आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कोई भी व्यक्ति चिंता से मुक्त नहीं है। इसके चलते वह मानसिक तनाव में आ जाता है और कभी -कभी अल्सर का शिकार भी हो जाता है। हमारे पेट में आंतों में से कई प्रकार के रस और तरल द्रव्य निकलते हैं ,जो हमारे भोजन को पचाने में मदद करते है. जब हम मानसिक तनाव में या चिंताग्रस्त होते हैं,तो तेजाबी पदार्थ ज्यादा मात्रा में निकालते हैं जो हमारे पेट और आंतो के बीच की झिल्ली को जला देते हैं। धीरे -धीरे अंदर वाली झिल्ली में घाव हो जाते हैं।
अल्सर की तकलीफ पेट की गैस व अफारे से बिलकुल अलग है। अल्सर से पेट भारी -भारी लगता है ,जिसके कारण मरीज इसे गैस की तकलीफ से अलग नहीं कर पाता है। इस तकलीफ में हमारे पेट में अमाशय और खाने वाली नली (फ़ूड पाइप )के नीचे वाली जगह जहां पेट शुरू होता है ,वहां घाव हो जाता है ,इसे ही अल्सर कहा जाता है। जब यह घाव पेट में हो तो गैस्ट्रिक अल्सर और आंत में हो तो पैप्टिक अल्सर कहा जाता है।
अल्सर के कारण --1 जो लोग किसी कारणवश खून की कमी का शिकार हो जाते हैं ,उन्हें तेजाबी मैदा ज्यादा होता है ,यही तत्व अल्सर पैदा करता है।
2 तेज पेन किलर खाने से अंदर वाली झिल्ली की सहन शक्ति खत्म हो जाती है और उसमें घाव हो जाते हैं।
3 आंत में पेट की सूजन से अंदर की झिल्ली नष्ट हो जाती है।
4 अधिक मात्रा में शराब का सेवन ,ज्यादा सिगरेट पीना ,पान मसाला ,तेज मसालेदार भोजन जैसी सभी चीजें भी अल्सर होने के लिए जिम्मेदार हैं।
इलाज ---अल्सर के इलाज में देरी से नुकसान हो सकता है। अगर अल्सर में खून आ रहा हो ,तो पहले खूनरोका जाता है। तेज मसालेदार भोजन ,शराब ,सिगरेट पीना बंद कर दे। बीमारी में ज्यादा घबराये नहीं। यदि मरीज तनाव नहीं छोड़ेगा तो उतना ही तेजाबी मैदा निकलेगा और अल्सर से आराम कम हो जाएगा। मरीज को यह बात पहले ही सोच लेनी चाहिए कि यह बीमारी धीरे -धीरे ठीक होती है। संतुष्टि रखें।
अल्सर की तकलीफ पेट की गैस व अफारे से बिलकुल अलग है। अल्सर से पेट भारी -भारी लगता है ,जिसके कारण मरीज इसे गैस की तकलीफ से अलग नहीं कर पाता है। इस तकलीफ में हमारे पेट में अमाशय और खाने वाली नली (फ़ूड पाइप )के नीचे वाली जगह जहां पेट शुरू होता है ,वहां घाव हो जाता है ,इसे ही अल्सर कहा जाता है। जब यह घाव पेट में हो तो गैस्ट्रिक अल्सर और आंत में हो तो पैप्टिक अल्सर कहा जाता है।
अल्सर के कारण --1 जो लोग किसी कारणवश खून की कमी का शिकार हो जाते हैं ,उन्हें तेजाबी मैदा ज्यादा होता है ,यही तत्व अल्सर पैदा करता है।
2 तेज पेन किलर खाने से अंदर वाली झिल्ली की सहन शक्ति खत्म हो जाती है और उसमें घाव हो जाते हैं।
3 आंत में पेट की सूजन से अंदर की झिल्ली नष्ट हो जाती है।
4 अधिक मात्रा में शराब का सेवन ,ज्यादा सिगरेट पीना ,पान मसाला ,तेज मसालेदार भोजन जैसी सभी चीजें भी अल्सर होने के लिए जिम्मेदार हैं।
इलाज ---अल्सर के इलाज में देरी से नुकसान हो सकता है। अगर अल्सर में खून आ रहा हो ,तो पहले खूनरोका जाता है। तेज मसालेदार भोजन ,शराब ,सिगरेट पीना बंद कर दे। बीमारी में ज्यादा घबराये नहीं। यदि मरीज तनाव नहीं छोड़ेगा तो उतना ही तेजाबी मैदा निकलेगा और अल्सर से आराम कम हो जाएगा। मरीज को यह बात पहले ही सोच लेनी चाहिए कि यह बीमारी धीरे -धीरे ठीक होती है। संतुष्टि रखें।
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