असम्भव बातों पर कभी विश्वास मत करो -इसको हम एक दृष्टांत द्वारा बतलाना चाहते हैं। एक गांव में एक शिकारी रहता था। वह प्रतिदिन जंगल में जाता और कोई न कोई शिकार करके लाता था। तभी उसकी नजर पेड़ की डाल पर बैठी एक सुंदर चिड़िया पर पड़ी और उसने तुरंत एक क्षण भी गवाएँ उस पर अचानक जाल फेंक दिया। जाल में फँसी बेबस चिड़िया ने शिकारी से कहा -हे भाई ! कृपा करके मुझे छोड़ दो। मैं तुम्हारा जीवन भर अहसान मानूँगी। मुझ जैसे छोटे पक्षी को मार कर तुम्हें क्या मिलेगा ?इतना ही नहीं बड़ी चालाकी से चिड़िया बोली -देखो शिकारी अगर तुम मुझे छोड़ दोगे तो मैं तुम्हें दो बातें बताऊँगी जिससे जीवन में तुम्हें बहुत लाभ होगा और यदि तुम मुझे मार दोगे तो वे दोनों बातें मेरे साथ ही चली जाएंगी फिर तुम जीवन भर पछताओगे।
चिड़िया की यह बात सुनकर शिकारी के मन में लालच उत्पन्न हुआ और वह दो बातें बताने के बाद राजी हो गया। चिड़िया ने शिकारी को पहली बात बताई कि जीवन में किसी भी ऐसी बात पर विश्वास मत करो जो असम्भव हो ,फिर वह बात चाहे किसी ने भी क्यों न कही हो। शिकारी ने चिड़िया से दूसरी बात बताने को कहा तो वह बोली -कोई चीज तुम्हारे हाथ से निकल जाए तो उसके लिए पछताने की जरूरत नहीं। लेकिन मैं तुम्हें एक राज की बात बताती हूँ। सुनो ,मेरे पेट में एक आधा किलो वजन का हीरा है यदि तुम मुझे मार देते तो वह हीरा तुम्हें मिल जाता और तुम लखपति हो जाते।
इतना सुनकर शिकारी रोने पीटने लगा और कहने लगा कि हाय मैं तो कंगाल हो गया, यह मैंने क्या किया तो उसका रोना सुनकर चिड़िया बोली -मूर्ख शिकारी अभी -अभी मैंने तुम्हें बात बताई थी कि जो चीज हाथ से निकल जाए उसका पछतावा करने की जरूरत नहीं ,उसके पहले बताया था कि जो सम्भव नहीं उस बात पर विश्वास मत करो। बेवकूफ कहीं के ,मेरा तो वजन 50 ग्राम भी नहीं फिर मेरे पेट में आधा किलो ग्राम का हीरा कहाँ से आया। इतना कहकर चिड़िया पेड़ की डाल से उड़ गई और शिकारी उसे पथराई आँखों से देखता रह गया।
चिड़िया की यह बात सुनकर शिकारी के मन में लालच उत्पन्न हुआ और वह दो बातें बताने के बाद राजी हो गया। चिड़िया ने शिकारी को पहली बात बताई कि जीवन में किसी भी ऐसी बात पर विश्वास मत करो जो असम्भव हो ,फिर वह बात चाहे किसी ने भी क्यों न कही हो। शिकारी ने चिड़िया से दूसरी बात बताने को कहा तो वह बोली -कोई चीज तुम्हारे हाथ से निकल जाए तो उसके लिए पछताने की जरूरत नहीं। लेकिन मैं तुम्हें एक राज की बात बताती हूँ। सुनो ,मेरे पेट में एक आधा किलो वजन का हीरा है यदि तुम मुझे मार देते तो वह हीरा तुम्हें मिल जाता और तुम लखपति हो जाते।
इतना सुनकर शिकारी रोने पीटने लगा और कहने लगा कि हाय मैं तो कंगाल हो गया, यह मैंने क्या किया तो उसका रोना सुनकर चिड़िया बोली -मूर्ख शिकारी अभी -अभी मैंने तुम्हें बात बताई थी कि जो चीज हाथ से निकल जाए उसका पछतावा करने की जरूरत नहीं ,उसके पहले बताया था कि जो सम्भव नहीं उस बात पर विश्वास मत करो। बेवकूफ कहीं के ,मेरा तो वजन 50 ग्राम भी नहीं फिर मेरे पेट में आधा किलो ग्राम का हीरा कहाँ से आया। इतना कहकर चिड़िया पेड़ की डाल से उड़ गई और शिकारी उसे पथराई आँखों से देखता रह गया।
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