कई बार हम दूसरों को तो माफ़ करते है लेकिन अपनी गलतियों पर खुद को माफ़ नहीं कर पाते। हमें चाहिए कि अपनी गलतियों को समझकर खुद को माफ़ कर दे। गलती मानना भी एक तरह से खुद को माफ़ करना ही है। आंखें बंद कर जिसे चोट पहुंचाई ,उसकी छवि सामने लाकर उससे माफ़ी मांगे ऐसा करके हम अपने को हो माफ़ करते हैं। ध्यान यानि मेडिटेशन नकारात्मक भावना से मुक्त होने का अच्छा साधन है। ध्यान के शुरुआती दौर में बहुत बेचैनी ,क्रोध ,उदासी हो सकती है ,लेकिन ध्यान करते रहें तो धीरे -धीरे मन में शांति होने लग जाती है।
जब हमारे कारण किसी को ऐसा नुकसान पहुंचे जिसकी भरपाई मुश्किल है या अनजाने में कोई शारीरिक अथवा मानसिक चोट पहुंचा दे तो अपराध बोध पैदा हो सकता है। भरपाई न हो सकने वाला नुकसान तो उदारता का कोई बड़ा काम करके उबरा जा सकता है जैसे वाहन की टककर से कोई अपंग हुआ हो तो संस्था खोलकर विकलांगो की मदद कर इससे उबरा जा सकता है।
किसी को धोखा दिया हो तो मन की आंखों के सामने वह घटना लाएं, लेकिन अब उस दृश्य में खुद को उचित व्यवहार करता देखें। दृश्य को छोटा -छोटा करते हुए उसे लुप्त कर दे। आंखें बंदकर कोरे कैनवस पर विचारों को आते देखा जा सकता है। फिर इन्हें आहिस्ते से जाने दे। दूसरे ,विचारों को नए वाक्यों में दोहराएं यानि वर्बलाइजेशन से अपराध बोध को उदारता में बदलें। जैसे मुझे मदद का वादा करके एन वक्त पर उसे धोखा नहीं देना था..यह मेरी गलती थी अब मैं उनका अहसानमंद हूं यह सीख पाकर कि जरूरत के वक्त मदद करना कितना अहम है।
जब हमारे कारण किसी को ऐसा नुकसान पहुंचे जिसकी भरपाई मुश्किल है या अनजाने में कोई शारीरिक अथवा मानसिक चोट पहुंचा दे तो अपराध बोध पैदा हो सकता है। भरपाई न हो सकने वाला नुकसान तो उदारता का कोई बड़ा काम करके उबरा जा सकता है जैसे वाहन की टककर से कोई अपंग हुआ हो तो संस्था खोलकर विकलांगो की मदद कर इससे उबरा जा सकता है।
किसी को धोखा दिया हो तो मन की आंखों के सामने वह घटना लाएं, लेकिन अब उस दृश्य में खुद को उचित व्यवहार करता देखें। दृश्य को छोटा -छोटा करते हुए उसे लुप्त कर दे। आंखें बंदकर कोरे कैनवस पर विचारों को आते देखा जा सकता है। फिर इन्हें आहिस्ते से जाने दे। दूसरे ,विचारों को नए वाक्यों में दोहराएं यानि वर्बलाइजेशन से अपराध बोध को उदारता में बदलें। जैसे मुझे मदद का वादा करके एन वक्त पर उसे धोखा नहीं देना था..यह मेरी गलती थी अब मैं उनका अहसानमंद हूं यह सीख पाकर कि जरूरत के वक्त मदद करना कितना अहम है।
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