मृत्यु से डर इसलिए लगता है कि हमने मृत्यु को अच्छी तरह समझा ही नहीं है। अपनी ही अज्ञानता के कारण मृत्यु हमें भयानक लगती है इसके बारे में अगर ठीक- ठाक जानकारी प्राप्त हो जाए तो मृत्यु का डर दूर हो सकता है। ममता के कारण भी मृत्यु से अधिक भय लगता है। मृत्यु अवश्यम्भावी है ,होनी ही है ,इसको टाला नहीं जा सकता ,तब मृत्यु से क्यों डरना ,क्यों घबराना ?जितना डरते रहेंगे मृत्यु का भय उतना ही डरावना होता जाएगा। मृत्यु के बाद जन्म है -इतना समझ में आ जाए तो फिर सरल -सी लगेगी।
जब साधारण मनुष्य के आगे मृत्यु होती है तो वह उसे देख -देख कर डरता है लेकिन जब मनुष्य मृत्यु के आगे चलता है अथार्त ज्ञान पाकर मृत्यु को पीछे छोड़ देता है तो उसे मृत्यु का डर नहीं सताता :अतः मृत्यु के डर से बचने का यही उपाय है कि ज्ञान प्राप्त कर मृत्यु पर विजय पा ले।
जब साधारण मनुष्य के आगे मृत्यु होती है तो वह उसे देख -देख कर डरता है लेकिन जब मनुष्य मृत्यु के आगे चलता है अथार्त ज्ञान पाकर मृत्यु को पीछे छोड़ देता है तो उसे मृत्यु का डर नहीं सताता :अतः मृत्यु के डर से बचने का यही उपाय है कि ज्ञान प्राप्त कर मृत्यु पर विजय पा ले।
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