- संसार एक कड़वा वृक्ष है ,इसके दो ही फल मीठे हैं -एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति। -चाणक्य
- असली प्रसन्नता सुविधाएं जुटाने या यशगान सुनने से नहीं ,बल्कि उपयोगी कार्य करने से मिलती है।- विल्फ्रेड ग्रेनफ्रेल
- साहस और दृढ़ निश्चय जादुई तावीज है ,जिमके आगे कठिनाइया दूर हो जाती हैं और बाधाएं उड़न -छू हो जाती हैं।
- विशाल सम्पत्ति किसी सम्मेलन में एकत्रित भीड़ की तरह इकट्ठी होती है और फिर गायब हो जाती है। -तिरुवल्लुवर
- गुणवत्ता प्रचुरता से अधिक महत्वपूर्ण है। जैसे एक छक्का दो - दो रन बनाने से कहीं बेहतर है। -स्टीव जॉब्स
- हम एक ही नदी में दो बार कदम नहीं रख सकते। संसार सतत परिवर्तनशील है। -हेराक्लाइटस
- सादगी ,अच्छाई और सत्य के बिना महानता की कल्पना भी नहीं की जा सकती।- लियो टालस्टाय
- चरित्र में ऐसी सहज क्षमता होनी चाहिए कि जो त्याज्य है वह बिना लोभ के त्याग सके। -टैगोर
- असली गलती तो वह होती है जिससे हम कुछ सीखते नहीं हैं।- जॉन पावेल
- संसार में सबसे निकृष्ट व्यक्ति वे हैं जो अपना कर्तव्य तो जानते हैं ,लेकिन उनका पालन नहीं करते। -रेवरेंड हेनरी मार्टेन
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