- लगातार पवित्र विचार करते रहे। बुरे संस्कारों को दबाने के लिए एकमात्र समाधान यही है। -स्वामी विवेकानंद
- हमें संतोष और आत्मतृप्ति तभी हो सकती है ,जबकि हम अपने भाग्य का निपटारा स्वयं अपने तरीके से करें। -जवाहरलाल नेहरू
- छोटी -छोटी चीजों के प्रति वफादार रहें ,क्योंकि हमारी बड़ी ताकत इन्ही छोटी चीजों में बसती है। -मदर टेरेसा
- समय सभी चीजों को परिपक्व कर देता है। समय के साथ सभी चीजें उजागर हो जाती हैं। समय सत्य का प्रणेता है। -फ़्रांकिओस रॉबेल्स
- संसार में ऐसी कोई शक्ति नहीं ,जो उच्च ,सरल ,सत्य एवं कर्मण्य जीवन के प्रभाव को कम कर सके। -बुकर टी वाशिंगटन
- विश्वास और निष्ठा के साथ सकारात्मकता से सोचो। तब जीवन और सुरक्षित हो जाएगा ,उपलब्धियों और अनुभवों से भरा हुआ। -स्वामी विवेकानंद
- दुनिया की महत्वपूर्ण वस्तुओं में से ज्यादातर उन व्यक्तियों को प्राप्त हुई है ,जिन्होंने बिलकुल आशा न होते हुए भी अपने प्रयास जारी रखे। -डेल कार्नेगी 8 व्यवहार कुशलता लोगों को यह यकीन दिलाने कला है कि वे आपसे अधिक जानते है। -रेमंड मार्टीमर 9जीवन में ख़ुशी का अर्थ सिर्फ लड़ाइयां लड़ना नहीं ,उनसे बचना है। जनहित में कुशलतापूर्वक पीछे हटना भी अपने आप में जीत है। -नॉर्मन विसेंट पील 10 जितना अधिक धन व्यक्ति के पास होता है ,वह उससे कही अधिक चाहता है। धन रिक्त स्थान भरने की बजाय शून्यता पैदा करता है। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
Tuesday, July 31, 2018
Monday, July 30, 2018
बात पते की 30/7/2018
- तकलीफें परिस्थितियों से लड़कर नहीं ,भीतरी खामियां खत्म करने से दूर होंगी ,जिनसे वे सच में पैदा हुई है। -स्वामी रामतीर्थ
- किसी व्यंजन की तरह कानून का सम्मान भी उन्हें बनाने के तरीके पर निर्भर करता है। -जान गाडफ्रे
- परम्परा में हम सुरक्षित महसूस करते है और बदलाव से डरते हैं। किन्तु परम्परा में मन ताजगी खो देता है।- जे कृष्णमूर्ति
- दो बार सोचकर बोलना चाहिए ,क्योंकि आपके शब्द किसी के मन में सफलता या विफलता के बीज बो सकते हैं। -नेपोलियन हिल
- विपत्ति में भी जिस हृदय में सद्ज्ञान उत्पन्न न हो ,वह उस सूखे वृक्ष की तरह है जो पानी पाकर भी पनपता नहीं ,सड़ जाता है। -मुंशी प्रेमचंद
- मैं असफल नहीं हुआ हूं। मुझे तो सिर्फ उन दस हजार तरीकों का पता चला है ,जो काम नहीं देंगे। -थामस एडिसन
- मित्रता तो हमेशा ही मीठी जिम्मेदारी होती है। यह कभी भी अपॉर्चुनिटी नहीं होती। -खलील जिब्रान
- भाग्य की प्रतीक्षा नहीं की जाती ,यह तो ऐसी बात है जिसे प्राप्त किया जाना चाहिए। -विलियम जे ब्राउन
- जब शक्ति के प्रेम की जगह प्रेम की शक्ति लेगी तब दुनिया को शांति के वरदान का पता चलेगा। -विलियम ग्लेडस्टोन
- यदि जीत का विस्तार से विवरण दिया जाए तो कोई उसे पराजय से अलग नहीं पाएगा। -जा पाल सात्र
Sunday, July 29, 2018
बात पते की 29/7/2018 - Hindi Quotes
- प्रसन्नता कोई स्टेशन नहीं ,जहां आप पहुंचे। यह तो यात्रा का तरीका है। -मार्गरेट रनबेक
- विचारों को वस्तुओं का रूप देने की क्षमता ही सफलता का असली रहस्य है। -जेए रोसंकरांज
- जीवन में आप तब तक सही दिशा में आगे नहीं बढ़ सकते ,जब तक कि आपको अपने लक्ष्य का पता न हो। -अर्नाल्ड एच ग्लास्गो
- सुख की गहराई में गोता लगाने के बाद हमारे हाथ में मोतियों की जगह पत्थर ही ज्यादा आते हैं। -बाल्जाक
- कोई आपके आसुओं का हकदार नहीं है। यदि कोई होगा भी तो वह आपको रोने नहीं देगा। -गैब्रियल गार्सिया मार्केज
- जिसने स्वयं को वश में कर लिया है ,उसकी विजय को देवता भी पराजय में नहीं बदल सकते। -गौतम बुद्ध
- यदि सभी वास्तव में शांति चाहने लगें तो दुनिया को शांतिपूर्ण होने में देर न लगेगी। -जान लेनन
- जीवन स्वाभाविक रूप से होने वाले बदलावों की श्रंखला है। इसका विरोध न कीजिए वरना दुःख पैदा होगा।- लाओ त्जू
- मानव जाति को युद्धों का अंत करना ही होगा ,इसके पहले कि युद्ध उसका अंत कर दे। -जान एफ केनेडी
- हंसी कार में लगे वाइपर जैसी होती है ,इससे बारिश तो नहीं रूकती पर यात्रा जारी रहती। -स्पेन की कहावत
Saturday, July 28, 2018
बात पते की 28/7/2018 - Hindi Quotes
- कोई आदमी एक ही नदी में दो बार नहीं उतरता क्योंकि न तो नदी वही होती है और न वह आदमी। -हेराक्लिट्स
- रुचिपूर्वक दूसरे के दोष देखने से आपका मन दूसरों के कचरे का कूड़ेदान बन जाएगा। -पब्लियस साइरस
- सफल आदमी वह होता है जो उन ईंटों से मजबूत नींव रखता है जो दूसरे उसके ऊपर फेंकते हैं। -डेविड ब्रिकली
- हिंसा का कारण यह भ्रम है कि जिंदगी ऐसी सम्पति है जो शेयर करने की नहीं ,हिफाजत से रखने की चीज है। -हेनरी नॉएन
- धमनियों की कठोरता की बजाय लोग दिलों की कठोरता से जल्दी बूढ़े होते हैं। -मार्टिन लूथर किंग
- जब किसी रोग की बहुत -सी दवाइयां बताई जाती है तो इसका अर्थ है उसका इलाज सम्भव नहीं। -एन्तोन चेखव
- अगर इंसान शिक्षा की उपेक्षा करता है ,तो वह लंगड़ाते हुए अपने जीवन के अंत की तरफ बढ़ता है। -प्लेटो
- वस्तुएं बल से छीनी या धन से खरीदी जा सकती हैं ,किन्तु ज्ञान अध्ययन से ही प्राप्त हो सकता है। -स्वामी विवेकानंद
- संसार एक कड़वा वृक्ष है ,इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते है --एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति। -चाणक्य
- व्यक्ति खुद के पास सबसे ज्यादा तब होता है जब वह खेल में डूबे बच्चे जैसी गंभीरता प्राप्त कर लेता है। -हेराक्लाइटस
Friday, July 27, 2018
भूख न लगना और खूब भूख लगना -दोनों ही समस्याएं प्राणघातक और गंभीर हो सकती हैं।
जीवित रहने और शारीरिक ऊर्जा के लिए भोजन बहुत जरूरी है सभी व्यक्तियों की भोजन की आदतें अलग -अलग होती हैं। ऐसी स्थिति में खान -पान संबंधी गड़बड़ी से कुछ लोगों का पीड़ित हो जाना स्वभाविक है। खान -पान संबंधी गड़बड़ी मुख्यतः दो प्रकार की होती है। भूख न लगना और खूब भूख लगना। दोनों ही समस्याएं प्राणघातक और गंभीर हो सकती हैं। खान-पान संबंधी गड़बड़ी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। दुनियाभर की पांच प्रतिशत से भी ज्यादा महिलाएं इन दोनों में से किसी न किसी समस्या से पीड़ित होती हैं। इनकी शुरुआत आमतौर पर किशोरावस्था से ही हो जाती है। हम तब इस ओर ध्यान नहीं देते और धीरे -धीरे यह हमारी आदत में शुमार हो जाता है।
लक्षण --भूख न लगने की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का वजन शरीर के अपेक्षित वजन से काफी कम हो जाता है। इससे शरीर कुपोषण का शिकार होकर काफी कमजोर हो जाता है। इससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है ,जिससे बीमारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ढेर सारा भोजन करने से व्यक्ति का वजन काफी बढ़ जाता है ,जिससे डायबिटीज और हार्ट सहित कई अन्य बीमारियों के पनपने के संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने का कारण ---1 चिंता या तनाव ---कई लोगों की आदत होती है कि वे छोटी -छोटी बातों को लेकर टेंशन में आ जाते हैं। जब वे चिंतित ,घबराए हुए या तनावग्रस्त होते हैं तो पेट में कुछ ऐसे अम्लों का निर्माण होता है ,जिनसे भूख मर जाती है। इसलिए जहां तक हो सके चिंता से दूर रहें।
2 अरुचि --कई बार व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से पीड़ित होते हैं ,जिसके कारण भोजन के प्रति अरुचि पैदा हो जाती है।
3 डायटिंग --बढ़ते वजन को कम करने के चक्कर में कई लोग डायटिंग शुरू कर देते हैं. वे दुबला होने की गोलियां भी खाते हैं ,जिससे वे ऐनरेक्सिया नामक बीमारी के शिकार हो जाते हैं और उनकी भूख मर जाती है।
4 अत्यधिक सतर्क --कई लोग अपने आहार के मामले में भी नकारात्मक रूप से अत्यधिक सतर्क होते हैं। वजन बढ़ जाने के डर से वे हल्का भोजन करते हैं और अत्यधिक कसरत करते हैं। ऐसी स्थिति में कुपोषण या अत्यधिक मेहनत से उन्हें टीबी सहित कई अन्य बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने की बीमारी से निजात पाने में मनोचिकित्सक काफी मददगार साबित हो सकते हैं ,क्योंकि अपनी समस्याओं के संबंध में अपने परिजनों के साथ चर्चा करना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है। उपचार में मनोचिकित्सा के साथ ही मेडिकेशन भी जरूरी होता है। ये दोनों अलग -अलग या साथ -साथ भी हो सकती है। सामान्य परिस्थितियों में रोगी इससे ही ठीक हो जाता है। लेकिन किसी कारणवश यदि रोगी इससे ठीक नहीं हो पा रहा हो ,तो समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसी स्थिति में रोगी को अस्पताल में भर्ती करा कर उसका विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए।
लक्षण --भूख न लगने की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का वजन शरीर के अपेक्षित वजन से काफी कम हो जाता है। इससे शरीर कुपोषण का शिकार होकर काफी कमजोर हो जाता है। इससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है ,जिससे बीमारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ढेर सारा भोजन करने से व्यक्ति का वजन काफी बढ़ जाता है ,जिससे डायबिटीज और हार्ट सहित कई अन्य बीमारियों के पनपने के संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने का कारण ---1 चिंता या तनाव ---कई लोगों की आदत होती है कि वे छोटी -छोटी बातों को लेकर टेंशन में आ जाते हैं। जब वे चिंतित ,घबराए हुए या तनावग्रस्त होते हैं तो पेट में कुछ ऐसे अम्लों का निर्माण होता है ,जिनसे भूख मर जाती है। इसलिए जहां तक हो सके चिंता से दूर रहें।
2 अरुचि --कई बार व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से पीड़ित होते हैं ,जिसके कारण भोजन के प्रति अरुचि पैदा हो जाती है।
3 डायटिंग --बढ़ते वजन को कम करने के चक्कर में कई लोग डायटिंग शुरू कर देते हैं. वे दुबला होने की गोलियां भी खाते हैं ,जिससे वे ऐनरेक्सिया नामक बीमारी के शिकार हो जाते हैं और उनकी भूख मर जाती है।
4 अत्यधिक सतर्क --कई लोग अपने आहार के मामले में भी नकारात्मक रूप से अत्यधिक सतर्क होते हैं। वजन बढ़ जाने के डर से वे हल्का भोजन करते हैं और अत्यधिक कसरत करते हैं। ऐसी स्थिति में कुपोषण या अत्यधिक मेहनत से उन्हें टीबी सहित कई अन्य बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने की बीमारी से निजात पाने में मनोचिकित्सक काफी मददगार साबित हो सकते हैं ,क्योंकि अपनी समस्याओं के संबंध में अपने परिजनों के साथ चर्चा करना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है। उपचार में मनोचिकित्सा के साथ ही मेडिकेशन भी जरूरी होता है। ये दोनों अलग -अलग या साथ -साथ भी हो सकती है। सामान्य परिस्थितियों में रोगी इससे ही ठीक हो जाता है। लेकिन किसी कारणवश यदि रोगी इससे ठीक नहीं हो पा रहा हो ,तो समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसी स्थिति में रोगी को अस्पताल में भर्ती करा कर उसका विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए।
बात पते की 27/7/2018 - Hindi Quotes
- जो भयभीत न हो ,वह आक्रामक नहीं होता। जिस व्यक्ति को कोई डर न हो वही स्वतंत्र व शांति से पूर्ण व्यक्ति है। -जेकृष्णमूर्ति
- में प्रजातंत्र में इसलिए विश्वास करता हूं क्योंकि वह प्रत्येक मनुष्य को आगे बढ़ने के अवसर देता हैं। -वुडरो विल्सन
- यदि आप बार -बार असफल नहीं हो रहे हैं तो इसका अर्थ है आप कुछ आविष्कारक काम नहीं कर रहे हैं। -वुडी एलन
- यह यद् रखना बेहतर होगा कि सभी सफल व्यवसाय नैतिकता की नींव पर आधारित होते हैं। -हेनरी वार्ड बीचर
- सफलता का नुस्खा आसान है। जो सही है ,उसे सही समय पर ,सही तरीके से कीजिए। -अर्नाल्ड ग्लास्गो
- शांति मानव जीवन के लिए एक परम् -पावन और वांछनीय निधि है। यह बाहर की किसी चीज से नहीं मिलती। यह अपने अंदर की चीज है। -महात्मा गांधी
- बुद्धिमान व्यक्ति के स्वभाव में ही आमोद -प्रमोद के प्रति उदासीनता होती है पर मूर्ख उसके गुलाम होते हैं। -एपिक्टेटस
- ईश्वर हर चीज में है ,लेकिन मानव में वह सबसे ज्यादा अभिव्यक्त हुआ है। इसलिए मानव सेवा ही ईश्वर पूजा है। -रामकृष्ण परमहंस
- बच्चे अंधेरे से डरे तो उन्हें माफ़ किया जा सकता है। जिंदगी की असली त्रासदी तो वह है जब लोग उजाले से घबराने लगते हैं। -प्लेटो
- युद्ध शायद अकेले जीता जा सकता है ,लेकिन शांति ,चिरस्थायी शांति के लिए तो सबका सहयोग जरूरी होता है। -लुइज इनासियो
Wednesday, July 25, 2018
बात पते की 26/7/2018 - Hindi Quotes
- जैसे धूप से बर्फ पिघलती है उसी तरह दयालुता से शत्रुता ,अविश्वास और गलतफहमी खत्म हो जाती है। -अल्बर्ट श्वेटजर
- अपनी जिंदगी को इस प्रकार जिओ जैसे आपके कार्यों से निकली बातें संसार के नियम बनने वाली हो। -इमैनुअल कांट
- चुनौतिओं को स्वीकार करें ,ताकि आप विजय का असली आनंद महसूस कर सकें। -आरजी इंगरसोल
- प्रेम के आधार पर ही मनुष्य वीर बन सकता है। -ताओ धर्म
- उसी व्यक्ति को सजा दी जा सकती है ,जिसमें इतनी अच्छाई हो कि वह न्याय को समझ सके। -विलियम अर्नेस्ट हाकिंग
- रचनात्मक व्यक्ति किसी को हराने की इच्छा से नहीं ,कुछ हासिल करने के जुनून से प्रेरित होता है। -आएन रेन्ड
- एक ही चीज जो बहुमत को नहीं मानती और वह है मनुष्य की अंतरात्मा। -हार्पर ली
- उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है ,जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता। -स्वामी विवेकानंद
- जब तक आप धनी लोगों को पसंद नहीं करते तब तक आप धनी नहीं हो सकते। -डगलस कूपलैंड
- हमारे जख्म आमतौर पर हमारे सर्वश्रेष्ठ और सबसे सुंदर हिस्से की ओर राह खोलने वाले होते हैं। -डेविड रिको
कामी और लोभी व्यक्ति ही माया के शिकार होते हैं ,विरक्त नहीं।
छल -कपट ,विश्वासघात ,देशद्रोह ,हत्याएँ आदि का कारण लोभ और लालच ही है। यह सब भोगों के लिए हो रहा है। आश्चर्य यह है कि भोग ज्यों के त्यों हैं ,भोगने वाले नष्ट हो रहे हैं। इसके लिए एक दृष्टांत देखिए ---
एक विरक्त साधु सड़क पर जा रहे थे। मार्ग में उन्हें कुछ स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। देखते ही वे चौंके और मार्ग से हटकर चलने लगे। थोड़ी दूरी पर उन्हें चार बंदूकधारी सिपाही मिले। साधु ने उनसे कहा बच्चा ,इस मार्ग से बचकर जाना ,रास्ते में एक डायन बैठी है।
सिपाही ने कहा -अरे बाबा !डायन से क्या डरना ,हरकत करेगी तो एक कारतूस उसपर दाग देंगे। थोड़ी दूर चलने पर उन्हें भी स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। सबने मुद्राएँ बीनकर आपस में यह निश्चय किया कि पहले कुछ खा -पीकर आराम कर ले फिर गश्त पर चलेंगे। तय हुआ कि दो लोग मुद्राओं की रक्षा करें। दो सिपाही बाजार में गये और वहाँ से नमकीन व शराब में विष मिलाकर ले आए। उन्होंने सोचा -वहां जाकर कह देंगे कि हम दोनों तो वहीं खा -पीकर आए हैं ,यह तुम्हारा ही हिस्सा है ,इस पर वे लोग मर जाएंगे और मुद्राएँ हम आपस में बाँट लेंगे।
उधर जंगल में बैठे शेष दोनों सिपाहियों ने निश्चय किया कि जब बाजार वाले सिपाही लौटेंगे तो हम उन दोनों को गोली से मार देंगे और धन आपस में बाँट लेंगे।
बाजार वाले सिपाही जैसे ही लौटे ,इन्होंने एक -एक को अपनी बंदूकों से ठंडा कर दिया और लगे खाने -पीने ,परन्तु उसमें तो विष मिला था। जल्दी ही वे दोनों भी सदा -सदा के लिए वहीं लेट गए।
थोड़ी देर बाद साधु बाबा लौटे तो चारों लाशों को देखकर हंस पड़े और बोले वाह री डायन ! चारों को खा गई और तू ज्यों -की -त्यों यही बैठी है।
डायन रूपी माया के लिए पाप मत करो। जीवन को निर्मल बनाओ। माया के प्रलोभन से बचो। ईश्वर भक्तों पर माया वार नहीं करती। सच्चा आस्तिक भौतिक भोगों के लिए कभी भी दुष्कृत्य नहीं करेगा। कामी और लोभी ही माया के शिकार होते हैं ,विरक्त नहीं।
एक विरक्त साधु सड़क पर जा रहे थे। मार्ग में उन्हें कुछ स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। देखते ही वे चौंके और मार्ग से हटकर चलने लगे। थोड़ी दूरी पर उन्हें चार बंदूकधारी सिपाही मिले। साधु ने उनसे कहा बच्चा ,इस मार्ग से बचकर जाना ,रास्ते में एक डायन बैठी है।
सिपाही ने कहा -अरे बाबा !डायन से क्या डरना ,हरकत करेगी तो एक कारतूस उसपर दाग देंगे। थोड़ी दूर चलने पर उन्हें भी स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। सबने मुद्राएँ बीनकर आपस में यह निश्चय किया कि पहले कुछ खा -पीकर आराम कर ले फिर गश्त पर चलेंगे। तय हुआ कि दो लोग मुद्राओं की रक्षा करें। दो सिपाही बाजार में गये और वहाँ से नमकीन व शराब में विष मिलाकर ले आए। उन्होंने सोचा -वहां जाकर कह देंगे कि हम दोनों तो वहीं खा -पीकर आए हैं ,यह तुम्हारा ही हिस्सा है ,इस पर वे लोग मर जाएंगे और मुद्राएँ हम आपस में बाँट लेंगे।
उधर जंगल में बैठे शेष दोनों सिपाहियों ने निश्चय किया कि जब बाजार वाले सिपाही लौटेंगे तो हम उन दोनों को गोली से मार देंगे और धन आपस में बाँट लेंगे।
बाजार वाले सिपाही जैसे ही लौटे ,इन्होंने एक -एक को अपनी बंदूकों से ठंडा कर दिया और लगे खाने -पीने ,परन्तु उसमें तो विष मिला था। जल्दी ही वे दोनों भी सदा -सदा के लिए वहीं लेट गए।
थोड़ी देर बाद साधु बाबा लौटे तो चारों लाशों को देखकर हंस पड़े और बोले वाह री डायन ! चारों को खा गई और तू ज्यों -की -त्यों यही बैठी है।
डायन रूपी माया के लिए पाप मत करो। जीवन को निर्मल बनाओ। माया के प्रलोभन से बचो। ईश्वर भक्तों पर माया वार नहीं करती। सच्चा आस्तिक भौतिक भोगों के लिए कभी भी दुष्कृत्य नहीं करेगा। कामी और लोभी ही माया के शिकार होते हैं ,विरक्त नहीं।
Tuesday, July 24, 2018
अच्छी सेहत का आधार हैं -हमारे चार पोषक तत्व।
अच्छा स्वास्थ्य काफी हद तक आपके खानपान पर निर्भर करता है। फिर भी तमाम ऐसे लोग हैं जिन्हें यह जानकारी नहीं है कि स्वास्थ्य के बुनियादी तत्व क्या हैं ?वस्तुतः विभिन्न पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन ,कार्बोहाइड्रेट ,वसा और विटामिनों का अच्छी सेहत को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान है। इन पोषक तत्वों का अपने आहार में संतुलित महत्व देकर आप विभिन्न बीमारियों से दूर रहकर स्वस्थ बने रह सकते हैं पर साथ ही अपने सौंदर्य को भी बरकरार रख सकते हैं। आइये जानते हैं कौन -कौन से हैं ये पोषक तत्व ---
1 प्रोटीन --प्रोटीन का मुख्य कार्य नई कोशिकाओं का निर्माण और पुरानी क्षत -विक्षत कोशिकाओं का निर्माण करना है। कार्य ---प्रोटीन एमीनो एसिड से बनता है ,जो एक -दूसरे से एक कड़ी की तरह जुड़े होते हैं। कुछ एमीनो एसिड शरीर के अंदर हार्मोनों के निर्माण के साथ -साथ शरीर के रोग -प्रतिरोधक तंत्र को भी मजबूती प्रदान करते हैं। प्रोटीन बच्चों के शारीरिक विकास ,गर्भवती महिलाओ व दूध पिलाने वाली माताओं के लिए एक आवश्यक तत्व है। स्रोत --प्रोटीन दूध व दूध से बने पदार्थों ,मांस ,दालों सोयाबीन और सूखे मेवे में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
2 कार्बोहाइड्रेट --कार्बोहाइड्रेट ही वह पोषक तत्व है ,जो शरीर को कोशिकाओं को सबसे जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लाइकोजन के रूप में गुर्दे और मांसपेशियों में संचित करता है। स्रोत ---केला ,आम अनानास ,अंगूर में कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा चीनी ,गुड़ ,शहद ,दालें ,अनाजों ,आलू, शककरकंदी चुकंदर आदि भी कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत हैं।
3 वसा --वसा में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा होती है शरीर की दस से तीस प्रतिशत ऊर्जा की आवश्यकता तेल व वसा से पूरी होती है। जो व्यक्ति अपने आहार में अधिक मात्रा में वसा का प्रयोग करते हैं, उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा क्षीण होने लगती है जो मधुमेह के खतरे को बढ़ा देता है। स्रोत ----वसा अधिकतर तिलहन, ,मूंगफली , नारियल ,सरसों ,सोयाबीन ,दूध ,घी ,मक्खन ,क्रीम और मछली के तेल आदि में पाया जाता है।
प्रभाव ---शरीर में वसा की कमी से वजन घट जाता है। इस कारण जरा -सा परिश्रम करने पर वह जल्द ही थकान महसूस करने लगता है। वहीं वसा की अधिकता से व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है ,जिससे वह मोटापे का शिकार हो जाता है।
4 विटामिन ---विटामिन कई प्रकार के होते हैं। ये व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से दूर रखने में सहायक हैं। विटामिन शरीर की चयापचय क्रिया (मेटाबॉलिज्म)को नियंत्रित करने में कारगर है। विटामिन प्रमुख रूप से छह प्रकार के होते हैं -- A ,b ,c ,d ,e और k .---कार्य ---विटामिन ए का मुख्य कार्य आंखों को स्वस्थ रखना है,जो हरी पत्तेदार सब्जियों ,टमाटर ,फल, मक्खन ,घी, दूध ,अंडा और मछली के तेल में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। विटामिन बी समूह में बी -1,बी -2,बी -3,और बी -12 की गणना की जाती है। इस समूह के विटामिन हृदय ,नाड़ी -तंत्र ,मस्तिष्क ,त्वचा ,आंखों व पाचन तंत्र को सुचारु रूप से संचालित करने में सहायक हैं। विटामिन बी साबुत अनाज ,दालों ,सूखे मेवे और अंकुरित खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
विटामिन सी शरीर की रोग -प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। यह आवंला ,संतरा ,टमाटर ,अंगूर ,अमरुद और नींबू में पाया जाता है। विटामिन डी हडिड्यों व दांतों को मजबूत बनाने में सहायक है। यह सूर्य की किरणों ,अंडे के पीले भाग ,दूध ,मक्खन और घी में उपलब्ध रहता है। विटामिन ई प्रजनन अंगों को शक्ति प्रदान करता है। साबुत अनाज ,सोयाबीन ,मूंगफली और नारियल विटामिन ई के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन के शरीर में रक्त का थक्का जमाने में सहायक है। यह मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों ,पालक ,मेथी और मूली के पत्ते में पाया जाता है।
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1 प्रोटीन --प्रोटीन का मुख्य कार्य नई कोशिकाओं का निर्माण और पुरानी क्षत -विक्षत कोशिकाओं का निर्माण करना है। कार्य ---प्रोटीन एमीनो एसिड से बनता है ,जो एक -दूसरे से एक कड़ी की तरह जुड़े होते हैं। कुछ एमीनो एसिड शरीर के अंदर हार्मोनों के निर्माण के साथ -साथ शरीर के रोग -प्रतिरोधक तंत्र को भी मजबूती प्रदान करते हैं। प्रोटीन बच्चों के शारीरिक विकास ,गर्भवती महिलाओ व दूध पिलाने वाली माताओं के लिए एक आवश्यक तत्व है। स्रोत --प्रोटीन दूध व दूध से बने पदार्थों ,मांस ,दालों सोयाबीन और सूखे मेवे में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
2 कार्बोहाइड्रेट --कार्बोहाइड्रेट ही वह पोषक तत्व है ,जो शरीर को कोशिकाओं को सबसे जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लाइकोजन के रूप में गुर्दे और मांसपेशियों में संचित करता है। स्रोत ---केला ,आम अनानास ,अंगूर में कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा चीनी ,गुड़ ,शहद ,दालें ,अनाजों ,आलू, शककरकंदी चुकंदर आदि भी कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत हैं।
3 वसा --वसा में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा होती है शरीर की दस से तीस प्रतिशत ऊर्जा की आवश्यकता तेल व वसा से पूरी होती है। जो व्यक्ति अपने आहार में अधिक मात्रा में वसा का प्रयोग करते हैं, उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा क्षीण होने लगती है जो मधुमेह के खतरे को बढ़ा देता है। स्रोत ----वसा अधिकतर तिलहन, ,मूंगफली , नारियल ,सरसों ,सोयाबीन ,दूध ,घी ,मक्खन ,क्रीम और मछली के तेल आदि में पाया जाता है।
प्रभाव ---शरीर में वसा की कमी से वजन घट जाता है। इस कारण जरा -सा परिश्रम करने पर वह जल्द ही थकान महसूस करने लगता है। वहीं वसा की अधिकता से व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है ,जिससे वह मोटापे का शिकार हो जाता है।
4 विटामिन ---विटामिन कई प्रकार के होते हैं। ये व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से दूर रखने में सहायक हैं। विटामिन शरीर की चयापचय क्रिया (मेटाबॉलिज्म)को नियंत्रित करने में कारगर है। विटामिन प्रमुख रूप से छह प्रकार के होते हैं -- A ,b ,c ,d ,e और k .---कार्य ---विटामिन ए का मुख्य कार्य आंखों को स्वस्थ रखना है,जो हरी पत्तेदार सब्जियों ,टमाटर ,फल, मक्खन ,घी, दूध ,अंडा और मछली के तेल में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। विटामिन बी समूह में बी -1,बी -2,बी -3,और बी -12 की गणना की जाती है। इस समूह के विटामिन हृदय ,नाड़ी -तंत्र ,मस्तिष्क ,त्वचा ,आंखों व पाचन तंत्र को सुचारु रूप से संचालित करने में सहायक हैं। विटामिन बी साबुत अनाज ,दालों ,सूखे मेवे और अंकुरित खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
विटामिन सी शरीर की रोग -प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। यह आवंला ,संतरा ,टमाटर ,अंगूर ,अमरुद और नींबू में पाया जाता है। विटामिन डी हडिड्यों व दांतों को मजबूत बनाने में सहायक है। यह सूर्य की किरणों ,अंडे के पीले भाग ,दूध ,मक्खन और घी में उपलब्ध रहता है। विटामिन ई प्रजनन अंगों को शक्ति प्रदान करता है। साबुत अनाज ,सोयाबीन ,मूंगफली और नारियल विटामिन ई के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन के शरीर में रक्त का थक्का जमाने में सहायक है। यह मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों ,पालक ,मेथी और मूली के पत्ते में पाया जाता है।
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बात पते की 25/7/2018 - Hindi Quotes
- ख़ुशी हमारे पास जो नहीं हो ,उसके मिल जाने का परिणाम नहीं होती ,बल्कि जो हमारे पास है उसे पहचानने में होती है। -फ्रेडरिक कोनिग
- शिक्षा का सबसे बड़ा लाभ यही है कि वह समस्याओं के बारे में विचार करने की हमारी क्षमता को व्यापक फलक प्रदान करती है। -रॉबर्ट फ्रॉस्ट
- सपने देखने वाला चांदनी में ही अपना रास्ता खोज पाता है और उसकी सजा यह है कि उसे सबसे पहले सूर्योदय के दर्शन होते हैं। -ऑस्कर वाइल्ड
- अपनी जटिलताओं से संघर्ष नहीं करना चाहिए ,बल्कि उनका अनुकूलन करना चाहिए। -सिगमंड फ्राइड
- कभी -कभी दिल वह देख लेता जिसे हमारी आंखे जरा भी नहीं देख पाती। -एच जेक्सन ब्राउन
- अपने लिए रोटी ,यह तो भौतिक सवाल है पर पड़ोसी के लिए रोटी आध्यात्मिक सवाल है। -निकोलाई बडरीएव
- जीवन में ख़ुशी का अर्थ लड़ाइयां लड़ना नहीं ,बल्कि उनसे बचना है। कुशलतापूर्वक पीछे हटना भी अपने आप में जीत है। -नॉर्मन बिसेन्ट पील
- आप नींद में जो देखते हैं सपना वह नहीं है। यह तो ऐसी चीज है जो आपको सोने नहीं देती। -डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
- यदि तुम सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने के आकांक्षी हो ,तो सबसे नीचे से चढ़ना शुरू करो। -साइरस
- एक राष्ट्र के रूप में हमारी तरक्की शिक्षा में हमारी तरक्की से ज्यादा तेज नहीं हो सकती। मानव मस्तिष्क ही हमारा मूलभूत संसाधन है। -जॉन एफ केनेडी
Monday, July 23, 2018
तेज धूप न केवल त्वचा की बल्कि आंखो की भी दुश्मन होती है।
गर्मी अपने साथ कड़ी धूप ,झुलसी त्वचा ,सुस्ती और बदहजमी भी साथ लाती है। दिनभर प्रदूषण ,सूर्य की पराबैंगनी किरणों और धुंए का सामना करते -करते रात तक त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता जवाब दे जाती है क्योंकि त्वचा के विटामिन सी और विटामिन ई के प्राकृतिक स्रोत लगभग समाप्त होने लगते हैं। वास्तव में सूर्य त्वचा का सबसे बड़ा दुश्मन है। यदि हम अधिक देर धूप में रहते हैं तो निश्चित रूप से त्वचा को नुकसान पहुंचेगा।
दरअसल ,सूरज की गर्मी ,प्रदूषण और धूल -मिटटी से अच्छी से अच्छी त्वचा भी खराब हो जाती है और कील -मुंहासे ,झाइयां ,भूरे काले दाग ,ब्लैक हेड ,झुर्रियों जैसी परेशानियां सामने आती हैं। कुछ लोगों की त्वचा तो इतनी कोमल होती है कि सूर्य की किरणोंके सम्पर्क में आने से उनकी चमड़ी काली पड़ जाती है।
गर्मी में धूप से हुई चिपचिपाहट के कारण अक्सर तैलीय त्वचा वाले लोग दिन में कई बार चेहरा धोते हैं। वास्तव में बहुत अधिक पानी या साबुन से चेहरा धोना भी नुकसानदायक है और इससे त्वचा के नार्मल सबस्टेंस खत्म होने लगते हैं और झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित होती हैं। ये रेटिना पर सीधी चोट करती हैं। चूंकि स्वस्थ चमकी आंखें व्यक्ति की सुंदरता को दोगुना करती हैं इसलिए आंखों को भी सूर्य की किरणों से बचाना बेहद जरूरी हो जाता है।
बचाव के नुस्खें ---*सूर्य की किरणों से त्वचा को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी किस्म के कपड़े से त्वचा को ढ़ककर रखें। जहां यह सम्भव नहीं जैसे चेहरा ,हाथ आदि ,वहां किसी अच्छी कम्पनी का सनस्क्रीन क्रीम का इस्तेमाल करें। सनक्रीम दिन में तीन बार सुबह ,दोपहर और शाम को लगाएं।
*धूप में जाते समय जहां तक हो सके ,कोई इत्र या सुगंध न लगाएं। धूप से त्वचा में जलन होती है परिणामस्वरूप इत्र से मिलकर इससे त्वचा पर काले चकते पड़ सकते हैं।
*धूप में सिर पर दुपट्टा ,स्कार्फ या साड़ी का पल्लू लें ताकि बालों को नुकसान न पहुंचे। छाता ले जाना सबसे बेहतर होता है।
*धूप का चश्मा लगाएं ताकि आंखों और उसके नीचे की कोमल त्वचा को हानि न पहुंचे। सूरज की किरणों से आंखों के नीचे लकीरें पड़ने का खतरा रहता है।
*सूरज की सीधी किरणें त्वचा में कोलॉजोंन और इलास्टिक टिश्यू को खत्म कर देती है और उसका असर बढ़ता जाता है। सनक्रीम लोशन या सनब्लॉक धूप के खतरनाक असर को रोकने में मददगार साबित होते हैं।
सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग धूप में निकलने से आधे घंटे पहले करें ताकि केमिकल्स त्वचा में घुलकर कार्य कर सकें। गर्मी की तेज धूप में निकलने से पहले यदि आप ये एहतियात बरतें तो त्वचा की कोमलता बनाए रखना आपके लिए आसान होगा। कुछ महिलाएं पार्लर में सूरज से झुलसी त्वचा का समाधान पाने जाती हैं लेकिन ,धूप में अधिक रहने से यदि त्वचा पर रैश आदि हो जाएं तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिलना अधिक हितकर होता है।
दरअसल ,सूरज की गर्मी ,प्रदूषण और धूल -मिटटी से अच्छी से अच्छी त्वचा भी खराब हो जाती है और कील -मुंहासे ,झाइयां ,भूरे काले दाग ,ब्लैक हेड ,झुर्रियों जैसी परेशानियां सामने आती हैं। कुछ लोगों की त्वचा तो इतनी कोमल होती है कि सूर्य की किरणोंके सम्पर्क में आने से उनकी चमड़ी काली पड़ जाती है।
गर्मी में धूप से हुई चिपचिपाहट के कारण अक्सर तैलीय त्वचा वाले लोग दिन में कई बार चेहरा धोते हैं। वास्तव में बहुत अधिक पानी या साबुन से चेहरा धोना भी नुकसानदायक है और इससे त्वचा के नार्मल सबस्टेंस खत्म होने लगते हैं और झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित होती हैं। ये रेटिना पर सीधी चोट करती हैं। चूंकि स्वस्थ चमकी आंखें व्यक्ति की सुंदरता को दोगुना करती हैं इसलिए आंखों को भी सूर्य की किरणों से बचाना बेहद जरूरी हो जाता है।
बचाव के नुस्खें ---*सूर्य की किरणों से त्वचा को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी किस्म के कपड़े से त्वचा को ढ़ककर रखें। जहां यह सम्भव नहीं जैसे चेहरा ,हाथ आदि ,वहां किसी अच्छी कम्पनी का सनस्क्रीन क्रीम का इस्तेमाल करें। सनक्रीम दिन में तीन बार सुबह ,दोपहर और शाम को लगाएं।
*धूप में जाते समय जहां तक हो सके ,कोई इत्र या सुगंध न लगाएं। धूप से त्वचा में जलन होती है परिणामस्वरूप इत्र से मिलकर इससे त्वचा पर काले चकते पड़ सकते हैं।
*धूप में सिर पर दुपट्टा ,स्कार्फ या साड़ी का पल्लू लें ताकि बालों को नुकसान न पहुंचे। छाता ले जाना सबसे बेहतर होता है।
*धूप का चश्मा लगाएं ताकि आंखों और उसके नीचे की कोमल त्वचा को हानि न पहुंचे। सूरज की किरणों से आंखों के नीचे लकीरें पड़ने का खतरा रहता है।
*सूरज की सीधी किरणें त्वचा में कोलॉजोंन और इलास्टिक टिश्यू को खत्म कर देती है और उसका असर बढ़ता जाता है। सनक्रीम लोशन या सनब्लॉक धूप के खतरनाक असर को रोकने में मददगार साबित होते हैं।
सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग धूप में निकलने से आधे घंटे पहले करें ताकि केमिकल्स त्वचा में घुलकर कार्य कर सकें। गर्मी की तेज धूप में निकलने से पहले यदि आप ये एहतियात बरतें तो त्वचा की कोमलता बनाए रखना आपके लिए आसान होगा। कुछ महिलाएं पार्लर में सूरज से झुलसी त्वचा का समाधान पाने जाती हैं लेकिन ,धूप में अधिक रहने से यदि त्वचा पर रैश आदि हो जाएं तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिलना अधिक हितकर होता है।
बात पते की 24/7/2018 - Hindi Quotes
- मैं सफलता की चाबी तो नहीं जानता ,पर असफलता की चाबी तो दूसरों को खुश करने में लगे रहने में ही है। -बिल कॉस्बी
- बोल वह है जो सुनने वालों को वशीभूत कर दे और न सुनने वालों में सुनने की इच्छा उत्पन्न कर दे। -तिरुवल्लुवर
- जब आप अपने मित्र का चुनाव करते हैं तो चरित्र के स्थान पर व्यक्तित्व को न चुने। -विलियम सामरसेट माम
- मित्रता करने में जल्दबाजी न करें ,लेकिन एक बार करने के बाद उसके प्रति अडिग और प्रतिबद्ध रहें। -सुकरात
- जब तक हम किसी जानवर से प्रेम नहीं करते तब तक हमारी आत्मा का एक हिस्सा सोया ही रहता है। -अनातोले फ़्रांस
- विचार चाहे पुरातन हो और बहुत बार प्रकट किया जा चुका हो ,किन्तु अंततः वह उसका है ,जो उसे अच्छे ढंग से प्रकट करे। -लावेल
- जो समय बचाते हैं ,वे सही मायने में धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन ,कमाए हुए धन के बराबर है। -महात्मा गांधी
- हम अपने दुर्भाग्य पर जितना चिंतन करेंगे ,हमें नुकसान पहुंचाने की उसकी शक्ति उतनी ही बढ़ेगी। -वाल्टेयर
- यदि आप वाकई आप कुछ हासिल करना चाहते हैं तो उसका इंतजार मत कीजिए। बेसब्र होना सीखिए। -गुरबख्श चहल
- बच्चा हमें सिखाता है बिना कारण खुश होना ,हमेशा व्यस्त रहना और वांछित वस्तु पूरी ताकत से मांगना। -पाओलो कोएलो
Sunday, July 22, 2018
खुश होने की बजाय हम दौड़ते क्यों रहना चाहते हैं ?
हमारी अंतर्निहित और आनुवांशिक समस्या 'चिंतित 'बने रहने और 'कभी खुश न होने'की प्रवृति है। जरा सोचिए तो पिछली बार आपने कब निखालिस ख़ुशी महसूस की थी? फिर सोचें कि कितने वक्त वह ख़ुशी बनी रही थी ?हम ट्रेन की तरह हैं -ऐसी ट्रेन जो सिर्फ महत्वपूर्ण स्टेशनों से गुजरते रहना चाहती है। यह उन स्टेशनों (आपके जीवन के लक्ष्य )पर कुछ देर रूकती जरूर है ,लेकिन इस ट्रेन में वहा विश्राम करने की काबिलियत नहीं है ,क्योंकि यह अगले स्टॉप को लेकर चिंतित रहती है।
इसके लिए एक कारण तो यह है कि हम अपने आसपास इतनी ट्रेनें घूमते देखते हैं। हम उन्हें तेजी से पहुंचते देखते हैं ,इसलिए हम सर्र -से गुजर जाते हैं। फिर हमारे अहंकार को सहलाने के लिए हम हमसे धीमे चलने वाली ट्रेन को देखकर बड़ी राहत महसूस करते हैं। हम जताते तो यहीं हैं कि दोस्त की अधिक तेज ट्रेन पर हम खुश हैं लेकिन ,वास्तव में हम कभी खुश होते नहीं।
हम तो खुश होना ही नहीं चाहते। यदि हमे चिंता का कारण नहीं मिलता तो हम खोज निकलते हैं। हम चुपके से यह भरोसा करने लगे हैं कि चिंता ही तरक्की का ईंधन है। डिस्को व पार्टियां हमें शायद हमें शायद ही ख़ुशी देती हो। हमारी छुट्टियां हमें ऊर्जावान बनाने की जगह थकाने वाली ज्यादा होती हैं।
हमें दूसरों में खामियां निकालना बहुत पसंद है। जब हम किसी से श्रेष्ठ सिद्ध होते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। जो हमारी प्रशंसा करते हैं ,सहमत होते हैं ,तोहफे देते हैं या हमारे काम करते हैं तो हम उन्हें अच्छा कहते हैं। जो ऐसा नहीं करते वे अच्छे नहीं होते।
हमारे भीतर क्या है उसकी बजाय हमारा बाहरी रूप -रंग हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। भीतर से हम थके हुए हैं और शाश्वत चिंता में बने रहते हैं। दुर्भाग्य से हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं ,जिनमें अनावश्यक चीजें हमारी सबसे बड़ी आवश्यकता हो गई हैं। तो इससे बाहर निकलने का रास्ता क्या है ?एक ही जिंदगी है और आपको ऐसा माहौल तैयार करना होगा कि आपके सबसे बड़े आइडिया आपके दिमाग में प्रवाहित होने लगे।
जिंदगी 20 चीजें सही करने का नाम नहीं है बल्कि 3 -4 चीजें एकदम सही करना जिंदगी है। शेष 16 -17 चीजें सिर्फ बेकार का आकर्षण है। जिंदगी को साल बनाकर धीरे -धीरे ऐसे बन जाये कि उन बेकार के आकर्षणों को छोड़ सकें। हमारी ऊर्जा को हम जितना बिखरा देते हैं ,'वास्तविक लक्ष्यों 'की ओर ऊर्जा लगाने में हम उतने ही असमर्थ होते जाते हैं ,इसीलिए अनुशासन और अत्यधिक इच्छा शक्ति जरूरी है। अपनी तूफानी भाग -दौड़ पर विचार कीजिए और सोचें कि आप सिर्फ खुश होने की बजाय दौड़ते क्यों रहना चाहते हैं।
इसके लिए एक कारण तो यह है कि हम अपने आसपास इतनी ट्रेनें घूमते देखते हैं। हम उन्हें तेजी से पहुंचते देखते हैं ,इसलिए हम सर्र -से गुजर जाते हैं। फिर हमारे अहंकार को सहलाने के लिए हम हमसे धीमे चलने वाली ट्रेन को देखकर बड़ी राहत महसूस करते हैं। हम जताते तो यहीं हैं कि दोस्त की अधिक तेज ट्रेन पर हम खुश हैं लेकिन ,वास्तव में हम कभी खुश होते नहीं।
हम तो खुश होना ही नहीं चाहते। यदि हमे चिंता का कारण नहीं मिलता तो हम खोज निकलते हैं। हम चुपके से यह भरोसा करने लगे हैं कि चिंता ही तरक्की का ईंधन है। डिस्को व पार्टियां हमें शायद हमें शायद ही ख़ुशी देती हो। हमारी छुट्टियां हमें ऊर्जावान बनाने की जगह थकाने वाली ज्यादा होती हैं।
हमें दूसरों में खामियां निकालना बहुत पसंद है। जब हम किसी से श्रेष्ठ सिद्ध होते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। जो हमारी प्रशंसा करते हैं ,सहमत होते हैं ,तोहफे देते हैं या हमारे काम करते हैं तो हम उन्हें अच्छा कहते हैं। जो ऐसा नहीं करते वे अच्छे नहीं होते।
हमारे भीतर क्या है उसकी बजाय हमारा बाहरी रूप -रंग हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। भीतर से हम थके हुए हैं और शाश्वत चिंता में बने रहते हैं। दुर्भाग्य से हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं ,जिनमें अनावश्यक चीजें हमारी सबसे बड़ी आवश्यकता हो गई हैं। तो इससे बाहर निकलने का रास्ता क्या है ?एक ही जिंदगी है और आपको ऐसा माहौल तैयार करना होगा कि आपके सबसे बड़े आइडिया आपके दिमाग में प्रवाहित होने लगे।
जिंदगी 20 चीजें सही करने का नाम नहीं है बल्कि 3 -4 चीजें एकदम सही करना जिंदगी है। शेष 16 -17 चीजें सिर्फ बेकार का आकर्षण है। जिंदगी को साल बनाकर धीरे -धीरे ऐसे बन जाये कि उन बेकार के आकर्षणों को छोड़ सकें। हमारी ऊर्जा को हम जितना बिखरा देते हैं ,'वास्तविक लक्ष्यों 'की ओर ऊर्जा लगाने में हम उतने ही असमर्थ होते जाते हैं ,इसीलिए अनुशासन और अत्यधिक इच्छा शक्ति जरूरी है। अपनी तूफानी भाग -दौड़ पर विचार कीजिए और सोचें कि आप सिर्फ खुश होने की बजाय दौड़ते क्यों रहना चाहते हैं।
बात पते की 23/7/2018 - Hindi Quotes
- पुस्तकें आपके मस्तिष्क को खोलती हैं ,विस्तार देती हैं और आपको इस तरह सुदृढ़ करती हैं जैसे कोई और नहीं कर सकता। -विलियम फदर
- असफलता की भावना से सफलता का उत्पन्न होना उतना ही असम्भव है ,जितना कि बबूल के वृक्ष में गुलाब का खिलना। -बायरन
- जीवन का महत्वपूर्ण उद्देश्य इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाना होना चाहिए। दृढ़ मनुष्य के लिए सुअवसर सदा उपलब्ध होते हैं।- इमरसन
- जो छोटी -छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है ,उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता। -अल्बर्ट आइंस्टीन
- अपने सपनों पर सवार होने से पहले उन पर अच्छी तरह जीन कसना सीख लें। - मेरी वेब
- सबसे विचारणीय बात तो यही है कि हम अब तक विचारशील क्यों न हो सके। -मार्टिन हाइडेगर
- हर मनुष्य को कम से कम यह अधिकार तो होना ही चाहिए कि वह अपनी नियति का निर्धारण स्वयं करे। -बाब मार्ले
- जब आप किसी पर हंसते हैं तो आप उसपर गुस्सा नहीं हो सकते। हास्य -विनोद सहिष्णुता सिखाता है। -विलियम सामरसेट माम
- वे लोग जिनके स्पष्ट ,लिखित लक्ष्य होते हैं ,कम समय में दूसरे लोग जितना सोच भी नहीं सकते उससे कहीं ज्यादा सफलता प्राप्त करते हैं। -ब्राउन ट्रेसी
- मानव का दानव बन जाना उसकी पराजय है। महा -मानव होना उसका चमत्कार और मानव का मानव होना उसकी विजय। -डॉ राधाकृष्णन
जीवन में कुछ ऐसे सुझाव जिनकी मदद से मुश्किलें बेहद आसान हो जाती हैं।
कई बातें ऐसी हैं जिन्हें हम बचपन से सुनते आ रहे हैं ,लेकिन जीवन में अमल में नहीं ला पाते। जबकि इनकी मदद से मुश्किलें बेहद आसान हो सकती हैं। जानिए कुछ बिंदु --
- जिंदगी में हर चीज पहले से तय होती है ,फिर भी सामने आने पर हम उससे घबरा जाते हैं। जीवन के हर पल का मजा लीजिए। मृत्यु जीवन का अंत है ,लेकिन इसका डर हमारी आत्मा को पहले ही खत्म कर देता है।
- व्यस्त होना बेहतर कार्यक्षमता की निशानी नहीं होती। यह काम करने के बेतरतीब ढंग का परिचायक है। व्यस्त लोग अक्सर काम पूरा करने में देर करते हैं। वे काम से ज्यादा उसकी प्रक्रिया में उलझे होते है, जिसका कार्यक्षमता से खास संबंध नहीं होता।
- दूसरों की गलतियों के लिए माफ़ी की अपेक्षा न रखें। इससे सीख लेकर आगे बढ़ें क्योंकि बीती हुई बातें आने वाले कल की खुशियां कम करती हैं। माफ़ी देने का मतलब दोषी को अपराधमुक्त घोषित करना नहीं है ,बल्कि स्वयं को इस पीड़ा से मुक्ति दिलाना है।
- आपके विचार और आपकी सोच सबसे मेल नहीं खा सकते। इसके लिए प्रयास करना भी व्यर्थ है। बेहतर है कि ऐसे लोगों को अपनी जिंदगी से दूर रखें। यदि किसी के साथ आप खुद को छोटा अनुभव करते हैं या असहज रहते हैं तो उनसे परहेज करें।
- एक्शन के बिना ज्ञान का कोई मतलब नहीं होता। केवल सोचने से काम कभी पूरा नहीं होता। कामयाबी उन्हें नहीं मिलती जो इसकी प्रतीक्षा करते हैं बल्कि उन्हें मिलती है जो इसके लिए कोशिश करते हैं। सही समय और अवसर की प्रतीक्षा करने वाले पूरी जिंदगी प्रतीक्षा ही करते हैं।
- धैर्य`का मतलब केवल प्रतीक्षा करना नहीं बल्कि पूरी ताकत से लगातार प्रयास करने से है। किसी काम की शुरुआत करने से वह पूरा नहीं होता ,न ही अधूरे प्रयासों से कुछ हासिल होता है। इसके लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना होगा ,संबंधों से दूरी बनानी होगी और सम्भव है ताने भी सुनने पड़ें ,लेकिन यही कामयाबी की बुनियाद होती है।
Saturday, July 21, 2018
बात पते की 22/7/2018 - Hindi Quotes
- स्वयं से लड़ें ,बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ?जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है ,उसे आनंद की प्राप्ति होती है।- भगवान महावीर
- गलती स्वीकार कर लेना झाड़ू बुहारने के समान है ,जिससे गंदगी का नामोनिशान तक नहीं रहता। -महात्मा गांधी
- नैतिक और अनैतिक का अंतिम निर्णय किसी भी न्यायालय से अधिक हमारा अंतःकरण ही कर सकता है। -अर्नेस्ट हेमिंग्वे
- सबसे अच्छे समाधान वही हैं ,जिन्हें हम स्वयं तलाशते हैं। दूसरों के समाधान हमारे काम के नहीं हो सकते। -सत्यजित राय
- सदा जवान बने रहने के लिए मुख का सौंदर्य नहीं ,मस्तिष्क की उड़ान जरूरी है। -मेटरी ब्रूसेला
- यदि आप नहीं जानते कि कहां जा रहे हैं तो कोई एक राह पकड़ लीजिए ,सही जगह पहुंच जाएंगे।- लुइस केराल
- आदर्श सितारों जैसे होते हैं। उन्हें आप छू तो नहीं सकते ,लेकिन देखकर चलें तो मंजिल पा जाएंगे। -कार्ल शूटर्ज
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार उन लोगों को भी है ,जिन्हें हम पसंद नहीं करते। -नोम चॉम्स्की
- हमारे जीवन में जो भी दृढ़ और स्थायी ख़ुशी है उसके नब्बे फीसदी के पीछे प्रेम होता है।- सीएस लुईस
- जीयो ऐसे जैसे कल मरने वाले हो और सीखो ऐसे जैसे हमेशा जीवित रहने वाले हो। -महात्मा गांधी
हर काम का शॉर्टकट ढूंढने में होती हैं गलतियां ,सजग रहें।
उम्र बढ़ने के साथ जिंदगी मुश्किल होती जाती है। दरअसल ,हम खुद ही इसे मुश्किल बनाते हैं। हर काम को शॉर्टकट तरीके से ज्यादा चाहते हैं और प्रयत्न कम करते हैं। कुछ आसान तरीक़े हैं जिनकी मदद से मुश्किलों को कम कर सकते हैं। कैसे, जानिए कुछ सुझाव --
*उम्र के साथ अपना नजरिया विकसित करना भी आवश्यक है। अपने दिल की आवाज सुनिए और जरूरी हो तो लीक से हटकर काम कीजिए।
*ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें जो आपको पसंद नहीं करते या जिन्हें आप पसंद नहीं करते। भले ही वे कोई रिश्तेदार या सहकर्मी ही क्यों न हों। कोई आपकी भावनाओं का अपमान करे ,नीची निगाहों से देखे या परेशान करने की कोशिश करे ,तो उसे अपने आसपास भी न रखें।
*हर किसी से अपनी तुलना मत कीजिए। इससे आप खुद को ही छोटा महसूस करेंगे। बेहतर है कि अपने आप से खुद की तुलना करें। पहले क्या थे और अब क्या हैं ,ये सोचने से आपके मन से ईर्ष्या का भाव दूर होगा।
*तनाव और चिंता से दूर रहने का एक आसान उपाय है कि खुद को दूसरों की भलाई में व्यस्त रखें। ज्यादा समय दिए बिना भी आप यह आसानी से कर सकते हैं। जीवन से हमेशा लेने की बजाय कभी देने के बारे में भी सोचिए।
*सही काम जितना जरूरी है ,उतना ही जरूरी सही तरीके से करना है। इसी तरह सभी काम करें न कि आसानी से होने वाला काम। अगर आप काम का शॉर्टकट ढूंढेंगे तो गलत रास्ता अख्तियार करना ही होगा।
*दूसरों से तवज्जो की बजाय सम्मान पाने की कोशिश करें। ऐसा काम करें ,जिनका लम्बे समय तक प्रभाव रहे। लोकप्रियता क्षणिक होती है लेकिन प्रभावी होने का मतलब है आप दूसरों से जीवन बेहतर बनाने में सफल रहे हैं।
*कई बार दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास में हम जीने का अपना तरीका ही भूल जाते हैं। यदि आपके चलते किसी को दुःख नहीं हो रहा है तो जिंदगी अपने तरीके से जीने में कोई बुराई नहीं है। रिश्ते खत्म होने में समय नहीं लगता लेकिन अपनी जिंदगी हमें खुद ही जीनी है।
*कोई एक दिन निश्चित करें कि नेगेटिव चीजें बिलकुल नहीं सोचेंगे। गॉसिप ,झूठ या धोखा कभी न कभी हम सबके साथ होता है। इससे आप भी बच नहीं सकते ,लेकिन कई चीजें अच्छी भी होती हैं। उनके बारे में सोचिए। इससे अलग तरह की ऊर्जा मिलेगी।
*उम्र के साथ अपना नजरिया विकसित करना भी आवश्यक है। अपने दिल की आवाज सुनिए और जरूरी हो तो लीक से हटकर काम कीजिए।
*ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें जो आपको पसंद नहीं करते या जिन्हें आप पसंद नहीं करते। भले ही वे कोई रिश्तेदार या सहकर्मी ही क्यों न हों। कोई आपकी भावनाओं का अपमान करे ,नीची निगाहों से देखे या परेशान करने की कोशिश करे ,तो उसे अपने आसपास भी न रखें।
*हर किसी से अपनी तुलना मत कीजिए। इससे आप खुद को ही छोटा महसूस करेंगे। बेहतर है कि अपने आप से खुद की तुलना करें। पहले क्या थे और अब क्या हैं ,ये सोचने से आपके मन से ईर्ष्या का भाव दूर होगा।
*तनाव और चिंता से दूर रहने का एक आसान उपाय है कि खुद को दूसरों की भलाई में व्यस्त रखें। ज्यादा समय दिए बिना भी आप यह आसानी से कर सकते हैं। जीवन से हमेशा लेने की बजाय कभी देने के बारे में भी सोचिए।
*सही काम जितना जरूरी है ,उतना ही जरूरी सही तरीके से करना है। इसी तरह सभी काम करें न कि आसानी से होने वाला काम। अगर आप काम का शॉर्टकट ढूंढेंगे तो गलत रास्ता अख्तियार करना ही होगा।
*दूसरों से तवज्जो की बजाय सम्मान पाने की कोशिश करें। ऐसा काम करें ,जिनका लम्बे समय तक प्रभाव रहे। लोकप्रियता क्षणिक होती है लेकिन प्रभावी होने का मतलब है आप दूसरों से जीवन बेहतर बनाने में सफल रहे हैं।
*कई बार दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास में हम जीने का अपना तरीका ही भूल जाते हैं। यदि आपके चलते किसी को दुःख नहीं हो रहा है तो जिंदगी अपने तरीके से जीने में कोई बुराई नहीं है। रिश्ते खत्म होने में समय नहीं लगता लेकिन अपनी जिंदगी हमें खुद ही जीनी है।
*कोई एक दिन निश्चित करें कि नेगेटिव चीजें बिलकुल नहीं सोचेंगे। गॉसिप ,झूठ या धोखा कभी न कभी हम सबके साथ होता है। इससे आप भी बच नहीं सकते ,लेकिन कई चीजें अच्छी भी होती हैं। उनके बारे में सोचिए। इससे अलग तरह की ऊर्जा मिलेगी।
Friday, July 20, 2018
बात पते की 21/7/2018 - Hindi Quotes
- समस्याएं एक साधारण मनुष्य को भी असाधारण उपलब्धियों के लिए तैयार कर देती हैं। -सी एस लेविस
- साहसी विचार शतरंज की चाल जैसे होते हैं। वे मात भले ही खा जाये पर वे जीत की शुरुआत कर देते हैं।- योहान वी गोथे
- जब सोचना हो तब भावुक होना और जब भावुक होना हो तब सोचना ,समस्याएं पैदा करता है।- जॉन कॉलिन्स
- मुसीबतों का उद्देश्य आपको पंगु बनाना नहीं ,खुद की खोज में आपकी मदद करना है।- बर्नेस जॉनसन रेगन
- विपरीत परिस्थितियां कुछ लोगों को तोड़ देती हैं और कुछ लोग रेकॉर्ड तोड़ देते हैं। -विलियम आर्थर वार्ड
- यदि आप आशा नहीं करते तो आपको पता नहीं चलेगा कि आपकी आशाओं के परे क्या हैं। -सेंट क्लेमेंट
- आपकी समस्या वास्तव में कभी समस्या नहीं होती। समस्या के प्रति आपकी प्रतिक्रिया समस्या होती है।- ब्रायन किसी
- खुद को हमेशा शांत और अविचल बनाए रखिए। तब आप पाएंगे कि जीवन -यात्रा कितनी आसान है। -परमहंस योगानंद
- यदि पर्याप्त संख्या में लोग खुद की बजाय दूसरे के लिए जीने लगे तो मानव जाति को बचाया जा सकता है। -लियॉन युरिस
- यदि किसी को दुनिया की सारी दौलत मिल जाए पर वह आत्मा खो बैठे तो उसे क्या फायदा हुआ ?-ईसा मसीह
Thursday, July 19, 2018
वजन पर रहे नजर अन्यथा हो जाओगे अनेक रोगों के शिकार।
मेडिकल साइंस के सामने मोटापा एक बड़ी चुनौती की तरह खड़ा है। जरूरत से ज्यादा वजन तमाम तरह की बीमारियों को जन्म देता है और हृदय रोग ,मधुमेह ,गुरदे की बीमारी जोड़ों के दर्द ,गठिया ,पित्ताशय के रोग इत्यादि के लिए जिम्मेदार है। मोटापे की वजह से गर्भवती महिला को प्रसव के समय कई जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।
एक आम आदमी की तुलना में मोटे आदमी का कोई भी काम करने में ज्यादा समय लगता है। भारी -भरकम शरीर के कारण दुर्घटना की संभावना भी ज्यादा रहती है। परेशानी यहीं पर आकर खत्म नहीं हो जाती ,बल्कि सुस्ती ,पीठ दर्द और पैरों की तकलीफ भी आम हो जाती है। इस वजह से उसे काम मिलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यही नहीं ,वह लोगों से कतराने भी लगता है।
अधिकतर लोग मोटापे से बचने के लिए नीम -हकीमों की शरण में चले जाते हैं या फिर डायटिंग शुरू कर देते हैं। ऐसा करते हुए उन्हें खाद्य -पदार्थों से वंचित रहना ही पड़ता है ,साथ ही पैसे का नुकसान भी होता है। कभी -कभी तो शारीरिक जोखिम भी उठाना पड़ता है।
वजन हडिड्यों पर ,लम्बाई पर और चर्बी की मात्रा पर निर्भर करता है। कई लोगों का वजन ज्यादा होता है पर उन्हें हम मोटा नहीं कह सकते ,क्योंकि उनके शरीर में चर्बी की मात्रा कम रहती है और मांसपशियों का वजन ही ज्यादा रहता है। जो व्यक्ति ज्यादा कसरत करते हैं ,खासकर खिलाड़ी ,उनका वजन भी ज्यादा होता है ,लेकिन उन्हें मोटा नहीं कहा जा सकता।
यूं तो मोटापे के कई कारण हो सकते हैं पर मुख्य है व्यक्ति का शारीरिक जरूरत से ज्यादा भोजन ग्रहण करना। मोटापे का इलाज सम्भव है लेकिन ऐसी स्थिति में डाक्टर का मार्गदर्शन बेहद जरूरी है। मोटापे का इलाज करने से पहले मरीज का बाकायदा चेकअप किया जाता है। साथ ही उसके खाने की आदतें ,उसकी दिनचर्या ,पारिवारिक इतिहास सबका पता लगाया जाता है जिससे इलाज में मदद मिल सके। वजन का घटना एक लम्बी प्रक्रिया है। शार्ट कट न अपना कर वजन धीरे -धीरे घटाना चाहिए।
खाने -पीने में सभी खाद्य पदार्थों का संतुलन आवश्यक है ,पर साथ ही यह ध्यान रखना होगा कि हम ज्यादा
फैट फ़ूड जैसे मक्खन ,तेल ,घी ,चॉकलेट ,आइसक्रीम ,तली हुई चीजें जैसे समोसे ,पकौड़े ,नमकीन ,पूरी -कचौरी ,जैम, शहद ,क्रीम के बिस्कुट ,मेवा ,आम ,अंगूर ,चीकू ,पेय पदार्थ ,डिब्बों में बंद खाने आदि से एकदम परहेज करें।
यह तो हम सब जानते हैं कि सिर्फ खान -पान में बदलाव लाने से ही हमारी समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। इसके लिए हमें अपनी दिनचर्या में व्यायाम को भी शामिल करना होगा। अगर परेशानी है ,तो शुरू में सिर्फ दस मिनट की सैर से ही आरम्भ करें ,जिसे नियमित समय पर बढ़ा क़र पैंतालीस मिनट तक लाएं। अभ्यास से ही ऊर्जा खर्च होगी और हमारी पाचनशक्ति भी बढ़ेगी।
तकरीबन पांच प्रतिशत मोठे व्यक्ति हारमोनल असंतुलन की वजह से मोटापे के शिकार होते हैं। इस अवस्था में पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है और ऊर्जा का प्रयोग शरीर में ज्यादा नहीं होता है। आम खाना खाने से भी मोटापा शरीर में आ जाता है। सबसे पहले तो मर्ज का इलाज आवश्यक है। संक्षेप ,में हम यही कहना चाहेंगे कि मोटापा आज की जिंदगी का सबसे बड़ा अभिशाप है ,जिसका मुकाबला हमें सही खानपान और नियमित अभ्यास से करना होगा।
एक आम आदमी की तुलना में मोटे आदमी का कोई भी काम करने में ज्यादा समय लगता है। भारी -भरकम शरीर के कारण दुर्घटना की संभावना भी ज्यादा रहती है। परेशानी यहीं पर आकर खत्म नहीं हो जाती ,बल्कि सुस्ती ,पीठ दर्द और पैरों की तकलीफ भी आम हो जाती है। इस वजह से उसे काम मिलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यही नहीं ,वह लोगों से कतराने भी लगता है।
अधिकतर लोग मोटापे से बचने के लिए नीम -हकीमों की शरण में चले जाते हैं या फिर डायटिंग शुरू कर देते हैं। ऐसा करते हुए उन्हें खाद्य -पदार्थों से वंचित रहना ही पड़ता है ,साथ ही पैसे का नुकसान भी होता है। कभी -कभी तो शारीरिक जोखिम भी उठाना पड़ता है।
वजन हडिड्यों पर ,लम्बाई पर और चर्बी की मात्रा पर निर्भर करता है। कई लोगों का वजन ज्यादा होता है पर उन्हें हम मोटा नहीं कह सकते ,क्योंकि उनके शरीर में चर्बी की मात्रा कम रहती है और मांसपशियों का वजन ही ज्यादा रहता है। जो व्यक्ति ज्यादा कसरत करते हैं ,खासकर खिलाड़ी ,उनका वजन भी ज्यादा होता है ,लेकिन उन्हें मोटा नहीं कहा जा सकता।
यूं तो मोटापे के कई कारण हो सकते हैं पर मुख्य है व्यक्ति का शारीरिक जरूरत से ज्यादा भोजन ग्रहण करना। मोटापे का इलाज सम्भव है लेकिन ऐसी स्थिति में डाक्टर का मार्गदर्शन बेहद जरूरी है। मोटापे का इलाज करने से पहले मरीज का बाकायदा चेकअप किया जाता है। साथ ही उसके खाने की आदतें ,उसकी दिनचर्या ,पारिवारिक इतिहास सबका पता लगाया जाता है जिससे इलाज में मदद मिल सके। वजन का घटना एक लम्बी प्रक्रिया है। शार्ट कट न अपना कर वजन धीरे -धीरे घटाना चाहिए।
खाने -पीने में सभी खाद्य पदार्थों का संतुलन आवश्यक है ,पर साथ ही यह ध्यान रखना होगा कि हम ज्यादा
फैट फ़ूड जैसे मक्खन ,तेल ,घी ,चॉकलेट ,आइसक्रीम ,तली हुई चीजें जैसे समोसे ,पकौड़े ,नमकीन ,पूरी -कचौरी ,जैम, शहद ,क्रीम के बिस्कुट ,मेवा ,आम ,अंगूर ,चीकू ,पेय पदार्थ ,डिब्बों में बंद खाने आदि से एकदम परहेज करें।
यह तो हम सब जानते हैं कि सिर्फ खान -पान में बदलाव लाने से ही हमारी समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। इसके लिए हमें अपनी दिनचर्या में व्यायाम को भी शामिल करना होगा। अगर परेशानी है ,तो शुरू में सिर्फ दस मिनट की सैर से ही आरम्भ करें ,जिसे नियमित समय पर बढ़ा क़र पैंतालीस मिनट तक लाएं। अभ्यास से ही ऊर्जा खर्च होगी और हमारी पाचनशक्ति भी बढ़ेगी।
तकरीबन पांच प्रतिशत मोठे व्यक्ति हारमोनल असंतुलन की वजह से मोटापे के शिकार होते हैं। इस अवस्था में पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है और ऊर्जा का प्रयोग शरीर में ज्यादा नहीं होता है। आम खाना खाने से भी मोटापा शरीर में आ जाता है। सबसे पहले तो मर्ज का इलाज आवश्यक है। संक्षेप ,में हम यही कहना चाहेंगे कि मोटापा आज की जिंदगी का सबसे बड़ा अभिशाप है ,जिसका मुकाबला हमें सही खानपान और नियमित अभ्यास से करना होगा।
बात पते की 20/7/2018 - Hindi Quotes
- हर व्यक्ति जीनियस है ,लेकिन यदि मछली में पेड़ पर चढ़ने की योग्यता खोजेंगे तो वह मूर्ख ही नजर आएगी।- अल्बर्ट आइंस्टीन
- देह की जीभरूपी दहलीज पर राम नाम का मणिदीप रखने पर भीतर और बाहर उजाला हो जाता है। -तुलसीदास
- मन हर चीज का मूल है। सब कुछ वहीं से निकला है। उसे समझ लें तो सब कुछ समझ में आ जाता है। -बोधिधर्म
- सफल व्यक्ति वह है ,जो दूसरों द्वारा उसके ऊपर फेंकी गई ईटों से एक मजबूत नींव तैयार कर सके। -डेविड ब्रिकले
- जब सब कुछ खिलाफ नजर आए तो याद रखें कि हवाई जहाज हवा के खिलाफ ही उड़ान भरता है। -हेनरी फोर्ड
- दूसरों की जिन बातों से हम चिढ़ते हैं ,वे बातें हमें खुद को समझने में मददगार साबित हो सकती हैं। -कार्ल जुंग
- बच्चों को अमीर होने के नहीं ,खुश रहने के संस्कार दें। बड़े होकर वे वस्तुओं की कद्र करेंगे न कि उसकी कीमत की। -स्वामी विवेकानंद
- कठिनाई मित्र के लिए जान देने की नहीं है। कठिनाई तो ऐसा मित्र पाने की है ,जिसके लिए जान दी जा सके। -होमर
- सादगी व् सरलता अच्छे जीवन की कुंजिया हैं और फिर भी इन्हें अपनाना बहुत जटिल है। -जिन क्वोन
- सम्पन्नता होने पर शिक्षा आभूषण की तरह होती है जबकि गरीबी के दौरान यह शरणस्थली होती है। -अरस्तु
Wednesday, July 18, 2018
लाइलाज नहीं होती हकलाहट ,आवश्यकता है अभिभावकों के पर्याप्त स्नेह और सहयोग की।
बहुत से बच्चों को हकलाकर बोलने की आदत होती है ,जो माता -पिता की परेशानी का कारण बन जाती है। होता यह है कि बड़े होने पर भी बच्चे को अपनी इस आदत से छुटकारा नहीं मिल पाता और वह लोगों के उपहास का पात्र बनता है। इस वजह से उसके व्यक्तित्व का विकास नहीं हो पाता। वह अजनबी लोगों से बात करने में घबराने लगता है। सभाओं व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर वह ठीक से बोल नहीं पाता। नतीजन ,वह हीनभावना का शिकार होने लगता है। युवा होने पर भी उसकी हकलाने की आदत नहीं जाती ,तो नौकरी या किसी प्रतियोगी परीक्षा के साक्षात्कार के दौरान उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
बोलचाल की भाषा में हकलाने का अर्थ है-- सामान्य या धाराप्रवाह ढंग से बोलने में अयोग्यता। कभी -कभी मानसिक दबाव या घबराहट की वजह से जुबान का लड़खड़ाना भी हकलाहट को जन्म देता है। लेकिन यह उस तरह का हकलाना नहीं माना जाता। हकलाने की आदत में पहले शब्दांश ,व्यंजन या स्वर के स्वाभाविक उच्चारण में कठिनाई महसूस होती है।जीभ मुंह में खिंच -सी जाती है तथा मुंह की मांसपेशियों में स्वतः संकुचन आ जाता है।
विशेषज्ञों का मत है कि हकलाना शारीरिक दोष के अलावा मानसिक कारणों से भी उत्पन्न होता है। बच्चों की हकलाकर बोलने की नकल ,जल्दी बोलने की आदत ,हीनभावना और उनपर मानसिक दबाव के कारण उनमें वाणी दोष का जन्म होता है। शारीरिक कारणों में कुपोषण के कारण हुई बीमारी से भी बच्चों में हकलाने की आदत देखी जाती है। हकलाहट की आदत छुड़ाने के लिए किसी विशेषज्ञ की राय लेना आवश्यक है। साथ ही माता -पिता को भी कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए -
बोलचाल की भाषा में हकलाने का अर्थ है-- सामान्य या धाराप्रवाह ढंग से बोलने में अयोग्यता। कभी -कभी मानसिक दबाव या घबराहट की वजह से जुबान का लड़खड़ाना भी हकलाहट को जन्म देता है। लेकिन यह उस तरह का हकलाना नहीं माना जाता। हकलाने की आदत में पहले शब्दांश ,व्यंजन या स्वर के स्वाभाविक उच्चारण में कठिनाई महसूस होती है।जीभ मुंह में खिंच -सी जाती है तथा मुंह की मांसपेशियों में स्वतः संकुचन आ जाता है।
विशेषज्ञों का मत है कि हकलाना शारीरिक दोष के अलावा मानसिक कारणों से भी उत्पन्न होता है। बच्चों की हकलाकर बोलने की नकल ,जल्दी बोलने की आदत ,हीनभावना और उनपर मानसिक दबाव के कारण उनमें वाणी दोष का जन्म होता है। शारीरिक कारणों में कुपोषण के कारण हुई बीमारी से भी बच्चों में हकलाने की आदत देखी जाती है। हकलाहट की आदत छुड़ाने के लिए किसी विशेषज्ञ की राय लेना आवश्यक है। साथ ही माता -पिता को भी कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए -
- हकलाने के बावजूद बच्चे को खूब पढ़ने तथा बोलने का अभ्यास कराया जाए।
- बोलते वक्त स्वर के उच्चारण के अभ्यास पर ध्यान देना चाहिए ,क्योंकि स्वर ही शब्द और वाणी का प्रमुख आधार होता है।
- बच्चे को सभाओं व समूह -चर्चाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते रहना चाहिए।
- बच्चे के हकलाने पर उसे न ही झिड़कें और न ही उसकी हंसी उड़ाएं।
- बच्चे को पर्याप्त लाड -प्यार और स्नेह देते रहें।
बात पते की 19/7/2018 - Hindi Quotes
- अवसर अक्सर कठोर मेहनत के वेश में आते हैं ,इसलिए अधिकतर लोग उन्हें पहचान नहीं पाते। -रुथ कराली
- पराजय से मत घबराइए। जब आप किसी अच्छे उद्देश्य से हारते हैं तो जीत के बहुत नजदीक होते हैं। -हेनरी वार्ड बिचर
- जो कुछ हमारा है ,वह हम तक आता है। बशर्ते हम उसे ग्रहण करने की क्षमता रखते हों। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
- अज्ञान देवताओ का अभिशाप है। ज्ञान वह पंख है जिसकी सहायता से हम स्वर्ग की उड़ान भरते हैं। -विलियम शेक्सपियर
- अच्छा निर्णय अनुभव से प्राप्त होता है ,लेकिन अक्सर अनुभव का जन्म खराब निर्णयों से होता है। -रीटा मे ब्राउन
- आप जो करना चाहते हैं उसे लोगों से कहते न फिरें बल्कि दृढ़ -निश्चयपूर्वक उस पर काम करते रहें। -चाणक्य
- कुछ बैठकर जिंदगी देखते हैं। कुछ नाव से समुन्द्र में निकल जाते हैं और जिंदगी उन्हें देखती है। -मेहमेत मुरात एल्डन
- समय एक लकीर नहीं है। यह तो वर्तमान के बिंदुओं की एक लम्बी कतार है। -तइसेन देशीमारु
- दुनिया ऐसे लोगों से अटी पड़ी है जो असाधारण सुख की आस में संतोष को ताक पर रख देते हैं।- डाऊ लारसन
- हमें अपनी आंखे अपनी कठिनाइयों पर नहीं ईश्वर पर टिकाकर प्रार्थना करनी चाहिए। -ओसवाल्ड चैंबर्स
खान -पान का ध्यान रखें डायबिटीज या मधुमेह के रोगी।
डायबिटीज या जिसे हम हिंदी में मधुमेह कहते हैं ,तब होती है ,जब हमारे शरीर में इंसुलिन हारमोन कम बनता है या बिलकुल ही नहीं बनता। इंसुलिन हारमोन पेन्क्रियाज में बनता है और रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। ग्लूकोज से हमें दिन -प्रतिदिन के कामों के लिए ऊर्जा मिलती है।
अगर किसी कारणवश शरीर में इंसुलिन न रहे ,तो खून में ग्लूकोज की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है। एक आम व्यक्ति के 100 ग्राम खून में शूगर की मात्रा 70 से 100 मिलीग्राम होनी चाहिए ,लेकिन डायबिटीज होने पर यह मात्रा बढ़ जाती है।
डायबिटीज कई प्रकार की होती है। पहली वह जो पैतृक होती है। इसमें जन्म से ही किसी कारण से बच्चे में इंसुलिन नहीं बनता। इसका कोई इलाज नहीं है और इसके लिए अपने खान -पान में परहेज के साथ -साथ कृत्रिम इंसुलिन का सहारा लेना पड़ता है।दूसरे प्रकार के मधुमेह का संबंध एक हद तक हमारे रहन -सहन ,यानि हमारे खाने -पीने से है। यह आमतौर पर प्रौढ़ावस्था में होता है और इसका सीधा संबंध मोटापे से है।
लक्षण --मधुमेह के रोगी में विभिन्न लक्षण दिखाई देते हैं -जैसे बार -बार पेशाब आना ,आंखों की रोशनी कम हाना ,शरीर में चुस्ती कम होना और हर समय नींद आते रहना ,जख्मों का जल्दी न भरना ,भूख -प्यास का बढ़ना ,लेकिन वजन कम होना ,त्वचा रूखी -रूखी हो जाना और खुजली होना। इन लक्षणों के उभरने पर तुरंत खून की जांच करवानी चाहिए। पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही डाक्टरी इलाज शुरू कर देना चाहिए।
इलाज --खाने -पीने में बदलाव लाने और नियमित रूप से व्यायाम करने से मधुमेह नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए मधुमेह के रोगो को चावल ,चीनी ,मैदा ,आलू ,चीकू ,अंगूर ,आम आदि नहीं खाने चाहिए और सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए ताकि विटामिन और खनिज का शरीर में अभाव न हो। भूसी वाले आटे का सेवन करना चाहिए ,आटे में सोयाबीन और चने का आटा भी मिला लेना चाहिए। इसमें भोजन संबंधी नियमितता के साथ -साथ नियमित रूप से ब्लड शूगर की जांच करवाते रहना भी जरूरी है। समय पर दवा लेते रहना चाहिए। यह सब करने पर निस्संदेह मधुमेह का रोगी एक सेहतमंद जिंदगी बसर कर सकता हैं।
अगर किसी कारणवश शरीर में इंसुलिन न रहे ,तो खून में ग्लूकोज की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है। एक आम व्यक्ति के 100 ग्राम खून में शूगर की मात्रा 70 से 100 मिलीग्राम होनी चाहिए ,लेकिन डायबिटीज होने पर यह मात्रा बढ़ जाती है।
डायबिटीज कई प्रकार की होती है। पहली वह जो पैतृक होती है। इसमें जन्म से ही किसी कारण से बच्चे में इंसुलिन नहीं बनता। इसका कोई इलाज नहीं है और इसके लिए अपने खान -पान में परहेज के साथ -साथ कृत्रिम इंसुलिन का सहारा लेना पड़ता है।दूसरे प्रकार के मधुमेह का संबंध एक हद तक हमारे रहन -सहन ,यानि हमारे खाने -पीने से है। यह आमतौर पर प्रौढ़ावस्था में होता है और इसका सीधा संबंध मोटापे से है।
लक्षण --मधुमेह के रोगी में विभिन्न लक्षण दिखाई देते हैं -जैसे बार -बार पेशाब आना ,आंखों की रोशनी कम हाना ,शरीर में चुस्ती कम होना और हर समय नींद आते रहना ,जख्मों का जल्दी न भरना ,भूख -प्यास का बढ़ना ,लेकिन वजन कम होना ,त्वचा रूखी -रूखी हो जाना और खुजली होना। इन लक्षणों के उभरने पर तुरंत खून की जांच करवानी चाहिए। पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही डाक्टरी इलाज शुरू कर देना चाहिए।
इलाज --खाने -पीने में बदलाव लाने और नियमित रूप से व्यायाम करने से मधुमेह नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए मधुमेह के रोगो को चावल ,चीनी ,मैदा ,आलू ,चीकू ,अंगूर ,आम आदि नहीं खाने चाहिए और सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए ताकि विटामिन और खनिज का शरीर में अभाव न हो। भूसी वाले आटे का सेवन करना चाहिए ,आटे में सोयाबीन और चने का आटा भी मिला लेना चाहिए। इसमें भोजन संबंधी नियमितता के साथ -साथ नियमित रूप से ब्लड शूगर की जांच करवाते रहना भी जरूरी है। समय पर दवा लेते रहना चाहिए। यह सब करने पर निस्संदेह मधुमेह का रोगी एक सेहतमंद जिंदगी बसर कर सकता हैं।
Tuesday, July 17, 2018
बात पते की 18/7/2018 - Hindi Quotes
- जैसे लोहे को उससे ही उत्पन्न जंग खा जाता है उसी प्रकार ईर्ष्या व्यक्ति को खा जाती है।- एंटिस्थेनीज
- शिक्षा का ध्येय है एक खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदलना।- मेल्कम फोबर्स
- शक्ति या बुद्धिमत्ता नहीं ,सतत प्रयास ही अपनी क्षमता को बाहर लाने की एकमात्र पूंजी है। -विस्टन चर्चिल
- सफल आदमी दूसरों की मदद के मौके खोजता है। विफल आदमी पूछता है ,इसमें मुझे क्या मिलेगा। -ब्रायन ट्रेसी
- सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसा चाकू है जिसमे मूठ नहीं है। यह इसका उपयोग करने वाले हाथ को जख्मी कर देता है।- रवीन्द्रनाथ ठाकुर
- संसार की सारी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं। यह तो हम हैं जो आंखें मूंदकर अंधेरे का शोर मचा रहे हैं। -स्वामी विवेकानंद
- समय सबसे कम पाया जाने वाला संसाधन है। इसका बेहतर प्रबंधन किये बगैर किसी अन्य चीज का प्रबंधन नहीं किया जा सकता। -पीटर एफ डकर
- सृष्टि के अनेक नियमों में से एक यह भी है कि जैसी हम आशंका करते हैं ,वैसा हो गुजरता है। -थोरो
- पहाड़ की ढलान पर चढ़ने के लिए पहले धीमी गति की आवश्यकता होती है। -शेक्सपियर
- इतिहास न केवल भाषा को प्रभावित करता है ,बल्कि वह खुद भाषा की जड़ों में पैठ भी जाता है। -थियोडोर एडोर्नो
Monday, July 16, 2018
चिंता से भी हो सकता अल्सर ,सावधानी बरतें।
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कोई भी व्यक्ति चिंता से मुक्त नहीं है। इसके चलते वह मानसिक तनाव में आ जाता है और कभी -कभी अल्सर का शिकार भी हो जाता है। हमारे पेट में आंतों में से कई प्रकार के रस और तरल द्रव्य निकलते हैं ,जो हमारे भोजन को पचाने में मदद करते है. जब हम मानसिक तनाव में या चिंताग्रस्त होते हैं,तो तेजाबी पदार्थ ज्यादा मात्रा में निकालते हैं जो हमारे पेट और आंतो के बीच की झिल्ली को जला देते हैं। धीरे -धीरे अंदर वाली झिल्ली में घाव हो जाते हैं।
अल्सर की तकलीफ पेट की गैस व अफारे से बिलकुल अलग है। अल्सर से पेट भारी -भारी लगता है ,जिसके कारण मरीज इसे गैस की तकलीफ से अलग नहीं कर पाता है। इस तकलीफ में हमारे पेट में अमाशय और खाने वाली नली (फ़ूड पाइप )के नीचे वाली जगह जहां पेट शुरू होता है ,वहां घाव हो जाता है ,इसे ही अल्सर कहा जाता है। जब यह घाव पेट में हो तो गैस्ट्रिक अल्सर और आंत में हो तो पैप्टिक अल्सर कहा जाता है।
अल्सर के कारण --1 जो लोग किसी कारणवश खून की कमी का शिकार हो जाते हैं ,उन्हें तेजाबी मैदा ज्यादा होता है ,यही तत्व अल्सर पैदा करता है।
2 तेज पेन किलर खाने से अंदर वाली झिल्ली की सहन शक्ति खत्म हो जाती है और उसमें घाव हो जाते हैं।
3 आंत में पेट की सूजन से अंदर की झिल्ली नष्ट हो जाती है।
4 अधिक मात्रा में शराब का सेवन ,ज्यादा सिगरेट पीना ,पान मसाला ,तेज मसालेदार भोजन जैसी सभी चीजें भी अल्सर होने के लिए जिम्मेदार हैं।
इलाज ---अल्सर के इलाज में देरी से नुकसान हो सकता है। अगर अल्सर में खून आ रहा हो ,तो पहले खूनरोका जाता है। तेज मसालेदार भोजन ,शराब ,सिगरेट पीना बंद कर दे। बीमारी में ज्यादा घबराये नहीं। यदि मरीज तनाव नहीं छोड़ेगा तो उतना ही तेजाबी मैदा निकलेगा और अल्सर से आराम कम हो जाएगा। मरीज को यह बात पहले ही सोच लेनी चाहिए कि यह बीमारी धीरे -धीरे ठीक होती है। संतुष्टि रखें।
अल्सर की तकलीफ पेट की गैस व अफारे से बिलकुल अलग है। अल्सर से पेट भारी -भारी लगता है ,जिसके कारण मरीज इसे गैस की तकलीफ से अलग नहीं कर पाता है। इस तकलीफ में हमारे पेट में अमाशय और खाने वाली नली (फ़ूड पाइप )के नीचे वाली जगह जहां पेट शुरू होता है ,वहां घाव हो जाता है ,इसे ही अल्सर कहा जाता है। जब यह घाव पेट में हो तो गैस्ट्रिक अल्सर और आंत में हो तो पैप्टिक अल्सर कहा जाता है।
अल्सर के कारण --1 जो लोग किसी कारणवश खून की कमी का शिकार हो जाते हैं ,उन्हें तेजाबी मैदा ज्यादा होता है ,यही तत्व अल्सर पैदा करता है।
2 तेज पेन किलर खाने से अंदर वाली झिल्ली की सहन शक्ति खत्म हो जाती है और उसमें घाव हो जाते हैं।
3 आंत में पेट की सूजन से अंदर की झिल्ली नष्ट हो जाती है।
4 अधिक मात्रा में शराब का सेवन ,ज्यादा सिगरेट पीना ,पान मसाला ,तेज मसालेदार भोजन जैसी सभी चीजें भी अल्सर होने के लिए जिम्मेदार हैं।
इलाज ---अल्सर के इलाज में देरी से नुकसान हो सकता है। अगर अल्सर में खून आ रहा हो ,तो पहले खूनरोका जाता है। तेज मसालेदार भोजन ,शराब ,सिगरेट पीना बंद कर दे। बीमारी में ज्यादा घबराये नहीं। यदि मरीज तनाव नहीं छोड़ेगा तो उतना ही तेजाबी मैदा निकलेगा और अल्सर से आराम कम हो जाएगा। मरीज को यह बात पहले ही सोच लेनी चाहिए कि यह बीमारी धीरे -धीरे ठीक होती है। संतुष्टि रखें।
बात पते की 17/7/2018 - Hindi Quotes
- शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाए पर हथौड़ा तो ठंडा रहकर ही काम दे सकता है।- सरदार वल्ल्भभाई पटेल
- जब प्रेम की शक्ति ,शक्ति के प्रेम पर हावी हो जाएगी तब दुनिया को पता चलेगा कि शांति किस चिड़िया का नाम है। -जिमी हेंड्रिक्स
- किताबों में इतना खजाना छुपा है ,जितना कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता।- वाल्ट डिज्नी
- सत्य निःशब्द है और कुछ प्रश्नों के उत्तर केवल मौन में दिए जा सकते हैं। मुनिश्री तरुणसागर
- महान और शक्तिशाली क्रांतियां प्रायः बहुत चुपचाप शुरू होती हैं।- रिशिएल मीड
- कोई बेहद मामूली -सा शब्द भी एक विशेष संदर्भ और परिप्रेक्ष्य पाकर अपूर्व आभा से भर उठता है। -राबेर ब्रेनसा
- काम वह वस्तु नहीं है ,जिससे किसी व्यक्ति की पराजय होती है ,वास्तव में वह वस्तु चिंता है। -हेनरी वार्ड बीचर
- खड़े होकर बोलने में तो साहस लगता ही है पर नीचे बैठकर चुपचाप सुनने के लिए भी साहस की जरूरत होती है।- विस्टन चर्चिल
- शांति कोई राष्ट्रों के बीच का रिश्ता नहीं है। यह तो मन की स्थिति है जो आत्मा की गहराई से आती है। -जवाहरलाल नेहरू
- जीवन में दुखद बात यह है कि हम बड़े तो जल्दी हो जाते हैं ,लेकिन समझदार देर से होते हैं। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
निराशाजनक स्थिति में हालात नहीं अपना नजरिया बदलें।
निराशा से बचने का एक तरीका यह है कि किसी से कोई उम्मीद मत रखिए। इसके लिए कुछ सुझाव है -
- अच्छी बातों को याद रखिए और बुरी बातों को भूल जाइये। अच्छे और बुरे का चुनाव अपनी मर्जी से कीजिए। दूसरों से प्रभावित मत होइए।
- लगातार उलझन में हैं तो एक ब्रेक लीजिए। कुछ समय के लिए बिलकुल अलग काम कीजिए। इससे चीजों को देखने का न्य नजरिया मिलता है।
- हर परिस्थिति को बदला नहीं जा सकता। अपना ध्यान उन्हीं पर केंद्रित कीजिए ,जिन्हें बदल सकते हैं। जिन्हें नहीं बदल सकते ,उन्हें देखने का नजरिया बदलिए। हालात खुद बदल जाएंगे।
- बीते हुए समय से सीखते हैं जबकि आने वाला समय हमें योजना बनाने का अवसर देता है। लेकिन इनके बारे में कोई नकारात्मक विचार आते ही अभी नये पर ध्यान केंद्रित कीजिए।
- खुद पर भरोसा करेंगे ,तभी दुनिया आप में भरोसा करेगी। अपनी क्षमता को कभी कमतर मत आंकिए।
Sunday, July 15, 2018
बात पते की 16/7/2018 - Hindi Quotes
- रौशनी फैलाने के दो तरीके हैं -या तो मोमबत्ती बन जाइये या आईना। -एडोथ वार्टन
- हमारी ईर्ष्या उन लोगों की प्रसन्नता से ज्यादा टिकती है ,जिनसे हम ईर्ष्या करते हैं।- हेराक्लाइटस
- गरीब वह नहीं जिसके पास कम है ,बल्कि धनवान होते हुए भी जिसकी इच्छा कम नहीं हुई है ,वह सबसे गरीब है।- आचार्य विनोबा भावे
- धर्म पर प्रवचन देना तो आसान पर इसे जीवन में उतारना कठिन है।- रामकृष्ण परमहंस
- प्रेम ऐसी शक्ति है ,जो असमानता में समानता देखने की योग्यता देती है।- थियोडोर एडोर्नो
- किसी विवाद में जिस क्षण हमें गुस्सा आता है उसी क्षण हम सच की तलाश छोड़ खुद को थोपना शुरू कर देते हैं। -गौतम बुद्ध
- यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा सही राह पर चले तो राह दिखाने के साथ चलकर भी दिखाएं। -जेए रोसंकरंज
- जब यह लगे कि लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता तो लक्ष्य बदलने की बजाय प्रयासों में बदलाव लाएं। -कन्फ्यूशियस
- हमेशा सादगी व सरलता से ही अदभुत चीजों का जन्म होता है।- अमेलिया बार
- मन जितना शक्तिशाली और मौलिक होगा उतना वह मौन की और झुकता जायेगा।- एल्डस हकसली
दुनिया का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसा देश है ,जो भारत के एक छोटे -से जिले से भी बहुत छोटा है। वेटिकन सिटी का क्षेत्रफल केवल 0 `4 वर्ग किलोमीटर है। यहां पर रहने वालों की संख्या लगभग 1000 के आसपास है। वेटिकन सिटी आर्थिक ,सामाजिक ,राजनैतिक दृष्टि से सुदृढ़ है। यह एक स्वतंत्र देश है। यहां पर रोमन कैथोलिक धर्म को विशेष महत्व प्राप्त है। वेटिकन सिटी और यहां के रोमन कैथोलिक को इटली में 1984 में धर्मसंधि के दौरान विशेष स्थान मिला।
वेटिकन सिटी विकसित देशों की श्रेणी में आता है। यहां पर धर्म की पूरी स्वतंत्रता है। वेटिकन सिटी की भौगोलिक स्थिति बहुत अच्छी है। यहां की राजधानी का नाम 'वेटिकन सिटी 'है। यहां पर मुख्यतः इटालियन ,लेटिन ,फ्रेंच और अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं।
वेटिकन छोटा जरूर है ,परन्तु एयरपोर्ट ,रेलवे स्टेशन ,बस स्टॉप ,इंटरनेट की सुविधाएं किसी भी विकसित राष्ट्र की तुलना में कण नहीं हैं।
वेटिकन सिटी में यूरो मुद्रा का चलन है। यहां पर काइन ,मेडल्स ,पोस्टेज स्टाम्प आदि की छपाई की जाती है ,जिससे विश्व बैंकिंग में वेटिकन सिटी को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
वेटिकन सिटी विकसित देशों की श्रेणी में आता है। यहां पर धर्म की पूरी स्वतंत्रता है। वेटिकन सिटी की भौगोलिक स्थिति बहुत अच्छी है। यहां की राजधानी का नाम 'वेटिकन सिटी 'है। यहां पर मुख्यतः इटालियन ,लेटिन ,फ्रेंच और अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं।
वेटिकन छोटा जरूर है ,परन्तु एयरपोर्ट ,रेलवे स्टेशन ,बस स्टॉप ,इंटरनेट की सुविधाएं किसी भी विकसित राष्ट्र की तुलना में कण नहीं हैं।
वेटिकन सिटी में यूरो मुद्रा का चलन है। यहां पर काइन ,मेडल्स ,पोस्टेज स्टाम्प आदि की छपाई की जाती है ,जिससे विश्व बैंकिंग में वेटिकन सिटी को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
Saturday, July 14, 2018
बात पते की 14/07/2018 - Hindi Quotes
- चरित्र दो बातों से परिलक्षित होता है ,एक आपकी विचारधारा और दूसरा आपके समय बिताने के ढंग से। -हर्बर्ट
- जब मन सच्चा होता है तो ख़ुशी हमारी परछाई की तरह हमसे जुड़ जाती है और कभी नहीं जाती। -भगवान बुद्ध
- हम क्या चाहते हैं ,यह जाने बिना इसे पाने के लिए जी -जान लगा देना ही दुःख है।- डान हेराल्ड
- विज्ञानं में ज्ञान का उदय होने के बाद विश्वास उत्पन्न होता है। आध्यात्म में विश्वास पहले उत्पन्न होता है और ज्ञान उसके बाद आता है। -श्री श्री रविशंकर
- आत्मविश्वास बढ़ाने की एक कारगर रीति यह है कि वही काम करो ,जिसे करते हुए भय लगता है।- डेल कारनेमी
- हजारों युद्धों में विजय प्राप्त करने से बेहतर है स्वयं पर विजय प्राप्त करना। यह एकमात्र ऐसी जीत है ,जिसे आपसे कभी भी छीना नहीं जा सकता है। -गौतम बुद्ध
- जो चापलूसी करना जानता है वह बदनाम करना भी जानता है। -नेपोलियन बोनापार्ट
- प्रसिद्धि वह प्यास है ,जो कभी बुझती नहीं। अगस्त्य ऋषि की तरह सागर को पीकर भी शांत नहीं होती। -प्रेमचंद
- सुखद दाम्पत्य के लिए जरूरी है कि जब पति क्रोध में आग बने तो पत्नी पानी बन जाए और पत्नी कभी अंगार बने तो पति जलधार हो जाए। -मुनिश्री तरुणसागर
- हमारी अधिकतर बाधाए स्वतः समाप्त हो जाएंगी ,यदि उनके सामने घुटने टेकने की बजाय उनसे निडरतापूर्वक निपटने का मन बना लें। -स्वेट मार्डेन
बात पते की 15/07/2018 - Hindi Quotes
- संसार एक कड़वा वृक्ष है ,इसके दो ही फल मीठे हैं -एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति। -चाणक्य
- असली प्रसन्नता सुविधाएं जुटाने या यशगान सुनने से नहीं ,बल्कि उपयोगी कार्य करने से मिलती है।- विल्फ्रेड ग्रेनफ्रेल
- साहस और दृढ़ निश्चय जादुई तावीज है ,जिमके आगे कठिनाइया दूर हो जाती हैं और बाधाएं उड़न -छू हो जाती हैं।
- विशाल सम्पत्ति किसी सम्मेलन में एकत्रित भीड़ की तरह इकट्ठी होती है और फिर गायब हो जाती है। -तिरुवल्लुवर
- गुणवत्ता प्रचुरता से अधिक महत्वपूर्ण है। जैसे एक छक्का दो - दो रन बनाने से कहीं बेहतर है। -स्टीव जॉब्स
- हम एक ही नदी में दो बार कदम नहीं रख सकते। संसार सतत परिवर्तनशील है। -हेराक्लाइटस
- सादगी ,अच्छाई और सत्य के बिना महानता की कल्पना भी नहीं की जा सकती।- लियो टालस्टाय
- चरित्र में ऐसी सहज क्षमता होनी चाहिए कि जो त्याज्य है वह बिना लोभ के त्याग सके। -टैगोर
- असली गलती तो वह होती है जिससे हम कुछ सीखते नहीं हैं।- जॉन पावेल
- संसार में सबसे निकृष्ट व्यक्ति वे हैं जो अपना कर्तव्य तो जानते हैं ,लेकिन उनका पालन नहीं करते। -रेवरेंड हेनरी मार्टेन
ऐसे यादगार पल जिनसे सोचने के तरीके में आ सकता है बदलाव।
जिन्दगी में कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन्हें याद रखने से सोच में या सोचने के तरीके में बदलाव लाया जा सकता है। ऐसी ही कुछ बातों के बारे में आज बताया जा रहा है। यह आपके लिए फायदेमंद रिमाइंडर बन सकते हैं - 1 1जीवन में जो कुछ होता है वे आपको आगे बढ़ने में मददगार रहता है ,फिर चाहे अभी आप चीजों को सामने देखने में विफल हो रहे हैं।
2 लोगो और परिस्थितियों के बारे में जैसा आप आज सोच रहे हैं समय के साथ उसमे भी बदलाव आने लगता है और यही ठीक भी है। ऐसा होना चाहिए। इसके बारे में ज्यादा न सोचिए।
3 आप कितना खुश रहते हैं ,यह बात आपके विचारों पर निर्भर करती है। जैसी सोच ,वैसा जीवन बन जाएगा। 4 जिंदगी में एक पल को भी बर्बाद न करें। आपका जन्म ही दूसरे लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए हुआ है। निश्चित ही किसी न किसी के जीवन में बदलाव आएगा।
5 चाहे आपने अब तक काफी बदलाव कर लिए हैं ,लेकिन भविष्य में आपको ज्यादा बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे। खुद को इन बदलावों के लिए तैयार रखिए।
6 आपको जो भी जरूरतें हैं उन्हें पूरा कीजिए ,क्योंकि खुद की जरूरतों को पूरा करके आप अपनी और दूसरों की जरूरतों को पूरा करने के काबिल बन सकेंगे।
7 जैसे ही कहा जाता है कि भगवान ने सब कुछ पहले से ही तय किया हुआ है। इसलिए वे आपकी जिंदगी में लोगों को भेजता है। आपके जीवन में आने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से आता है। बिना कारण कुछ नहीं होता है।
8यह जीवन का सबसे बड़ा सत्य है। जो लोग सबसे ज्यादा शिकायत करते हैं ,वे सभी लोग जीवन में सबसे कम हासिल करते हैं। यह नियम सिर्फ प्रोफेशनल जिन्दगी में लागू नहीं होती है। निजी जिंदगी में बार -बार एक दूसरे को शिकायत करने से रिश्तों में कड़वाहट आती है।
2 लोगो और परिस्थितियों के बारे में जैसा आप आज सोच रहे हैं समय के साथ उसमे भी बदलाव आने लगता है और यही ठीक भी है। ऐसा होना चाहिए। इसके बारे में ज्यादा न सोचिए।
3 आप कितना खुश रहते हैं ,यह बात आपके विचारों पर निर्भर करती है। जैसी सोच ,वैसा जीवन बन जाएगा। 4 जिंदगी में एक पल को भी बर्बाद न करें। आपका जन्म ही दूसरे लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए हुआ है। निश्चित ही किसी न किसी के जीवन में बदलाव आएगा।
5 चाहे आपने अब तक काफी बदलाव कर लिए हैं ,लेकिन भविष्य में आपको ज्यादा बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे। खुद को इन बदलावों के लिए तैयार रखिए।
6 आपको जो भी जरूरतें हैं उन्हें पूरा कीजिए ,क्योंकि खुद की जरूरतों को पूरा करके आप अपनी और दूसरों की जरूरतों को पूरा करने के काबिल बन सकेंगे।
7 जैसे ही कहा जाता है कि भगवान ने सब कुछ पहले से ही तय किया हुआ है। इसलिए वे आपकी जिंदगी में लोगों को भेजता है। आपके जीवन में आने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से आता है। बिना कारण कुछ नहीं होता है।
8यह जीवन का सबसे बड़ा सत्य है। जो लोग सबसे ज्यादा शिकायत करते हैं ,वे सभी लोग जीवन में सबसे कम हासिल करते हैं। यह नियम सिर्फ प्रोफेशनल जिन्दगी में लागू नहीं होती है। निजी जिंदगी में बार -बार एक दूसरे को शिकायत करने से रिश्तों में कड़वाहट आती है।
Friday, July 13, 2018
कोई भी व्यक्ति ख़ुशी या उत्साह के बिना जीवित नहीं रह सकता।
ये विचार हैं -महान विद्वान सेंट थामस एक्विनास के -जो मध्ययुग के सबसे महान राजनीतिक विचारक माने जाते थे। इन्होंने जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है। आइये जाने कुछ महत्वपूर्ण बिंदु -
- जिन चीजों से हम प्यार करते हैं उन्हीं से पता चलता है कि हम कौन हैं।
- अच्छाई ,बुराई के बिना रह सकती ,लेकिन बुराई कभी अच्छाई के बिना नहीं रह सकती हैं।
- दुनिया में दोस्ती से ज्यादा बहुमूल्य या कीमती कुछ भी नहीं हैं।
- जरूरी नहीं कि मुशिकल काम करने से ही फायदा होता है या सफलता मिलती है।
- मनुष्य को कभी चीजों में सुख नहीं तलाशना चाहिए। ये दुनियादारी की चीजें हैं। इसलिए जब किसी को इनकी आवश्यकता हो तो ें चीजों को उनके साथ बांटिए।
- अच्छा जीवन जीने के लिए काम में अच्छा होना जरूरी है। अपनी गतिविधियों को अच्छा रखिए।
- मनुष्य द्वारा किये जाने वाले सभी प्रयास आपको एक नई और ऊंची उड़ान भरने से रोक नहीं सकता है।
- अगर कप्तान का केंद्र जहाज को सुरक्षित रखना है तो वह जहाज को कभी समुन्द्र में नहीं उतरने देगा। उसे पोर्ट में ही रखेगा।
- मनुष्य को तीन बातें जानना जरूरी हैं -पहला ,किन चीजों की ख्वाहिश रखनी है। दूसरा ,किन बातों में विश्वास करना चाहिए। तीसरा ,कौन -से काम करने चाहिए।
- कोई भी व्यक्ति ख़ुशी या उत्साह के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इसलिए अगर मनुष्य को उत्साह न मिले तो उसका रुझान दूसरी चीजों की तरफ होने लगता है।
जो लोग आपको खुशियां देते हैं उनके प्रति हमेशा शुक्रगुजार रहिए।
(जो लोग ---शुक्रगुजार रहिए) -ये विचार हैं मार्सल प्रुस्त के -जो फ्रेंच भाषा के उपन्यासकार ,आलोचक और निबंधकार माने गए हैं।इन्होनें जीवन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला है -
- खोज का मतलब नई चीजों की तलाश करना नहीं होता ,बल्कि आसपास की चीजों को अलग नजरिए से देखना भी है।
- खुश रहना शरीर के लिए जरूरी है। लेकिन नई चीजों को जानने की तड़प होने से दिमाग का विकास होता है। ख़ुशी मिलती है।
- मनुष्य ज्यादातर मुश्किल निर्णय ऐसी स्थिति में लेता है जो लम्बे वक्त तक नहीं रहती है।
- कभी -कभी सपने देखना खतरनाक है तो उसका तोड़ यह नहीं कि सपने देखना ही छोड़ दें। सपने देखे। ज्यादा सपने देखें। हर वक्त ,हर समय सपनों की दुनिया में रहें।
- खुशियां बड़ा काम नहीं करती हैं ,लेकिन वे उदासी को करीब आने नहीं देती हैं।
- कभी भी चीजों की गहराई में उतरने से डरिए नहीं ,क्योंकि सच हमेशा सबसे नीचे ही कहीं दबा होता है।
- ज्यादातर लोग समझदारी की बातें या ज्ञान तभी बांटते है जब वे उदास होते हैं।
- बुद्धि कभी किसी से मिल नहीं सकती ,न ही आप इसे किसी से ले सकते हैं। यह ऐसा सफर है जिसपर आपको खुद और अकेले ही चलना पड़ता है।
- ज्यादातर समझदार लोग साधारण बातों को साधारण तरीके से कहने में विफल होते हैं।
- जो लोग आपको खुशियां देते हैं उनके प्रति हमेशा शुक्रगुजार रहिए। ऐसे लोग माली की तरह होते हैं जो हमारी जिंदगी में तरह -तरह के सुंदर फूल लगाते हैं।
खुद को इन बातों से करिए आजाद।
जीवन में हम कुछ बातों को ज्यादा अहमियत दे देते हैं,लेकिन वे त्याज्य होती हैं। आइये जाने कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिनको छोड़ना आवश्यक हो जाता है -
- गुस्सा ज्यादा आता है तो सबसे पहले अपनी इस आदत में सुधार लाने की कोशिश करें,क्योंकि कई बार थोड़ी परेशानी में भी बड़ी गलती कर बैठते हैं।
- छोटे- छोटेमनमुटाव को जाने दीजिए। जिंदगी छोटी है। बेकार बातों को लेकर परेशान होने से कोई फायदा नहीं है।
- बदलाव लाना मुश्किल होता है,लेकिन यह जरूरी है। जो विचार पुराने हो चुके हैं ,उन्हें जाने दीजिए।
- इस विचार को भी अपने दिल से जाने दें कि आपकी तुलना में दूसरा व्यक्ति ज्यादा कमजोर है। हर व्यक्ति मजबूत होता है। कोई भी कमजोर नहीं है।
- इस विचार को खुद से अलग कर दें की दूसरे लोगों के पास आपसे बेहतर चीजें हैं। क्योंकि जैसा आप सोच रहे हैं ,वैसा ही अगला व्यक्ति भी जरूर सोच रहा होगा।
- इस विचार को भी छोड़ दे कि सभी लोग आपको पसंद करें ही। ये मुमकिन नहीं। इसे छोड़ दे।
- बहुत बार हम दूसरों की जरूरतों को खुद से आगे रख देते हैं। यह गलत है। खुद की जरूरतों को प्राथमिकता दें।
- जो बातें कल हो चुकी हैं उन्हें जाने दीजिए ,क्योंकि आप वह इंसान नहीं है जैसा आपके साथ हुआ है। आप वही बनते हैं जैसा आप बनना चाहते हैं।
- बाहरी चीजों में खुशियां न तलाशें। खुशियां मनुष्य के भीतर होती हैं। इन्हें भीतर ही तलाशें।
- गलत चीजों पर विश्वास है तो उन्हें खुद से अलग कर दीजिए। हर कुछ समय के बाद रुकिए और खुद से पूछिए कि सच क्या है ?
Thursday, July 12, 2018
गरीबी उदास करती है तो यह बुद्धिमान भी बनाती है।
गरीबी उदास ------बनाती है।- ये विचार हैं -विख्यात कवि और नाटककार बर्टोल्ट ब्रेख्त के ,जो जर्मनी से संबंध रखते थे। उन्होंने दर्शन ,राजनीति और धर्म के बारे में काफी कुछ लिखा है। जानिए उन्ही की जुबान से कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां -
*सभी ख़ुशी के पीछे भागते हैं ,जबकि वे नहीं जानते कि ख़ुशी उनके कदमों के नीचे है।
*मौत से डरो मत ,यह आधे -अधूरे जीवन की तुलना में कम भयावह होती है।
*कानून बनाने का एकमात्र उद्देश्य उन लोगों का शोषण करना ,जो इनके बारे में नहीं जानते। ताकि वे चुपचाप अपने दुखों को सहते रहें।
*कई बार अपनी इच्छा को पूरा करने के बजाय एक इंसान बनना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
*अगर अच्छाई की मांग नहीं होगी तो लोग ज्यादा समय तक अच्छे नहीं बनना चाहेंगे।
*बुद्धिमत्ता का अर्थ कोई गलती न करना नहीं है ,बल्कि आप कितनी जल्दी गलती को सुधारते हैं ,वह बुद्धिमत्ता है।
*लोग वहीं के वहीं बने रहते हैं ,तब भी ,जबकि उनके मुखौटे निकल चुके होते हैं।
*लालची व्यवहार से भयानक कुछ भी नहीं।
*जो लोग सच नहीं जानते हैं वह कठपुतली होते हैं ,लेकिन जिन लोगों को सत्य का पता होता है और वे इसे झूठ कहते हैं ,वह इस दुनिया में सबसे बड़े अपराधी हैं।
*ज्ञान की दुनिया भी अजीब है। यहां सिखाने वाले अध्यापक खुद भी सीखते हैं कि क्या सिखाना है।
*सभी ख़ुशी के पीछे भागते हैं ,जबकि वे नहीं जानते कि ख़ुशी उनके कदमों के नीचे है।
*मौत से डरो मत ,यह आधे -अधूरे जीवन की तुलना में कम भयावह होती है।
*कानून बनाने का एकमात्र उद्देश्य उन लोगों का शोषण करना ,जो इनके बारे में नहीं जानते। ताकि वे चुपचाप अपने दुखों को सहते रहें।
*कई बार अपनी इच्छा को पूरा करने के बजाय एक इंसान बनना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
*अगर अच्छाई की मांग नहीं होगी तो लोग ज्यादा समय तक अच्छे नहीं बनना चाहेंगे।
*बुद्धिमत्ता का अर्थ कोई गलती न करना नहीं है ,बल्कि आप कितनी जल्दी गलती को सुधारते हैं ,वह बुद्धिमत्ता है।
*लोग वहीं के वहीं बने रहते हैं ,तब भी ,जबकि उनके मुखौटे निकल चुके होते हैं।
*लालची व्यवहार से भयानक कुछ भी नहीं।
*जो लोग सच नहीं जानते हैं वह कठपुतली होते हैं ,लेकिन जिन लोगों को सत्य का पता होता है और वे इसे झूठ कहते हैं ,वह इस दुनिया में सबसे बड़े अपराधी हैं।
*ज्ञान की दुनिया भी अजीब है। यहां सिखाने वाले अध्यापक खुद भी सीखते हैं कि क्या सिखाना है।
Wednesday, July 11, 2018
मनुष्य जन्म क्यों लेता है ?
न्यायदर्शन का मत है कि संसार में मनुष्य के जन्म का मुख्य कारण है -उसके पूर्व संस्कार और शेष संचित कर्म। अज्ञानता के कारण दोष उत्पन्न होते हैं और दोष के कारण प्रवृति बन जाती है। यह प्रवृति है जिसके कारण जन्म होता है और सब दुखों का कारण जन्म ही है। जब तक अज्ञानता दूर नहीं होगी यह जन्म -मरण का अनादि चक्र चलता ही रहेगा। अज्ञानता ,अविद्या ,अंधकार के हटने पर ही मुक्ति मिलती है और परान्तकाल तक जीवात्मा आनंद का भोग करता है।
मनुष्य स्वयं जन्म नहीं लेता। ये उसके कर्म ही हैं जो उसे जन्म होने पर विवश करते हैं। जन्म कब -कहां -कैसे होना है यह मनुष्य के वश में नहीं है। ईश्वर ही सर्वज्ञ है ,न्यायकारी है। मनुष्य के वर्तमान जीवन में किये कर्मों के आधार पर तथा पूर्व -जन्मों के संचित कर्मानुसार ईश्वर -व्यवस्था में मनुष्य को जन्म मिलता है। मनुष्य अगर वर्तमान जीवन से अपने कर्मों पर ध्यान दे तो वह अपने कर्मों में सुधार लाकर जीवन सफल कर सकता है और ईश्वर की उपासना से सद्ज्ञान की प्राप्ति करके मोक्ष का भागी बन सकता है और जन्म -मरण के बंधनों से मुक्त हो सकता है।
मनुष्य स्वयं जन्म नहीं लेता। ये उसके कर्म ही हैं जो उसे जन्म होने पर विवश करते हैं। जन्म कब -कहां -कैसे होना है यह मनुष्य के वश में नहीं है। ईश्वर ही सर्वज्ञ है ,न्यायकारी है। मनुष्य के वर्तमान जीवन में किये कर्मों के आधार पर तथा पूर्व -जन्मों के संचित कर्मानुसार ईश्वर -व्यवस्था में मनुष्य को जन्म मिलता है। मनुष्य अगर वर्तमान जीवन से अपने कर्मों पर ध्यान दे तो वह अपने कर्मों में सुधार लाकर जीवन सफल कर सकता है और ईश्वर की उपासना से सद्ज्ञान की प्राप्ति करके मोक्ष का भागी बन सकता है और जन्म -मरण के बंधनों से मुक्त हो सकता है।
बात पते की 12/7/2018 - Hindi Quotes
1.
हमारी
आकांक्षाए जीवन रूपी
भाप को इंद्रधनुष
का रूप दे
देती हैं।- रवीन्द्रनाथ
टैगोर
2.
असंतोष
ही किसी व्यक्ति
अथवा राष्ट्र की
उन्नति का प्रथम
चरण है। -ऑस्कर
वाइल्ड
3.
इरादे
आपको भविष्य में
धकेलते हैं ,परन्तु
आनंद हमेशा वर्तमान
में है। -श्री
श्री रविशंकर
4.
जो
मनुष्य अपनी विद्या
और ज्ञान को
कार्यरूप में परिणत
कर सकता है
,वह दर्जनों कल्पनाएं
करने वालों से
श्रेष्ठ है। -इमरसन
5.
वहां
नहीं जाएं जहां
राह ले जाए।
वहां जाएं जहां
कोई राह न
हो और अपनी
छाप छोड़ जाएं।
-राल्फ वाल्डो इमरसन
6.
बच्चों
को शिक्षा देने
का श्रेष्ठ तरीका
यह है कि
उनकी इच्छा का
पता लगा कर
फिर उन्हें वही
करने की सलाह
दी जाए। -हैरी
ट्रूमैन
7.
जीवन
का उत्तम उपयोग
है इसे ऐसा
कुछ करने में
बिताना ,जो इससे
अधिक स्थायी हो।
-विलियम जेम्स
8.
अच्छी
किताब जादुई कालीन
की तरह हमे
उस दुनिया की
सैर कराती हैं,
जहां हम अन्य
किसी माध्यम से
प्रवेश नहीं कर
सकते। -कैरोलिन गाडरोंन
9.
सच्चे
मित्र मुश्किल से
मिलते हैं ,कठिनता
से छूटते हैं
और भुलाए नहीं
भूलते। -जी रैंडोल्फ
10.
आत्मविश्वास
में वह शक्ति
होती है ,जिसके
सहारे हम सहस्र
विपत्तियों का सामना
कर उन पर
विजय प्राप्त कर
सकते हैं। -स्वेट
मार्डेन
11.
महान
विचार जब क्रिया
के सांचे में
ढल जाते हैं
तो महान रचनाओं
की पदवी प्राप्त
कर लेते हैं।
-हेजलीट
जीवन में पंचदेव पूजा का महत्व -
पंचदेव पूजा का वर्णन करने से पहले हम देव शब्द का अर्थ जानना चाहेंगें। देव शब्द का अर्थ है -देने वाला ;ज्ञान देने वाला ,भोजन देने वाला ,प्रकाश देने वाला आदि। देवी, देवता शब्द देव के ही पर्यायवाची हैं।
सूर्य ,चंद्र ,अग्नि ,वायु ,जल ,पृथ्वी आदि देवता जड़ हैं। जड़ वह पदार्थ होता है जिसे ज्ञान न हो। जड़ पदार्थ की पूजा का कोई मतलब नहीं बनता। हां ,हवन यज्ञ करके जल और वायु की शुद्धि करनी चाहिए जिससे सभी प्राणियों को सुख मिले।
पूजनीय देव पांच हैं -
1 माता -संतानों को तन ,मन ,धन से सेवा करके माता को प्रसन्न रखना ,ताड़ना कभी न करना।
2 पिता -संतानों को अपने पिता की भी माता के समान तन ,मन ,धन से सेवा करनी चाहिए।
3 आचार्य -जो विद्या और सुशिक्षा का देने वाला है उसकी तन ,मन ,धन से सेवा करना।
4 अतिथि -जो विद्वान् ,धार्मिक ,निष्कपटी ,सबकी उन्नति चाहने वाला ,सत्य उपदेश से सबको सुखी करता है उसकी सेवा करनी चाहिए।
5 स्त्री के लिए पति और पुरुष के लिए अपनी पत्नी पूजनीय है।
ये पांच मूर्तिमान देव हैं जिनके संग से मनुष्य शरीर की निर्माण ,पालन ,सत्यशिक्षा ,विद्या और सत्योपदेश की प्राप्ति होती है। इनकी सेवा ही पंचदेव पूजा या पंचायतन पूजा है।
परमेश्वर भी देव है। वह सबसे बड़ा महादेव है। ईश्वर निराकार ,अन्तर्यामी ,अजन्मा ,ज्ञानवान ,न्यायकारी और आनंदस्वरूप है। उसके समीप जाने से वैसे आनंद की प्राप्ति होती है जैसे सर्दी में ठिठुरते हुए को आग के पास जाने से सुख मिलता है। पवित्र मन से उस ईश्वर का ध्यान करने से उसकी समीपता अनुभव होती है।
सूर्य ,चंद्र ,अग्नि ,वायु ,जल ,पृथ्वी आदि देवता जड़ हैं। जड़ वह पदार्थ होता है जिसे ज्ञान न हो। जड़ पदार्थ की पूजा का कोई मतलब नहीं बनता। हां ,हवन यज्ञ करके जल और वायु की शुद्धि करनी चाहिए जिससे सभी प्राणियों को सुख मिले।
पूजनीय देव पांच हैं -
1 माता -संतानों को तन ,मन ,धन से सेवा करके माता को प्रसन्न रखना ,ताड़ना कभी न करना।
2 पिता -संतानों को अपने पिता की भी माता के समान तन ,मन ,धन से सेवा करनी चाहिए।
3 आचार्य -जो विद्या और सुशिक्षा का देने वाला है उसकी तन ,मन ,धन से सेवा करना।
4 अतिथि -जो विद्वान् ,धार्मिक ,निष्कपटी ,सबकी उन्नति चाहने वाला ,सत्य उपदेश से सबको सुखी करता है उसकी सेवा करनी चाहिए।
5 स्त्री के लिए पति और पुरुष के लिए अपनी पत्नी पूजनीय है।
ये पांच मूर्तिमान देव हैं जिनके संग से मनुष्य शरीर की निर्माण ,पालन ,सत्यशिक्षा ,विद्या और सत्योपदेश की प्राप्ति होती है। इनकी सेवा ही पंचदेव पूजा या पंचायतन पूजा है।
परमेश्वर भी देव है। वह सबसे बड़ा महादेव है। ईश्वर निराकार ,अन्तर्यामी ,अजन्मा ,ज्ञानवान ,न्यायकारी और आनंदस्वरूप है। उसके समीप जाने से वैसे आनंद की प्राप्ति होती है जैसे सर्दी में ठिठुरते हुए को आग के पास जाने से सुख मिलता है। पवित्र मन से उस ईश्वर का ध्यान करने से उसकी समीपता अनुभव होती है।
Tuesday, July 10, 2018
बात पते की 11/7/2018 - Hindi Quotes
1. करोड़ों रुपए खर्च करने पर भी आयु का एक भी पल प्राप्त नहीं किया जा सकता। -पीयरशेक्स
2. जीवन में दो विकल्प होते हैं -स्थितियों को उसी रूप में स्वीकार करना या उन्हें बदलने का उत्तरदायित्व स्वीकार करना। -डेनिस वेटले
3. बलिदान वहीं कर सकता है ,जो निर्भय है और जिसके विचार शुद्घ हैं। -महात्मा गांधी
4. सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति वे नहीं जो अवसरों की बाट जोहते हैं ,बल्कि वे हैं जो अवसरों को अपना दास बना लेते हैं। -ई,एच ,चेपिन
5. जो लुटाओगे वही लौट कर आएगा। फूल लुटाओगे तो फूल मिलेंगे और कांटे लुटाओगे तो कांटे। -मुनि श्री तरुणसागर
6. यदि लक्ष्य को प्राप्त करने में कठिनाई हो ,तो उसमें फेरबदल करने की बजाय अपने प्रयासों में बदलाव लाएं।- कन्फ्यूशियस
7. जीवन का उत्तम उपयोग है ,इसे ऐसा कुछ करने में बिताना ,जो जीवन से अधिक स्थायी हो। -विलियम्स जेम्स
8. कहते हैं समय के साथ परिस्थितियां बदल जाती हैं ,लेकिन वास्तव में उन्हें आपको स्वयं ही बदलना होता है। -एंडी वारहोल
9. आत्मा को पतन की ओर ले जाने वाले तीन ही मार्ग हैं -कामातुरता ,क्रोध और मोह ,अतः ये तीनों ही त्याज्य हैं। -गीता
10. एक स्वस्थ शरीर आत्मा के लिए अतिथिशाला के समान है और अस्वस्थ शरीर बंदीगृह के समान। -फ्रांसिस बेकन
2. जीवन में दो विकल्प होते हैं -स्थितियों को उसी रूप में स्वीकार करना या उन्हें बदलने का उत्तरदायित्व स्वीकार करना। -डेनिस वेटले
3. बलिदान वहीं कर सकता है ,जो निर्भय है और जिसके विचार शुद्घ हैं। -महात्मा गांधी
4. सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति वे नहीं जो अवसरों की बाट जोहते हैं ,बल्कि वे हैं जो अवसरों को अपना दास बना लेते हैं। -ई,एच ,चेपिन
5. जो लुटाओगे वही लौट कर आएगा। फूल लुटाओगे तो फूल मिलेंगे और कांटे लुटाओगे तो कांटे। -मुनि श्री तरुणसागर
6. यदि लक्ष्य को प्राप्त करने में कठिनाई हो ,तो उसमें फेरबदल करने की बजाय अपने प्रयासों में बदलाव लाएं।- कन्फ्यूशियस
7. जीवन का उत्तम उपयोग है ,इसे ऐसा कुछ करने में बिताना ,जो जीवन से अधिक स्थायी हो। -विलियम्स जेम्स
8. कहते हैं समय के साथ परिस्थितियां बदल जाती हैं ,लेकिन वास्तव में उन्हें आपको स्वयं ही बदलना होता है। -एंडी वारहोल
9. आत्मा को पतन की ओर ले जाने वाले तीन ही मार्ग हैं -कामातुरता ,क्रोध और मोह ,अतः ये तीनों ही त्याज्य हैं। -गीता
10. एक स्वस्थ शरीर आत्मा के लिए अतिथिशाला के समान है और अस्वस्थ शरीर बंदीगृह के समान। -फ्रांसिस बेकन
श्राद्ध -तर्पण क्या है और हमारे जीवित पितर कौन -कौन हैं ?
श्रद्धा से जो काम किया जाए उसे श्राद्ध कहते हैं। तृप्ति करने का नाम तर्पण है। पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए ,वर्ष में एक दो बार ही नहीं अपितु प्रतिदिन करना चाहिए। इस संबंध में मुख्य प्रश्न यह है कि पितर कौन है ?शास्त्रों के अनुसार जीवित वृद्ध माता -पिता ,दादा -दादी ,नाना -नानी आदि तथा कोई भी विद्वान् परोपकारी मनुष्य पितर कहलाते हैं। इन सब को भोजन, वस्त्र आदि सेसंतुष्ट रखना प्रत्येक गृहस्थ का कर्तव्य है ,यही इनका श्राद्ध और तर्पण है।
जो मनुष्य मर चुके हैं उनपर ये बातें लागू नहीं होती। इसलिए मरे हुओं को पितर कहना गलत है। वैसे भी जो मर चुके हैं वे अपने -अपने कर्मो अनुसार ईश्वर की व्यवस्था से दूसरे शरीरों में चले गए हैं। वे अब कहां किस मनुष्य या पशु पक्षी आदि के शरीर में हैं यह भी ईश्वर के सिवाय और कोई नहीं जानता। इसलिए उनका श्राद्ध और तर्पण बिलकुल असगंत -सी बात है।
मनुष्य का अन्य मनुष्यों से संबंध केवल तब तक है जब तक वह जीवित है। मरने के पश्चात उसका उनसे कोई भी नाता नहीं रहता। मरने के पश्चात उसके निमित किये हुए दान पुण्य आदि का फल भी उस मरने वाले को नहीं मिलता। किसी भी शुभ अशुभ कर्म का फल उसके कर्ता को ही मिला करता है ,अन्य को नहीं।
बड़ा भाई ,पिता और विद्या देने वाला ,धर्म के मार्ग पर चलने वाला -ये सब पितर जानने चाहिए।
जो मनुष्य मर चुके हैं उनपर ये बातें लागू नहीं होती। इसलिए मरे हुओं को पितर कहना गलत है। वैसे भी जो मर चुके हैं वे अपने -अपने कर्मो अनुसार ईश्वर की व्यवस्था से दूसरे शरीरों में चले गए हैं। वे अब कहां किस मनुष्य या पशु पक्षी आदि के शरीर में हैं यह भी ईश्वर के सिवाय और कोई नहीं जानता। इसलिए उनका श्राद्ध और तर्पण बिलकुल असगंत -सी बात है।
मनुष्य का अन्य मनुष्यों से संबंध केवल तब तक है जब तक वह जीवित है। मरने के पश्चात उसका उनसे कोई भी नाता नहीं रहता। मरने के पश्चात उसके निमित किये हुए दान पुण्य आदि का फल भी उस मरने वाले को नहीं मिलता। किसी भी शुभ अशुभ कर्म का फल उसके कर्ता को ही मिला करता है ,अन्य को नहीं।
बड़ा भाई ,पिता और विद्या देने वाला ,धर्म के मार्ग पर चलने वाला -ये सब पितर जानने चाहिए।
बात पते की 10/7/2018 - Hindi Quotes
1 मित्रता हमेशा एक मधुर उत्तरदायित्व होती है। वह कोई अवसर नहीं है।-- खलील जिब्रान
2 हमें उस आवाज की जरूरत है,जो हमारे भीतर के सर्वोच्च को सम्बोधित हो। -बेन ओकरी
3 स्वतंत्रता और नियति एक साथ नहीं हो सकते। ये दोनों एक- दूसरे केविपरीत हैं। -इमरे कर्तेश
4 उपाधियां महान पुरुषों को गौरवान्वित नहीं करती। वे स्वयं महान पुरुषों के कारण गौरवान्वित होती हैं। -निकोलो मेकियावेली
5 हर सच्चा क्रन्तिकारी वास्तव में गहन प्रेम की भावना से संचलित होता है। -चेग्वेरा
6 सभी महान चीजें सरल होती हैं। उन्हें एक शब्द में व्यक्त किया जा सकता है। -विंस्टन चर्चिल
7 साहस का अर्थ होता है यह पता होना कि किस बात से डरना नहीं चाहिए। -प्लेटो
8 मैनें दुनियाभर के वाचालों से चुप्पी सीखी है और असहिष्णु लोगों से सहनशीलता। -खलील जिब्रान
9किसी चिंतक के लिए बौद्धिक राहत जैसी चीज का कोई अस्तित्व नहीं होता। -लाओत्से
10 मित्रता सोच -समझकर करो ,लेकिन एक बार मैत्री करने के बाद पूरी शक्ति के साथ उसका निर्वाह करो। -सुकरात
2 हमें उस आवाज की जरूरत है,जो हमारे भीतर के सर्वोच्च को सम्बोधित हो। -बेन ओकरी
3 स्वतंत्रता और नियति एक साथ नहीं हो सकते। ये दोनों एक- दूसरे केविपरीत हैं। -इमरे कर्तेश
4 उपाधियां महान पुरुषों को गौरवान्वित नहीं करती। वे स्वयं महान पुरुषों के कारण गौरवान्वित होती हैं। -निकोलो मेकियावेली
5 हर सच्चा क्रन्तिकारी वास्तव में गहन प्रेम की भावना से संचलित होता है। -चेग्वेरा
6 सभी महान चीजें सरल होती हैं। उन्हें एक शब्द में व्यक्त किया जा सकता है। -विंस्टन चर्चिल
7 साहस का अर्थ होता है यह पता होना कि किस बात से डरना नहीं चाहिए। -प्लेटो
8 मैनें दुनियाभर के वाचालों से चुप्पी सीखी है और असहिष्णु लोगों से सहनशीलता। -खलील जिब्रान
9किसी चिंतक के लिए बौद्धिक राहत जैसी चीज का कोई अस्तित्व नहीं होता। -लाओत्से
10 मित्रता सोच -समझकर करो ,लेकिन एक बार मैत्री करने के बाद पूरी शक्ति के साथ उसका निर्वाह करो। -सुकरात
Monday, July 9, 2018
बात पते की 09/07/2018 - Hindi Quotes
1 उस व्यवसाय को कतई अच्छा नहीं कहा जा सकता ,जो खूब सारे पैसे के सिवा और कुछ नहीं कमाता। -हेनरी फोर्ड
2 वास्तव में हमारे द्वारा की जाने वाली गलतियां ही नई खोजों और अन्वेषणों का प्रवेशद्वार होती हैं। -जेम्स जायस
3 बुराई के जीतने की सबसे बड़ी वजह है अच्छाई का चुप्पी साधे रहना। -एडमंड वर्क
4एक दोषपूर्ण या खंडित मणि भी एक सम्पूर्ण ककंड से अधिक मूल्यवान और महत्वपूर्ण होती है। -कन्फ्यूशियस
5 मनुष्य को पतन के मार्ग पर अग्रसर करने वाले उसके शत्रु नहीं ,बल्कि उसकी अपनी तृष्णाएं होती हैं। -गौतम बुद्ध
6 अगर हम कल्पनाशील हो तो कई बुनियादी व अहम संकटों का भी समाधान खोज सकते हैं। -जान लेनन
7 साहित्य हमेशा उन गुप्त व अज्ञात अर्थों की तलाश करता है ,जो ज्ञात अर्थों की मूल्य स्थिति को बदल देते हैं। -इटालो कल्वीनो
8 सृजनात्मकता सिखाई नहीं जा सकती। अच्छा लेखक बनने का कोई गुर नहीं होता। -मारियो वर्गास योसा
9 प्रेम का विपरीत अर्थ घृणा या नफरत नहीं होता। प्रेम का विपरीत अर्थ होता है उपेक्षा ,निरपेक्षता या उदासीनता। -एली विसेल
10 अकुशलता के साथ किये गए एक महान कृत्य से कहीं बेहतर है अच्छी तरह किया गया एक छोटा -सा काम। -प्लेटो
2 वास्तव में हमारे द्वारा की जाने वाली गलतियां ही नई खोजों और अन्वेषणों का प्रवेशद्वार होती हैं। -जेम्स जायस
3 बुराई के जीतने की सबसे बड़ी वजह है अच्छाई का चुप्पी साधे रहना। -एडमंड वर्क
4एक दोषपूर्ण या खंडित मणि भी एक सम्पूर्ण ककंड से अधिक मूल्यवान और महत्वपूर्ण होती है। -कन्फ्यूशियस
5 मनुष्य को पतन के मार्ग पर अग्रसर करने वाले उसके शत्रु नहीं ,बल्कि उसकी अपनी तृष्णाएं होती हैं। -गौतम बुद्ध
6 अगर हम कल्पनाशील हो तो कई बुनियादी व अहम संकटों का भी समाधान खोज सकते हैं। -जान लेनन
7 साहित्य हमेशा उन गुप्त व अज्ञात अर्थों की तलाश करता है ,जो ज्ञात अर्थों की मूल्य स्थिति को बदल देते हैं। -इटालो कल्वीनो
8 सृजनात्मकता सिखाई नहीं जा सकती। अच्छा लेखक बनने का कोई गुर नहीं होता। -मारियो वर्गास योसा
9 प्रेम का विपरीत अर्थ घृणा या नफरत नहीं होता। प्रेम का विपरीत अर्थ होता है उपेक्षा ,निरपेक्षता या उदासीनता। -एली विसेल
10 अकुशलता के साथ किये गए एक महान कृत्य से कहीं बेहतर है अच्छी तरह किया गया एक छोटा -सा काम। -प्लेटो
Sunday, July 8, 2018
जब इंसान पर व्यसन हावी हो जाता है ---
जब इंसान पर व्यसन हावी हो जाता है तो वह कुछ भी कर गुजरता है। शराब, मांस,जूआ, अफीम ,भांग आदि जितने भी नशे वाले पदार्थ हैं ,वे सब शरीर और बुद्धि का नाश करने वाले हैं। नशे वाले पदार्थों के प्रयोग से अपराध वृति बढ़ती है। अपराध वृति बढ़ने से अपराध बढ़ते हैं। अपराध भी ऐसे कि अपने परिवार तक को तबाह कर डालते हैं। एक बार ऐसा वाकया हुआ धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में ,जहां रामलाल नाम के व्यक्ति ने अपने हँसते खेलते परिवार को मौत की नींद सुला दिया।
रामलाल को शराब की लत थी। गुजारा सिर्फ थोड़ी खेती पर ही चलता था। इस लत के चलते घर में कलह रहने लगा। पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई। लेकिन उसका भाई समझ बुझा कर वापस ससुराल छोड़ आया। महज एक दिन बाद फिर शराब के कारण पति -पत्नी में झगड़ा हो गया। बस इसी बीच आवेश में आकर रामलाल ने अपनी पत्नी को कस्सी से काट डाला। माँ की चीख सुनकर बच्चे जाग गये। यह देख पापी पिता ने बच्चों को भी ठिकाने लगाने का मन बना लिया और एक के बाद एक ,चारोँ बच्चों (दो लड़के ,दो लड़कियां ) को भी कस्सी से काटकर मौत की नींद सुला दिया। क्षणिक आवेश में आकर रामलाल ने अपने परिवार को उजाड़ दिया लेकिन अब वह सलाखों के पीछे अपना पश्चाताप कर रहा है। अब पछताए होत क्या- जब चिड़िया चुग गई खेत।
रामलाल को शराब की लत थी। गुजारा सिर्फ थोड़ी खेती पर ही चलता था। इस लत के चलते घर में कलह रहने लगा। पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई। लेकिन उसका भाई समझ बुझा कर वापस ससुराल छोड़ आया। महज एक दिन बाद फिर शराब के कारण पति -पत्नी में झगड़ा हो गया। बस इसी बीच आवेश में आकर रामलाल ने अपनी पत्नी को कस्सी से काट डाला। माँ की चीख सुनकर बच्चे जाग गये। यह देख पापी पिता ने बच्चों को भी ठिकाने लगाने का मन बना लिया और एक के बाद एक ,चारोँ बच्चों (दो लड़के ,दो लड़कियां ) को भी कस्सी से काटकर मौत की नींद सुला दिया। क्षणिक आवेश में आकर रामलाल ने अपने परिवार को उजाड़ दिया लेकिन अब वह सलाखों के पीछे अपना पश्चाताप कर रहा है। अब पछताए होत क्या- जब चिड़िया चुग गई खेत।
Saturday, July 7, 2018
बात पते की 08/07/2018 - Hindi Quotes
1 हर चीज का अपना एक महत्व होता है। कला और जिंदगी दो अलग -अलग पटरियों पर नहीं दौड़ते। रॉबर्टो बोलान्यो
2 हकीकत केवल एक ही होती है ,लेकिन हकीकत की धारणाएं जरूर अनेक हो सकती हैं। -हारुकि मुराकामी
3लिखने का अर्थ है एक ऐसे स्वप्न का अनुसरण करना ,जिसे निर्देशित किया जा रहा हो। -होरहे लुई बोर्हेस
4 वह वस्तुजगत और मनुष्य का जीवन कथा सुनाने के बाद उसके शेष प्रभाव की तरह है। -योगवशिष्ठ
5 जब हमारे पास कुछ नहीं होता तो इसका एक अर्थ यह भी है कि हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। -बॉब डिलन
6 ज्यों ही आपने निजी विचारधारा की पकड़ खोई ,आपकी कीमत खत्म हुई। -जवाहरलाल नेहरू
7 जब गरिमा ,अस्मिता और गौरव के साथ जीवन सम्भव न हो तो गरिमा के साथ मृत्यु श्रेयस्कर है। -फ्रेडरिक नीत्शे
8 हम अपने दुश्मनों और विरोधियों से भी कुछ न कुछ सकारात्मक सीख सकते हैं। -एरिस्टोफेंस
9 जीवन का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण होता है। मनुष्य ही नहीं ,पशुओं के लिए भी। -जेएम कोएट्जी
10 हमारी अभिव्यक्ति का सबसे सच्चा और महत्वपूर्ण साधन है हमारा जीवन।- इमरे कर्तेश
2 हकीकत केवल एक ही होती है ,लेकिन हकीकत की धारणाएं जरूर अनेक हो सकती हैं। -हारुकि मुराकामी
3लिखने का अर्थ है एक ऐसे स्वप्न का अनुसरण करना ,जिसे निर्देशित किया जा रहा हो। -होरहे लुई बोर्हेस
4 वह वस्तुजगत और मनुष्य का जीवन कथा सुनाने के बाद उसके शेष प्रभाव की तरह है। -योगवशिष्ठ
5 जब हमारे पास कुछ नहीं होता तो इसका एक अर्थ यह भी है कि हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। -बॉब डिलन
6 ज्यों ही आपने निजी विचारधारा की पकड़ खोई ,आपकी कीमत खत्म हुई। -जवाहरलाल नेहरू
7 जब गरिमा ,अस्मिता और गौरव के साथ जीवन सम्भव न हो तो गरिमा के साथ मृत्यु श्रेयस्कर है। -फ्रेडरिक नीत्शे
8 हम अपने दुश्मनों और विरोधियों से भी कुछ न कुछ सकारात्मक सीख सकते हैं। -एरिस्टोफेंस
9 जीवन का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण होता है। मनुष्य ही नहीं ,पशुओं के लिए भी। -जेएम कोएट्जी
10 हमारी अभिव्यक्ति का सबसे सच्चा और महत्वपूर्ण साधन है हमारा जीवन।- इमरे कर्तेश
बात पते की 7/7/2018 - Hindi Quotes
1 दुनिया बर्थडे केक की तरह है। अपना हिस्सा लें ,लेकिन बड़ा हिस्सा छोड़ दें। -जार्ज हैरिसन
2 हर मनुष्य को सीमित संख्या में दिल की धड़कनें मिलती हैं। इन्हे बेकार खर्च करना कतई समझदारी नहीं। -नील आर्मस्ट्रांग
3मनुष्य संदेह करने वालों को संदेह करने के मौके भी देते हैं और विश्वास करने वालों को विश्वास करने के भी। -फ्रांज काफ्का
4 अपने सबसे बड़े डर को समाप्त करने का एकमात्र तरीका यही है कि उसका डटकर सामना किया जाए। -जिम मॉरिसन
5 जीवन और किताबें ;ये दोनों समाप्त होने के बाद भी जारी रहते हैं। -रॉबर्टो बोलान्यो
6 वास्तविक नेता सर्वसम्मति की तलाश नहीं करता ,उसे निर्मित करता है। मार्टिन लूथर किंग
7 केवल उसी का अस्तित्व नहीं हो सकता है ,जिसकी हमने गहरी आकांक्षा न की हो। -फ्रांज काफ्का
8 धर्म, कला और विज्ञान वास्तव में एक ही वृक्ष की शाखा -प्रशाखाएं हैं। -अल्बर्ट आइंस्टीन
9 स्मृति एक अदभुत उपकरण है। वह अमिट नहीं है ,लेकिन वह क्षणभंगुर भी नहीं है। प्राइमो लेवी
10 जैसे ही भय आपकी ऒर बढ़े, उसपर आक्रमण करते हुए उसे नष्ट कर दो। -चाणक्य
2 हर मनुष्य को सीमित संख्या में दिल की धड़कनें मिलती हैं। इन्हे बेकार खर्च करना कतई समझदारी नहीं। -नील आर्मस्ट्रांग
3मनुष्य संदेह करने वालों को संदेह करने के मौके भी देते हैं और विश्वास करने वालों को विश्वास करने के भी। -फ्रांज काफ्का
4 अपने सबसे बड़े डर को समाप्त करने का एकमात्र तरीका यही है कि उसका डटकर सामना किया जाए। -जिम मॉरिसन
5 जीवन और किताबें ;ये दोनों समाप्त होने के बाद भी जारी रहते हैं। -रॉबर्टो बोलान्यो
6 वास्तविक नेता सर्वसम्मति की तलाश नहीं करता ,उसे निर्मित करता है। मार्टिन लूथर किंग
7 केवल उसी का अस्तित्व नहीं हो सकता है ,जिसकी हमने गहरी आकांक्षा न की हो। -फ्रांज काफ्का
8 धर्म, कला और विज्ञान वास्तव में एक ही वृक्ष की शाखा -प्रशाखाएं हैं। -अल्बर्ट आइंस्टीन
9 स्मृति एक अदभुत उपकरण है। वह अमिट नहीं है ,लेकिन वह क्षणभंगुर भी नहीं है। प्राइमो लेवी
10 जैसे ही भय आपकी ऒर बढ़े, उसपर आक्रमण करते हुए उसे नष्ट कर दो। -चाणक्य
Friday, July 6, 2018
बात पते की 6/7/2018 - Hindi Quotes
1 यदि कोई धन में सुरक्षा देखता है तो वह निराश होगा। असली सुरक्षा ज्ञान ,अनुभव और योग्यता का भंडार होने में ही है। -हेनरी फोर्ड
2 हमारी इच्छाएं और आवश्यकताएं जितनी कम होंगी हम उतने ही सुखी होंगे।- गौतम बुद्ध
3 कुछ लोग नकल करने के इतने अभ्यस्त हो जाते है कि वे दूसरों की गलतियों की भी नकल करने लगते हैं। -जिमी हेंड्रिक्स
4 वास्तविक रूप से एक महान और बड़ा व्यक्ति वही है ,जो छोटा कहलाने में कभी भी संकोच नहीं करता। -एमरसन
5 सत्य का सबसे खतरनाक दुश्मन अंधा विश्वास होता है ,झूठ या असत्य नहीं। -फ्रेडरिक नीत्शे
6 सभी सुखी परिवार कमोबेश एक जैसे होते हैं। लेकिन हर दुखी और सन्तप्त परिवार अपनी तरह ही दुखी होता है। -लियो टालस्टाय
7 दो मनुष्यों के बीच सबसे महत्वपूर्ण अनुबंध यही हो सकता है कि वे एक- दूसरे के एकांत की रक्षा करें। -रिल्के
8 हमारे पास ऐसे शब्दों की कमी नहीं ,जो जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के कारण अपनी आभा खो चुके हैं। -अर्नेस्ट हेमिंग्वे
9 मनुष्य का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाना चाहिए कि उसने कितने दोस्त या दुश्मन बनाए हैं। -फ्रेंकलिन रूजवेल्ट
10 सफलता बहुत अच्छी होती है ,लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम एक सफलता को बार -बार दोहराएं नहीं। -जैक निकलसन
2 हमारी इच्छाएं और आवश्यकताएं जितनी कम होंगी हम उतने ही सुखी होंगे।- गौतम बुद्ध
3 कुछ लोग नकल करने के इतने अभ्यस्त हो जाते है कि वे दूसरों की गलतियों की भी नकल करने लगते हैं। -जिमी हेंड्रिक्स
4 वास्तविक रूप से एक महान और बड़ा व्यक्ति वही है ,जो छोटा कहलाने में कभी भी संकोच नहीं करता। -एमरसन
5 सत्य का सबसे खतरनाक दुश्मन अंधा विश्वास होता है ,झूठ या असत्य नहीं। -फ्रेडरिक नीत्शे
6 सभी सुखी परिवार कमोबेश एक जैसे होते हैं। लेकिन हर दुखी और सन्तप्त परिवार अपनी तरह ही दुखी होता है। -लियो टालस्टाय
7 दो मनुष्यों के बीच सबसे महत्वपूर्ण अनुबंध यही हो सकता है कि वे एक- दूसरे के एकांत की रक्षा करें। -रिल्के
8 हमारे पास ऐसे शब्दों की कमी नहीं ,जो जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के कारण अपनी आभा खो चुके हैं। -अर्नेस्ट हेमिंग्वे
9 मनुष्य का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाना चाहिए कि उसने कितने दोस्त या दुश्मन बनाए हैं। -फ्रेंकलिन रूजवेल्ट
10 सफलता बहुत अच्छी होती है ,लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम एक सफलता को बार -बार दोहराएं नहीं। -जैक निकलसन
Thursday, July 5, 2018
ऐसे पांच क्लेश जो जीवन को दूभर बना देते हैं।
योगदर्शन में पांच प्रकार के क्लेश बताए हैं -अविधा ,अस्मिता ,राग ,द्वेष तथा अभिनिवेश। इनमें अविधा ही बाकी चार क्लेशों की जननी है।
1 अविधा -यह चार प्रकार की है। पहला,नित्य को अनित्य तथा अनित्य को नित्य मानना यानि शरीर तथा भोग के पदार्थों को शाश्वत मानना और आत्मा ,परमात्मा तथा सत्य ,न्याय आदि गुणों को जो नित्य हैं उनको शाश्वत न मानना। दूसरा -अपवित्र को पवित्र तथा पवित्र को अपवित्र मानना -नदी ,तालाब ,बावड़ी आदि में स्नान करने से पाप छूटना तथा सत्यभाषण ,न्याय ,परोपकार आदि में रूचि न रखना।
तीसरा -दुःख के कारण को सुख का कारण तथा सुख के कारण को दुःख का कारण मानना -यानि काम ,क्रोध ,लोभ ,मोह ,ईर्ष्या, द्वेष, विषय वासना में सुख मिलने की आशा करना तथा प्रेम ,मित्रता ,संतोष आदि में सुख न मानना। चौथा -जड़ को चेतन तथा चेतन को जड़ मानना। अथार्त पत्थर आदि की पूजा को ईश्वर पूजा समझना तथा चेतन मनुष्य ,पशु ,पक्षी आदि को दुःख पहुँचाना।
2 अस्मिता -अभिमान और अहंकार से अपने को बड़ा समझना ही अस्मिता है। अभिमान के नाश होने पर ही गुणों के ग्रहण में रूचि होती है।
3 राग -जो जो सुख संसार में भोगे हैं ,उन्हें उन्हें याद करके फिर भोगने की इच्छा करना राग कहलाता है। हर संयोग के पश्चात वियोग होता है ,जब ऐसा ज्ञान मनुष्य को हो जाता है तब यह क्लेश मिट जाता है।
4 द्वेष -जिससे दुःख मिला हो उसके याद आने पर उसके प्रति क्रोध होता है यही द्वेष है।
5 अभिनिवेश -सब प्राणियों को आशा होती है कि हम सदा जीवित रहें ,कभी मरें नहीं ,यही अभिनिवेश है। यह पूर्व जन्म के अनुभव से होती है। मरने का भय मनुष्य ,पशु ,पक्षी ,कीट ,पतंग सभी को बराबर बना रहता है।
1 अविधा -यह चार प्रकार की है। पहला,नित्य को अनित्य तथा अनित्य को नित्य मानना यानि शरीर तथा भोग के पदार्थों को शाश्वत मानना और आत्मा ,परमात्मा तथा सत्य ,न्याय आदि गुणों को जो नित्य हैं उनको शाश्वत न मानना। दूसरा -अपवित्र को पवित्र तथा पवित्र को अपवित्र मानना -नदी ,तालाब ,बावड़ी आदि में स्नान करने से पाप छूटना तथा सत्यभाषण ,न्याय ,परोपकार आदि में रूचि न रखना।
तीसरा -दुःख के कारण को सुख का कारण तथा सुख के कारण को दुःख का कारण मानना -यानि काम ,क्रोध ,लोभ ,मोह ,ईर्ष्या, द्वेष, विषय वासना में सुख मिलने की आशा करना तथा प्रेम ,मित्रता ,संतोष आदि में सुख न मानना। चौथा -जड़ को चेतन तथा चेतन को जड़ मानना। अथार्त पत्थर आदि की पूजा को ईश्वर पूजा समझना तथा चेतन मनुष्य ,पशु ,पक्षी आदि को दुःख पहुँचाना।
2 अस्मिता -अभिमान और अहंकार से अपने को बड़ा समझना ही अस्मिता है। अभिमान के नाश होने पर ही गुणों के ग्रहण में रूचि होती है।
3 राग -जो जो सुख संसार में भोगे हैं ,उन्हें उन्हें याद करके फिर भोगने की इच्छा करना राग कहलाता है। हर संयोग के पश्चात वियोग होता है ,जब ऐसा ज्ञान मनुष्य को हो जाता है तब यह क्लेश मिट जाता है।
4 द्वेष -जिससे दुःख मिला हो उसके याद आने पर उसके प्रति क्रोध होता है यही द्वेष है।
5 अभिनिवेश -सब प्राणियों को आशा होती है कि हम सदा जीवित रहें ,कभी मरें नहीं ,यही अभिनिवेश है। यह पूर्व जन्म के अनुभव से होती है। मरने का भय मनुष्य ,पशु ,पक्षी ,कीट ,पतंग सभी को बराबर बना रहता है।
बात पते की 5/7/2018 - Hindi Quotes
1 फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है,लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में प्रसारित होती है। -चाणक्य
2 आप बगीचे के सारे फूलों को तो तोड़ सकते हैं ,लेकिन वसंत को आने से नहीं रोक सकते।- पाब्लो नेरुदा
3 स्वर्ग और पृथ्वी सब हमारे ही अंदर हैं। हम पृथ्वी से तो परिचित हैं ,पर अपने अंदर के स्वर्ग से बिल्कुल अनजान रहते हैं। -महात्मा गांधी
4 कला का उद्देश्य चीजों के बाहरी रूप को साकार करना नहीं बल्कि उनके आंतरिक महत्व को दर्शाता है। -अरस्तू
5 हम अपना आकलन अपने भीतर मौजूद क्षमताओं से करते हैं जबकि अन्य लोग हमारे कर्म से हमेँ आंकते हैं। -मार्क्स फ्रेंक
6 जीवन तथ्यों ,घटनाओं पर नहीं बल्कि व्यक्ति के भीतर उठने वाले विचारों के तूफान पर आधारित होता है। -मार्क ट्वेन
7चिंता करते है हम जितनी अतीत की ,सुख की। उतनी अनंत में बनती जाती रेखाएं दुःख की। -जयशंकर प्रसाद
8 यदि आप लम्बी दूरी तक तेजी से जाना चाहते हैं तो ईर्ष्या ,दुर्भावना ,स्वार्थ और भय छोड़कर खुद को हल्का कर लें। -तषेजेरे पावेजे
9 जब आप कोई निर्णय ले लेते हैं तो ब्रह्मांड उसे सच करने की कोशिश करता है। राल्फ वाल्डो इमरसन
10 विचार पुष्पों के समान हैं और सोचना उनको सुंदर माला में पिरोने के समान। -स्वेटसीन
2 आप बगीचे के सारे फूलों को तो तोड़ सकते हैं ,लेकिन वसंत को आने से नहीं रोक सकते।- पाब्लो नेरुदा
3 स्वर्ग और पृथ्वी सब हमारे ही अंदर हैं। हम पृथ्वी से तो परिचित हैं ,पर अपने अंदर के स्वर्ग से बिल्कुल अनजान रहते हैं। -महात्मा गांधी
4 कला का उद्देश्य चीजों के बाहरी रूप को साकार करना नहीं बल्कि उनके आंतरिक महत्व को दर्शाता है। -अरस्तू
5 हम अपना आकलन अपने भीतर मौजूद क्षमताओं से करते हैं जबकि अन्य लोग हमारे कर्म से हमेँ आंकते हैं। -मार्क्स फ्रेंक
6 जीवन तथ्यों ,घटनाओं पर नहीं बल्कि व्यक्ति के भीतर उठने वाले विचारों के तूफान पर आधारित होता है। -मार्क ट्वेन
7चिंता करते है हम जितनी अतीत की ,सुख की। उतनी अनंत में बनती जाती रेखाएं दुःख की। -जयशंकर प्रसाद
8 यदि आप लम्बी दूरी तक तेजी से जाना चाहते हैं तो ईर्ष्या ,दुर्भावना ,स्वार्थ और भय छोड़कर खुद को हल्का कर लें। -तषेजेरे पावेजे
9 जब आप कोई निर्णय ले लेते हैं तो ब्रह्मांड उसे सच करने की कोशिश करता है। राल्फ वाल्डो इमरसन
10 विचार पुष्पों के समान हैं और सोचना उनको सुंदर माला में पिरोने के समान। -स्वेटसीन
Wednesday, July 4, 2018
धैर्य ही वास्तविक विजेता और नियन्ता है।
जिस प्रकार कोमल जल अपने निरंतर प्रवाह से सख्त चट्टान को घिस डालता है ,उसी प्रकार धैर्यवान व्यक्ति समस्त विरोधियों के समक्ष विजयी होता है। धैर्य से लोगों के ह्रदय जीते जा सकते हैं। धैर्य ही वास्तविक विजेता और नियंता है। धैर्य का अर्थ है --विपत्ति के निवारण और शक्ति के सम्पादन के लिए घोर परिश्रम करना और प्रतीक्षा करते हुए सजग ,सचेत ,क्रियाशील और विवेकपूर्ण बने रहना। धैर्य मानव जीवन में कैसे हमें आगे बढ़ाता है ?इसे एक दृष्टांत के द्वारा जानना चाहेंगें।
एक था लड़का ,निहायत बुदू। अपनी अज्ञानता के कारण कदम -कदम पर अपमानित होता था। एक दिन वह अपने विद्यालय से भागकर कुँए पर पानी पीने गया। वहाँ गाँव की औरतें पानी भरने आती थी । उस बालक ने देखा कि कुँए की जगत पर ,रस्सी की रगड़ से निशान पड़ गये हैं। यही नहीं ,जहाँ पर घड़े रखे जाते हैं ,वहाँ भी गड्ढे पड़ गये हैं। बालक के मन में एक आशा की किरण जागी। उसने सोचा कि जब मुलायम रस्सी की बार -बार और मिटटी के घड़े से भी पत्थर जैसी कठोर वस्तु पर निशान और गड्ढे पड़ सकते हैं तो सच्ची लगन ,निरंतर परिश्रम से कोई भी व्यक्ति विद्वान् बन सकता है। यही बालक बड़ा होकर संस्कृत का विद्वान् बोपदेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ और इसने मुग्धबोध नाम का संस्कृत का सरल व्याकरण तैयार किया। यदि यह निराश होकर घबरा जाता तो जीवन में कुछ न कर पाता। परन्तु, उसने धैर्य से ,सच्ची लगन से विश्व को एक अदभुत देन दी।
एक था लड़का ,निहायत बुदू। अपनी अज्ञानता के कारण कदम -कदम पर अपमानित होता था। एक दिन वह अपने विद्यालय से भागकर कुँए पर पानी पीने गया। वहाँ गाँव की औरतें पानी भरने आती थी । उस बालक ने देखा कि कुँए की जगत पर ,रस्सी की रगड़ से निशान पड़ गये हैं। यही नहीं ,जहाँ पर घड़े रखे जाते हैं ,वहाँ भी गड्ढे पड़ गये हैं। बालक के मन में एक आशा की किरण जागी। उसने सोचा कि जब मुलायम रस्सी की बार -बार और मिटटी के घड़े से भी पत्थर जैसी कठोर वस्तु पर निशान और गड्ढे पड़ सकते हैं तो सच्ची लगन ,निरंतर परिश्रम से कोई भी व्यक्ति विद्वान् बन सकता है। यही बालक बड़ा होकर संस्कृत का विद्वान् बोपदेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ और इसने मुग्धबोध नाम का संस्कृत का सरल व्याकरण तैयार किया। यदि यह निराश होकर घबरा जाता तो जीवन में कुछ न कर पाता। परन्तु, उसने धैर्य से ,सच्ची लगन से विश्व को एक अदभुत देन दी।
बात पते की 4/7/2018 - Hindi Quotes
1 अपने आपको थोड़ा आराम दें ,क्योंकि जिस खेत को थोड़ा खाली रखा जाता है ,उसमें अच्छी पैदावार होती है। -ओविड
2 अगर आप महान चीजें नहीं कर सकते ,तो छोटी चीजों को महान तरीके से करिए। -नेपोलियन हिल
3 डाक टिकट की तरह बनें। जब तक मंजिल पर न पहुंच जाए ,उसी चीज पर जमे रहें। -जोश बिलिंग्स
4 शुभ विचार करना एक अच्छी बात है और उससे अच्छी बात है उसे अमल में लाना। -महात्मा गांधी
5 महान महत्वाकांक्षा महान चरित्र की अभिलाषा होती है। जिनके पास यह होती है ,वे अच्छे या बुरे काम कर सकते हैं। -नेपोलियन बोनापार्ट
6 जब किसी कार्य में रूचि और उसे करने के हुनर का संगम हो ,तो उत्कृष्टता स्वाभाविक है। -जॉन रस्किन
7 कुछ व्यक्ति सफल होते हैं क्योंकि उनका भाग्य उन्हें सफलता दिलाता है लेकिन अधिकांश दृढ़ संकल्पशील व्यक्ति सफल होते हैं। -ग्रीम क्लेग्ग
8 सृजनशील व्यक्ति दूसरों को होड़ में हराने की नहीं ,बल्कि कुछ नया कर पाने की आशा से प्रेरित होता है। -एन रेंड
9 जब तक हम यह जान पाते हैं कि जिंदगी क्या है ,तब तक यह आधी खत्म हो चुकी होती है।- जार्ज हेबर्ट
10 लोगों के दिलों में रोशनी पहुंचाना ही तो किसी भी कलाकार का पेशा है।- जार्ज सेंड
2 अगर आप महान चीजें नहीं कर सकते ,तो छोटी चीजों को महान तरीके से करिए। -नेपोलियन हिल
3 डाक टिकट की तरह बनें। जब तक मंजिल पर न पहुंच जाए ,उसी चीज पर जमे रहें। -जोश बिलिंग्स
4 शुभ विचार करना एक अच्छी बात है और उससे अच्छी बात है उसे अमल में लाना। -महात्मा गांधी
5 महान महत्वाकांक्षा महान चरित्र की अभिलाषा होती है। जिनके पास यह होती है ,वे अच्छे या बुरे काम कर सकते हैं। -नेपोलियन बोनापार्ट
6 जब किसी कार्य में रूचि और उसे करने के हुनर का संगम हो ,तो उत्कृष्टता स्वाभाविक है। -जॉन रस्किन
7 कुछ व्यक्ति सफल होते हैं क्योंकि उनका भाग्य उन्हें सफलता दिलाता है लेकिन अधिकांश दृढ़ संकल्पशील व्यक्ति सफल होते हैं। -ग्रीम क्लेग्ग
8 सृजनशील व्यक्ति दूसरों को होड़ में हराने की नहीं ,बल्कि कुछ नया कर पाने की आशा से प्रेरित होता है। -एन रेंड
9 जब तक हम यह जान पाते हैं कि जिंदगी क्या है ,तब तक यह आधी खत्म हो चुकी होती है।- जार्ज हेबर्ट
10 लोगों के दिलों में रोशनी पहुंचाना ही तो किसी भी कलाकार का पेशा है।- जार्ज सेंड
Tuesday, July 3, 2018
जीवन क्या है और उसका क्या महत्व है ?
जन्म और मृत्यु के बीच का समय जीवन कहलाता है। मनुष्य- जीवन बड़ा महत्वपूर्ण है। जीवन में ही सब प्रकार के शुभ -अशुभ कार्य होते हैं ,जिनके फलस्वरूप जीव की उन्नति या अवनति निर्भर करती है। इस जीवन में अगर कुछ नहीं किया तो उस व्यक्ति का आना -जाना कोई महत्व नहीं रखता,उसका जीवन बेकार होता है। जीवन में जीने की कला को सीखना चाहिए ,आशावादी बनना चाहिए
जीवन का हर पल ,हर क्षण राजी -ख़ुशी ,प्रेम से ,ईश्वर का धन्यवाद करके गुजारना चाहिए। मनुष्य -योनि में जीव को भोग और योग प्राप्त होता है। केवल मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो अपनी बुद्धि का विकास करके अपने लिए सुख -साधन की वस्तुएँ इकट्ठी कर सकता हैऔर योग के द्वारा अपने विवेक से ईश्वर का सामीप्य प्राप्त कर सकता है।
जीवन का महत्व तभी है जब संसार से विदा हों तो लोग हमारे किये कर्मों को याद करें ,सराहें। जो कर्म हमने अधूरा छोड़ा ,उसको लोग पूरा करें। जिसकी कीर्ति व यश सदा रहती है उसी का जीवन सफल है ,वरना बहुत -से आए और गए। इस संसार में कोई फर्क नहीं पड़ता।
जीवन का हर पल ,हर क्षण राजी -ख़ुशी ,प्रेम से ,ईश्वर का धन्यवाद करके गुजारना चाहिए। मनुष्य -योनि में जीव को भोग और योग प्राप्त होता है। केवल मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो अपनी बुद्धि का विकास करके अपने लिए सुख -साधन की वस्तुएँ इकट्ठी कर सकता हैऔर योग के द्वारा अपने विवेक से ईश्वर का सामीप्य प्राप्त कर सकता है।
जीवन का महत्व तभी है जब संसार से विदा हों तो लोग हमारे किये कर्मों को याद करें ,सराहें। जो कर्म हमने अधूरा छोड़ा ,उसको लोग पूरा करें। जिसकी कीर्ति व यश सदा रहती है उसी का जीवन सफल है ,वरना बहुत -से आए और गए। इस संसार में कोई फर्क नहीं पड़ता।
बात पते की 3/7/2018 - Hindi Quotes
1 असत्य मार्ग पर हम चाहे जितनी दूर जा चुके हों ,वहां से लौट पड़ना उसपर चलते रहने से बेहतर है। -लियो टालस्टाय
2 तर्क करना न तो कला है और न विज्ञानं -यह तो चकमा देने की तरकीब है। -स्टेंडल
3 जिस प्रकार आँखों को देखने के लिए रोशनी की जरूरत होती है ,उसी तरह हमारे दिमाग को समझने के लिए विचारों की जरूरत होती है। -नेपोलियन हिल
4 सहिष्णुता मन का सबसे बड़ा तोहफा है। इसमें मस्तिष्क साइकिल पर संतुलन साधने जैसे प्रयास करता है। -हेलन केलर
5 कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक कि वह लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे। -भगतसिहं
6 जिन पेड़ों को प्रायः तूफानों का सामना करना पड़ता है ,उनकी जड़ें गहरी और मजबूत होती जाती हैं। -क्लॉड मेकडॉनल्ड
7 प्रत्येक दिन का आकलन उस दिन काटी गई फसल से नहीं बल्कि बोए गए बीजों से करें। -रॉबर्ट लुइस स्टीवेंसन
8 बेहतर उपदेश आप होठों की बजाय अपने जीवन से दे सकते हैं। -ओलिवर गोल्डस्मिथ
9सफलता आपके मस्तिष्क की कार्यशाला है,जो आपके मन की ऊर्जा को सिद्धि में बदल देती है। -नेपोलियन हिल
10 कृतज्ञता सबसे सुंदर फूल है जो आत्मा की गहराई से खिलता है। -हेनरी वार्ड बीचर
2 तर्क करना न तो कला है और न विज्ञानं -यह तो चकमा देने की तरकीब है। -स्टेंडल
3 जिस प्रकार आँखों को देखने के लिए रोशनी की जरूरत होती है ,उसी तरह हमारे दिमाग को समझने के लिए विचारों की जरूरत होती है। -नेपोलियन हिल
4 सहिष्णुता मन का सबसे बड़ा तोहफा है। इसमें मस्तिष्क साइकिल पर संतुलन साधने जैसे प्रयास करता है। -हेलन केलर
5 कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक कि वह लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे। -भगतसिहं
6 जिन पेड़ों को प्रायः तूफानों का सामना करना पड़ता है ,उनकी जड़ें गहरी और मजबूत होती जाती हैं। -क्लॉड मेकडॉनल्ड
7 प्रत्येक दिन का आकलन उस दिन काटी गई फसल से नहीं बल्कि बोए गए बीजों से करें। -रॉबर्ट लुइस स्टीवेंसन
8 बेहतर उपदेश आप होठों की बजाय अपने जीवन से दे सकते हैं। -ओलिवर गोल्डस्मिथ
9सफलता आपके मस्तिष्क की कार्यशाला है,जो आपके मन की ऊर्जा को सिद्धि में बदल देती है। -नेपोलियन हिल
10 कृतज्ञता सबसे सुंदर फूल है जो आत्मा की गहराई से खिलता है। -हेनरी वार्ड बीचर
Monday, July 2, 2018
शिष्टाचार आपके व्यवहार और व्यक्तित्व को दर्शाता है।
शिष्टाचार और तहजीब भरा व्यवहार किसी को भी आकर्षित करने के लिए काफी होता है। यह आपके व्यक्तित्व का भी आईना होता है। रिश्तों और सामाजिक संबंधों में भी शिष्टाचार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिष्ट और सभ्य व्यक्ति अपनी अलग ही छाप छोड़ते हैं जबकि अशिष्ट और असभ्य लोगों से रिश्ते बनाना तो दूर की बात, कोई बात करना भी पसंद नहीं करता। शिष्टाचार की जरूरत केवल घर पर ही नहीं हर जगह पर होती।यूं तो सामान्य शिष्टाचार हम सभी को पता है ,फिर भी कुछ ऐसी छोटी -छोटी बातें जिनको हम नजरअंदाज कर देते हैं। जैसे
*जब आप किसी के घर जाएं तो केवल ड्राइंगरूम में ही बैठे। पूरे घर में घूमने या तहकीकात करने का प्रयास न करें।
*किसी के सामने जोर से जम्हाई या डकार न लें।
*मेहमानों को खाना सलीके से सर्व करें।
*जब आप कहीं कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खा रहें है तो कभी भी फलों के बीज वगैरह मुंह से निकल कर खाने की मेज पर न रखें। इसके लिए पेपर नेपकिन का प्रयोग करें।
*किसी के सामने पैरों को ऐसे एक- दूसरे पर चढ़ा कर न बैठे कि पैरों के तलवे एकदम उसके सामने आ जाएं।
*जब आप बस या रेल में सफर करें तो किसी का सहारा लेकर न बैठें ,न ही किसी के कंधे पर टिककर सोएं।
*जब आप किसी मीटिंग या क्लास में हो तो अपना मोबाइल वाइब्रेटिंग मोड़ में या म्यूट रखें ,अन्यथा दूसरों को परेशानी हो सकती है।
*जब आप किसी के घर जाएं तो केवल ड्राइंगरूम में ही बैठे। पूरे घर में घूमने या तहकीकात करने का प्रयास न करें।
*किसी के सामने जोर से जम्हाई या डकार न लें।
*मेहमानों को खाना सलीके से सर्व करें।
*जब आप कहीं कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खा रहें है तो कभी भी फलों के बीज वगैरह मुंह से निकल कर खाने की मेज पर न रखें। इसके लिए पेपर नेपकिन का प्रयोग करें।
*किसी के सामने पैरों को ऐसे एक- दूसरे पर चढ़ा कर न बैठे कि पैरों के तलवे एकदम उसके सामने आ जाएं।
*जब आप बस या रेल में सफर करें तो किसी का सहारा लेकर न बैठें ,न ही किसी के कंधे पर टिककर सोएं।
*जब आप किसी मीटिंग या क्लास में हो तो अपना मोबाइल वाइब्रेटिंग मोड़ में या म्यूट रखें ,अन्यथा दूसरों को परेशानी हो सकती है।