- उपदेश की तुलना में हम अनुकरण से कहीं ज्यादा सीखते हैं। -बर्क
- बोलना हो तो उपयोगी बोलना चाहिए। प्रसंगानुसार जो उचित हो ,वही बोलना चाहिए। -संत तुकाराम
- सच्चा ईश्वर विश्वासी (आस्तिक )चिंता और भय से सर्वथा मुक्त होता है। -स्वामी शरणानंद जी महाराज
- अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितना कि सीखने की इच्छा न रखना। -अज्ञात
- सफलता का कोई रहस्य नहीं है वह केवल अत्यधिक परिश्रम चाहती है। -हेनरी
- ज्यादा सोच - विचार से जीवन प्रायः नीरस हो जाता है। हमें अपना ज्यादा ध्यान कर्म करने में लगाना चाहिए। -चेमफोर्ट
- सच्चे जीवनसाथी वे हैं जो धर्म ,अर्थ ,काम ,मोक्ष इन चारों पदार्थों की प्राप्ति के लिए सामूहिक प्रयत्न करते हैं। -डॉ राधाकृष्णन
- धैर्य का अर्थ उदासीनता नहीं है। हम कार्य करते रहें ,फल में विश्वास रखें और प्रतीक्षा करें। परन्तु इस दौरान न आलस्य करें और न लापरवाह बनना चाहिए। -कोलटन
- खुली आंखें हर जगह सुयोग ढूंढ लेंगी और खुले हाथोँ को कभी सत्कर्म की कमी नहीं रहेगी। -ऑरिसन स्वेट मार्डेन
- निष्क्रियता से संदेह और डर पैदा होता है ,जबकि क्रियाशीलता भरोसे और साहस को जन्म देती है। -डेल कार्नेगी
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