उम्र बढ़ने के साथ जिंदगी मुश्किल होती जाती है। दरअसल ,हम खुद ही इसे मुश्किल बनाते हैं। हर काम को शॉर्टकट तरीके से ज्यादा चाहते हैं और प्रयत्न कम करते हैं। कुछ आसान तरीक़े हैं जिनकी मदद से मुश्किलों को कम कर सकते हैं। कैसे, जानिए कुछ सुझाव --
*उम्र के साथ अपना नजरिया विकसित करना भी आवश्यक है। अपने दिल की आवाज सुनिए और जरूरी हो तो लीक से हटकर काम कीजिए।
*ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें जो आपको पसंद नहीं करते या जिन्हें आप पसंद नहीं करते। भले ही वे कोई रिश्तेदार या सहकर्मी ही क्यों न हों। कोई आपकी भावनाओं का अपमान करे ,नीची निगाहों से देखे या परेशान करने की कोशिश करे ,तो उसे अपने आसपास भी न रखें।
*हर किसी से अपनी तुलना मत कीजिए। इससे आप खुद को ही छोटा महसूस करेंगे। बेहतर है कि अपने आप से खुद की तुलना करें। पहले क्या थे और अब क्या हैं ,ये सोचने से आपके मन से ईर्ष्या का भाव दूर होगा।
*तनाव और चिंता से दूर रहने का एक आसान उपाय है कि खुद को दूसरों की भलाई में व्यस्त रखें। ज्यादा समय दिए बिना भी आप यह आसानी से कर सकते हैं। जीवन से हमेशा लेने की बजाय कभी देने के बारे में भी सोचिए।
*सही काम जितना जरूरी है ,उतना ही जरूरी सही तरीके से करना है। इसी तरह सभी काम करें न कि आसानी से होने वाला काम। अगर आप काम का शॉर्टकट ढूंढेंगे तो गलत रास्ता अख्तियार करना ही होगा।
*दूसरों से तवज्जो की बजाय सम्मान पाने की कोशिश करें। ऐसा काम करें ,जिनका लम्बे समय तक प्रभाव रहे। लोकप्रियता क्षणिक होती है लेकिन प्रभावी होने का मतलब है आप दूसरों से जीवन बेहतर बनाने में सफल रहे हैं।
*कई बार दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास में हम जीने का अपना तरीका ही भूल जाते हैं। यदि आपके चलते किसी को दुःख नहीं हो रहा है तो जिंदगी अपने तरीके से जीने में कोई बुराई नहीं है। रिश्ते खत्म होने में समय नहीं लगता लेकिन अपनी जिंदगी हमें खुद ही जीनी है।
*कोई एक दिन निश्चित करें कि नेगेटिव चीजें बिलकुल नहीं सोचेंगे। गॉसिप ,झूठ या धोखा कभी न कभी हम सबके साथ होता है। इससे आप भी बच नहीं सकते ,लेकिन कई चीजें अच्छी भी होती हैं। उनके बारे में सोचिए। इससे अलग तरह की ऊर्जा मिलेगी।
*उम्र के साथ अपना नजरिया विकसित करना भी आवश्यक है। अपने दिल की आवाज सुनिए और जरूरी हो तो लीक से हटकर काम कीजिए।
*ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें जो आपको पसंद नहीं करते या जिन्हें आप पसंद नहीं करते। भले ही वे कोई रिश्तेदार या सहकर्मी ही क्यों न हों। कोई आपकी भावनाओं का अपमान करे ,नीची निगाहों से देखे या परेशान करने की कोशिश करे ,तो उसे अपने आसपास भी न रखें।
*हर किसी से अपनी तुलना मत कीजिए। इससे आप खुद को ही छोटा महसूस करेंगे। बेहतर है कि अपने आप से खुद की तुलना करें। पहले क्या थे और अब क्या हैं ,ये सोचने से आपके मन से ईर्ष्या का भाव दूर होगा।
*तनाव और चिंता से दूर रहने का एक आसान उपाय है कि खुद को दूसरों की भलाई में व्यस्त रखें। ज्यादा समय दिए बिना भी आप यह आसानी से कर सकते हैं। जीवन से हमेशा लेने की बजाय कभी देने के बारे में भी सोचिए।
*सही काम जितना जरूरी है ,उतना ही जरूरी सही तरीके से करना है। इसी तरह सभी काम करें न कि आसानी से होने वाला काम। अगर आप काम का शॉर्टकट ढूंढेंगे तो गलत रास्ता अख्तियार करना ही होगा।
*दूसरों से तवज्जो की बजाय सम्मान पाने की कोशिश करें। ऐसा काम करें ,जिनका लम्बे समय तक प्रभाव रहे। लोकप्रियता क्षणिक होती है लेकिन प्रभावी होने का मतलब है आप दूसरों से जीवन बेहतर बनाने में सफल रहे हैं।
*कई बार दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास में हम जीने का अपना तरीका ही भूल जाते हैं। यदि आपके चलते किसी को दुःख नहीं हो रहा है तो जिंदगी अपने तरीके से जीने में कोई बुराई नहीं है। रिश्ते खत्म होने में समय नहीं लगता लेकिन अपनी जिंदगी हमें खुद ही जीनी है।
*कोई एक दिन निश्चित करें कि नेगेटिव चीजें बिलकुल नहीं सोचेंगे। गॉसिप ,झूठ या धोखा कभी न कभी हम सबके साथ होता है। इससे आप भी बच नहीं सकते ,लेकिन कई चीजें अच्छी भी होती हैं। उनके बारे में सोचिए। इससे अलग तरह की ऊर्जा मिलेगी।
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