अच्छा स्वास्थ्य काफी हद तक आपके खानपान पर निर्भर करता है। फिर भी तमाम ऐसे लोग हैं जिन्हें यह जानकारी नहीं है कि स्वास्थ्य के बुनियादी तत्व क्या हैं ?वस्तुतः विभिन्न पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन ,कार्बोहाइड्रेट ,वसा और विटामिनों का अच्छी सेहत को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान है। इन पोषक तत्वों का अपने आहार में संतुलित महत्व देकर आप विभिन्न बीमारियों से दूर रहकर स्वस्थ बने रह सकते हैं पर साथ ही अपने सौंदर्य को भी बरकरार रख सकते हैं। आइये जानते हैं कौन -कौन से हैं ये पोषक तत्व ---
1 प्रोटीन --प्रोटीन का मुख्य कार्य नई कोशिकाओं का निर्माण और पुरानी क्षत -विक्षत कोशिकाओं का निर्माण करना है। कार्य ---प्रोटीन एमीनो एसिड से बनता है ,जो एक -दूसरे से एक कड़ी की तरह जुड़े होते हैं। कुछ एमीनो एसिड शरीर के अंदर हार्मोनों के निर्माण के साथ -साथ शरीर के रोग -प्रतिरोधक तंत्र को भी मजबूती प्रदान करते हैं। प्रोटीन बच्चों के शारीरिक विकास ,गर्भवती महिलाओ व दूध पिलाने वाली माताओं के लिए एक आवश्यक तत्व है। स्रोत --प्रोटीन दूध व दूध से बने पदार्थों ,मांस ,दालों सोयाबीन और सूखे मेवे में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
2 कार्बोहाइड्रेट --कार्बोहाइड्रेट ही वह पोषक तत्व है ,जो शरीर को कोशिकाओं को सबसे जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लाइकोजन के रूप में गुर्दे और मांसपेशियों में संचित करता है। स्रोत ---केला ,आम अनानास ,अंगूर में कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा चीनी ,गुड़ ,शहद ,दालें ,अनाजों ,आलू, शककरकंदी चुकंदर आदि भी कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत हैं।
3 वसा --वसा में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा होती है शरीर की दस से तीस प्रतिशत ऊर्जा की आवश्यकता तेल व वसा से पूरी होती है। जो व्यक्ति अपने आहार में अधिक मात्रा में वसा का प्रयोग करते हैं, उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा क्षीण होने लगती है जो मधुमेह के खतरे को बढ़ा देता है। स्रोत ----वसा अधिकतर तिलहन, ,मूंगफली , नारियल ,सरसों ,सोयाबीन ,दूध ,घी ,मक्खन ,क्रीम और मछली के तेल आदि में पाया जाता है।
प्रभाव ---शरीर में वसा की कमी से वजन घट जाता है। इस कारण जरा -सा परिश्रम करने पर वह जल्द ही थकान महसूस करने लगता है। वहीं वसा की अधिकता से व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है ,जिससे वह मोटापे का शिकार हो जाता है।
4 विटामिन ---विटामिन कई प्रकार के होते हैं। ये व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से दूर रखने में सहायक हैं। विटामिन शरीर की चयापचय क्रिया (मेटाबॉलिज्म)को नियंत्रित करने में कारगर है। विटामिन प्रमुख रूप से छह प्रकार के होते हैं -- A ,b ,c ,d ,e और k .---कार्य ---विटामिन ए का मुख्य कार्य आंखों को स्वस्थ रखना है,जो हरी पत्तेदार सब्जियों ,टमाटर ,फल, मक्खन ,घी, दूध ,अंडा और मछली के तेल में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। विटामिन बी समूह में बी -1,बी -2,बी -3,और बी -12 की गणना की जाती है। इस समूह के विटामिन हृदय ,नाड़ी -तंत्र ,मस्तिष्क ,त्वचा ,आंखों व पाचन तंत्र को सुचारु रूप से संचालित करने में सहायक हैं। विटामिन बी साबुत अनाज ,दालों ,सूखे मेवे और अंकुरित खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
विटामिन सी शरीर की रोग -प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। यह आवंला ,संतरा ,टमाटर ,अंगूर ,अमरुद और नींबू में पाया जाता है। विटामिन डी हडिड्यों व दांतों को मजबूत बनाने में सहायक है। यह सूर्य की किरणों ,अंडे के पीले भाग ,दूध ,मक्खन और घी में उपलब्ध रहता है। विटामिन ई प्रजनन अंगों को शक्ति प्रदान करता है। साबुत अनाज ,सोयाबीन ,मूंगफली और नारियल विटामिन ई के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन के शरीर में रक्त का थक्का जमाने में सहायक है। यह मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों ,पालक ,मेथी और मूली के पत्ते में पाया जाता है।
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1 प्रोटीन --प्रोटीन का मुख्य कार्य नई कोशिकाओं का निर्माण और पुरानी क्षत -विक्षत कोशिकाओं का निर्माण करना है। कार्य ---प्रोटीन एमीनो एसिड से बनता है ,जो एक -दूसरे से एक कड़ी की तरह जुड़े होते हैं। कुछ एमीनो एसिड शरीर के अंदर हार्मोनों के निर्माण के साथ -साथ शरीर के रोग -प्रतिरोधक तंत्र को भी मजबूती प्रदान करते हैं। प्रोटीन बच्चों के शारीरिक विकास ,गर्भवती महिलाओ व दूध पिलाने वाली माताओं के लिए एक आवश्यक तत्व है। स्रोत --प्रोटीन दूध व दूध से बने पदार्थों ,मांस ,दालों सोयाबीन और सूखे मेवे में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
2 कार्बोहाइड्रेट --कार्बोहाइड्रेट ही वह पोषक तत्व है ,जो शरीर को कोशिकाओं को सबसे जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लाइकोजन के रूप में गुर्दे और मांसपेशियों में संचित करता है। स्रोत ---केला ,आम अनानास ,अंगूर में कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा चीनी ,गुड़ ,शहद ,दालें ,अनाजों ,आलू, शककरकंदी चुकंदर आदि भी कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत हैं।
3 वसा --वसा में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा होती है शरीर की दस से तीस प्रतिशत ऊर्जा की आवश्यकता तेल व वसा से पूरी होती है। जो व्यक्ति अपने आहार में अधिक मात्रा में वसा का प्रयोग करते हैं, उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा क्षीण होने लगती है जो मधुमेह के खतरे को बढ़ा देता है। स्रोत ----वसा अधिकतर तिलहन, ,मूंगफली , नारियल ,सरसों ,सोयाबीन ,दूध ,घी ,मक्खन ,क्रीम और मछली के तेल आदि में पाया जाता है।
प्रभाव ---शरीर में वसा की कमी से वजन घट जाता है। इस कारण जरा -सा परिश्रम करने पर वह जल्द ही थकान महसूस करने लगता है। वहीं वसा की अधिकता से व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है ,जिससे वह मोटापे का शिकार हो जाता है।
4 विटामिन ---विटामिन कई प्रकार के होते हैं। ये व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से दूर रखने में सहायक हैं। विटामिन शरीर की चयापचय क्रिया (मेटाबॉलिज्म)को नियंत्रित करने में कारगर है। विटामिन प्रमुख रूप से छह प्रकार के होते हैं -- A ,b ,c ,d ,e और k .---कार्य ---विटामिन ए का मुख्य कार्य आंखों को स्वस्थ रखना है,जो हरी पत्तेदार सब्जियों ,टमाटर ,फल, मक्खन ,घी, दूध ,अंडा और मछली के तेल में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। विटामिन बी समूह में बी -1,बी -2,बी -3,और बी -12 की गणना की जाती है। इस समूह के विटामिन हृदय ,नाड़ी -तंत्र ,मस्तिष्क ,त्वचा ,आंखों व पाचन तंत्र को सुचारु रूप से संचालित करने में सहायक हैं। विटामिन बी साबुत अनाज ,दालों ,सूखे मेवे और अंकुरित खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
विटामिन सी शरीर की रोग -प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। यह आवंला ,संतरा ,टमाटर ,अंगूर ,अमरुद और नींबू में पाया जाता है। विटामिन डी हडिड्यों व दांतों को मजबूत बनाने में सहायक है। यह सूर्य की किरणों ,अंडे के पीले भाग ,दूध ,मक्खन और घी में उपलब्ध रहता है। विटामिन ई प्रजनन अंगों को शक्ति प्रदान करता है। साबुत अनाज ,सोयाबीन ,मूंगफली और नारियल विटामिन ई के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन के शरीर में रक्त का थक्का जमाने में सहायक है। यह मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों ,पालक ,मेथी और मूली के पत्ते में पाया जाता है।
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