1 1. दान
से जैसे जैसे
बटुआ खाली होता
है ,हमारा ह्रदय
भी समृद्ध होता
जाता है।-विक्टर
ह्यूगो
2. शिक्षा का उद्देश्य एक बंद दिमाग को खुले दिमाग में बदलना है। -मैल्कम फोबर्स
3. मुस्कान ऐसी चाबी है जो हर किसी के दिमाग पर लगे ताले में फिट हो जाती है। -एन्थोनी जे डि एन्जेलो
4. जीवन को कुछ हम बनाते हैं और कुछ वे मित्र ,जिन्हें हम चुनते हैं। - टेनेसी विलियम्स
5. ख़ुशी अपने आप में लक्ष्य नहीं ,वरन बाय -प्रोडक्ट है। -ईलियनर रूजवेल्ट।
6. समय वह बूढ़ा जज है ,जो सब अपराधियों की परीक्षा लेता है। -शेक्सपियर
7. यदि आप वही करते हैं जो हमेशा करते रहे हैं,तो आपको वही मिलेगा जो हमेशा मिलता रहा है। -टोनी रॉबिन्स
8. जो दूसरों को जानता है ,वह शिक्षित है,किन्तु जो स्वयं को पहचानता है ,वह बुद्धिमान है।- लाओत्से
9. सच्चरित्रता के अभाव में बौद्धिक ज्ञान सुगन्धित शव के समान है। -महात्मा गांधी
10. घोडा साज से नहीं ,गुणों से जाना जाता है। इसी तरह आदमी का कद्र दौलत से नहीं ,सद्गुणों से होती है। -सुकरात शिक्षक
2. शिक्षा का उद्देश्य एक बंद दिमाग को खुले दिमाग में बदलना है। -मैल्कम फोबर्स
3. मुस्कान ऐसी चाबी है जो हर किसी के दिमाग पर लगे ताले में फिट हो जाती है। -एन्थोनी जे डि एन्जेलो
4. जीवन को कुछ हम बनाते हैं और कुछ वे मित्र ,जिन्हें हम चुनते हैं। - टेनेसी विलियम्स
5. ख़ुशी अपने आप में लक्ष्य नहीं ,वरन बाय -प्रोडक्ट है। -ईलियनर रूजवेल्ट।
6. समय वह बूढ़ा जज है ,जो सब अपराधियों की परीक्षा लेता है। -शेक्सपियर
7. यदि आप वही करते हैं जो हमेशा करते रहे हैं,तो आपको वही मिलेगा जो हमेशा मिलता रहा है। -टोनी रॉबिन्स
8. जो दूसरों को जानता है ,वह शिक्षित है,किन्तु जो स्वयं को पहचानता है ,वह बुद्धिमान है।- लाओत्से
9. सच्चरित्रता के अभाव में बौद्धिक ज्ञान सुगन्धित शव के समान है। -महात्मा गांधी
10. घोडा साज से नहीं ,गुणों से जाना जाता है। इसी तरह आदमी का कद्र दौलत से नहीं ,सद्गुणों से होती है। -सुकरात शिक्षक
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