अगर आप किसी सपने को पूरा न होने की कुंठा या आक्रोश पाल लेंगे तो घुट -घुट कर जिंदगी बिताने के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं होगा। जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसका मजा लीजिए और निराशाओं को पास न फटकने दीजिए। दूसरे ,इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस सपने के लिए अपने प्रयास किये थे ,क्या वे पर्याप्त थे ?ईमानदारी से अपनी कोशिशों का मूल्यांकन करें कि कहीं आपकी ओर से तो कोई कमी नहीं रह गई थी। अगर नहीं, तो क्या पता जिंदगी ने उससे भी कुछ बेहतर आपके लिए संजो कर रखा हो।
सपने कभी पूरे नहीं होते -यह सोचकर सपने ही न देखें जाए ,ये भी ठीक नहीं है। जरा सोचिए अगर आगे बढ़ने की कोई प्रेरणा न हो तो जीवन में उन्नति कैसे होगी ?आगे बढ़ना ,हरदम नया सोचना ,उन्नति करना तो इंसान का स्वभाव है और सपने इसमें काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। सपने हमेशा खुली आंखों से देखें कहीं मुंगेरीलाल के सपने न बन जाये।