1 आत्मविश्वास ,आत्मज्ञान ,आत्मसंयम -यही तीन जीवन को परम शक्ति -सम्पन्न बना देते हैं। -टेनीसन
2 बुद्धिमान विवेक से ,साधारण मनुष्य अनुभव से ,अज्ञानी आवश्यकता से और पशु स्वभाव से सीखते हैं। -सिसरो
3 एक मनुष्य के लिए व्यक्तित्व का वही महत्व होता है ,जो एक फूल में सुगंध का होता है। -चार्ल्स एम ,श्वाब
4 उद्योग से दरिद्रता नहीं रहती ,जप से पाप नहीं रहता ,मौन से कलह नहीं होती और जागते रहने से भय नहीं रहता। -चाणक्य
5 असंतोष अपने ऊपर अविश्वास का फल है। यह कमजोर इच्छा का रूप भी है। -इमर्सन
6 विपत्ति हीरे का वह चूर्ण है ,जिससे ईश्वर अपने रत्नों की पॉलिश करता है। -लेटन
7 विश्वास उस पक्षी के समान है ,जो सवेरा होने से पूर्व के अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करके चहचहाने लगता है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
8 जिसने ईमानदारी खो दी ,उसके पास खोने के लिए और कुछ नहीं बचता।-- जॉन लाइली
9 अत्याचारी से बढ़कर अभागा व्यक्ति दूसरा नहीं ,क्योकि विपत्ति के समय उसका कोई मित्र नहीं होता।-- शेख सादी
10 बुद्धिमान लोग कभी अपनी हानि पर शोक नहीं करते ,बल्कि प्रसन्न्तापूर्वक क्षति को पूरा करने का उपाय करते हैं। -शेक्सपीयर
2 बुद्धिमान विवेक से ,साधारण मनुष्य अनुभव से ,अज्ञानी आवश्यकता से और पशु स्वभाव से सीखते हैं। -सिसरो
3 एक मनुष्य के लिए व्यक्तित्व का वही महत्व होता है ,जो एक फूल में सुगंध का होता है। -चार्ल्स एम ,श्वाब
4 उद्योग से दरिद्रता नहीं रहती ,जप से पाप नहीं रहता ,मौन से कलह नहीं होती और जागते रहने से भय नहीं रहता। -चाणक्य
5 असंतोष अपने ऊपर अविश्वास का फल है। यह कमजोर इच्छा का रूप भी है। -इमर्सन
6 विपत्ति हीरे का वह चूर्ण है ,जिससे ईश्वर अपने रत्नों की पॉलिश करता है। -लेटन
7 विश्वास उस पक्षी के समान है ,जो सवेरा होने से पूर्व के अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करके चहचहाने लगता है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
8 जिसने ईमानदारी खो दी ,उसके पास खोने के लिए और कुछ नहीं बचता।-- जॉन लाइली
9 अत्याचारी से बढ़कर अभागा व्यक्ति दूसरा नहीं ,क्योकि विपत्ति के समय उसका कोई मित्र नहीं होता।-- शेख सादी
10 बुद्धिमान लोग कभी अपनी हानि पर शोक नहीं करते ,बल्कि प्रसन्न्तापूर्वक क्षति को पूरा करने का उपाय करते हैं। -शेक्सपीयर
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