा और स्तुति से विचलित नहीं होते। -आचार्य सुधांशु जी 
  5. हम जितना ज्यादा अध्ययन करते हैं , उतना ही हमे अपने अज्ञान का आभास होता जाता है। -शैली 
  6. धैर्य और परिश्रम से हम वह प्राप्त कर सकते हैं ,जो शक्ति और जल्दबाजी में कभी नहीं मिलता। -ला फोन्टेन 
  7. जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य पाने को अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार होता है ,तो उसका जितना सुनिश्चित होता है। -नेपोलियन हिल 
  8. जीवन में दुखद बात यह है कि हम बड़े तो जल्दी हो जाते हैं लेकिन समझदार देर से होते हैं। -बेंजामिन फ्रेंकलिन 
  9. अपनी सफलता में किस्मत को जो बिलकुल नहीं मानते ,वे अपने आप से मजाक कर रहे हैं। -लेरी किंग 
  10. जो जितना अमानवीय धैर्य से प्रकृति से भिड़ता है ,उसे उतना ही कठोर दंड मिलता है। -शिवानी 
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Updesh Kumari
सुंदर विचारों को लिखकर प्रकट करना मेरी आदत में शुमार है। मैने सन 1995 में हिंदी साहित्य में (शिवप्रसाद का कथा साहित्य ) शोध प्रबंध लिखा था। मुझे अध्यापन कार्य करते हुए पच्चीस वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। विचारों को एकत्रित कर सहेजना मेरी खूबी रही है। मुझे अपने विचार व्यक्त करना भी बहुत अच्छा लगता है। मुझे ये बतलाते हुए गर्व है कि मेरे द्वारा पढ़ाये गये छात्र शत -प्रतिशत परिणाम लाये हैं और उच्च पदों पर कार्यरत हैं। ये कहने की कोई आवश्यकता नहीं है कि विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करने का सदैव अवसर मिलता रहा है। मैं अपने पारिवारिक व कार्यस्थल से पूर्ण संतुष्ट हूँ। लिखना मेरा शौक है मजबूरी नहीं। मै आशा करती हू कि आप मेरे द्वारा लिखे गये को पसंद करेंगें।
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सुंदर विचारों को लिखकर प्रकट करना मेरी आदत में शुमार है। मैने सन 1995 में हिंदी साहित्य में (शिवप्रसाद का कथा साहित्य ) शोध प्रबंध लिखा था। मुझे अध्यापन कार्य करते हुए पच्चीस वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। विचारों को एकत्रित कर सहेजना मेरी खूबी रही है। मुझे अपने विचार व्यक्त करना भी बहुत अच्छा लगता है। मुझे ये बतलाते हुए गर्व है कि मेरे द्वारा पढ़ाये गये छात्र शत -प्रतिशत परिणाम लाये हैं और उच्च पदों पर कार्यरत हैं। ये कहने की कोई आवश्यकता नहीं है कि विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करने का सदैव अवसर मिलता रहा है। मैं अपने पारिवारिक व कार्यस्थल से पूर्ण संतुष्ट हूँ। लिखना मेरा शौक है मजबूरी नहीं। मै आशा करती हू कि आप मेरे द्वारा लिखे गये को पसंद करेंगें।
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