1 दुनिया में व्यक्ति अपने आचरण अथवा दुराचरण के कारण पूजा और पीटा जाता है।- मुनिश्री तरुणसागर
2 रणनीति कितनी भी अच्छी क्यों न हो ,उसके परिणामों पर भी विचार किया जाना बेहद जरूरी होता है। -विंस्टन चर्चिल
3 दुर्जन से सतकर्मों की आशा नहीं करनी चाहिए ,क्योंकि मनुष्य के स्वभाव में परिवर्तन हो सकता है ,उसकी प्रवृति नहीं बदलती। -चाणक्य
4 शक्ति के बल पर जीतने वाला अपने शत्रु पर अपूर्ण विजय ही प्राप्त कर पाता है। -मिल्टन
5 जो ढोंगी हर समय एक -सा ही अभिनय किया करता है ,वह अंततः ढोंगी नहीं रह जाता। -नीत्शे
6 यदि गुरु अयोग्य शिष्य चुने ,तो इससे गुरु की बुद्धिहीनता ही प्रकट होती है। -कालिदास
7 समाज खारे पानी की तरह है ,जिसमें तैरना आसान है ,लेकिन उसे पीना मुश्किल है। -ऑर्थर स्ट्रिंगर
8 जो शांत भाव से सहन करता है ,वही गंभीर रूप से आहत होता है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
9 योग्य के योग्य से मिलन से ही शक्ति उत्पन्न होती है। -हजारी प्रसाद द्विवेदी
10 जो सभ्यताएं अंतरिक्ष यात्राएं नहीं कर पाती वे विलुप्त हो जाती हैं। -कार्ल सांगा
11विवाह एक ऐसा उत्सव है ,जिसमें दावत ही नहीं ,गरिमा भी महत्वपूर्ण है। -चार्ल्स कोलटन
12शिक्षा का सबसे बड़ा उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना नहीं ,बल्कि उसे व्यवहार में लाना है। -हर्बर्ट स्पेंसर
13 नेतृत्व उस व्यक्ति को मिलता है ,जो खड़ा होकर अपने विचार व्यक्त कर सके। -डेल कार्नेगी
2 रणनीति कितनी भी अच्छी क्यों न हो ,उसके परिणामों पर भी विचार किया जाना बेहद जरूरी होता है। -विंस्टन चर्चिल
3 दुर्जन से सतकर्मों की आशा नहीं करनी चाहिए ,क्योंकि मनुष्य के स्वभाव में परिवर्तन हो सकता है ,उसकी प्रवृति नहीं बदलती। -चाणक्य
4 शक्ति के बल पर जीतने वाला अपने शत्रु पर अपूर्ण विजय ही प्राप्त कर पाता है। -मिल्टन
5 जो ढोंगी हर समय एक -सा ही अभिनय किया करता है ,वह अंततः ढोंगी नहीं रह जाता। -नीत्शे
6 यदि गुरु अयोग्य शिष्य चुने ,तो इससे गुरु की बुद्धिहीनता ही प्रकट होती है। -कालिदास
7 समाज खारे पानी की तरह है ,जिसमें तैरना आसान है ,लेकिन उसे पीना मुश्किल है। -ऑर्थर स्ट्रिंगर
8 जो शांत भाव से सहन करता है ,वही गंभीर रूप से आहत होता है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
9 योग्य के योग्य से मिलन से ही शक्ति उत्पन्न होती है। -हजारी प्रसाद द्विवेदी
10 जो सभ्यताएं अंतरिक्ष यात्राएं नहीं कर पाती वे विलुप्त हो जाती हैं। -कार्ल सांगा
11विवाह एक ऐसा उत्सव है ,जिसमें दावत ही नहीं ,गरिमा भी महत्वपूर्ण है। -चार्ल्स कोलटन
12शिक्षा का सबसे बड़ा उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना नहीं ,बल्कि उसे व्यवहार में लाना है। -हर्बर्ट स्पेंसर
13 नेतृत्व उस व्यक्ति को मिलता है ,जो खड़ा होकर अपने विचार व्यक्त कर सके। -डेल कार्नेगी
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