गर्मी अपने साथ कड़ी धूप ,झुलसी त्वचा ,सुस्ती और बदहजमी भी साथ लाती है। दिनभर प्रदूषण ,सूर्य की पराबैंगनी किरणों और धुंए का सामना करते -करते रात तक त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता जवाब दे जाती है क्योंकि त्वचा के विटामिन सी और विटामिन ई के प्राकृतिक स्रोत लगभग समाप्त होने लगते हैं। वास्तव में सूर्य त्वचा का सबसे बड़ा दुश्मन है। यदि हम अधिक देर धूप में रहते हैं तो निश्चित रूप से त्वचा को नुकसान पहुंचेगा।
दरअसल ,सूरज की गर्मी ,प्रदूषण और धूल -मिटटी से अच्छी से अच्छी त्वचा भी खराब हो जाती है और कील -मुंहासे ,झाइयां ,भूरे काले दाग ,ब्लैक हेड ,झुर्रियों जैसी परेशानियां सामने आती हैं। कुछ लोगों की त्वचा तो इतनी कोमल होती है कि सूर्य की किरणोंके सम्पर्क में आने से उनकी चमड़ी काली पड़ जाती है।
गर्मी में धूप से हुई चिपचिपाहट के कारण अक्सर तैलीय त्वचा वाले लोग दिन में कई बार चेहरा धोते हैं। वास्तव में बहुत अधिक पानी या साबुन से चेहरा धोना भी नुकसानदायक है और इससे त्वचा के नार्मल सबस्टेंस खत्म होने लगते हैं और झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित होती हैं। ये रेटिना पर सीधी चोट करती हैं। चूंकि स्वस्थ चमकी आंखें व्यक्ति की सुंदरता को दोगुना करती हैं इसलिए आंखों को भी सूर्य की किरणों से बचाना बेहद जरूरी हो जाता है।
बचाव के नुस्खें ---*सूर्य की किरणों से त्वचा को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी किस्म के कपड़े से त्वचा को ढ़ककर रखें। जहां यह सम्भव नहीं जैसे चेहरा ,हाथ आदि ,वहां किसी अच्छी कम्पनी का सनस्क्रीन क्रीम का इस्तेमाल करें। सनक्रीम दिन में तीन बार सुबह ,दोपहर और शाम को लगाएं।
*धूप में जाते समय जहां तक हो सके ,कोई इत्र या सुगंध न लगाएं। धूप से त्वचा में जलन होती है परिणामस्वरूप इत्र से मिलकर इससे त्वचा पर काले चकते पड़ सकते हैं।
*धूप में सिर पर दुपट्टा ,स्कार्फ या साड़ी का पल्लू लें ताकि बालों को नुकसान न पहुंचे। छाता ले जाना सबसे बेहतर होता है।
*धूप का चश्मा लगाएं ताकि आंखों और उसके नीचे की कोमल त्वचा को हानि न पहुंचे। सूरज की किरणों से आंखों के नीचे लकीरें पड़ने का खतरा रहता है।
*सूरज की सीधी किरणें त्वचा में कोलॉजोंन और इलास्टिक टिश्यू को खत्म कर देती है और उसका असर बढ़ता जाता है। सनक्रीम लोशन या सनब्लॉक धूप के खतरनाक असर को रोकने में मददगार साबित होते हैं।
सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग धूप में निकलने से आधे घंटे पहले करें ताकि केमिकल्स त्वचा में घुलकर कार्य कर सकें। गर्मी की तेज धूप में निकलने से पहले यदि आप ये एहतियात बरतें तो त्वचा की कोमलता बनाए रखना आपके लिए आसान होगा। कुछ महिलाएं पार्लर में सूरज से झुलसी त्वचा का समाधान पाने जाती हैं लेकिन ,धूप में अधिक रहने से यदि त्वचा पर रैश आदि हो जाएं तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिलना अधिक हितकर होता है।
दरअसल ,सूरज की गर्मी ,प्रदूषण और धूल -मिटटी से अच्छी से अच्छी त्वचा भी खराब हो जाती है और कील -मुंहासे ,झाइयां ,भूरे काले दाग ,ब्लैक हेड ,झुर्रियों जैसी परेशानियां सामने आती हैं। कुछ लोगों की त्वचा तो इतनी कोमल होती है कि सूर्य की किरणोंके सम्पर्क में आने से उनकी चमड़ी काली पड़ जाती है।
गर्मी में धूप से हुई चिपचिपाहट के कारण अक्सर तैलीय त्वचा वाले लोग दिन में कई बार चेहरा धोते हैं। वास्तव में बहुत अधिक पानी या साबुन से चेहरा धोना भी नुकसानदायक है और इससे त्वचा के नार्मल सबस्टेंस खत्म होने लगते हैं और झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित होती हैं। ये रेटिना पर सीधी चोट करती हैं। चूंकि स्वस्थ चमकी आंखें व्यक्ति की सुंदरता को दोगुना करती हैं इसलिए आंखों को भी सूर्य की किरणों से बचाना बेहद जरूरी हो जाता है।
बचाव के नुस्खें ---*सूर्य की किरणों से त्वचा को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी किस्म के कपड़े से त्वचा को ढ़ककर रखें। जहां यह सम्भव नहीं जैसे चेहरा ,हाथ आदि ,वहां किसी अच्छी कम्पनी का सनस्क्रीन क्रीम का इस्तेमाल करें। सनक्रीम दिन में तीन बार सुबह ,दोपहर और शाम को लगाएं।
*धूप में जाते समय जहां तक हो सके ,कोई इत्र या सुगंध न लगाएं। धूप से त्वचा में जलन होती है परिणामस्वरूप इत्र से मिलकर इससे त्वचा पर काले चकते पड़ सकते हैं।
*धूप में सिर पर दुपट्टा ,स्कार्फ या साड़ी का पल्लू लें ताकि बालों को नुकसान न पहुंचे। छाता ले जाना सबसे बेहतर होता है।
*धूप का चश्मा लगाएं ताकि आंखों और उसके नीचे की कोमल त्वचा को हानि न पहुंचे। सूरज की किरणों से आंखों के नीचे लकीरें पड़ने का खतरा रहता है।
*सूरज की सीधी किरणें त्वचा में कोलॉजोंन और इलास्टिक टिश्यू को खत्म कर देती है और उसका असर बढ़ता जाता है। सनक्रीम लोशन या सनब्लॉक धूप के खतरनाक असर को रोकने में मददगार साबित होते हैं।
सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग धूप में निकलने से आधे घंटे पहले करें ताकि केमिकल्स त्वचा में घुलकर कार्य कर सकें। गर्मी की तेज धूप में निकलने से पहले यदि आप ये एहतियात बरतें तो त्वचा की कोमलता बनाए रखना आपके लिए आसान होगा। कुछ महिलाएं पार्लर में सूरज से झुलसी त्वचा का समाधान पाने जाती हैं लेकिन ,धूप में अधिक रहने से यदि त्वचा पर रैश आदि हो जाएं तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिलना अधिक हितकर होता है।
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