- सम्मान नमक रहित भोजन की तरह होता है। इससे भूख तो मिट जाएगी ,लेकिन यह स्वादिष्ट नहीं लगेगा। -जो पेटेरनो
- जिस तरह से अध्ययन करना अपने आप में कला है ,उसी प्रकार चिंतन भी एक कला है। -महात्मा गांधी
- सज्जनों का गुस्सा पानी पर खींची गई रेखा के समान है। यह जल्द ही गायब हो जाता है। -रामकृष्ण परमहंस
- संकल्पशील व्यक्ति एक दिन सफलता अवश्य प्राप्त करता है। -स्वामी रामतीर्थ
- संसार परिवर्तनशील है ,इसलिए मनुष्य का निरंतर कार्यशील और गतिशील होना परम् आवश्यक है। -महादेवी वर्मा
- अहंकारी लोग प्रेम के बारे में बात कर सकते हैं ,प्रेम के गीत गा सकते हैं ,लिख सकते हैं किन्तु अहंकार के कारण स्वयं प्रेम नहीं कर सकते। -आचार्य रजनीश
- मैं हवाओं का रुख नहीं बदल सकता ,पर अपनी नाव की दिशा जरूर ठीक कर सकता हूं ,ताकि लक्ष्य तक पहुंच संकू। -डेल कार्नेगी
- जो समर्थ और सक्षम होते हुए भी अपने लिए अथवा दूसरों के लिए काम नहीं करता ,उसपर परमेश्वर की कृपा -दृष्टि कभी नहीं होती। -हजरत मोहम्मद
- असंतुष्ट व्यक्ति किसी वस्तु से संतुष्ट नहीं होता ,उसके लिए सभी कर्तव्य नीरस होते हैं। फलस्वरूप उसका जीवन असफल होना स्वाभाविक है। -स्वामी विवेकानंद
- व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहना अच्छा है। -स्वामी विवेकानंद
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