1 फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है,लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में प्रसारित होती है। -चाणक्य
2 आप बगीचे के सारे फूलों को तो तोड़ सकते हैं ,लेकिन वसंत को आने से नहीं रोक सकते।- पाब्लो नेरुदा
3 स्वर्ग और पृथ्वी सब हमारे ही अंदर हैं। हम पृथ्वी से तो परिचित हैं ,पर अपने अंदर के स्वर्ग से बिल्कुल अनजान रहते हैं। -महात्मा गांधी
4 कला का उद्देश्य चीजों के बाहरी रूप को साकार करना नहीं बल्कि उनके आंतरिक महत्व को दर्शाता है। -अरस्तू
5 हम अपना आकलन अपने भीतर मौजूद क्षमताओं से करते हैं जबकि अन्य लोग हमारे कर्म से हमेँ आंकते हैं। -मार्क्स फ्रेंक
6 जीवन तथ्यों ,घटनाओं पर नहीं बल्कि व्यक्ति के भीतर उठने वाले विचारों के तूफान पर आधारित होता है। -मार्क ट्वेन
7चिंता करते है हम जितनी अतीत की ,सुख की। उतनी अनंत में बनती जाती रेखाएं दुःख की। -जयशंकर प्रसाद
8 यदि आप लम्बी दूरी तक तेजी से जाना चाहते हैं तो ईर्ष्या ,दुर्भावना ,स्वार्थ और भय छोड़कर खुद को हल्का कर लें। -तषेजेरे पावेजे
9 जब आप कोई निर्णय ले लेते हैं तो ब्रह्मांड उसे सच करने की कोशिश करता है। राल्फ वाल्डो इमरसन
10 विचार पुष्पों के समान हैं और सोचना उनको सुंदर माला में पिरोने के समान। -स्वेटसीन
2 आप बगीचे के सारे फूलों को तो तोड़ सकते हैं ,लेकिन वसंत को आने से नहीं रोक सकते।- पाब्लो नेरुदा
3 स्वर्ग और पृथ्वी सब हमारे ही अंदर हैं। हम पृथ्वी से तो परिचित हैं ,पर अपने अंदर के स्वर्ग से बिल्कुल अनजान रहते हैं। -महात्मा गांधी
4 कला का उद्देश्य चीजों के बाहरी रूप को साकार करना नहीं बल्कि उनके आंतरिक महत्व को दर्शाता है। -अरस्तू
5 हम अपना आकलन अपने भीतर मौजूद क्षमताओं से करते हैं जबकि अन्य लोग हमारे कर्म से हमेँ आंकते हैं। -मार्क्स फ्रेंक
6 जीवन तथ्यों ,घटनाओं पर नहीं बल्कि व्यक्ति के भीतर उठने वाले विचारों के तूफान पर आधारित होता है। -मार्क ट्वेन
7चिंता करते है हम जितनी अतीत की ,सुख की। उतनी अनंत में बनती जाती रेखाएं दुःख की। -जयशंकर प्रसाद
8 यदि आप लम्बी दूरी तक तेजी से जाना चाहते हैं तो ईर्ष्या ,दुर्भावना ,स्वार्थ और भय छोड़कर खुद को हल्का कर लें। -तषेजेरे पावेजे
9 जब आप कोई निर्णय ले लेते हैं तो ब्रह्मांड उसे सच करने की कोशिश करता है। राल्फ वाल्डो इमरसन
10 विचार पुष्पों के समान हैं और सोचना उनको सुंदर माला में पिरोने के समान। -स्वेटसीन
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