- यदि मनुष्य परोपकारी नहीं है तो उसमें और दीवार में खिंचे चित्र में क्या फर्क है। -शेख सादी
- यदि आप इंद्रधनुष चाहते हैं तो आपको बारिश को तो सहन करना ही होगा। -डाली पार्टन
- ऐसी कोई भी वस्तु नहीं है ,जिसे अभ्यास से हासिल न किया जा सकता हो। -संत ज्ञानेश्वर
- इच्छाओं का संघर्ष यह प्रकट करता है कि जीवन व्यवस्थित होना चाहता है। -खलील जिब्रान
- सामर्थ्य का पूर्ण न करना सबसे बड़ा अपराध है। जब आप पूर्ण क्षमता के साथ कार्य निष्पादन करते हैं ,तब आप दूसरों की सहायता करते हैं। -रोजर विलियम्स
- दुनिया की महत्वपूर्ण वस्तुओं में से ज्यादातर उन व्यक्तियों द्वारा हासिल की गई है जिन्होंने बिलकुल आशा नहीं होते हुए भी प्रयास करना बंद नहीं किया। -डेल कार्नेगी
- सेवा ,सरलता और कर्तव्यपरायणता ,ईमानदारी व जितेन्द्रियता- ये सत्पुरुषों के पांच लक्षण हैं। इन गुणों को धारण करने वाला गृहस्थ किसी संत से कम पूजनीय नहीं है। -स्वामी कृष्ण बोधाश्रम जी महाराज
- शराब आदमी का शरीर ही नहीं आत्मा का भी नाश करती है। -महात्मा गांधी
- किसी एक विचार को अपना लक्ष्य बनाओ। उसी के बारे में सोचो और काम करो ,तुम पाओगे कि सफलता तुम्हारे कदम चूम रही है। -स्वामी विवेकानंद
- साधारण लोग अपनी हर बुराई का दोषी दूसरे को ठहराते हैं ,अल्पज्ञानी स्वयं को और विशेष ज्ञानी किसी को नहीं। -एपिकटस
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