गुस्से को काबू करना कौशल है जिसे सीखना पड़ता है | गुस्से से उबलता हुआ व्यक्ति कई बार अपना आपा खो बैठता है | एक महिला ने अपनी शादी टूटने की वजह से बेहद तनावग्रस्त और परेशान हो कर अपनी बिल्ली को पैरो से कुचल कर
मार डाला | अंत में उसे बिल्ली की मौत का खामयाजा भुगतना पड़ा व् माफ़ी भी मांगनी पड़ी | गुस्से से कई बीमारिया घर कर
जाती है | लम्बे समय में यह ब्लड शुगर का संतुलन बिगाड़ता है इससे हड्डिया और रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है | दिमाग की सोचने की क्षमता प्रभावित होती है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है | खून का थक्का जम जाता है जो दिल या
दिमाग में जा कर हार्ट अटैक या लकवे का कारण बन सकता है | गले व् दिमाग की मांशपेशियों में कड़ेपन से सिरदर्द,
माइग्रन और नींद न आने की शिकायत हो जाती है | सर्वप्रथम भाईचारे की भावना रख कर गुस्से पर काबू पाया जा
सकता है, दूसरे समझा कर शांत किया जा सकता है जेसे हम फिल्म में किसी को रोते देखते है तो वही भाव आपके
चेहरे पर आ जाते है | यह मिरर न्यूरॉन कहलाते है |क्रोध में आये व्यक्ति को शांत मुद्रा में समझाया जाये तो तो उसका
गुस्सा ठंडा पड़ जायेगा क्योकि उसके मिरर न्यूरॉन आपकी शांत मुद्रा की नकल करते है |
गुस्से को काबू करना --एक कौशल
सुंदर विचारों को लिखकर प्रकट करना मेरी आदत में शुमार है। मैने सन 1995 में हिंदी साहित्य में (शिवप्रसाद का कथा साहित्य ) शोध प्रबंध लिखा था। मुझे अध्यापन कार्य करते हुए पच्चीस वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। विचारों को एकत्रित कर सहेजना मेरी खूबी रही है। मुझे अपने विचार व्यक्त करना भी बहुत अच्छा लगता है। मुझे ये बतलाते हुए गर्व है कि मेरे द्वारा पढ़ाये गये छात्र शत -प्रतिशत परिणाम लाये हैं और उच्च पदों पर कार्यरत हैं। ये कहने की कोई आवश्यकता नहीं है कि विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करने का सदैव अवसर मिलता रहा है। मैं अपने पारिवारिक व कार्यस्थल से पूर्ण संतुष्ट हूँ। लिखना मेरा शौक है मजबूरी नहीं। मै आशा करती हू कि आप मेरे द्वारा लिखे गये को पसंद करेंगें।
0 comments:
Post a Comment