- ज्ञान इच्छा की आँख है ,यह आत्मा की किश्ती को पर लगाने वाला बन सकता है। -विल ड्यूरेंट
- आलसी मनुष्य अपना पुरुषार्थ गवां देते हैं जिससे उन्हें कहीं भी सफलता नहीं मिलती। -ऋग्वेद
- किसी सिद्धांत पर विश्वास करना लेकिन खुद उसपर अमल न करना बेईमानी है। -महात्मा गांधी
- आपत्ति -विपत्ति के समय क्षुद्र लोग ही घबराते हैं ,महान पुरुष अविचल ही रहते हैं। -रश्मि माला
- हर कार्य के लिए समय होता है और समय के लिए कार्य होता है। -बाइबिल
- शिक्षा जीवन के लिए है जीविका के लिए नहीं। -सत्य सांईबाबा
- अच्छे विचारों तथा प्रयासों का परिणाम निसंदेह अच्छा होगा। -स्वामी विवेकानंद
- कोई भी व्यक्ति अनेक और बड़ी गलतियां किए बिना कभी महान नहीं हुआ। -ग्लैडस्टन
- दुष्ट जनों के सोते रहने तथा संत जनों के जागते रहने में ही समाज का कल्याण है। -संत कबीरदास
- गलती स्वीकार करना झाड़ू के समान है ,जो गंदगी को हटाकर सतह को साफ कर देती है। -महात्मा गांधी
Thursday, September 27, 2018
Wednesday, September 26, 2018
सुविचार 26/9/2018 - Hindi Quotes
- वे व्यक्ति कभी अकेले नहीं जिनके साथ सुंदर विचार हैं। -पी सिडनी
- आत्मज्ञान ,आत्मविश्वास और आत्मसंचय सिर्फ यही तीन जीवन को बल व शक्ति प्रदान करते हैं। -टेनीसन
- केवल विश्वास ही ऐसा संबल है जो हमें मंजिल तक पहुंचाता है। -स्वेट मार्डेन
- आदमी की दुर्भावना उसके दुश्मन की बजाय उसे ही अधिक दुःख देती है। -चार्ल्स बक्सटन
- दिन में सत्कर्म करने वाले को रात में गहरी नींद आती है। -स्कन्द पुराण
- धर्म आत्मा का विषय है जिसका प्रचार चिंतन से ,ज्ञान से ,तपस्या से ,अनुभव होता है। -विनोबा भावे
- दुष्ट पर दया न करें। उसे दंड से सही रास्ते पर लाया जा सकता है। *आचार्य चाणक्य
- मानव की वाणी की अपेक्षा उसका कर्म अधिक अच्छा नेतृत्व कर सकता है। -हरिकृष्ण प्रेमी
- जीवन और कुछ नहीं है ,केवल कुछ समय के लिए मृत्यु की अनुपस्थिति है। -शापेन हारवर
- बंदर के हाथ से डाली का छूटना और आदमी के हाथ से अवसर का ,एक बराबर बुरा होता है। -अज्ञात
Tuesday, September 25, 2018
सुविचार 25/9/2018 - Hindi Quotes
- थोड़ा सा भी झूठ मनुष्य का नाश कर देता है ,जैसे दूध को एक बूंद जहर की। --महावीर
- बुद्धिमान व्यक्ति को जितने अवसर मिलते हैं ,उनसे अधिक तो वह पैदा करता है। -बेकन
- यह निश्चित है कि जो किसी की परवाह नहीं करता उसकी परवाह भी कोई नहीं करेगा। -थॉमस जैफरसन
- अनंत अतीत ,अनंत भविष्य और क्षणिक वर्तमान की कहानी का नाम जीवन है। -स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि
- अतीत की चिंता मत करो ,उसे भूल जाओ ,बीती हुई बात की चिंता करने से सुधार नहीं हो सकता। -जेम्स डगलस
- दानी के चरित्र का पता दान की अपेक्षा देने की विधि से अधिक लगता है। -लेवेटर
- जो सीखता है ,किन्तु अपनी विद्या का उपयोग नहीं करता ,वह पुस्तकों से लदा लहू -पशु है। -शेख सादी
- हृदय की ज्ञानरूपी तेल से भिगोए बिना आत्म -रूपी ज्योति का प्रकाश बाहर भली -भांति प्रकट नहीं हो सकता। -स्वामी रामतीर्थ
- यदि आप दूसरों की मदद कर सकते हैं ,तो जरूर करें ,यदि नहीं कर सकते तो उन्हें नुकशान तो नहीं पहुंचाए। -दलाई लामा
- सफलता के मायने इसमें नहीं है कि आप खुद कितनी ऊंचाई तक उठे हैं ,बल्कि इसमें है कि आप अपने साथ कितने लोगों को लाए हैं। -विल रॉस
Monday, September 24, 2018
सुविचार 24/9/2018 - Hindi Quotes
- बहादुर व्यक्ति वह नहीं जिसे डर नहीं लगता ,बल्कि वह है जो डर पर विजय प् लेता है। -नेल्सन मंडेला
- जो व्यक्ति भविष्य का भय नहीं करता ,वही वर्तमान का आनंद ले सकता है। -डॉ टॉमस फुलर
- अगर आपके सपने साकार नहीं हो पा रहे हैं तो इसका एक ही कारण है ,असफलता का डर। -पाउलो कोएल्हो
- जीवन में पीछे जाकर शुरुआत नहीं की जा सकती ,लेकिन आज शुरुआत कर एक नए अंत को अंजाम देना सम्भव है। -मारिया रॉबिन्सन
- जीवन का रहस्य सिर्फ मौत में नहीं छिपा है। यह पेड़ -पौधों यहां तक कि हमारे रचनात्मक कार्यों में भी दिखता है। -पॉल कटरज
- हम तब महानता के निकटतम होते हैं जब हम नम्रता में महान होते हैं। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
- हमारी महानतम विशालता कभी भी न गिरने में नहीं बल्कि गिरने पर हर बार उठ जाने में निहित है। -कन्फ्यूशियस
- जब तक आप आंतरिक रूप से शांति नहीं खोज पाते इसे अन्यत्र खोजने से कोई लाभ नहीं है। -एल ए रोशेफोलिकॉल्ड
- असफलता दरअसल एक बार फिर से शुरुआत करने का मौका है। इस बार और बेहतर ढंग से। ...हेनरी फोर्ड
- काम वह वस्तु नहीं है जिससे किसी व्यक्ति की पराजय होती है ,वास्तव में वह चिंता है। -हेनरी वार्ड बीचर
Sunday, September 23, 2018
सुविचार 23/9/2018 - Hindi Quotes
- घर ईंट गारे का मकान नहीं ,इंसानियत सिखाने की पाठशाला है। साने गुरूजी
- मंजिल पर कब तक न पहुंच जाएं निगाहें लक्ष्य पर जमाए रखिए। -जोश विलिंग्स
- अपने सारे डर खुद तक सीमित रखें लेकिन साहस सभी के साथ साझा करें। -राबर्ट लुईस स्टीवेंसन
- जिस व्यक्ति को अन्याय देखकर भी क्रोध नहीं आता है ,वह नपुंसक है। -परशुराम गीता
- सफलता ख़ुशी की चाबी नहीं है। ख़ुशी सफलता की चाबी है। आप जो कर रहे हैं अगर आप उससे प्यार करते हैं तो आप जरूर सफक होंगे। -हरमन केन
- बड़े फैसले लीजिए और गलतियां कीजिए ,यही वे अहम चीजें हैं तो आपको वह बनाती हैं जो आप बनना चाहते हैं। -एंजेलिना जाली।
- इस दुनिया में किसी दुःखी व्यक्ति के लिए थोड़ी सी भी सहायता ढेरों उपदेशों से कहीं अधिक अच्छी है। -बुलवर
- अनुशासन का पालन तभी सम्भव है जब मनुष्य को उस काम में अनुराग हो जिसमें वह लगा है। इसके बिना तो अनुशासन अनुकरण मात्र होगा। -महात्मा गांधी
- इस संसार में प्यार लायक दो वस्तुएं हैं एक दुःख और दूसरा श्रम। दुःख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता। -आचार्य श्रीराम शर्मा।
- अहंकार को खोने वाला कभी हानि में नहीं रहता। बीज मिटकर ही वृक्ष की पाता है और नदी स्वयं को खोकर ही सागर हो जाती है। स्वयं को खोना ही स्वयं को पाना है। -ओशो
सुविचार 22/9/2018 - Hindi Quotes
- निष्काम होकर पुरुषार्थ करने वाले को सफलता स्वयमेव प्राप्त होती है। -भारवि
- सेवा सबकी करो परन्तु आशा किसी से मत रखो। यह संसार में रहने का उत्तम ढंग है। -आनंदमयी माँ
- समय का मूल्यांकन करो। बीता हुआ समय कोटि -कोटि मुद्राएं देने पर भी नहीं मिलता। -स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी
- निरपराधी मनुष्य पर अपराध का आरोप लगाना महापाप है। -कुरान शरीफ
- किसी व्यक्ति को समझने के लिए इस बात को न देखें कि उसने अभी तक क्या प्राप्त किया है ,इस बात को देखें कि वह क्या अभिलाषा रखता है। -खलिल जिब्रान
- एकाग्रता एक कला है ,जिसके आते ही सफलता निश्चित हो जाती है। उम्र ,शक्ति ,योग और सम्पूर्ण साधनों की सिद्धि का मूलमंत्र एकाग्रता है। -गीताज्ञान
- अपमानों का या तो ठीक से बदला लें अथवा उसे सहन करने की आदत डालें। -स्पेन की लोकोक्ति
- मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती ,धर्म करने से पाप नहीं रहता ,मौन रहने से कलह नहीं होता। -चाणक्य
- यदि एक मनुष्य की उन्नति होती है तो उसके साथ पूरे संसार की उन्नति होती है। और यदि एक व्यक्ति का पतन होता है तो संसार का भी पतन होता है। -महात्मा गांधी
- क्रोध कभी भी बिना कारण नहीं होता ,लेकिन कदाचित ही यह कारण सार्थक होता है। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
Friday, September 21, 2018
सुविचार 21/9/2018 - Hindi Quotes
- इंसान को व्यापार के लिए कभी भी अपने परिवार की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। -वॉल्ट डिज्नी
- अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं आपको सबसे पहले उसी की तरह से खुद को जलाना होगा। -अडोल्फ हिटलर
- वे कितने निर्धन हैं ,जिनके पास धैर्य नहीं है। -शेक्सपियर
- जब आप एक बार लोगों को हंसा लेते हैं तो वे आपकी बात की ओर आकर्षित हो जाते हैं। फिर आप जो कुछ भी कहें ,वे सुनने को तैयार रहते हैं। -हर्ब गार्डनर
- गुणी मनुष्य अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते ,बल्कि दूसरों से अपनी प्रशंसा सुनकर नम्र हो जाते हैं। -अज्ञात
- यदि मनुष्य सीखना चाहे तो हर भूल कुछ न कुछ शिक्षा देती है। -डिकेंस
- कभी -कभी उन लोगों से भी शिक्षा मिलती है ,जिन्हें हम अभिमानवश अज्ञानी समझते हैं। -प्रेमचंद
- यदि आप मानसिक शांति के बदले में साम्राज्य भी प्राप्त करते हैं तो भी आप पराजित ही हैं। -अज्ञात
- हमारी प्रार्थना सर्व -सामान्य की भलाई के लिए होनी चाहिए ,क्योंकि ईश्वर जानता है कि हमारे लिए अच्छा क्या है। -सुकरात
- तर्क केवल मुक्ति का विषय है। हृदय की सिद्धि तक बुद्धि नहीं पहुंच सकती। जिसे बुद्धि माने मगर हृदय न माने। वह तजने योग्य है। -महात्मा गांधी
Thursday, September 20, 2018
सुविचार 20/9/2018 Hindi Quotes
- मनुष्य के आधे गुण तो उसी समय विदा हो जाते हैं जब वह दूसरे की दासता स्वीकार कर लेता है। -होमर
- आलसी की कोई भी अच्छी इच्छा कभी पूर्ण नहीं हुई। -सर्वेण्टीज
- कर्म को स्वार्थ से परमार्थ की ओर ले जाना ही मुक्ति है। कर्म का त्याग मुक्ति नहीं है। -रवीन्द्रनाथ ठाकुर
- आप किसी विषय का विशद ज्ञान हासिल करना चाहते हैं तो इसे दूसरों को सिखाना शुरू कर दीजिए। -ट्रायन एडवर्ड्स
- वही उन्नति कर सकता है ,जो दूसरों को उपदेश देने की अपेक्षा स्वयं को उपदेश देता है। -गुरुनानक
- निराशा से जीवन के बहुमूल्य तत्व नष्ट हो जाते हैं। इससे विजय के बहुत से अवसर खो जाते हैं। -स्वेट मार्डेन
- जो लोग खतरों से डरते हैं उनकी जिंदगी को दुनिया की हर चीज से खतरा है। -बर्नार्ड शा
- अवसर उनकी सहायता कभी नहीं करते जो खुद कभी अपनी सहायता नहीं करते। -सोफोक्लीज
- वही पुत्र है जो पितृभक्त है ,वही पिता है जो ठीक से पालन करता है ,वही मित्र है जिसपर विश्वास किया जा सके और वही देश है जहां जीविका हो। -चाणक्य
- हम क्या सोचते हैं ,क्या जानते हैं और किसमें विश्वास करते हैं ,इसके बजाय हम क्या करते हैं यह अधिक महत्वपूर्ण है। -जॉन रस्किन
Wednesday, September 19, 2018
सुविचार 19/9/2018 - Hindi Quotes
- जिसने किसी का मन नहीं जीता ,वह ईश्वर की सृष्टि का रहस्य नहीं समझ सकता। -विनोबा भावे
- बड़प्पन अमीरी में नहीं ,ईमानदारी और सज्जनता में सन्निहित है। -श्रीराम शर्मा आचार्य
- असम्भव और सम्भव के बीच में अंतर् व्यक्ति के दृढ़ निश्चय पर निर्भर करता है। -टामी लसोरदा
- जहां कल्पनाशीलता नहीं है वहां किसी तरह की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। -जार्ज वाशिंगटन
- ज्यों ही मनुष्य अपनी निजी विचारधारा की पकड़ खोना शुरू करता है ,उसका समाज में महत्व खत्म होने लगता है। -जवाहरलाल नेहरू
- उत्साह ही बलवान होता है ,उत्साह से बढ़करदूसरा कोई बल नहीं है। उत्साही पुरुष के लिए संसार में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं है। -वाल्मीकि
- सुखी वह है जिसकी परिस्थितियां उसके स्वभाव के अनुकूल हैं ,लेकिन वह और भी सुखी है जो अपने स्वभाव को परिस्थिति के अनुकूल बना लेता है। -हुम्
- ज्ञान का सार यह है कि ज्ञान रहते उसका प्रयोग करना चाहिए और उसके अभाव में अपनी अज्ञानता स्वीकार कर लेनी चाहिए। -कन्फ्यूशियस
- जिस त्याग से अभिमान उत्पन्न होता है ,वह त्याग नहीं। त्याग से शांति मिलनी चाहिए। अंततः अभिमान का त्याग ही सच्चा त्याग है। -विनोबा भावे
- बुद्धिमान मनुष्य कभी अपनी हानि पर शोक नहीं करते ,बल्कि प्रसन्न्तापूर्वक अपनी क्षति को को पूरा करने का उपाय करते हैं। -शेक्सपियर
Tuesday, September 18, 2018
सुविचार 18/9/2018 - Hindi Quotes
- निंदा स्तुति अथवा मृत्यु के भय से भी बुद्धिमान व्यक्ति कभी सच्चाई की राह नहीं छोड़ता है। -भृतहरि
- जितने से आदमी का पेट भरे ,उतने पर ही उसका निजी अधिकार है। जो इससे अधिक एकत्र करता है ,वह चोर है। -श्रीमदभागवत
- आप हंसिए ,दुनिया आपके साथ हंसेगी। आप रोइए और अकेले रोइए। -एडब्ल्यू विलकॉक्स
- इच्छाओं का संघर्ष यह प्रकट करता है कि जीवन व्यवस्थित होना चाहता है। -खलील जिब्रान
- जिसे समझ है वह जानता है कि विदवत्ता नहीं ,बल्कि उसे उपयोग में लाने की कला का नाम ज्ञान है। -एटिल
- विद्या कामधेनु के समान है। व्यक्ति विद्या हासिल कर उसका फल कहीं भी प्राप्त कर सकता है। -चाणक्य
- अच्छी तरह सोचना बुद्धिमत्ता है ,अच्छी योजना बनाना उत्तम है और अच्छी तरह काम को पूरा करना सबसे अच्छी बुद्धिमत्ता है। -फ़ारसी कहावत
- लहर को सही समय पर पकड़ने में किस्मत साथ दे सकती है ,पर उसके साथ आगे बढ़ना आप पर निर्भर करता है। -जिमोह ओबी ईगल
- अगर हम नई सदी की तरफ देखें तो यह पाएंगे कि लीडर्स वही होंगे जो दूसरों को सक्षम बनाएंगे। -बिल गेट्स
- आधे से ज्यादा लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि समय पर उनमे साहस का संचार नहीं हो पाता और वह डर जाते हैं। -स्वामी विवेकानंद
Monday, September 17, 2018
सुविचार 17/9/2018 - Hindi Quotes
- जितनी ज्यादा मेहनत करोगे ,उतने ज्यादा भाग्यशाली रहोगे। -गेरी प्लेयर
- मनुष्य ही परमात्मा का सर्वोच्च साक्षात् मंदिर है। इसलिए साकार देवता की पूजा करो। -स्वामी विवेकानंद
- ज्ञानदाता गुरु की निंदा करनी तो दूर ,सुननी भी नहीं चाहिए। -चाणक्य
- ऐसी कोई भी वस्तु नहीं है ,जिसे अभ्यास से हासिल न किया जा सकता हो। -संत ज्ञानेश्वर
- प्रकृति ने हमारे भीतरी अंगों के व्यायाम के लिए और हमें आनंद प्रदान करने के लिए हंसी बनाई। -स्वेट मार्डेन
- तीन चीजें अधिक समय तक छुपी रह सकती। सूरज ,चन्द्रमा और सत्य। -भगवान बुद्ध
- जो अपने ऊपर शासन नहीं करेगा ,वह सदैव दूसरों का सेवक रहेगा। -गेटे
- सेवक को तब परखें जब वह काम ना कर रहा हो ,रिश्तेदार को कठिनाई में ,मित्र को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में। -चाणक्य
- जिसके पास धैर्य और परिश्रम का बल है वह जो कुछ इच्छा करता है उसे प्राप्त कर लेता है। -ब्रेजामिन फ्रेंकलिन
- कभी -कभी समय के फेर से मित्र शत्रु बन जाता है और शत्रु भी मित्र हो जाता है ,क्योंकि स्वार्थ बड़ा बलवान है। -वेद व्यास
Sunday, September 16, 2018
सुविचार 16/9/2018 -Hindi Quotes
- आदर्श परिस्थितियों या सर्वश्रेष्ठ अवसरों की प्रतीक्षा न करें ,वे कभी नहीं आने वाली हैं। -जेनेट एयरस्किन स्टुअर्ट
- महज किनारे खड़े रहकर पानी देखते रहेंगे तो आप कभी भी समुद्र पार नहीं कर सकते। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
- प्रसन्नता कोई पहले से निर्मित चीज नहीं है। यह आप ही के कर्मों से आती है। -दलाई लामा
- अहंकार समस्त गुणों को महत्वहीन कर देता है। -मुनि सुदर्शनलाल जी
- निशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी। -महात्मा गांधी
- अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितना कि सीखने की इच्छा न रखना। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
- जिस प्रकार श्रम शरीर को शक्ति प्रदान करता है ,उसी प्रकार कठिनाइयां मनुष्य को सम्पन्न बनाती है। -अज्ञात
- असम्भव और सम्भव के बीच में अंतर् व्यक्ति के दृढ़ निश्चय पर निर्भर करता है। -टामी लसोरदा
- आनंद ही एक ऐसी चीज है ,जो आपके पास न होने पर भी आप दूसरों को बिना किसी असुविधा के दे सकते हैं। कारमेन सिल्वा
- नमस्कार करने वाला व्यक्ति किसी व्यक्ति से कुछ भी ग्रहण कर सकता है। वह अपनी बात मनवा सकता है और क्षमादान भी प्राप्त कर सकता है। -भारतेन्दु हरिश्चंद्र
सुविचार 14/9/2018 - Hindi Quotes
- आशा और आत्मविश्वास से ही हमारी शक्तियां जागृत होती हैं। इनसे हमारी उत्पादन शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। -स्वेट मार्डेन
- अच्छा मनुष्य वही है ,जो क्रोध और उत्तेजना के क्षणों में भी वाणी पर संयम रखता है। -शेख सादी
- मस्तिष्क के लिए अध्ययन की उतनी ही जरूरत है ,जितनी शरीर के लिए व्यायाम की। -जोसेफ एडीसन
- यदि आप गुस्से के एक क्षण में भी धैर्य रखते हैं ,तो आप दुःख के सौ दिनों से बच सकते हैं। -चीनी कहावत
- निर्धनता में भी हँस सकने वाला व्यक्ति निर्धन नहीं होता है। -रेमंड हिचकॉक
- क्षण भर के लिए हितकारी अवसर आता है। हम उसे खो देते हैं और महीनों तथा वर्षों का नाश हो जाता है। -कलाइल
- धन ,साधन ,समय, कर्म और स्थान इन पांचों को स्पष्ट विचार करके किसी कार्य में प्रवृत होना चाहिए। -तिरुवल्लुवर
- हकीकत में महान वह व्यक्ति हैजो अपने साथ बुरा करने वालों का भी भला ही करता और सोचता है। -महात्मा गांधी
- मनुष्य को अपने विरुद्ध बातें नहीं करनी चाहिए ,इससे खुद की हानि होती है। -सैम्यूल जॉनसन
- आशावाद ही वह भरोसा है जो हमें सफलता की ओर ले जाता है। आशा और हौसले के बिना सफलता पाना नामुमकिन है। -हेलन केलर
सुविचार 15/9/2018 - Hindi Quotes
- अच्छे कार्यों को सोचते ही न रहिए ,उन्हें सारे दिन कीजिए ताकि जीवन एक भव्य मधुर गीत बन जाए। -चार्ल्स किंग्सले
- सही अवसर न मिलने पर क्षमता के मायने बेहद सीमित हो जाते हैं। -नेपोलियन
- जो नए सुधारों पर अमल नहीं करेगा वह नए खतरों को न्योता देगा। -फ्रांसिस बेकन
- अन्य किसी वस्तु को हम इतनी अनिच्छा से नहीं स्वीकारते जितना उपदेश को। -एडीसन
- मांग और वह तुझे जरूर मिलेगा। खोज और तू जरूर पाएगा। खटखटा ,तेरे लिए दरवाजा अवश्य खुलेगा। -बाईबिल
- आत्मसंयम ,अनुशासन और बलिदान के बिना राहत या मुक्ति की आशा नहीं की जा सकती। अनुशासनहीन बलिदान से काम नहीं चलेगा। -महात्मा गांधी
- कठिनाइयों और हानियों को सहन करने के पश्चात मनुष्य विनीत और बुद्धिमान हो जाता है। -अज्ञात
- बदलाव को दुनिया नफरत से देखती है ,फिर भी यही वह चीज है जो प्रगति ले आई। -चार्ल्स केटरिंग
- वस्तुओं द्वारा नहीं ,नैतिकता के बल पर ही मनुष्यों और उनके कर्मों पर अधिकार प्राप्त किया जा सकता है। -कालाईल
- सच्चे मित्र हीरों की तरह कीमती और दुर्लभ हैं। झूठे मित्र पतझड़ के पत्तों की तरह सर्वत्र मिलते हैं। -अरस्तू
Thursday, September 13, 2018
सुविचार 13/9/2018 - Hindi Quotes
- प्रिय होने पर भी जो हितकर न हो ,उसे न कहें ,हितकर कहना ही अच्छा है ,चाहे वह अत्यंत अप्रिय हो। -विष्णु पुराण
- धारणाएं बदल सकती हैं लेकिन चरित्र नहीं बदलते। उनका केवल विकास होता है। -डिजरेली
- असफलता की उतपत्ति तभी होती है जब आप प्रयास करना बंद कर देते हैं। -एल्बर्ट हब्बार्ड
- भाषा हमें इसलिए दी गई थी कि हम एक -दूसरे से रुचिकर बातें कह सकें। -बोबी
- मिलजुल कर काम करने में खास बात यह है कि आपके पक्ष में हमेशा और भी लोग होते हैं। -मार्गरेट करती
- अपने नित्यकर्म यदि भाव से किए जाएं तो वे कल्याणकारी बन सकते हैं। -संत जयदयाल गोयन्दका
- अगर आप महान काम नहीं कर सकते तो छोटे काम महान तरीके से करें। -नेपोलियन हिल
- गलती करना मनुष्य का काम है ,परन्तु जानबूझकर गलती पर अड़े रहना शैतान का काम है। -संत आगस्टीन
- भूखे को भोजन कराना तथा रोगी की सेवा करना भगवान की पूजा -उपासना का ही एक रूप है। -परमसंत पंडित मिहीलाल जी
- अच्छी बातें प्रत्येक धर्म के तत्वों व ग्रंथों से प्राप्त करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। आचार्य विनोबा भावे
सुविचार 12/9/2018 - Hindi Quotes
- हम दूसरों के आर -पार देखना चाहते हैं ,परन्तु स्वयं अपने आर -पार देखा जाना पसंद करते। -रोशे
- रोशनी फैलाने के तरीके हो सकते हैं ,या तो खुद दीया बन जाएं या शीशा बनकर दीए की रोशनी को फैलाएं। -एडिथ व्हार्टन
- हमेशा डरते रहने से अच्छा है कि खतरे का एक बार सामना कर लिया जाए। -नीतिसूत्र
- ज्ञान की बातें सुनकर जो उनपर अमल करता है ,उसी के हृदय में ज्ञान की ज्योति प्रकट होती है। -अबू उसमान
- सही जवाब जानना आपकी विदवता हो सकती है ,पर उसे सही वक्त पर कहना विवेक पर निर्भर है। -टिम फार्गो
- भाग्य संयोग नहीं ,चयन का विषय है। इसके लिए प्रतीक्षा नहीं की जानी चाहिए। इसे तो हासिल किया जाना चाहिए। -विलियम ब्रायन
- हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम् सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मों के लिए प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनाता है। -वाल्मीकि
- सच्चा पड़ोसी वह नहीं जो तुम्हारे साथ उसी मकान में रहता है ,बल्कि वह है जो तुम्हारे साथ उसी विचार -स्तर पर रहता है। -स्वामी रामतीर्थ
- मनुष्य के सभी कार्य इन सातों में से किसी एक वजह से होते हैं -मौका ,प्रकृति ,मजबूरी ,आदत ,कारण ,जुनून ,इच्छा। -अरस्तु
- आत्मविश्वास सरीखा दूसरा मित्र नहीं। आत्मविश्वास ही भावी उन्नति की प्रथम सीढ़ी है। अतः सर्वप्रथम आत्मविश्वास करना सीखो। -स्वामी विवेकानंद
Tuesday, September 11, 2018
सुविचार 11/9/2018 Hindi Quotes
- हिम्मत का मतलब डर का न होना नहीं है। बल्कि ये सोचना है कि डर से भी ज्यादा जरूरी कुछ और है। -अब्रोस रेड़मून
- सेवक से अपना भेद कहना उसे सेवक से स्वामी बना लेना है। -अरस्तू
- जब तक आप न चाहें तब तक आपको कोई भी ईर्ष्यालु ,क्रोधी ,प्रतिशोधी या लालची नहीं बना सकता। -नेपोलियन हिल
- अगर आपकी कोई आलोचना नहीं कर रहा ,इसका मतलब है कि आप अभी सफलता से काफी दूर हैं। -मैल्कम
- सज्जन स्वयं ही परहित का उद्यम करते हैं। -भर्तहरि
- जीवन आईना है ,उसमें आपका चेहरा नजर आता है। दोस्त बनकर रहिए। जिंदगी दोस्ती ही दिखलाई देगी। -ओशो
- अगर आप कल अच्छा काम करना चाहते हैं तो इसकी तैयारी आज ही किसी अच्छे काम से करनी होगी। -एल्बर्ट हब्बार्ड
- ज्ञान के लिए किया जाने वाला कर्म सब कर्मों में श्रेष्ठ है। -अश्वघोष
- संघर्ष जितना कड़ा होगा ,जीत उतनी ही बड़ी मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी। -थॉमस पेन
- विचार से कर्म की उतपत्ति होती है ,कर्म से आदत की ,आदत से चरित्र की ,चरित्र से आपके प्रारब्ध की उतपत्ति होती है। -महात्मा बुद्ध
Monday, September 10, 2018
सुविचार 10/9/2018 - Hindi Quotes
- आलस्य दरिद्रता का मूल है। जिसका चित्त आलस्य से पूर्ण होता है ,वह अपना हित नहीं समझ सकता ,दूसरों का हित भला क्या समझेगा। -गौतम बुद्ध
- नकारात्मक विचारों के साथ आप जो कुछ भी करते हैं ,सकारात्मकता से हर चीज को उससे बेहतर कर सकते हैं। -जिम जेगलर
- नेतृत्व का गुण कभी सिखाया नहीं जा सकता। इसे केवल सीखा जा सकता है। -हेरोल्ड एस जेनीन
- थैली पर लगे लेबल पर भरोसा न करें। -टी फुलर
- बड़े काम करने का एक ही तरीका है जो भी करें उससे प्यार करें। अगर अब तक ऐसा काम नहीं मिला है उसे ढूंढे। -स्टीव जॉब्स
- यदि आप सच में किसी चीज की चाहत रखते हैं ,तो उसका इंतजार मत करिए बल्कि खुद को बेसब्र होना सिखाएं। -गुरुबख्श चहल
- हमेशा आगे बढ़ते रहने और उसपर विश्वास करने से कठिनाइयां खुद ब खुद दूर हो जाती हैं। असम्भव दिखने वाले काम सम्भव हो जाते हैं। -जेरिमी कोलियर
- व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है ,वह जो सोचता है वही बन जाता है। -महात्मा गांधी
- बुद्धिमान व्यक्ति उस समय सीखते हैं जब वे ऐसा कर सकते हैं ,लेकिन मूर्ख व्यक्ति उस समय सीखते हैं जब उनके लिए ऐसा करना बहुत जरूरी हो जाता है। -आर्थर वैलेस्ले
- हम जो कुछ करते भी करते हैं ,वह हमारे स्वत्व का निर्धारण करता है ,जबकि अवकाश में हम जो करते हैं ,वह हमारी सत्ता का निर्धारण करता है। -जार्ज ईस्टमैन
सुविचार 9/9/2018 - Hindi Quotes
- मानव मात्र के प्रति कल्याण व दया की भावना रखना ही वास्तविक धर्म है। -विनोबा भावे
- यदि आप जीवन में कुछ बदल सकते हैं तो वह है अपने आपको। और खुद को बदलने से सब कुछ बदल जाता है। -मैरी गोल्डस्टन
- जिंदगी तो कुल एक पीढ़ी भर की होती है ,पर नेक काम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। -जापानी कहावत
- यदि तुम अपने रहस्य शत्रु से छिपाकर रखना चाहते हो तो किसी मित्र से भी उनकी चर्चा मत करो। -फ्रेंकलिन
- चरित्र स्पष्ट तो महान क्षणों में होता है लेकिन उसका निर्माण क्षुद्र क्षणों में ही हो जाता है। -फिलिप्स बुक्स
- मनुष्य का जीवन इसलिए है क्योंकि वह अत्याचार के लिए लड़े। -सुभाषचंद्र बोस
- विवेक के मामले में बहुमत के नियम का कोई स्थान नहीं है। -महात्मा गांधी
- खुद को खुश करने का बेहतरीन तरीका है किसी और को खुश करने की कोशिश करना। -मार्क ट्वेन
- हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है ,उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है। -विवेकानंद
- जीवन रखने और प्राप्त करने में नहीं है ,बल्कि होने और कुछ बनने में है। -एम अर्नोल्ड
Saturday, September 8, 2018
सुविचार 8/8/2018 - Hindi Quotes
- जब छोटे लोगों की परछाई बड़ी होने लगे तो समझ लीजिए कि सूर्य डूबने वाला है। -लिन यूटांग
- हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है। मेरे मन की ही नहीं ,तुम्हारे मन की भी। -महात्मा गांधी
- जननी का हृदय बच्चे की पाठशाला है। -एच डब्ल्यू बीचर
- हथौड़ा चलाने से पहले लोहे के गर्म होने का इंतजार न करें। हथौड़ा मार -मारकर लोहा गर्म करना ही सफलता का सूत्र है। -विलियम बी स्प्रैग
- सच्ची प्रेरणा से हृदय से निकले एक शब्द में भी असीम शक्ति होती है। ऐसा शब्द अस्थियों में भी प्राण फूंक देने की सामर्थ्य रखता है। -महर्षि अरविन्द।
- जब खुशियों का एक दरवाजा बंद होता है तो कई दूसरे दरवाजे खुल जाते हैं। हमे खुला दरवाजा देखने से नई राह मिलेगी। -हेलेन केलर
- आप जो करना चाहते हैं वह कीजिए। लोग तो तब भी कुछ कहते हैं जब आप कुछ नहीं करते। -आचार्य रजनीश
- आस्था राडार के समान है जो धुंध में भी दूर की चीजों की वास्तविकता को देखती है ,जिसे हमारी आंख नहीं देख पाती। -कोरी टेन
- खुद को जीतना ,हजारों युद्धों को जीतने से बेहतर है। यह जीत तुम्हारी होती है। उसे कोई शैतान या भगवान तुमसे छीन नहीं सकता। -गौतम बुद्ध।
- मनुष्य के गुण -दोषों के अनुसार ही उसके सुख -दुःख चलते हैं। -एररना
सुविचार 7/8/2018 - Hindi Quotes
- दुनिया में दो ही ताकतें हैं ,तलवार और कलम। अंत में जीत हमेशा कलम ही ही होती है। -नेपोलियन
- चुनौतियों के सामने आने का मतलब है कि आप जो कर रहे हैं उससे अच्छा कर सकते हैं। बर्नेस जानसन रीगन
- विपरीत हालत में कुछ लोग टूट जाते हैं ,वहीं कुछ लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं। -शिव खेड़ा
- आप यदि बार -बार असफल नहीं हो रहे हो तो मानकर चलिए कुछ नया नहीं कर रहें हैं। -वुडी एल्लेनो
- यह कर्तव्य निभाने का आपका जुनून ही है जो आपको दूसरों से अलग पहचान देता है। -डंकन स्टुअर्ट
- आपके प्यार और लगाव की इस दुनिया में सबसे ज्यादा जरूरत खुद आपको है। -बुद्ध
- हृदय की सच्ची प्रार्थना से हमें सच्चे कर्तव्य का पता चलता है। आखिर में तो कर्तव्य करना ही प्रार्थना बन जाती है। -महात्मा गांधी
- असली चुनौतियों का सामना सम्भव है। हम हारते तो काल्पनिक चुनौतियों से हैं। -थियोडोर एन वेल
- हर करती अपने कलाकार की आत्मकथा होती है। मोती सीप की आत्मकथा ही तो है। -फेडेरिको फेलिनी
- असफलता के विचार से सफलता का उत्पन्न होना ,उतना ही असम्भव है ,जितना बबूल के पेड़ से गुलाब के फूल का खिलना। -बंकिमचंद्र
Thursday, September 6, 2018
अपशब्दों से अपनी ही वाणी गंदी होती है।
हमें कभी किसी को गालियाँ नहीं देनी चाहिए ,न ही अपशब्द कहने चाहिए। ऐसा करना अशिष्टता और असभ्यता है गालियों से अपनी ही वाणी और मन दूषित होते हैं। संस्कार गन्दे होते हैं। जिसे गालियाँ दी गई उसे वे नहीं लगती बल्कि स्वयं को लगती हैं। इसके लिए एक दृष्टांत देखिए ---
एक दिन एक महात्मा एक गांव में से जा रहे थे। मार्ग में कुछ उद्द्ण्ड लोग खड़े थे। उन्होंने महात्मा को देखकर हंसी उड़ाना शुरू कर दिया। महात्मा पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उद्द्ण्ड लोगों ने देखा कि उनकी शरारत का महात्मा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वे उसे तंग करना चाहते थे पर महात्मा तंग भी नहीं हुआ। इस बात से चिड़कर उन्होंने महात्मा को गालियाँ देनी आरंभ कर दी। सोचा ,अब तो महात्मा अवश्य चिढ़ेंगे ,किन्तु महात्मा अब रुककर शांत भाव से खड़े रहे। अंत में उद्द्ण्ड लोग थककर चुप हो गए।
उनके चुप होने पर महात्मा ने कहा ---तुम कह चुके ,अब मेरी भी बात सुनो। उद्द्ण्ड लोग महात्मा की बात सुनने पर राजी हो गए। महात्मा ने उनसे पूछा --बताओ ,यदि तुम कोई वस्तु किसी को दान में दो और वह न ले तो वह वस्तु किसके पास रहेगी ?उद्द्ण्डों ने कहा ---दानदाताओं अथार्त हमारे पास ही रहेगी क्योंकि वह वस्तु तो हमारी है।
बिलकुल सही कहा तुमने। इसी प्रकार तुमने जो गालियाँ दी वे मैंने नहीं ली। वे गन्दी गालियाँ तुम्हारे पास ही रह गई। तुम्हीं गालियों वाले बने रह गए। --महात्मा ने शांत भाव से कहा। यह सुनकर वे उद्द्ण्ड लज्जित हो गए और उन्होंने भविष्य में कभी गाली न देने और अपशब्द न कहने का वचन दिया।
एक दिन एक महात्मा एक गांव में से जा रहे थे। मार्ग में कुछ उद्द्ण्ड लोग खड़े थे। उन्होंने महात्मा को देखकर हंसी उड़ाना शुरू कर दिया। महात्मा पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उद्द्ण्ड लोगों ने देखा कि उनकी शरारत का महात्मा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वे उसे तंग करना चाहते थे पर महात्मा तंग भी नहीं हुआ। इस बात से चिड़कर उन्होंने महात्मा को गालियाँ देनी आरंभ कर दी। सोचा ,अब तो महात्मा अवश्य चिढ़ेंगे ,किन्तु महात्मा अब रुककर शांत भाव से खड़े रहे। अंत में उद्द्ण्ड लोग थककर चुप हो गए।
उनके चुप होने पर महात्मा ने कहा ---तुम कह चुके ,अब मेरी भी बात सुनो। उद्द्ण्ड लोग महात्मा की बात सुनने पर राजी हो गए। महात्मा ने उनसे पूछा --बताओ ,यदि तुम कोई वस्तु किसी को दान में दो और वह न ले तो वह वस्तु किसके पास रहेगी ?उद्द्ण्डों ने कहा ---दानदाताओं अथार्त हमारे पास ही रहेगी क्योंकि वह वस्तु तो हमारी है।
बिलकुल सही कहा तुमने। इसी प्रकार तुमने जो गालियाँ दी वे मैंने नहीं ली। वे गन्दी गालियाँ तुम्हारे पास ही रह गई। तुम्हीं गालियों वाले बने रह गए। --महात्मा ने शांत भाव से कहा। यह सुनकर वे उद्द्ण्ड लज्जित हो गए और उन्होंने भविष्य में कभी गाली न देने और अपशब्द न कहने का वचन दिया।
सुविचार 6/9/2018 - Hindi Quotes
- यह संसार चंदन का बगीचा है। इसे हम लोग अपने कुकर्मों के द्वारा कोयले में परिणत कर रहे हैं। -स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी
- निराशा मस्तिष्क को वैसा ही शून्य बना देती है जैसे कि लकवा शरीर को। -ग्रेविल
- गलती करना इंसान का काम है ,परन्तु जानबूझकर गलती पर जमे रहना शैतान का काम है। -सेंट आगस्टीन
- अत्याचारी के प्रति विद्रोह करना ईश्वर की आज्ञा मानना है। -जेफरसन
- बुद्धिमान वही है जो पूर्ण संकल्प से कार्य को निपटाना जानता है। -नेपोलियन बोनापार्ट
- ज्ञान शक्ति से कहीं बढ़कर है। मशीनों के सामने शारीरिक ताकत क्या कर सकती है। -जॉनसन
- स्वतंत्रता केवल अनुशासन की श्रंखलाओं द्वारा प्राप्त की जा सकती है। -महात्मा गांधी
- वही मनुष्य वास्तव में बुद्धिमान है ,जो क्रोधावस्था में भी गलत बात नहीं बोलता। -शेख सादी
- आत्म -प्रेम के कारण स्वयं को अनावश्यक महत्व देना अभिमान है। -सिप्नोजा
- भौतिक वस्तुओं के प्रति आसक्ति रखने वाले को सच्ची सुख -शांति कदापि नहीं मिलती। -स्वामी भजनानंद सरस्वती जी
Wednesday, September 5, 2018
सुविचार 5/9/2018 - Hindi Quotes
- प्रमादी व्यक्ति जीवित पाषाण खंड है ,जो जीवन में विकास की ओर अग्रसर नहीं हो सकता। -जिमरसन
- आपके विचार अच्छे हो ,तो वे आपके चेहरे से सूरज की किरणोंकी तरह चमकेंगे और आप हमेशा खूबसूरत दिखेंगे। -रोआल्ड डाहल
- सहिष्णुता के अभ्यास में आपका शत्रु ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होता है। -दलाई लामा
- जो शांतिपूर्ण क्रांति को असम्भव कर देते हैं वे हिंसक क्रांति को अपरिहार्य बना रहे होते हैं। -जान एफ केनेडी
- शोक और विपत्ति में अज्ञानी पुरुष कायर होकर साहस खो बैठता है। पंडित तो धैर्य के साथ मुकाबले को तत्पर रहता है। -देवी भागवत
- हमेशा आगे बढ़ते रहने और उसपर विश्वास करने से कठिनाइयां खुद ब खुद दूर हो जाती हैं। असम्भव दिखने वाले काम सम्भव हो जाते हैं। -जेरिमी कोलियर
- सफलता एक खराब शिक्षक है। यह बुद्धिमान लोगों को यह सोचने को फुसलाती है कि वे हार नहीं सकते। -बिल गेट्स
- करीब आना तो महज शुरुआत है। साथ रहना प्रगति है ,वहीं साथ काम करना सफलता है। -हेनरी फोर्ड
- आत्मविश्वास जैसा कोई मित्र नहीं है। जो आत्मविश्वास हम स्वयं अपने में रखते है उसका अधिकांश भाग उस विश्वास से उत्पन्न होता है जो हम दूसरों में रखते हैं। -रोश्फॉकाल्ड
- मनुष्य को सदा आशावादी होना चाहिए ,निराशावादी हमेशा पहले बुराई देखता है ,आशावादी हमेशा पहले अच्छी बात देखता है व प्रसन्न होकर अपनी व्यथा को दूर कर ही लेता है। -सुकरात
Tuesday, September 4, 2018
माता के साथ -साथ पिता को भी देवतुल्य समझकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
माता -पिता जीते -जागते परमेश्वर हैं तथा उनकी उसी प्रकार पूजा करनी चाहिए जिस प्रकार परमात्मा की। पूजा का यह अर्थ नहीं कि उनके आगे धूप और अक्षत रखो ,वरन उनसे अधिक श्रद्धा किसी में भी न हो ,ऐसे भाव मन में रखने चाहिए। धन ,दौलत तथा आराम उनके आगे कुछ नहीं समझना चाहिए,उनके मान ,मर्यादा के लिए सदा तुम्हें तत्पर रहना चाहिए। आजकल युवक पद की प्रतिष्ठा में चूर होकर पिता का ऐसा अपमान कर देते हैं कि उनके दिल को बहुत ठेस लग जाती है। इसका एक उदाहरण सुनिए -----
तहसील बटाला गांव कादियान में साधारण वर्ग के सज्जन थे। उसने अपने इकलौते पुत्र को अपने पेट पर पत्थर रखकर ,अर्थात भूखा -प्यासा रहकर ,कठिन परिश्रम करके बहुत उत्तम शिक्षा दिलाई और फलस्वरूप लड़का डिप्टी कमिश्नर बना। जब बेटा इस पर पहुंचा तो उसको अभिमान हो गया। पर पिता को उसका पता न था ,क्योंकि वह पिता को प्रतिमास 25 रूपये भेज देता था। उसकी ख़ुशी की कोई सीमा न थी। वह सोचता ,न जाने मेरा पुत्र कितना भक्त है। पिता के मन में विचार आया कि एक बार जाकर अपने पुत्र को अपनी आँखों से देख आऊं।
पिता अपने मन में अनेक अभिलाषा लेकर गया। पर वहां का रंग -रूप देखकर उसके नेत्रों के सामने अन्धेरा छा गया ,क्योंकि एक पुरुष ने उसके पुत्र से पूछा -यह कौन है !तो उसने कहा -अरे ,यह तो मेरा पुराना नौकर है। इतनी बात सुनकर पिता पृथ्वी पर गिर गया। उसको इतना शोक हुआ जिसके फलस्वरूप उसकी तत्काल मृत्यु हो गई ,क्योंकि उसकी आशाओं पर पानी फिर गया था।
पिता के अपमान की यह कोई अनोखी घटना नहीं है। कितनी लज्जा की बात है कि जो माता -पिता अपनी संतान पर सर्वस्व न्यौछावर करके योग्य बनावे ,उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाए। ऐसी बात कभी छिपती भी नहीं ,जब लोगों को असली बात का पता चलता है तो उन्हें घृणा की निगाहों से देखा जाता है क्योंकि लोग समझ जाते हैं कि जो अपने माँ -बाप का नहीं हुआ ,वह हमारा क्या बन सकेगा।
जब आप किसी कार्य को करें तो विचार लेना चाहिए कि मुझे कोई ऐसा बुरा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे माता -पिता का अपमान हो। उनका आदर करने से प्रत्येक कार्य में वे आपको हृदय से आशीष देंगे और यह आशीर्वाद पाकर आप जीवन में सदा सुखी रहेंगे। हमारे धर्मशास्त्रों का भी यही आदेश है --मातर देवो भव पितर देवो भव ,अर्थात माता -पिता को देवतुल्य समझकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
तहसील बटाला गांव कादियान में साधारण वर्ग के सज्जन थे। उसने अपने इकलौते पुत्र को अपने पेट पर पत्थर रखकर ,अर्थात भूखा -प्यासा रहकर ,कठिन परिश्रम करके बहुत उत्तम शिक्षा दिलाई और फलस्वरूप लड़का डिप्टी कमिश्नर बना। जब बेटा इस पर पहुंचा तो उसको अभिमान हो गया। पर पिता को उसका पता न था ,क्योंकि वह पिता को प्रतिमास 25 रूपये भेज देता था। उसकी ख़ुशी की कोई सीमा न थी। वह सोचता ,न जाने मेरा पुत्र कितना भक्त है। पिता के मन में विचार आया कि एक बार जाकर अपने पुत्र को अपनी आँखों से देख आऊं।
पिता अपने मन में अनेक अभिलाषा लेकर गया। पर वहां का रंग -रूप देखकर उसके नेत्रों के सामने अन्धेरा छा गया ,क्योंकि एक पुरुष ने उसके पुत्र से पूछा -यह कौन है !तो उसने कहा -अरे ,यह तो मेरा पुराना नौकर है। इतनी बात सुनकर पिता पृथ्वी पर गिर गया। उसको इतना शोक हुआ जिसके फलस्वरूप उसकी तत्काल मृत्यु हो गई ,क्योंकि उसकी आशाओं पर पानी फिर गया था।
पिता के अपमान की यह कोई अनोखी घटना नहीं है। कितनी लज्जा की बात है कि जो माता -पिता अपनी संतान पर सर्वस्व न्यौछावर करके योग्य बनावे ,उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाए। ऐसी बात कभी छिपती भी नहीं ,जब लोगों को असली बात का पता चलता है तो उन्हें घृणा की निगाहों से देखा जाता है क्योंकि लोग समझ जाते हैं कि जो अपने माँ -बाप का नहीं हुआ ,वह हमारा क्या बन सकेगा।
जब आप किसी कार्य को करें तो विचार लेना चाहिए कि मुझे कोई ऐसा बुरा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे माता -पिता का अपमान हो। उनका आदर करने से प्रत्येक कार्य में वे आपको हृदय से आशीष देंगे और यह आशीर्वाद पाकर आप जीवन में सदा सुखी रहेंगे। हमारे धर्मशास्त्रों का भी यही आदेश है --मातर देवो भव पितर देवो भव ,अर्थात माता -पिता को देवतुल्य समझकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
सुविचार 4/9/2018 - Hindi Quotes
- सज्जनों का क्रोध जल पर खींची गई रेखा के समान है ,जो शीघ्र ही विलुप्त हो जाती है। -रामकृष्ण परमहंस
- कभी भी जब आपका शत्रु कोई गलती कर रहा हो तो उसके काम में बाधा मत डालिए। -नेपोलियन बोनापार्ट
- सज्जनों से जोड़े हुए संबंधों का परिणाम कष्टदायक नहीं होता। -कालिदास
- केवल उन लोगों को अपने चारों ओर इकट्ठा करें जो आपको और ऊपर ले जा पाएं। -ओपराह विनफ्रे
- एक मकान तब तक घर नहीं बनता जब तक उसमें मस्तिष्क और शरीर दोनों के लिए भोजन और अग्नि न हो। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
- जो उदारता के बीज बोता है ,उसे दिव्य प्रेम रूपी फल की प्राप्ति होती है। स्वामी शिवानंद सरस्वती
- बड़ा सोचें ,जल्दी सोचें ,आगे की सोचें। विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है। -धीरूभाई अम्बानी
- प्रारब्ध चिंता मिटाने के लिए है। प्रारब्ध की आड़ में निकम्मा रहने वाले को कभी संतोष व सफलता नहीं मिलती। -स्वामी रामसुखदास जी महाराज
- उच्चतम शिक्षा वह है जो हमें महज जानकारी नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को सम्पूर्ण अस्तित्व के साथ सदभाव में लाती है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
- एकजुट हो जाना तो महज शुरुआत है ,एक साथ बने रहना प्रक्रिया है लेकिन एक साथ काम करना ही सफलता है। -हेनरी फोर्ड
Monday, September 3, 2018
माँ का कलेजा बोला --मेरे बच्चे ! चोट तो नहीं आई कहीं ?
माता- पिता केवल जन्म ही नहीं देते वरन हर प्रकार से लालन -पालन कर अपने बालक को उन्नति के शिखर पर पहुँचाने का प्रयत्न करते हैं। गरीब से गरीब माता -पिता अपने बच्चों को सुखी बनाने के लिए भूखे -प्यासे रहकर अनेक प्रकार की यातनाए सहते हैं। उनकी हार्दिक इच्छा होती है कि उनके बच्चे विद्या पढ़कर महाविद्वान बनें और सूर्य के समान चमकते हुए यश और कीर्ति के शिखर पर पहुँचें। माता -पिता ही ऐसे व्यक्ति हैं जो बच्चों का कभी अहित नहीं सोच सकते। यदि कोई बच्चे का अहित करे भी तो वे वाद -विवाद पर उतर आते हैं।
बड़े दुःख से कहना पड़ता है कि माता -पिता की इतनी ऊँची भावनाओं को भी हमारे युवा नहीं समझते और नासमझी में कई प्रकार की ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। इससे संबंधित एक घटना है।
एक समय की बात है ,एक नवयुवक वेश्यागामी था और एक वेश्या से अति प्यार करता था। यहाँ तक कि प्रत्येक वस्तु प्रेम के आगे न्योछावर करने को तैयार रहता था। एक दिन वेश्या ने पूछा -क्या आप सचमुच ही मुझसे प्रेम करते हैं ? उसने कहा -क्या इसमें भी संदेह है ?वेश्या ने कहा -अच्छा तो फिर तुम अपनी माँ का कलेजा लाकर दो तब मुझे यकीन आयेगा। वह नवयुवक भागता हुआ अपनी माँ के पास गया और उसको मारकर कलेजा लेकर एकदम वेश्या के पास पहुँच ही रहा था कि मार्ग में ठोकर खा कर गिर पड़ा। तभी माँ का कलेजा बोला --मेरे बच्चे !चोट तो नहीं आई कहीं ?
पर उस मदमस्त युवक को होश कहाँ ?वेश्या के पास जाकर कलेजा रख दिया। पर प्रसन्न होने के बदले वह गुस्से में बोली --अरे दुष्ट !तूने अपनी माँ का प्रेम न समझा तो मुझे क्या समझेगा ?कहने का अभिप्राय यह है कि वेश्या के हृदय में भी माँ के प्रति कितने पवित्र भाव थे ,जिन्होंने उस युवक की आँखें खोल दी।
ऐसी ममतामयी माता के साथ प्रत्येक को प्रीतियुक्त भाव से व्यवहार करना चाहिए। कभी भूल कर भी उनसे कोई कटु एवं अपशब्द नहीं कहने चाहिए। माता -पिता की सेवा श्रद्धा से करनी चाहिए। जो माता -पिता की सेवा नहीं करता वह कृतघ्न है। उसकी संताने, उसकी भी सेवा नहीं करेंगी।
बड़े दुःख से कहना पड़ता है कि माता -पिता की इतनी ऊँची भावनाओं को भी हमारे युवा नहीं समझते और नासमझी में कई प्रकार की ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। इससे संबंधित एक घटना है।
एक समय की बात है ,एक नवयुवक वेश्यागामी था और एक वेश्या से अति प्यार करता था। यहाँ तक कि प्रत्येक वस्तु प्रेम के आगे न्योछावर करने को तैयार रहता था। एक दिन वेश्या ने पूछा -क्या आप सचमुच ही मुझसे प्रेम करते हैं ? उसने कहा -क्या इसमें भी संदेह है ?वेश्या ने कहा -अच्छा तो फिर तुम अपनी माँ का कलेजा लाकर दो तब मुझे यकीन आयेगा। वह नवयुवक भागता हुआ अपनी माँ के पास गया और उसको मारकर कलेजा लेकर एकदम वेश्या के पास पहुँच ही रहा था कि मार्ग में ठोकर खा कर गिर पड़ा। तभी माँ का कलेजा बोला --मेरे बच्चे !चोट तो नहीं आई कहीं ?
पर उस मदमस्त युवक को होश कहाँ ?वेश्या के पास जाकर कलेजा रख दिया। पर प्रसन्न होने के बदले वह गुस्से में बोली --अरे दुष्ट !तूने अपनी माँ का प्रेम न समझा तो मुझे क्या समझेगा ?कहने का अभिप्राय यह है कि वेश्या के हृदय में भी माँ के प्रति कितने पवित्र भाव थे ,जिन्होंने उस युवक की आँखें खोल दी।
ऐसी ममतामयी माता के साथ प्रत्येक को प्रीतियुक्त भाव से व्यवहार करना चाहिए। कभी भूल कर भी उनसे कोई कटु एवं अपशब्द नहीं कहने चाहिए। माता -पिता की सेवा श्रद्धा से करनी चाहिए। जो माता -पिता की सेवा नहीं करता वह कृतघ्न है। उसकी संताने, उसकी भी सेवा नहीं करेंगी।
सुविचार 3/9/2018 - Hindi Quotes
- संसार के आश्चर्य और वैचित्र्य को बुद्धि से नहीं आत्मा के द्वारा जानें। -आचार्य विनोबा भावे
- जब संतोष धन आता है ,तो अन्य धन धूल के समान हो जाते हैं। -गोस्वामी तुलसीदास
- मनुष्य का ज्ञान ही उसका परम् मित्र है ,वही मूर्खता व आलस्य निकृष्ट शत्रु है। -सर डब्ल्यू टेम्पिल
- खुद को खुश करने का बेहतरीन तरीका है किसी और को खुश करने की कोशिश करना। -मार्क ट्वेन
- यदि कोई सत्य तुम्हारे माता -पिता अथवा सगे -संबंधियों के खिलाफ हो तो भी उसी सत्य पर टिके रहो। -कुरान शरीफ
- अगर आप ध्यान देना शुरू करें तो हर दिन कुछ नया सीखेंगे। -रे ले ब्लांड
- जो कुछ किसी से कहो ,उसे अवश्य पूरा करो ,यदि पूरा करने का विचार ही नहीं तो कहो मत। -बाइबिल
- मैं नहीं जानता कि सफलता की सीढ़ी क्या है पर असफलता की सीढ़ी है हर किसी को खुश करने की कोशिश। -बिल कोस्बी
- असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श ,उदेश्य और सिद्धांत भूल जाते हैं। -पं जवाहरलाल नेहरू
- जो मनुष्य अपनी विद्या और ज्ञान को कार्य रूप में परिणित कर सकता है ,वह दर्जनों कल्पना करने वालों से श्रेष्ठ है। -इमरसन
Sunday, September 2, 2018
सुविचार 2/9/2018 - Hindi Quotes
- कोई खतरा मोल नहीं लेना ही सबसे बड़ा खतरा है। रिस्क नहीं लेने की रणनीति हमेशा विफल होती है। -मार्क जकरबर्ग
- अगर सफकता के प्रति मैं पूरी तरह प्रतिबद्ध रहूं तो असफलता मुझ पर कभी हावी नहीं होगी। -औजी मेडिना
- जो व्यक्ति दूसरों की सहायता में तत्पर रहते हैं ,उन कष्ट स्वतः ही दूर हो जाते हैं। -चाणक्य
- अत्यधिक परिचय से अवज्ञा उत्पन्न होती है और किसी पास लगातार जाने से निरादर होता है। -शार्गधर
- हताश न होना सफलता का मूल मंत्र है। उत्साह मनुष्य को कर्मों के प्रति प्रेरित करता है और कर्म को फल बनाता है। -वाल्मीकि
- मेरे लिए वर्तमान ही सब कुछ है। भविष्य की चिंता हमें कायर बना देती है ,भूत का भार हमारी हमारी कमर तोड़ देता है। -प्रेमचंद
- सबके पास समान प्रतिभा नहीं है ,लेकिन सबके पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए समान अवसर जरूर हैं। -रतन टाटा
- हमारे जीवन का उस दिन अंत होना शुरू हो जाता है ,जिस दिन हम उन विषयों के बारे में चुप रहना शुरू कर देते हैं जो मायने रखते हैं। -मार्टिन लूथर किंग ,जूनियर
- एक आसान जीवन के लिए प्रार्थना न करें ,बल्कि एक चुनौती भरे जीवन को निभा पाने की शक्ति के लिए प्रार्थना करें। -ब्रूस ली
- किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके विचारों का समूह होता है ,जो वह सोचता है ,वैसा वह बन जाता है। -महात्मा गांधी
Saturday, September 1, 2018
सुविचार 1/9/2018 - Hindi Quotes
- व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा सरल व ईमानदार नहीं होना चाहिए। सीधे तने के पेड़ सबसे पहले काटे जाते हैं। -चाणक्य
- सफलता की कुंजी बेहद आसान है। सही काम ,सही ढंग से सही वक्त पर करें। -अर्नाल्ड एच ग्लास्गो
- आशा या उम्मीद कभी भी आपको छोड़ कर नहीं जाती है ,आप ही इसे छोड़ते हैं। -जार्ज विनवर्ग
- सम्भव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है। असम्भव से भी आगे निकल जाना। -स्वामी विवेकानंद
- आप जो कुछ चाहते हैं ,वह आपको मिल जाएगा ,यदि आप यह विचार त्यागने के लिए तैयार हैं कि आप उसे प्राप्त नहीं कर सकते। -राबर्ट एंथनी
- चिंता की बात यह नहीं है कि आप असफल हुए ,बल्कि चिंता तो तब होती है कि जब आप अपनी असफलता पर चिंतित नहीं होते। -अब्राहम लिंकन
- लोग भूल जाते हैं कि आपने क्या कहा ,क्या किया। यह जरूर याद रखते हैं की आपने उन्हें क्या अहसास कराया। -माया एंग्लो
- सफलता इससे ज्यादा कुछ नहीं है कि आप कुछ आसान से अनुशासन अपना लें और हर दिन इनका पालन करें। -जिम रान
- जीतने का इतना महत्व नहीं है जितना की जीतने के लिए प्रयास करने का महत्व होता है। -जिग जिगलर
- आपकी जिंदगी में दो ही अहम दिन हैं। पहला ,जिस दिन आप पैदा हुए और दूसरा जब आपको पता चला कि जीवन में आपका लक्ष्य क्या है। -मार्क ट्वेन
मोक्ष प्राप्त करने का अवसर केवल मनुष्य जन्म में ही मिलता है।
संसार रूपी मकान से निकलकर मोक्ष प्राप्त करने का अवसर केवल मनुष्य जन्म में ही मिलता है। मनुष्य कर्मफल के अनुसार पशु -पक्षियों ,कीट -पतंगों की योनियों में भटकता है। जब कभी मनुष्य जन्म मिलता है तो उसे विषय -वासना रूपी खुजली मन में उठती है और वह उसके चक्कर में पड़ जाता है। बस ,मनुष्य जन्म रूपी दरवाजा निकल जाता है और वह विविध योनिओं में भटकता रहता है। मनुष्य के साथ हर जन्म में वही होता है जो अंधे व्यक्ति के साथ हुआ।
एक अन्धा किसी बड़े भारी मकान के भीतर बंद हो गया। अब बेचारे को मार्ग मिलना कठिन हो गया ,परन्तु अंधे ने एक युक्ति सोची कि यदि मैं दीवार पकड़े -पकड़े इसके सहारे चलूँ तो दरवाजा अवश्य मिल जाएगा। अंधे ने ऐसा ही किया ,परन्तु दीवार पकड़े -पकड़े जब भी वह दरवाजे के सामने आता ,तो उसकी देह में खुजली उठती जिससे वह दोनों हाथों से दीवार का सहारा छोड़ खुजलाने लगता। इसी भाँति उसने सैकड़ों चक्कर लगाए ,पर हर बार दरवाजा निकल जाता था वह यों ही हाथ मलता रह जाता था।
इसका भाव यह है कि यह जीवात्मारूपी अन्धा पुरुष जन्म -जन्मांतर रूपी मकान के घेरे में पड़ा उससे निकलने का प्रयास करता है। यह ज्ञात रहे कि अंदर से निकलने का दरवाजा एकमात्र मनुष्य -योनि है। जब मनुष्य जन्म मिलता है तब -तब उसमें विषय -वासना रूपी खुजली उठा करती है ,विषयों में ही इसकी उम्र व्यतीत हो जाती है और मनुष्य -शरीर -रूपी दरवाजा निकल जाता है। जन्म -जन्मांतर तक जीव विभिन्न योनियों में भटकता रहता है।
एक अन्धा किसी बड़े भारी मकान के भीतर बंद हो गया। अब बेचारे को मार्ग मिलना कठिन हो गया ,परन्तु अंधे ने एक युक्ति सोची कि यदि मैं दीवार पकड़े -पकड़े इसके सहारे चलूँ तो दरवाजा अवश्य मिल जाएगा। अंधे ने ऐसा ही किया ,परन्तु दीवार पकड़े -पकड़े जब भी वह दरवाजे के सामने आता ,तो उसकी देह में खुजली उठती जिससे वह दोनों हाथों से दीवार का सहारा छोड़ खुजलाने लगता। इसी भाँति उसने सैकड़ों चक्कर लगाए ,पर हर बार दरवाजा निकल जाता था वह यों ही हाथ मलता रह जाता था।
इसका भाव यह है कि यह जीवात्मारूपी अन्धा पुरुष जन्म -जन्मांतर रूपी मकान के घेरे में पड़ा उससे निकलने का प्रयास करता है। यह ज्ञात रहे कि अंदर से निकलने का दरवाजा एकमात्र मनुष्य -योनि है। जब मनुष्य जन्म मिलता है तब -तब उसमें विषय -वासना रूपी खुजली उठा करती है ,विषयों में ही इसकी उम्र व्यतीत हो जाती है और मनुष्य -शरीर -रूपी दरवाजा निकल जाता है। जन्म -जन्मांतर तक जीव विभिन्न योनियों में भटकता रहता है।
Friday, August 31, 2018
बुरी संगति में न बैठिए ,क्योंकि बुरी संगति अच्छी नहीं होती।
किसी ने ठीक ही कहा कि बुरी संगति अच्छी नहीं होती। कहावत है कि शराब बेचने वाले की लड़की यदि दूध लेकर जाती हो तो लोग यह सोचेंगे कि यह शराब ले जा रही है। इसी परका दुष्ट और शैतान लोग शरारत करके मौके से भाग जाते हैं और बदले में शरीफ पकड़े जाते हैं ,अतः दुष्टों का साथ क्षणभर के लिए भी नहीं करना चाहिए।देखिए दुष्ट कौवे का संग पाकर कैसे हंस को अपनी जान गँवानी पड़ी।
एक दिन शिकारी जंगल में शिकार करने आया। शिकार करने के बाद कुछ देर आराम करने का विचार करते हुए वह उस वृक्ष के नीचे जा पहुंचा जहाँ हंस व कौआ रहते थे। शिकारी पेड़ के नीचे लेट गया। थका हुआ था ,इसलिए नींद आ गई। हंस और कौआ यह सब देख रहे थे। थोड़ी देर में शिकारी पर धूप पड़ने लगी। जब हंस ने देखा कि शिकारी पर धूप की किरणें पड़ रही हैं ,तो अच्छाई के मार्ग पर चलते हुए वह पेड़ की डालियों में अपने दोनों पंख फैलाकर बैठ गया ,जिससे धूप की किरणें नहीं पहुंचती थी।
इतने में कौवे को शैतानी सूझी ,क्योंकि यह उसका स्वभाव था। उसने उस शिकारी के मुँह पर मल -मूत्र त्याग दिया और पेड़ से उड़ गया। शिकारी को बहुत बुरा लगा। उसने अपने चारों तरफ देखा। उसे केवल हंस दिखाई दिया। शिकारी ने सोचा कि यह सब इसी हंस ने किया है। क्रोध में आकर शिकारी ने पास पड़ी बंदूक उठाई और हंस पर निशाना लगाया और धांय से गोली हंस को लगी। हंस नीचे गिर पड़ा। हंस ने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था। यदि वह दुष्ट कौवे के साथ न रहता तो हंस बे -मौत न मारा जाता। अतः दुष्ट का संग कभी नहीं करना चाहिए नहीं तो बाद में पछताना पड़ता है।
एक दिन शिकारी जंगल में शिकार करने आया। शिकार करने के बाद कुछ देर आराम करने का विचार करते हुए वह उस वृक्ष के नीचे जा पहुंचा जहाँ हंस व कौआ रहते थे। शिकारी पेड़ के नीचे लेट गया। थका हुआ था ,इसलिए नींद आ गई। हंस और कौआ यह सब देख रहे थे। थोड़ी देर में शिकारी पर धूप पड़ने लगी। जब हंस ने देखा कि शिकारी पर धूप की किरणें पड़ रही हैं ,तो अच्छाई के मार्ग पर चलते हुए वह पेड़ की डालियों में अपने दोनों पंख फैलाकर बैठ गया ,जिससे धूप की किरणें नहीं पहुंचती थी।
इतने में कौवे को शैतानी सूझी ,क्योंकि यह उसका स्वभाव था। उसने उस शिकारी के मुँह पर मल -मूत्र त्याग दिया और पेड़ से उड़ गया। शिकारी को बहुत बुरा लगा। उसने अपने चारों तरफ देखा। उसे केवल हंस दिखाई दिया। शिकारी ने सोचा कि यह सब इसी हंस ने किया है। क्रोध में आकर शिकारी ने पास पड़ी बंदूक उठाई और हंस पर निशाना लगाया और धांय से गोली हंस को लगी। हंस नीचे गिर पड़ा। हंस ने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था। यदि वह दुष्ट कौवे के साथ न रहता तो हंस बे -मौत न मारा जाता। अतः दुष्ट का संग कभी नहीं करना चाहिए नहीं तो बाद में पछताना पड़ता है।
सुविचार 31/8/2018 - Hindi Quotes
- याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है। -सुभाष चंद्र बोस
- सत्य के प्रति सम्मान छूट जाए अथवा थोड़ा -सा कम हो जाए तो सारी वस्तुएं संदेहास्पद बनी रह जाएंगी। -संत ऑगस्टीन
- सफल और विफल व्यक्ति में साहस या फिर ज्ञान का अंतर् नहीं होता। अंतर् होता है तो सिर्फ इच्छाशक्ति का। -विसेंट जे लोम्बार्डी
- परिस्थितियों से गिरने वाला मनुष्य उन परिस्थितियों का त्याग करने से ही बच सकता है। -प्रेमचंद
- रोशनी फैलाने के दो तरीके हो सकते है ,या तो खुद दीया बन जाएं या शीशा बनकर दिए की रोशनी को फैलाएं। -एडिथ व्हार्टन
- यदि आप बार -बार असफल नहीं हो रहे है ,तो इसका अर्थ है कि आप कुछ भी खास काम नहीं कर रहे हैं। -वुडी एल्लेन
- आपको लगातार सफलता चाहिए तो बस जो आपोक अच्छा लगता है ,वही करते चले जाइये ,सफलता सहज ही आपको मिल जाएगी। -डेविड फ्रॉस्ट
- अपने विवेक को अपना शिक्षक बनाओ। शब्दों का कर्म से और कर्म का शब्दों से मेल कराओ। शेक्सपियर
- आप प्रसन्न हैं या नहीं यह सोचने के लिए फुरसत होना ही दुखी होने का रहस्य है ,और इसका उपाय है व्यवसाय। -जॉर्ज बर्नार्ड शा
- परिश्रम करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं ,इच्छा करने से नहीं। मनुष्य को अपने बहुमूल्य समय का एक -एक क्षण परिश्रम में व्यतीत करना चाहिए। -हितोपदेश
Thursday, August 30, 2018
ईर्ष्या एक शीतल आग है जो मनुष्य को धीरे -धीरे जला डालती है।
मनुष्य में परस्पर ईर्ष्या का परिणाम नहीं होता। स्वयं यदि प्रतिष्ठा प्राप्त करनी हो तो अपने योग्य साथियों को भी प्रतिष्ठित करना होगा। ईर्ष्या से जहां मानसिक अशांति रहती है ,वहां साथ ही अपमान भी होता है। ईर्ष्या एक शीतल आग है जो मनुष्य को धीरे -धीरे जला डालती है। जैसा कि दो विद्वान् पंडितों के साथ हुआ।
एक बार एक सेठ ने दो विद्वान् पंडितों को भोजन पर आमंत्रित किया। समय पर दोनों पंडित पधारे तो सेठ ने उनका स्वागत किया। उनको आदर से आसन पर बैठाया। उनमें से एक पंडित जब स्नान करने के लिए गए तो सेठ ने दूसरे पंडित से कहा ,महाराज !ये आपके साथी तो महान विद्वान् मालूम लगते हैं ?पंडित जी ने उत्तर दिया --यह और विद्वान् ?क्या बात करते हो सेठ जी ! यह तो निरा बैल है बैल।
सेठ को बहुत बुरा लगा ,किन्तु वह चुप ही रहा। पहले पंडित जी जब स्नान करके वापस आए तो दूसरे पंडित जी स्नान करने के लिए गए। सेठ ने उनसे भी वही प्रश्न किया ,महाराज !आपके साथी तो महान विद्वान् लगते हैं ?पंडित जी बोले -सेठ जी किसने बहका दिया आपको ?वह तो निरा गधा है गधा। सेठ इस समय भी मौन ही रहा।
जब भोजन का समय आया तो सेठ ने चांदी की थाली में ढककर एक पंडित के आगे घास रख दी और दूसरे के आगे भूसा रख दिया। दोनों के बैठने पर सेठजी ने निवेदन किया कि भोजन प्रारम्भ कीजिए पंडितों ने जब ढक्क्न उठाया तो उस भोजन को देखकर दोनों पंडित क्रोध से तमतमा उठे। बोले -हमारे अपमान का आपमें साहस कैसे हुआ ?
सेठ ने हाथ जोड़कर नम्रता से कहा -मैनें तो आप लोगों के कथन अनुसार ही आप लोगों के सम्मुख भोजन परोसा है। आपने इनको बैल बताया था और इन्होंने आपको गधा बताया था। सो वैसा ही भोजन मुझे मंगाना पड़ा। इसमें मेरा क्या दोष है। पंडितजी !मैं तो आप दोनों को विद्वान् समझता था ,इसीलिए आमंत्रित किया था ,किन्तु वास्तविकता का ज्ञान तो आप लोगों से प्राप्त हुआ है। सेठ की बात सुनकर दोनों पंडित मन -ही -मन लज्जित हुए। ये है एक दूसरे की बुराई करने का नतीजा।
एक बार एक सेठ ने दो विद्वान् पंडितों को भोजन पर आमंत्रित किया। समय पर दोनों पंडित पधारे तो सेठ ने उनका स्वागत किया। उनको आदर से आसन पर बैठाया। उनमें से एक पंडित जब स्नान करने के लिए गए तो सेठ ने दूसरे पंडित से कहा ,महाराज !ये आपके साथी तो महान विद्वान् मालूम लगते हैं ?पंडित जी ने उत्तर दिया --यह और विद्वान् ?क्या बात करते हो सेठ जी ! यह तो निरा बैल है बैल।
सेठ को बहुत बुरा लगा ,किन्तु वह चुप ही रहा। पहले पंडित जी जब स्नान करके वापस आए तो दूसरे पंडित जी स्नान करने के लिए गए। सेठ ने उनसे भी वही प्रश्न किया ,महाराज !आपके साथी तो महान विद्वान् लगते हैं ?पंडित जी बोले -सेठ जी किसने बहका दिया आपको ?वह तो निरा गधा है गधा। सेठ इस समय भी मौन ही रहा।
जब भोजन का समय आया तो सेठ ने चांदी की थाली में ढककर एक पंडित के आगे घास रख दी और दूसरे के आगे भूसा रख दिया। दोनों के बैठने पर सेठजी ने निवेदन किया कि भोजन प्रारम्भ कीजिए पंडितों ने जब ढक्क्न उठाया तो उस भोजन को देखकर दोनों पंडित क्रोध से तमतमा उठे। बोले -हमारे अपमान का आपमें साहस कैसे हुआ ?
सेठ ने हाथ जोड़कर नम्रता से कहा -मैनें तो आप लोगों के कथन अनुसार ही आप लोगों के सम्मुख भोजन परोसा है। आपने इनको बैल बताया था और इन्होंने आपको गधा बताया था। सो वैसा ही भोजन मुझे मंगाना पड़ा। इसमें मेरा क्या दोष है। पंडितजी !मैं तो आप दोनों को विद्वान् समझता था ,इसीलिए आमंत्रित किया था ,किन्तु वास्तविकता का ज्ञान तो आप लोगों से प्राप्त हुआ है। सेठ की बात सुनकर दोनों पंडित मन -ही -मन लज्जित हुए। ये है एक दूसरे की बुराई करने का नतीजा।
सुविचार 30/8/2018 - Hindi Quotes
- जिस दिन भूमि को स्वर्ग में बदल दिया जायेगा ,उसी दिन आसमान का स्वर्ग ढह जायेगा। -राहुल सांकृत्यायन
- क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।- महात्मा गांधी
- जब तक आप आंतरिक रूप से शांति नहीं खोज पाते ,इसे अन्यत्र खोजने से कोई लाभ नहीं। -एल ए रोशेफोलिकाउल्ड
- पैसे बनाने के लिए कारोबार मत करिए। पैसे इसलिए बनाइए ताकि और बेहतर सेवाएं दी जा सके। -मार्क जुकरबर्ग
- यदि अवसर का लाभ न उठाया जाए तो योग्यता का कोई मूल्य नहीं होता है। -स्वामी विवेकानंद
- शिष्टाचार के अभाव में सौंदर्य का कोई मूल्य नहीं होता है ,क्योंकि शारीरिक सुंदरता के अभाव में भी शिष्टाचारी दूसरों का ह्रदय जीत लेता है। -स्वेट मार्टेन
- खुद को संभालना हो तो मस्तिष्क का प्रयोग करें ,दूसरों के साथ व्यवहार करने में दिल का प्रयोग करें। -डोनाल्ड लेयर्ड
- जो व्यक्ति दूसरों के भेद तुम्हारे सामने प्रकट करे ,उसे अपने गुप्त भेदों से कभी अवगत न होने दो। क्योंकि जो व्यवहार वह दूसरों के साथ कर रहा है ,वही तुम्हारे साथ भी करेगा। -हजरत अली
- जो अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैं ,वे साबित करते हैं कि उनमें योग्यता नहीं है। जिसमें योग्यता होती है उसका ध्यान उधर नहीं जाता। -महात्मा गांधी
- आलस्य को अपना एकमात्र शत्रु समझने वाला कर्तव्य -परायण व्यक्ति ही वर्तमान परिस्थिति का सदुपयोग करते हुए उसे अपने अनुकूल बना लेता है। -स्वामी विवेकानंद
Wednesday, August 29, 2018
दान व त्याग से मनुष्य का मान -सम्मान बढ़ता है।
समाज में रहते हुए मनुष्य को कमाना भी चाहिए और श्रद्धानुसार दान भी अवश्य करना चाहिए। इससे उसे समाज में सम्मान और इष्टलोक तथा परलोक में पुण्य मिलता है। एक दृष्टांत देखिए जिसमें एक कंजूस का हृदय परिवर्तन होता है और वह महान त्यागी और सम्मानित सेठ बन जाता है।
एक नगर में एक कंजूस रहता था। उस कंजूस की कंजूसी सर्वप्रसिद्ध थी। वह खाने ,पहनने तक में भी कंजूस था। एक बार उसके घर से एक कटोरी गुम हो गई जिसके दुःख में कंजूस ने तीन दिन तक कुछ न खाया। कंजूस की मोहल्ले में कोई इज्जत नहीं थी ,क्योंकि वह किसी भी सामाजिक कार्य में योगदान नहीं करता था।
एक बार उस कंजूस के पड़ोस में धार्मिक कथा का आयोजन हुआ। वेदमंत्रों व उपनिषदों पर आधारित कथा हो रही थी। कंजूस को सद्बुद्धि आई तो वह भी कथा सुनने के लिए सत्संग में पहुंच गया। वेद के वैज्ञानिक सिद्धांतों को सुनकर कंजूस को भी रस आने लगा। हालांकि उसे कंजूस समझकर उसकी कोई कदर न करता ,फिर भी वह कथा में प्रतिदिन आने लगा। कथा के समाप्त होते ही वह सबसे पहले मन की शंका पूछता। इस तरह उसकी रूचि बढ़ती गई।
वैदिक कथा के अंत में लंगर का आयोजन था इसलिए कथावाचक ने इसकी सूचना दी कि कल लंगर होगा। इसके लिए जो श्रद्धा से कुछ भी लाना चाहे तो ले आना। अपनी -अपनी श्रद्धा के अनुसार सभी लोग कुछ न कुछ लाए। कंजूस के हृदय जो श्रद्धा पैदा हुई वह भी एक गठरी बांध सिर पर रखकर लाया। उसकी गठरी को देख लोग तरह -तरह के अनुमान लगाते और हंसते। लेकिन कंजूस को इसकी परवाह न थी।
कंजूस ने आगे बढ़कर विद्वान् ब्राह्मण को प्रणाम किया। जो गठरी अपने साथ लाया था ,उसे उसके चरणों में रखकर खोला तो सभी लोगों की आंखें फ़टी -की -फ़टी रह गई। कंजूस के जीवन की जो भी अमूल्य सम्पत्ति गहने ,जेवर ,हीरे -जवाहरात आदि थे उसने सब कुछ को भेंट कर दिया। उठकर वह यथास्थान जाने लगा तो विद्वान् ने कहा , ;महाराज !आप वहाँ नहीं ,यहाँ बैठिए।
कंजूस बोला -पंडित जी !यह मेरा आदर नहीं है ,यह तो मेरे धन का आदर है ,अन्यथा मैं तो रोज आता था और यही पर बैठता था ,तब मुझे कोई न पूछता था।ब्राह्मण बोला --नहीं ,महाराज !यह आपके धन का आदर नहीं है ,बल्कि आपके महान त्याग का आदर है। यह धन तो थोड़ी देर पहले आपके पास ही था ,तब इतना आदर -सम्मान नहीं था जितना कि अब आपके त्याग में है इसलिए आप आज से सम्मानित व्यक्ति बन गए हैं। इस प्रकार त्याग की महिमा ने उसे कंजूस से सम्मानित सेठ बना दिया। उसके महान दान ने जीवन को सुधार दिया।
एक नगर में एक कंजूस रहता था। उस कंजूस की कंजूसी सर्वप्रसिद्ध थी। वह खाने ,पहनने तक में भी कंजूस था। एक बार उसके घर से एक कटोरी गुम हो गई जिसके दुःख में कंजूस ने तीन दिन तक कुछ न खाया। कंजूस की मोहल्ले में कोई इज्जत नहीं थी ,क्योंकि वह किसी भी सामाजिक कार्य में योगदान नहीं करता था।
एक बार उस कंजूस के पड़ोस में धार्मिक कथा का आयोजन हुआ। वेदमंत्रों व उपनिषदों पर आधारित कथा हो रही थी। कंजूस को सद्बुद्धि आई तो वह भी कथा सुनने के लिए सत्संग में पहुंच गया। वेद के वैज्ञानिक सिद्धांतों को सुनकर कंजूस को भी रस आने लगा। हालांकि उसे कंजूस समझकर उसकी कोई कदर न करता ,फिर भी वह कथा में प्रतिदिन आने लगा। कथा के समाप्त होते ही वह सबसे पहले मन की शंका पूछता। इस तरह उसकी रूचि बढ़ती गई।
वैदिक कथा के अंत में लंगर का आयोजन था इसलिए कथावाचक ने इसकी सूचना दी कि कल लंगर होगा। इसके लिए जो श्रद्धा से कुछ भी लाना चाहे तो ले आना। अपनी -अपनी श्रद्धा के अनुसार सभी लोग कुछ न कुछ लाए। कंजूस के हृदय जो श्रद्धा पैदा हुई वह भी एक गठरी बांध सिर पर रखकर लाया। उसकी गठरी को देख लोग तरह -तरह के अनुमान लगाते और हंसते। लेकिन कंजूस को इसकी परवाह न थी।
कंजूस ने आगे बढ़कर विद्वान् ब्राह्मण को प्रणाम किया। जो गठरी अपने साथ लाया था ,उसे उसके चरणों में रखकर खोला तो सभी लोगों की आंखें फ़टी -की -फ़टी रह गई। कंजूस के जीवन की जो भी अमूल्य सम्पत्ति गहने ,जेवर ,हीरे -जवाहरात आदि थे उसने सब कुछ को भेंट कर दिया। उठकर वह यथास्थान जाने लगा तो विद्वान् ने कहा , ;महाराज !आप वहाँ नहीं ,यहाँ बैठिए।
कंजूस बोला -पंडित जी !यह मेरा आदर नहीं है ,यह तो मेरे धन का आदर है ,अन्यथा मैं तो रोज आता था और यही पर बैठता था ,तब मुझे कोई न पूछता था।ब्राह्मण बोला --नहीं ,महाराज !यह आपके धन का आदर नहीं है ,बल्कि आपके महान त्याग का आदर है। यह धन तो थोड़ी देर पहले आपके पास ही था ,तब इतना आदर -सम्मान नहीं था जितना कि अब आपके त्याग में है इसलिए आप आज से सम्मानित व्यक्ति बन गए हैं। इस प्रकार त्याग की महिमा ने उसे कंजूस से सम्मानित सेठ बना दिया। उसके महान दान ने जीवन को सुधार दिया।
सुविचार 29/8/2018 Hindi Quotes
- ताकत या बुद्धि नहीं लगातार प्रयास ही सफलता के ताले को खोलने की कुंजी है। -विंस्टन चर्चिल
- बिना निराश हुए पराजय को सह लेना धरती पर साहस की सबसे बड़ी परीक्षा है। -अज्ञात
- हर सेवा के लिए पैसे की जरूरत नहीं होती ,जरूरत है अपना संकुचित विचार छोड़ने की। -विनोबा भावे
- मानव की सबसे बड़ी आवश्यकता शिक्षा नहीं ,चरित्र है और यही उसका सबसे बड़ा रक्षक है। -हर्बर्ट स्पेंसर
- चाहे सारे विशेषज्ञ ही क्यों न एकमत हों ,फिर भी जरूरी नहीं कि वे सही होंगे। -बरट्रेंड रसेल
- कभी भी अतीत के द्वारा भविष्य की योजना नहीं बनाई जा सकती। -एडमंड वर्क
- किसी भी व्यक्ति का चरित्र इस बात से आंका जा सकता है कि वह अनजान लोगों के साथ कैसा व्यवहार करता है। -मदर टेरेसा
- आप जैसा विचार करेंगे वैसे ही बन जाएंगे। अगर अपने को निर्बल मानेंगे तो निर्बल बन जाएंगे ,यदि अपने को समर्थ मानेंगे तो आप समर्थ बन जायेंगे। -स्वामी विवेकानंद
- वास्तविक प्रसन्नता साधन सुगमता ,सम्पन्नता या यशगान करने या सुनने से नहीं बल्कि कुछ उपयोगी कार्य करने से मिलती है। -डब्ल्यू ग्रेनफेल
- माता -पिता व गुरु ये प्रत्यक्ष देवता हैं। इनकी अवहेलना करके अप्रत्यक्ष देवता की विविध उपचारों से आराधना कैसे सही हो सकती है। -वाल्मीकि
Tuesday, August 28, 2018
सुविचार 28/8/2018 - Hindi Quotes
- मनुष्य अपनी योजनाओं को रात की तरह गूढ़ और अभेद्य बनाए ,और जब कार्रवाई करे तो बिजली की तरह गिरे। -सुनवजू
- अगर आप आराम की जिंदगी चाहते हैं तो आपको कुछ परेशानी तो उठानी ही पड़ेगी। -एबीगेल वेन
- निश्चय, दृढ़ता ,सद्कार्य में लगे रहने की उमंग -ये सफलता की कुंजियां हैं। -स्वामी कृष्णानंद
- ज्ञान के बराबर इस संसार में और कुछ पवित्र नहीं है। -महात्मा गांधी
- जो जान गया कि उससे गलती हो गई और उसे ठीक नहीं करता ,तो वह एक और गलती कर रहा है। -कन्फ्यूशस
- शिक्षा का ध्येय यही है कि विद्यार्थी को जीवन -भर खुद को शिक्षित करते रहने लायक सक्षम बना दिया जाए। रोबर्ट एम हचिंस
- जरूरत तब तक अंधी होती है जब तक उसे होश न आ जाए ,आजादी जरूरत की चेतना होती है। -कार्ल मार्क्स
- सफलता ख़ुशी की चाबी नहीं है। ख़ुशी सफलता की चाबी है। आप जो कर रहे हैं ,उससे प्यार करते हैं तो आप जरूर सफल होंगे। -हरमन केन
- बुद्धिमान व्यक्ति धन के क्षय को ,मन के दुःख को ,परिवार वालों के बुरे चरित्र को तथा अपने अपमान को प्रगट नहीं करता। -बाइबिल
- एक मिनट की भी देरी करने से बेहतर यही है कि काम की शुरुआत तीन घंटे पहले कर दी जाए। -विलियम शेक्सपियर
संसार तो नाम ही खट -खट का है, इससे कहां तक बचोगे ?
लोग सोचते हैं कि घर के धंधों में प्रभु -भक्ति का समय ही नहीं निकलता। सब कुछ छोड़कर कहीं एकांत में भजन करेंगे। यही सोच लोग घर बार छोड़कर चल देते हैं ,परन्तु जंगल में भी वहीं दुनिया बस जाती है। आवास ,भोजन, वस्त्र चेले -चेलियाँ ,धन आदि सब वहीं। फिर वहीं धंधे -हथकंडे। अतः घर छोड़ने का विचार जरूरी नहीं। जो करना है इसी खट -खट में कर लो। संसार तो नाम ही खट -खट का है। इससे कहां तक बचोगे।
इसके लिए एक दृष्टांत देखिए -एक अश्वारोही नवयुवक कहीं जा रहा था। मार्ग में एक कुंआ पड़ा ,जिसपर रहट चल रहा था। घुड़सवार ने सोचा कि घोड़े को पानी पिला लें ,तब आगे चलेंगे। वह घोड़े को कुंए पर लेकर गया। रहट की खट -खट की आवाज सुनकर घोडा चौंक गया। उसने मुँह हटा लिया।
नवयुवक ने कहा --भाई साहब जरा रहट रोक लो तो मैं अपने घोड़े को पानी पिला लूँ। खट -खट की आवाज से यह चौंक रहा है। रहट चलने वाले ने कहा -भाई ,आवाज तब रुकेगी जब रहट रुकेगा ,फिर पानी आना भी बंद हो जायेगा तो क्या पिलाओगे ?अतः पिलाना ही है तो खट -खट में ही पिला लो ,नहीं तो घोडा प्यासा ही रहेगा।
अतः प्रभु भक्ति करनी है तो संसार में रह कर ही करो ,कहीं बाहर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इसके लिए एक दृष्टांत देखिए -एक अश्वारोही नवयुवक कहीं जा रहा था। मार्ग में एक कुंआ पड़ा ,जिसपर रहट चल रहा था। घुड़सवार ने सोचा कि घोड़े को पानी पिला लें ,तब आगे चलेंगे। वह घोड़े को कुंए पर लेकर गया। रहट की खट -खट की आवाज सुनकर घोडा चौंक गया। उसने मुँह हटा लिया।
नवयुवक ने कहा --भाई साहब जरा रहट रोक लो तो मैं अपने घोड़े को पानी पिला लूँ। खट -खट की आवाज से यह चौंक रहा है। रहट चलने वाले ने कहा -भाई ,आवाज तब रुकेगी जब रहट रुकेगा ,फिर पानी आना भी बंद हो जायेगा तो क्या पिलाओगे ?अतः पिलाना ही है तो खट -खट में ही पिला लो ,नहीं तो घोडा प्यासा ही रहेगा।
अतः प्रभु भक्ति करनी है तो संसार में रह कर ही करो ,कहीं बाहर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
Monday, August 27, 2018
सुविचार 27/8/2018 - Hindi Quotes
- यदि मनुष्य परोपकारी नहीं है तो उसमें और दीवार में खिंचे चित्र में क्या फर्क है। -शेख सादी
- यदि आप इंद्रधनुष चाहते हैं तो आपको बारिश को तो सहन करना ही होगा। -डाली पार्टन
- ऐसी कोई भी वस्तु नहीं है ,जिसे अभ्यास से हासिल न किया जा सकता हो। -संत ज्ञानेश्वर
- इच्छाओं का संघर्ष यह प्रकट करता है कि जीवन व्यवस्थित होना चाहता है। -खलील जिब्रान
- सामर्थ्य का पूर्ण न करना सबसे बड़ा अपराध है। जब आप पूर्ण क्षमता के साथ कार्य निष्पादन करते हैं ,तब आप दूसरों की सहायता करते हैं। -रोजर विलियम्स
- दुनिया की महत्वपूर्ण वस्तुओं में से ज्यादातर उन व्यक्तियों द्वारा हासिल की गई है जिन्होंने बिलकुल आशा नहीं होते हुए भी प्रयास करना बंद नहीं किया। -डेल कार्नेगी
- सेवा ,सरलता और कर्तव्यपरायणता ,ईमानदारी व जितेन्द्रियता- ये सत्पुरुषों के पांच लक्षण हैं। इन गुणों को धारण करने वाला गृहस्थ किसी संत से कम पूजनीय नहीं है। -स्वामी कृष्ण बोधाश्रम जी महाराज
- शराब आदमी का शरीर ही नहीं आत्मा का भी नाश करती है। -महात्मा गांधी
- किसी एक विचार को अपना लक्ष्य बनाओ। उसी के बारे में सोचो और काम करो ,तुम पाओगे कि सफलता तुम्हारे कदम चूम रही है। -स्वामी विवेकानंद
- साधारण लोग अपनी हर बुराई का दोषी दूसरे को ठहराते हैं ,अल्पज्ञानी स्वयं को और विशेष ज्ञानी किसी को नहीं। -एपिकटस
नाम-स्मरण की उचित विधि व ओउम का जाप कैसे हो ?
दिन और रात के संधिकाल में (प्रातः 4 से 5 बजे तथा सायं 6 से 7 बजे के बीच में )जब वातावरण शुद्ध -शांत और मधुर होता है ,कहीं शुद्ध -पवित्र समतल स्थान पर ,एकांत में ,जहां शुद्ध वायु का आवागमन हो ,वहां सुखावस्था में सीधे बैठकर प्रभु के निज नाम ओउम का अर्थपूर्वक अपने मन में जाप करना तथा ईश्वर के गुणों को विचारते रहना और नाम -स्मरण में मग्न रहना ,यही नाम -स्मरण की सही व् उचित विधि है।
संसार के सब विचारों को हटाकर केवल ईश्वर के गुणों को स्मरण करके ,स्वयं आनंदित होना ,प्रसन्नचित होकर उन गुणों का मस्तिष्क में साक्षात्कार करना यही प्रभु -स्मरण है। जैसे ईश्वर सर्वरक्षक है ,सबका स्वामी ,सर्वशक्तिमान है ,सर्वान्तर्यामी है ,हमारा माता -पिता -गुरु -मित्र -बंधु है ,वह न्यायकारी है ,दयालु -कृपालु है ,इसी प्रकार ईश्वर के गुणों को प्रत्यक्ष करना चाहिए। जब इन गुणों को धारण करने की हमने ठान ली है तो ईश्वर की भी हम पर दया -कृपा रहती है ,अतः ईश -नाम -स्मरण करना सार्थक हो जाता है। यही नाम की कमाई है जो हम कमा सकते हैं। जितनी अच्छाइयों को धारण करते हैं ,समझो उतनी अधिक ईश्वर के नाम की कमाई करते हैं। मृत्यु के समय यही नाम की कमाई साथ जाती है।
केवल नाम -स्मरण से ,रटने से ,आँख बंद करके नाम जपने से कोई लाभ नहीं है ,व्यर्थ में समय गँवाना है। समय का सही सदुपयोग करना सीखें। भक्ति -भाव से जप करें तो आनंद आता है।
ओउम --नाम -स्मरण करते ही आपने अनुभव किया होगा कि प्रसन्नता की लहर हमारे दिलो -दिमाग में छा जाती है। सच्ची श्रद्धा और भक्ति से ओउम नाम जपने से जब आनंद की अदभुत अनुभूति होने लगे तो समझना चाहिए कि ईश्वर की हम पर कृपादृष्टि पड़ रही है। वक्त कैसे गुजरता है पता ही , नहीं चलता ,आनंद में डूबे रहते हैं ,कहां बैठे है कोई सुध -बुध नहीं रहती। केवल जाग्रतावस्था में नाम की कमाई होती है ,यही नाम -स्मरण है ,इसी को ध्यानावस्था भी कहते हैं।
संसार के सब विचारों को हटाकर केवल ईश्वर के गुणों को स्मरण करके ,स्वयं आनंदित होना ,प्रसन्नचित होकर उन गुणों का मस्तिष्क में साक्षात्कार करना यही प्रभु -स्मरण है। जैसे ईश्वर सर्वरक्षक है ,सबका स्वामी ,सर्वशक्तिमान है ,सर्वान्तर्यामी है ,हमारा माता -पिता -गुरु -मित्र -बंधु है ,वह न्यायकारी है ,दयालु -कृपालु है ,इसी प्रकार ईश्वर के गुणों को प्रत्यक्ष करना चाहिए। जब इन गुणों को धारण करने की हमने ठान ली है तो ईश्वर की भी हम पर दया -कृपा रहती है ,अतः ईश -नाम -स्मरण करना सार्थक हो जाता है। यही नाम की कमाई है जो हम कमा सकते हैं। जितनी अच्छाइयों को धारण करते हैं ,समझो उतनी अधिक ईश्वर के नाम की कमाई करते हैं। मृत्यु के समय यही नाम की कमाई साथ जाती है।
केवल नाम -स्मरण से ,रटने से ,आँख बंद करके नाम जपने से कोई लाभ नहीं है ,व्यर्थ में समय गँवाना है। समय का सही सदुपयोग करना सीखें। भक्ति -भाव से जप करें तो आनंद आता है।
ओउम --नाम -स्मरण करते ही आपने अनुभव किया होगा कि प्रसन्नता की लहर हमारे दिलो -दिमाग में छा जाती है। सच्ची श्रद्धा और भक्ति से ओउम नाम जपने से जब आनंद की अदभुत अनुभूति होने लगे तो समझना चाहिए कि ईश्वर की हम पर कृपादृष्टि पड़ रही है। वक्त कैसे गुजरता है पता ही , नहीं चलता ,आनंद में डूबे रहते हैं ,कहां बैठे है कोई सुध -बुध नहीं रहती। केवल जाग्रतावस्था में नाम की कमाई होती है ,यही नाम -स्मरण है ,इसी को ध्यानावस्था भी कहते हैं।
Sunday, August 26, 2018
सुविचार 26/8/2018 - Hindi Quotes
- सम्मान नमक रहित भोजन की तरह होता है। इससे भूख तो मिट जाएगी ,लेकिन यह स्वादिष्ट नहीं लगेगा। -जो पेटेरनो
- जिस तरह से अध्ययन करना अपने आप में कला है ,उसी प्रकार चिंतन भी एक कला है। -महात्मा गांधी
- सज्जनों का गुस्सा पानी पर खींची गई रेखा के समान है। यह जल्द ही गायब हो जाता है। -रामकृष्ण परमहंस
- संकल्पशील व्यक्ति एक दिन सफलता अवश्य प्राप्त करता है। -स्वामी रामतीर्थ
- संसार परिवर्तनशील है ,इसलिए मनुष्य का निरंतर कार्यशील और गतिशील होना परम् आवश्यक है। -महादेवी वर्मा
- अहंकारी लोग प्रेम के बारे में बात कर सकते हैं ,प्रेम के गीत गा सकते हैं ,लिख सकते हैं किन्तु अहंकार के कारण स्वयं प्रेम नहीं कर सकते। -आचार्य रजनीश
- मैं हवाओं का रुख नहीं बदल सकता ,पर अपनी नाव की दिशा जरूर ठीक कर सकता हूं ,ताकि लक्ष्य तक पहुंच संकू। -डेल कार्नेगी
- जो समर्थ और सक्षम होते हुए भी अपने लिए अथवा दूसरों के लिए काम नहीं करता ,उसपर परमेश्वर की कृपा -दृष्टि कभी नहीं होती। -हजरत मोहम्मद
- असंतुष्ट व्यक्ति किसी वस्तु से संतुष्ट नहीं होता ,उसके लिए सभी कर्तव्य नीरस होते हैं। फलस्वरूप उसका जीवन असफल होना स्वाभाविक है। -स्वामी विवेकानंद
- व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहना अच्छा है। -स्वामी विवेकानंद
सुविचार 25/8/2018 - HINDI Quotes
- अवसर सूर्योदय की तरह होते हैं ,यदि आप ज्यादा देर तक प्रतीक्षा करते हैं तो आप उन्हें गंवा बैठते हैं। -विलियम आर्थर वाई
- अगर हम अपने सामर्थ्य के अनुसार कर्म करें ,तो हम अपने आप को अचम्भित कर डालेंगें। -थामस एडिसन
- इंसान जितनी सहजता से सलाह देता है उतनी सहजता से और कुछ नहीं देता। -ला रोचेफ़ोकोल्ड
- हमारी समस्याएं मनुष्य निर्मित हैं ,इसलिए उसे मनुष्य ही सुलझा सकता है। -जॉन एफ कैंडी
- खुश रहना और संतुष्ट रहना सौंदर्य बढ़ाने और युवा बने रहने के श्रेष्ठ तरीके हैं। -चार्ल्स डिकिन्स
- आलसी और कमजोर व्यक्ति सुअवसरों का इंतजार करते रहते हैं। निर्भीक व्यक्ति इन्हें बनाते हैं। -ऑरिसन स्वेर्ट मार्डेन
- संतोष सबसे बड़ा सुख है और असंतोष सबसे बड़ा दुःख। इसलिए सुख चाहने वाले व्यक्ति को हमेशा संतुष्ट रहना चाहिए। -गौतम बुद्ध
- बुराई करने के अवसर तो दिन में कई बार आते हैं ,पर भलाई करने का अवसर वर्ष में कभी -कभी ही आता है। वाल्टेयर
- अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं जितनी कि सीखने की इच्छा न रखना। इसलिए लगातार सीखते रहें। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
- आप अपनी सोच को बदलिए। आपकी दुनिया अपने आप ही बदल जाएगी। -नार्मन विसेंट पील
Wednesday, August 22, 2018
सुविचार 22/8/2018 - Hindi Quotes
- जो व्यक्ति दूसरों की भलाई करना चाहता है ,वह अपनी भलाई अपने आप ही सुनिश्चित कर लेता है। -कन्फ्यूशियस
- ईश्वर की अनुकम्पा ,सहायता ,प्रेरणा में विश्वास ऐसी शक्ति है जो मनुष्य को जीवन पर्यन्त सहायता देती है। -डॉ रामचरण महेंद्र
- जिस मनुष्य में सभ्यता और ईमानदारी नहीं ,उसके लिए समस्त ज्ञान कष्टकारी है। -मोंटेन
- एक पत्थर की भी तकदीर संवर सकती है शर्त ये है के सलीके से तराशा जाए। -मंजूर नदीम
- किसी मुर्ख व्यक्ति की पहचान उसके वाचालता से होती है ,तथा बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके मौन रहने से होती है। -पाइथागोरस
- हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है और उतनी हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है। -स्वामी विवेकानंद
- प्रत्येक मनुष्य जिससे मै मिलता हूं ,किसी न किसी रीत में मुझसे श्रेष्ठ होता है ,इसलिए मै उससे कुछ शिक्षा लेता हूं। -एमरसन
- असफल होने की चिंता न करें। चिंता उन मौकों को गंवाने की करें ,जिनके लिए आपने कोशिश तक नहीं की। -जेक केनफील्ड
- बीते कल से सीखें ,आज में जियें और कल पर भरोसा रखें ध्यान रखें कि प्रश्न पूछना कतई बंद न करें। -अल्बर्ट आइंस्टीन
- जोखिम उठाइये। पूरी जिंदगी एक जोखिम है। सबसे आगे निकलने वाला व्यक्ति सामान्यतया वह होता है ,जो कर्म और दुस्साहस के लिए इच्छुक हो। -डेल कार्नेगी
Tuesday, August 21, 2018
सुविचार 21/8/2018 - Hindi Quotes
- दूब की तरह छोटे बनकर रहो। जब घास -पात जल जाते हैं तब भी दूब जस की तस बनी रहती है। -गुरु नानक देव
- उस व्यक्ति के लिए सभी परिस्थितिया अच्छी हैं जो अपनी भीतर ख़ुशी संभाल कर रखता है। -होरेस क्रिस्स
- विषम परिस्थितियों में धैर्य धारण करने का मतलब है आधी लड़ाई जीत लेना है। लूटस
- जो समय को बर्बाद करता है ,समय उसे बर्बाद कर देता है। -विलियम शेक्सपियर
- मनुष्य संसारभर की दौलत पाकर भी संतुष्ट नहीं हो सकता। -कठोपनिषद
- हम अगर किसी चीज की कल्पना कर सकते हैं ,तो उसे साकार भी कर सकते हैं। -नेपोलियन
- सम्मान की बजाए चरित्र के प्रति अधिक गंभीर रहें। चरित्र ही बताता है कि आप वास्तव में क्या हैं ,सम्मान केवल यह दर्शाता है कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं। -जॉन वुडन
- लोग क्या सोचेंगे इस बात की चिंता करने के बजाए क्यों कुछ ऐसा करने समय लगाएं जिसे प्राप्त करने लोग आपकी प्रशंसा करें। -डेल कार्नेगी
- किसी काम को करते हुए हार मान लेना सबसे बड़ी कमजोरी है। सफलता का एक ही मंत्र है ,एक बार और कोशिश करो। -थामस अल्वा एडिसन
- बुद्धिमान के पास थोड़ा सा धन हो तो वह बढ़ता रहता है। दक्षतापूर्वक काम करते हुए वह संयम से प्रतिष्ठा भी हासिल कर लेता है। -वेद व्यास
सुविचार 20/8/2018 - Hindi Quotes
- हंसी मनुष्य के लिए सबसे बड़ा वरदान है, क्योंकि जीव जगत में सिर्फ आदमी ही हंस सकता है। -बर्नार्ड शा
- सफल मनुष्य बनने के प्रयास से बेहतर है गुणी मनुष्य बनने का प्रयास। -अल्बर्ट आइंस्टीन
- असंतोष अपने ऊपर अविश्वास का फल है ,यह कमजोर इच्छा का रूप है। -इमरसन
- आत्म -विश्वास ,आत्म -ज्ञान और आत्म -संयम केवल यही तीन जीवन को परम शक्ति -सम्पन्न बना देते हैं। -टेनीसन
- जिनके लक्ष्य स्पष्ट और लिखित होते हैं ,वे जितना दूसरे सोच भी नहीं सकते ,उससे कहीं ज्यादा सफलता हासिल कर लेते हैं। -ब्रायन ट्रेसी
- ईमानदारी से रोजाना 8 घंटे कामकर आप बॉस तो बन सकते हैं पर रोजाना 12 घंटे काम करने के लिए भी तैयार रहें। -राबर्ट फ्रॉस्ट
- एक सैनिक युद्ध इसलिए लड़ता है ताकि आप शांति से रह सकें। -अरस्तू
- यदि आपको अपने काम पर भरोसा हो तो उसे हर हाल में हासिल करें। दुनिया के ज्यादातर बेहतरीन काम असम्भव लगने के बावजूद पूरे हुए हैं। -डेल कार्नेगी
- ऐसे पेशे का चयन करें जो आपको दिलचस्प लगता हो और आपको अपने जीवन में एक भी दिन काम नहीं करना पड़ेगा। -कन्फ्यूशियस
- इस दुनिया में सम्मान के साथ जीने के लिए सबसे बड़ा तरीका है कि हम वे बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं। -सुकरात
Sunday, August 19, 2018
सुविचार 19/8/2018 - Hindi Quotes
- मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके इतना नहीं थकता ,जितना क्रोध या चिंता से एक घंटे में थक जाता है। -जेम्स ऐलन
- सफलता तभी मिलती है जब छोटे -छोटे प्रयास नियमित रूप से किए जाएं। -राबर्ट कोलियर
- आओ आने वाले कल में कुछ नया करते है बजाए इसकी चिंता करने के कि कल क्या हुआ था। -स्टीव जाब्स
- धरती को यह सोच कर बचाएं कि यह हमारे पर्वजों का दान नहीं ,बल्कि आने वाली पीढ़ी का कर्ज है। -जान जेम्स आडुबों
- लेखन कार्य अच्छा है ,सोचना -विचार करना सर्वश्रेष्ठ है। चतुराई अच्छी है। लेकिन धैर्य सर्वोत्कृष्ट है। -हरमन हेम्स
- गंभीर समस्याओं का आधी रात में समाधान करने की कोशिस न करें। -फिलिप डिक
- जो क्रोध पर काबू नहीं पा सकता ,वह दुनिया में किसी काम का नहीं है। -चेस्टरफील्ड
- इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है ,क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी है। -अब्दुल कलाम
- यदि कोई व्यक्ति अपने धन को ज्ञान अर्जित करने में खर्च करता है तो इससे अच्छा कोई निवेश नहीं हो सकता। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
- स्वास्थ्य वह आत्म तत्व है जो जीवन के आनंद को जीवंत बनाता है ,इसके बिना जीवन धूमिल और स्वादहीन हो जाता है। -विलियम टैम्पल
Saturday, August 18, 2018
सुविचार 18/8/2018 - Hindi Quotes
- ईश्वर मूर्तियोमे नहीं ,आपकी भावनाओं मे है और आत्मा आपका मंदिर है। -चाणक्य
- सत्यता चरित्र की नींव का एक पत्थर है और इसे युवावस्था में ही ,दृढ़तापूर्वक स्थापित कर दिया जाना चाहिए। -जेक्शन डेविस
- हम ख़ुशी के बारे में सोचेंगे तो खुश रहेंगे। हम दुःख के बारे में सोचेंगे तो दुखी रहेंगे। -डेल कार्नेगी
- मनुष्य अपनी इच्छा से कुछ भी नहीं कर सकता ,क्योंकि काल का पराधीन होने के कारण वह इधर से उधर होता रहता है। -वाल्मीकि रामायण
- ज्ञानी वही है जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझ सके और परिस्थिति के अनुसार आचरण करे। -होमर
- झूठ में जो पाऊंगा वह पाना नहीं खोना है और सत्य से जो खोना है वह असल में पाना है। -विमल मित्र
- किसी के अस्तित्व को न मिटाओ। शांतिपूर्वक स्वयं जिओ और उसी प्रकार दूसरों को जीने दो। -महावीर स्वामी
- सफलता इससे नहीं आंकी जा सकती कि आप किस ऊंचाई पर हैं। सफलता इसमें है कि कठिन हालात से आप कैसे निपटे। -जार्ज पैटन
- पैसों से सफलता हासिल नहीं की जा सकती। सफलता के लिए प्रयास करने की आजादी जरूरी है। -नेल्सन मंडेला
- जहां संगीत होगा ,वहां कोई बुराई नहीं हो सकती। -सर्वातिज
Friday, August 17, 2018
सुविचार 17/8/2018 - Hindi Quotes
- उपदेश की तुलना में हम अनुकरण से कहीं ज्यादा सीखते हैं। -बर्क
- बोलना हो तो उपयोगी बोलना चाहिए। प्रसंगानुसार जो उचित हो ,वही बोलना चाहिए। -संत तुकाराम
- सच्चा ईश्वर विश्वासी (आस्तिक )चिंता और भय से सर्वथा मुक्त होता है। -स्वामी शरणानंद जी महाराज
- अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितना कि सीखने की इच्छा न रखना। -अज्ञात
- सफलता का कोई रहस्य नहीं है वह केवल अत्यधिक परिश्रम चाहती है। -हेनरी
- ज्यादा सोच - विचार से जीवन प्रायः नीरस हो जाता है। हमें अपना ज्यादा ध्यान कर्म करने में लगाना चाहिए। -चेमफोर्ट
- सच्चे जीवनसाथी वे हैं जो धर्म ,अर्थ ,काम ,मोक्ष इन चारों पदार्थों की प्राप्ति के लिए सामूहिक प्रयत्न करते हैं। -डॉ राधाकृष्णन
- धैर्य का अर्थ उदासीनता नहीं है। हम कार्य करते रहें ,फल में विश्वास रखें और प्रतीक्षा करें। परन्तु इस दौरान न आलस्य करें और न लापरवाह बनना चाहिए। -कोलटन
- खुली आंखें हर जगह सुयोग ढूंढ लेंगी और खुले हाथोँ को कभी सत्कर्म की कमी नहीं रहेगी। -ऑरिसन स्वेट मार्डेन
- निष्क्रियता से संदेह और डर पैदा होता है ,जबकि क्रियाशीलता भरोसे और साहस को जन्म देती है। -डेल कार्नेगी
Thursday, August 16, 2018
मोह -लालच में फंसकर मनुष्य जन्म -जन्मांतर तक नाचता रहता है।
मोह ,लालच ,तृष्णा के आकर्षण में मनुष्य फंसता ही रहता है। उसकी वही दशा होती है जो इस दृष्टांत में बंदर की हुई। एक बार एक मदारी ,जो बंदरों को नचाया करते हैं ,एक बंदर को पकड़ने गया। जिस बाग में बहुत से बंदर रहा करते थे ,वहां उसने गड्ढा खोदकर उसमे एक तंग मुँह का घड़ा गाड़ दिया ,जिसका मुँह ऊपर की ओर खुला था। पुनः एक रोटी ले बंदरों को दिखाते हुए तोड़ -तोड़कर उसमें डाल दी और आप वहाँ से हटकर आड़ में बैठ गया।
बंदरों ने यह देखा और एक बंदर उतरकर घड़े में हाथ डाल रोटी के टुकड़ों को निकालने लगा ,किन्तु मुट्ठी बंद होने के कारण हाथ न निकल सका। तब तो बंदर बहुत खीझा और बड़े जोर -जोर से हाथ खींचता रहा तथा अपने ही हाथ को खींच -खींच काटता रहा ,पर हाथ तो तब निकले कि जब मूढ़ मुट्ठी की रोटी छोड़ दे और हाथ पतला हो जाए ,पर ऐसा न कर वह उसी रोटी के लालच से मदारी के हाथ पकड़ा जाकर जन्म भर नचाया गया।
इस दृष्टांत का भाव यह है कि मनुष्य रूपी बंदर संसार रूपी घड़े में पंच विषय व पुत्र -पौत्र ,रुपया -पैसा रूपी रोटी को पकड़ मूढ़ अपने सारे कर्म -धर्मों को भुला देता है और ब्रह्मरूपी मदारी के हाथ पकड़ा जाकर जन्म भर नाचता रहता है।बंदर को तो मदारी एक ही जन्म नचाता है ,पर मनुष्य जन्म -जन्मांतर तक नाचता रहता है।
बंदरों ने यह देखा और एक बंदर उतरकर घड़े में हाथ डाल रोटी के टुकड़ों को निकालने लगा ,किन्तु मुट्ठी बंद होने के कारण हाथ न निकल सका। तब तो बंदर बहुत खीझा और बड़े जोर -जोर से हाथ खींचता रहा तथा अपने ही हाथ को खींच -खींच काटता रहा ,पर हाथ तो तब निकले कि जब मूढ़ मुट्ठी की रोटी छोड़ दे और हाथ पतला हो जाए ,पर ऐसा न कर वह उसी रोटी के लालच से मदारी के हाथ पकड़ा जाकर जन्म भर नचाया गया।
इस दृष्टांत का भाव यह है कि मनुष्य रूपी बंदर संसार रूपी घड़े में पंच विषय व पुत्र -पौत्र ,रुपया -पैसा रूपी रोटी को पकड़ मूढ़ अपने सारे कर्म -धर्मों को भुला देता है और ब्रह्मरूपी मदारी के हाथ पकड़ा जाकर जन्म भर नाचता रहता है।बंदर को तो मदारी एक ही जन्म नचाता है ,पर मनुष्य जन्म -जन्मांतर तक नाचता रहता है।
स्वेच्छा से त्याग करने पर सुख व आनंद की अनुभूति होती है।
त्याग का आनंद अदभुत होता है। . अभावग्रस्त को कुछ देने के बाद आत्मा को संतोष और धर्मलाभ होता है। इसी प्रकार संसार से विदा होते समय यदि मनुष्य स्वेच्छा से संसार को त्याग दे तो उसे कोई कष्ट नहीं होता। स्वेच्छा से न त्यागने वाले रोते -विलखते हैं। पुनरपि संसार से जाना तो पड़ता ही है।
एक यजमान ने विशेष अनुष्ठान में आए दो साधुओं को एक -एक कंबल दे दिया। वे दोनों रात्रि विश्राम के लिए नगर की एक धर्मशाला में ठहर गए। सर्दी की रात थी। रात को सोते समय एक साधु के मन में आया कि कहीं रात को कोई कंबल उठा न ले जाए। उसने लपेटकर उसे अच्छी तरह तह करके सिरहाने में लगाया और सो गया। जब दूसरा साधु सोने लगा ,उसने देखा कि दो बच्चे सर्दी से ठिठुर रहे हैं। उसने वह कंबल उन्हें दे दिया।
रात्रि में धर्मशाला में चोर घुस आए। उस रात्रि धर्मशाला में दो साधु व दो अनाथ बच्चों के अलावा कोई नहीं था। चोरों को चोरी के लिए केवल कंबल ही दिखाई पड़े। दोनों कंबल ले कर भाग गए।
सुबह जब दोनों साधु उठे तो दोनों में से किसी के पास कंबल नहीं थे। एक साधु ने स्वेच्छा से त्याग दिया और दूसरे का सिरहाने के नीचे खिसका लिया। जिसने स्वेच्छा से कंबल का त्याग किया था ,वह आनंद में था और सुबह उठकर अपने मार्ग पर चल दिया। दूसरे ने सिर के नीचे रखा था ,वह अत्यन्त दुखी था। जैसे दुखों का पहाड़ उसपर टूट पड़ा हो लेकिन जो सुख का आनंद पहले साधु ने कंबल त्याग कर लिया ,दूसरे साधु को इसकी अनुभूति तक नहीं थी।
एक यजमान ने विशेष अनुष्ठान में आए दो साधुओं को एक -एक कंबल दे दिया। वे दोनों रात्रि विश्राम के लिए नगर की एक धर्मशाला में ठहर गए। सर्दी की रात थी। रात को सोते समय एक साधु के मन में आया कि कहीं रात को कोई कंबल उठा न ले जाए। उसने लपेटकर उसे अच्छी तरह तह करके सिरहाने में लगाया और सो गया। जब दूसरा साधु सोने लगा ,उसने देखा कि दो बच्चे सर्दी से ठिठुर रहे हैं। उसने वह कंबल उन्हें दे दिया।
रात्रि में धर्मशाला में चोर घुस आए। उस रात्रि धर्मशाला में दो साधु व दो अनाथ बच्चों के अलावा कोई नहीं था। चोरों को चोरी के लिए केवल कंबल ही दिखाई पड़े। दोनों कंबल ले कर भाग गए।
सुबह जब दोनों साधु उठे तो दोनों में से किसी के पास कंबल नहीं थे। एक साधु ने स्वेच्छा से त्याग दिया और दूसरे का सिरहाने के नीचे खिसका लिया। जिसने स्वेच्छा से कंबल का त्याग किया था ,वह आनंद में था और सुबह उठकर अपने मार्ग पर चल दिया। दूसरे ने सिर के नीचे रखा था ,वह अत्यन्त दुखी था। जैसे दुखों का पहाड़ उसपर टूट पड़ा हो लेकिन जो सुख का आनंद पहले साधु ने कंबल त्याग कर लिया ,दूसरे साधु को इसकी अनुभूति तक नहीं थी।
सुविचार 16/8/2018 - Hindi Quotes
- अच्छे शब्दों का बहुत मूल्य हासिल होता है और उनकी लागत बहुत कम होती है। -जॉर्ज हर्बर्ट।
- शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है। -चाणक्य
- हर कोई अपने दुःख को बड़ा मानता ,दुनिया का यही कायदा है। -विमल मित्र
- नियमों का विधान मनुष्य के लिए किया गया है ,मनुष्य का निर्माण नियम के लिए नहीं हुआ है। -स्वामी रामतीर्थ
- जिस प्रकार श्रम शरीर को शक्ति प्रदान करता है ,उसी प्रकार कठिनाइयां मनुष्य को शक्ति सम्पन्न बनाती हैं। -सनेका
- आप जितनी ज्यादा जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहते हैं ,उतने ही अधिक लोगों के विश्वसनीय बनते हैं। -पीट मेराविच
- अच्छा निर्णय अनुभव से ही मिलता है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अनुभव का जन्म अक्सर खराब निर्णयों से होता है। -रीटा माए ब्राउन
- बुद्धिमान मनुष्य अपने अनुभवों से सीखता है किन्तु और अधिक बुद्धिमान दूसरों के अनुभवों से सीखता है। -चीनी कहावत
- अवसर के रहने की जगह कठिनाइयों के बीच है। -अलबर्ट आइंसटाइन
- आप अपने जीवन के लिए कुछ नहीं कर सकते ,लेकिन आप इसे मूल्यवान बनाने के लिए कुछ अवश्य ही कर सकते हैं। -ईवन ईसर
Wednesday, August 15, 2018
सुविचार 15/8/2018 - Hindi Quotes
- हम लोगों के जीवन में भले ही फूल न बिखेर सके ,कम से कम मुस्कान तो बिखेर ही सकते हैं। -डिकिन्स
- सफल होने के लिए ,सफलता की चाहत ,असफलता के डर से ज्यादा मजबूत होनी चाहिए। -बिल कोस्बी
- असफलता का मौसम सफलता के बीज बोने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय होता है। -परमहंस योगानंद
- तेज चलो और हालात को बदलो। अगर आप बदल नहीं रहे तो आप चल नहीं रहे। -मार्क जकरबर्ग
- मनुष्य की सबसे आवश्यकता शिक्षा नहीं ,चरित्र है और यही उसका सबसे बड़ा रक्षक भी है। -हर्बर्ट स्पेंसर
- ऐसा व्यक्ति जो मानव के हृदय में साहस बोता है,वह सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है। -कार्ल वोन नेबेन
- जिसने कभी विपत्ति नहीं झेली ,उसे कभी देश का ताज भी नहीं मिला। -क्वालर्स
- जैसे ही आप सीखना बंद करते हैं ,आपकी गिनती बुजर्गों में होने लगती है। जो हमेशा कुछ नया सीखता है वही युवा है। -हेनरी फोर्ड
- विश्वास उन शक्तियों में से एक है जो मनुष्य को जीवित रखता है। विश्वास का पूर्ण अभाव ही जीवन का अवसान है। -विलियम जेम्स
- इस बात को सावधानी से कठोर वचनों को रोकने का प्रयास करें। अकेला कटुभाषी संसार में सभी मनुष्यों का शत्रु होता है। -वाल्मीकि
Tuesday, August 14, 2018
सुविचार 14/8/2018 - Hindi Quotes
- ज्ञान ही सबसे बड़ी अच्छाई है और अज्ञानता ही सबसे बड़ी बुराई है -डायोजेनिस
- यदि हम असफलता से शिक्षा प्राप्त करते हैं तो वह भी सफलता ही है।- मैल्कम फोब्र्स
- मोह अंधकार है। निर्मल बुद्धि का प्रकाश मोह रूपी अंधकार को दूर करता है। -गुरुदत्त
- यदि मनुष्य परोपकारी नहीं है तो उसमे और दीवार में खिंचे चित्र में क्या फर्क है। -शेख सादी
- ऐसी बहुत सी बातें हैं ,जिन्हें धन से सिद्ध करना असाध्य है। केवल आपकी पवित्रता के बल पर ही वे सिद्ध की जा सकती हैं। -विवेकानंद
- जो अपनी रोटी दूसरों के साथ बांटकर खाता है ,उसको भूख की बीमारी कभी छूभी नहीं सकती। -तिरुवल्लुवर
- सत्य का सर्वश्रेष्ठ अभिनंदन यह है कि हम उसको आचरण में लाएं। -एमरसन
- स्वास्थ्य ही जीवन की खुशियों को जीवंत बनाता है। अच्छे स्वास्थ्य के बिना हर ख़ुशी नीरस होती है। -विलियम टैम्पल
- सफलता का कोई रहस्य नहीं है। यह तैयारी ,कड़ी मेहनत और असफलता से सीखने का ही परिणाम होता है। -कॉलिन एलपावेल
- इस संसार में सब पदार्थ सुलभ है किन्तु कर्महीन लोग ही उन्हें प्राप्त नहीं कर पाते। -गोस्वामी तुलसीदास
Monday, August 13, 2018
सुविचार 13/8/2018 - Hindi Quotes
- अपने विवेक को अपना शिक्षक बनाओ ,शब्दों का कर्म से और धर्म का शब्दों से मेल बनाओ। -शेक्सपियर
- लहूलुहान मेरे पांव तो हुए लेकिन ख़ुशी है राह को कांटों से साफ मैंने किया -मसरूर आब्दी।
- अगर जिंदगी में किसी तरह का कोई संघर्ष नहीं है तो समझिए की प्रगति भी नहीं है। -फ्रेडरिक डगलस
- सफलता आवश्यक नहीं है ,किन्तु प्रकाश का अनुकरण करना मेरे लिए आवश्यक है। -अब्राहम लिंकन
- सच्चा मित्र वही होता है जो उस समय आपका साथ देता है ,जब सारी दुनिया साथ छोड़ देती है। -वालटर विंचेल
- मनुष्य क्रोध को प्रेम से ,पाप को सदाचार से ,लोभ को दान से और मिथ्या भाषण को सत्य से जीत सकता है। -गौतम बुद्ध
- दूसरों के दुर्भाग्य से बुद्धिमान व्यक्ति यह शिक्षा ग्रहण करते हैं कि उन्हें किस बात से बचना चाहिए। -साइरस
- प्रेरणा के पीछे सबसे महत्वपूर्ण बात लक्ष्य तय करना होता है। आपका हमेशा एक लक्ष्य अवश्य होना चाहिए। -फ़्रेंसी लेरियु स्मिथ
- अपने विरोधियों से मित्रता कर लेना क्या विरोधियों को नष्ट करने के समान नहीं है। -अब्राहिम लिंकन
- जीवन कर्म का ही दूसरा नाम है। जो कर्म नहीं करता ,उसका अस्तित्व तो है किन्तु वह जीवित नहीं रहता। -हिलार्ड
Saturday, August 11, 2018
सुविचार 12/8/2018 - Hindi Quotes
- व्यवहार वह दर्पण है जिसमें व्यक्ति का प्रतिबिम्ब देखा जा सकता है। -गेटे
- कठिनाइयों एवं बाधाओं का खिलाडी की तरह सामना करने वाला अंततः सफलता पाने में सफल होता है। -स्वामी कृष्णानंद
- जन्म से न कोई किसी का मित्र होता है ,न ही शत्रु। मित्र और शत्रु हमारे व्यवहार पर निर्भर करते हैं। -अज्ञात
- दूसरों को अनुशासित रखने के लिए खुद का अनुशासन में रहना जरूरी है। ---सूत्रकृतांग
- जो सही है उसे करने के लिए हर समय श्रेष्ठ है। -मार्टिन लूथर किंग जूनियर
- लगातार सफलता हमें संसार का एक पक्ष दिखाती है। आपत्तियां उस चित्र का दूसरा पक्ष भी बताती हैं। -कोलटन
- शास्त्र पढ़कर भी लोग मूर्ख हैं यदि वे उसके अनुसार आचरण नहीं करते। -हितोपदेश
- हितकारी अप्रिय वचन का होता है अहितकारी वचन स्नेहरहित का होता है। -महाभारत
- निर्णय जल्दी किए जाने चाहिए ,लेकिन देर तक सोचने के बाद ही। -बर्नाड शा
- लोग तुम्हारे स्वाभिमान की परवाह नहीं करते ,पहले खुद को साबित करके दिखाओ। -रत्न टाटा
Friday, August 10, 2018
सुविचार 11/8/2018 - Hindi Quotes
- मूर्खो से प्रशंसा के राग सुनने की अपेक्षा बुद्धिमान व्यक्ति की फटकार सुनना अधिक श्रेयस्कर है। -इंजील
- निर्दोष हृदय को आसानी से भयभीत या आतंकित नहीं किया जा सकता। -शेक्सपियर
- जो ऋण -मुक्त है उसी की उन्नति होती है। ऋणग्रस्त व्यक्ति चिंता में दिनरात घुलता रहता है। -अथर्ववेद
- कोई भी व्यक्ति जो सुंदरता को देखने की योग्यता बनाए रखता है, वह कभी भी वृद्ध नहीं होता। -फ्रेंक काफ्का
- ईश्वर शांति चाहता है और ईश्वर की इच्छा के अनुसार चलना मनुष्य का परम् कर्तव्य है। -टालस्टाय
- आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ,असफलता नामक बीमारी के लिए सबसे बड़ी दवा है। -अब्दुल कलाम
- असफलता से मत डरो ,उन मौकों की चिंता करो जो तुम कोशिश न करने की वजह से गंवा दोगे। -जेंक केनफील्ड
- युवा काल में आशाएं प्रेरक होती हैं और वे सदा ही आलोक पक्ष की ओर उन्मुख रहती हैं। -जीन ईन्जिलो
- अपने मित्र को उसके दोषों को बताना मित्रता की सबसे कठोर परीक्षा होती है। -हेनरी वार्ड बिचर
- सफलता की ख़ुशी मनाना अच्छा है ,पर उससे जरूरी है अपनी असफलता से सीख लेना। -बिल गेट्स
सुविचार 10/8/2018 - Hindi Quotes
- प्रसन्नता हृदय की वह निर्मलता है ,जो अनायास देखी जा सकती है। -अज्ञात
- तुम अपनी इच्छाओं को जितना घटाओगे ,उतने ही परमात्मा के निकट होंगे। -सुकरात
- ईर्ष्या करने वाले का सबसे बड़ा शत्रु इसकी ईर्ष्या ही है ,दूसरे शत्रु उसका अहित करने से रह भी जाए ,लेकिन ईर्ष्या उसे हानि पहुंचा कर ही रहती है। -संत तिरुवल्लुवर
- जैसे महान पर्वत हवा के झोंकों से विकम्पित नहीं होता ,वैसे ही बुद्धिमान लोग निंदा और स्तुति से विचलित नहीं होते। -आचार्य सुधांशु जी
- हम जितना ज्यादा अध्ययन करते हैं , उतना ही हमे अपने अज्ञान का आभास होता जाता है। -शैली
- धैर्य और परिश्रम से हम वह प्राप्त कर सकते हैं ,जो शक्ति और जल्दबाजी में कभी नहीं मिलता। -ला फोन्टेन
- जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य पाने को अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार होता है ,तो उसका जितना सुनिश्चित होता है। -नेपोलियन हिल
- जीवन में दुखद बात यह है कि हम बड़े तो जल्दी हो जाते हैं लेकिन समझदार देर से होते हैं। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
- अपनी सफलता में किस्मत को जो बिलकुल नहीं मानते ,वे अपने आप से मजाक कर रहे हैं। -लेरी किंग
- जो जितना अमानवीय धैर्य से प्रकृति से भिड़ता है ,उसे उतना ही कठोर दंड मिलता है। -शिवानी
सुविचार 9/8/2018 - Hindi Quotes
- सफलता ख़ुशी की चाबी नहीं है। ख़ुशी सफलता की चाबी है। आप जो कर रहे हैं ,उससे प्यार करते हैं तो आप जरूर सफल होंगे। -हरमन केन
- करुणा का कोई भी कार्य भले कितना ही छोटा क्यों न हो ,कभी व्यर्थ नहीं जाता। -ईसॉप
- संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा और त्याग से पैदा होता है। -प्रेमचंद
- भटकाव आपका दुश्मन है ,हर कहीं ,हर किसी में मन लगाकर मत बैठिए। -शेख सादी
- आदमी का सबसे बड़ा गुण हिम्मत है। बाकी सारे गुण उसके हिम्मती होने से ही पैदा होते हैं। -चर्चिल
- सक्रिय न होना मस्तिष्क की जड़ता और थकान का कारण है। सीखने की प्रक्रिया में मस्तिष्क कभी नहीं थकता। -लियोनार्डो दा विन्ची
- मन को हर्ष और उल्लासमय बनाना चाहिए ,इससे हजारों हानियों से बच सकेंगे और लम्बी उम्र पाएंगे। -शेक्सपियर
- अधिकांश बड़े लक्ष्य हासिल न हो पाने का कारण यह है कि हम छोटी चीजों को पहले करने में अपना समय बिता देते हैं। -राबर्ट जे मैकेन
- सिंह ,बाघ जैसे जंगली जानवरों के साथ घूमना अच्छा है ,पर मूर्ख के साथ इंदर भवन में भी रहना ठीक नहीं। -नीतिशतक
- मन और तन से स्वस्थ व्यक्ति ही एक अच्छा और लोकप्रिय इंसान बन सकता है। .-बोवन
Wednesday, August 8, 2018
सुविचार 8/8/2018 - Hindi Quotes
- कठोर वाणी अग्निदाह से भी अधिक तीव्रता से दुःख पहुंचाती है। -चाणक्य
- हमारे मन के विचार कर्म के पथ प्रदर्शक होते हैं। -मुंशी प्रेमचंद
- काम में सफलता तभी मिलती है जब आपको वह काम करने में आए। इसलिए हर काम का आनंद उठाएं। -प्रमोद बत्रा
- छोटी वस्तुओं की अपेक्षा बड़ी वस्तुओं का त्याग असली त्याग है। -मान्टेन
- जो हानि हो चुकी है उसके लिए शोक करना ,अधिक हानि को निमंत्रित करना है। -शेक्सपियर
- केवल आध्यात्मिक ज्ञान ही ऐसा है ,जो हमारे दुखों को सदा के लिए नष्ट कर सकता है। -स्वामी विवेकानंद
- अपनी भूख सहने वाले तपस्वी की शक्ति उतनी नहीं होती ,जितनी कि दूसरे की भूख मिटाने वाले दानी की शक्ति। -संत तिरुवल्लुवर
- जिसे इंसान से प्रेम है और इंसानियत की समझ है ,उसे अपने आप में ही संतुष्टि मिल जाती है। -स्वामी सुदर्शनाचार्य जी
- जो मनुष्य दूसरे का उपकार करता है ,वह अपना उपकार न केवल परिणाम में अपितु उसी कर्म में करता है ,क्योंकि अच्छा काम करने का भाव ही स्वयं में उचित पुरस्कार है। -सेनेका
- अपनी सामर्थ्य का पूर्ण विकास न करना सबसे बड़ा अपराध है। जब आप पूर्ण क्षमता के साथ कार्य करते हैं ,तब आप दूसरों की सहायता करते हैं। -रोजर विलियम्स
Tuesday, August 7, 2018
बात पते की 7/8/2018 - Hindi Quotes
- एक को साधने से सब सध जाता है। जैसे पौधे की जड़ों को सींचने से पौधे के हर अंग को पानी मिल जाता है। -अब्दुर्रहीम खान
- सपने को साकार करने की संभावना ही जीवन को रोचक बनाती है।- पाउलो कोएल्हो
- उस दिशा में चलिए जिस दिशा में आपका दिल कह रहा है ,तब न कोई बोझ महसूस होगा ,न पाबंदिया। -जी शिंगजियां
- ऐसा व्यक्ति जो मानव के ह्रदय में साहस बोता है ,सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है। -कार्ल वान नेहबल
- आप अपने काम में पूरे मनोयोग से ध्यान केंद्रित करें। सूर्य किरणों को केंद्रित करने पर ही अग्नि पैदा होती है। -अलेक्जेंडर ग्राहम बेल
- बुद्धिमान व्यक्ति प्राप्त होने वाले अवसरों से अधिक अवसर स्वयं निर्मित कर लेते हैं। -फ्रांसिस बेकन
- आपको क्रोध करने के लिए सजा नहीं दी जाएगी ,आपका क्रोध ही आपको सजा देगा। -गौतम बुद्ध
- खुद को खुश करने का एक बेहतरीन तरीका है किसी और को खुश करने की कोशिश करना। -मार्क ट्वेन
- अपनी शक्ति में विश्वास रखना शक्तिवान होना है। उनसे कमजोर कोई नहीं ,जिन्हें स्वयं में अथवा अपने सामर्थ्य में भरोसा नहीं। -स्वामी दयानन्द सरस्वती
- अपने आपको आराम दें। जिस खेत को थोड़ा खाली रखा जाता है ,वह अच्छी पैदावार देता है। -पब्लियस ओवीडियस नासो
Monday, August 6, 2018
बात पते की 6 /8/2018 - Hindi Quotes
- मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर की तरह है। यदि उसकी कुछ बूंदे खराब हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो सकता। -महात्मा गांधी
- कठिन समय में समझदार व्यक्ति रास्ता खोजता है और कायर ढूंढ़ता है बहाना। -प्रेमचंद
- कोई भी समस्या अनवरत चिंतन और सोच -विचार का सामना नहीं कर सकती। -वोल्टेयर
- आपदा ही एक ऐसी स्थिति है ,जो हमारे जीवन की गहराइयों में अंतर्दृष्टि पैदा करती है। -स्वामी विवेकानंद
- हमारे विचारों का स्तर ही हमारी निजी प्रसन्नता का स्तर निर्धारित करता है। -वेदव्यास
- छोटी योजनाओं में प्रेरित करने का जादू नहीं होता। बड़ी योजना बनाएं और ऊंची उम्मीदे रखें। -डेनियल बर्नहम
- आप जो अपने पीछे छोड़ जाते हैं ,वह पत्थर के स्मारकों पर अंकित नहीं ,बल्कि दूसरों के जीवन की यादों में बसा होता है। -पेरिकल्स
- गलती न करना मनुष्य के वश की बात नहीं ,लेकिन अपनी गलतियों से समझदार लोग भविष्य के लिए बुद्धिमत्ता अवश्य सीख लेते हैं। -प्लूटार्क
- बड़े संकटों में यहखूबसूरती होती है कि वे हमारे जीवन में अजनबियों का प्रेम और सहानुभूति लाते हैं। -विक्टर ह्यूगो
- हास्य बोध के बिना व्यक्ति बिना शॉक एब्जॉर्बर की कार जैसा है जो सड़क पर हर गड्डे के साथ जबरदस्त झटका महसूस करती है। -ह्यू सीडे
Sunday, August 5, 2018
बात पते की 5/8/2018 - Hindi Quotes
- न्याय ,सच और खूबसूरती जैसे शब्द एक -दूसरे के दोस्त हैं। जहां ये तीनों हो ,वहां किसी और की जरूरत ही नहीं। -साइमन वेल
- हम चीजों को वैसा नहीं देखते ,जैसी वे होती हैं। हम उन्हें वैसा देखते ,जैसे हम होते हैं।- अनाइस निन
- किसी भी चीज की कामना करो तो वह मिल ही जाती ,लेकिन कामना छोड़ दो तो चीजें खुद चली आती हैं। -स्वामी शिवानंद
- चीजों को सरल बनाना जटिल है ,जबकि चीजों को जटिल बनाना सरल होता है।- जोस मार्टी
- सादगी का मतलब है सीमित बोरिया -बिस्तर के साथ जिंदगी का सफर तय करना। -चार्ल्स डड्ली वार्नर
- जो लुटाओगे वही लौटकर आएगा। फूल लुटाओगे तो फूल मिलेंगे और कांटे लुटाओगे तो कांटे। -मुनिश्री तरुणसागर
- नाकामी हमेशा ही नई शुरुआत करने का मौका होता है ,इस बार ज्यादा बुद्धिमत्ता के साथ। -हेनरी फोर्ड
- दूसरों के प्रति विद्वेष पर काबू पाना ,आहत भावनाओं को छिपाना और माफ़ करना ही चरित्र की ताकत है। -लारेंस लोवासिक
- व्यक्ति के मन और आत्मा के विस्तार को ही संस्कृति कहा जाता है। -जवाहरलाल नेहरू
- ज्ञान का समुन्द्र अथाह है। जो यह सोचता है कि मैं जो जानता हूं ,वही पूर्ण सत्य है ,तो वह अंधेरे में भटक रहा है। -लाला लाजपतराय
Saturday, August 4, 2018
बात पते की 3/8/2018 - Hindi Quotes
- हर शिशु यह संदेश लेकर दुनिया में आता है कि भगवान मनुष्य को लेकर निराश नहीं हुआ है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
- बूढ़ा इंसान इस पृथ्वी का सबसे बड़ा शिक्षालय है ,क्योंकि उसे देखकर उगते सूरज की डूबती कहानी का बोध होता है। -मुनिश्री तरुणसागर
- असफलता का मौसम सफलता के बीज बोने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।- परमहंस योगानंद
- सफलता पहले से की गई तैयारी पर निर्भर है और बिना तैयारी के असफलता निश्चित है। -कन्फ्यूशियस
- असफल व्यक्तियों में से निन्यानवे फीसदी वे लोग होते हैं ,जिनकी आदत बहाने बनाने की होती है। -जॉर्ज वाशिंगटन कार्वर
- असफलता के विचार से सफलता का उत्पन्न होना उतना ही असम्भव है ,जितना बबूल के पेड़ पर गुलाब के फूल का खिलना। -स्वेट मार्डेन
- दोस्ती कीमती है। मुश्किल में ही नहीं ,जीवन के सुखद क्षणों में भी। और धन्यवाद है उस उदार व्यवस्था को ,जिससे जीवन सुखद होता है। -थॉमस जेफरसन
- जो क्षमा नहीं कर सकते ,वे उसी पुल को नष्ट कर देते हैं ,जिनसे उन्हें आगे जाना होता है। -कन्फ्यूशियस
- जीवन के प्रति जिस व्यक्ति की कम से कम शिकायतें हैं ,वही इस जगत में अधिक से अधिक सुखी है। -प्रेमचंद
- नैतिक प्रकृति उन्नत होगी तो उतना ही उच्च होगा प्रत्यक्ष अनुभव। उतनी ही बलवती होगी इच्छा शक्ति। -स्वामी विवेकानंद
बात पते की 4/8/2018 - Hindi Quotes
- प्रसन्न रहने से न केवल मस्तिष्क में अच्छे विचार आते हैं ,बल्कि हमारा चित्त शुभ कार्यों की ओर लगा रहता है। -रवीन्द्रनाथ टैगोर
- दुःख जितनी गहराई तक आपको तराशता है ,आप उतना सुख अपने में समाने के काबिल हो जाते हैं। -खलील जिब्रान
- आप अपनी शक्ति फिर पा लेते हैं जब आप उससे प्रेम करते हैं जिससे नफरत करना आपको सिखाया गया था। -ब्रायंट मैकगिल
- यदि आप महान काम नहीं कर सकते तो छोटे काम महान तरीके से करें। -नेपोलियन हिल
- जीवन की त्रासदी यह नहीं है कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए। त्रासदी तो पहुंचने के लिए लक्ष्य ही न होने में है। -बेंजामिन मेस
- सत्य को कोई भय नहीं होता जबकि असत्य हर परछाई देखकर कांप जाता है। -हेराल्ड एवन्स
- तन विष की बेल है तो गुरु अमृत की खान। सिर देकर भी गुरु मिले तो समझना चाहिए कि सौदा सस्ता है। -कबीरदास
- दोस्त वह है ,जो आपको अपनी तरह जीने की पूरी आजादी दे। -जिम मॉरिसन
- असली लोकतंत्र वह है जिसमें सत्ता साधन सम्पन्न लोगों के नहीं ,बल्कि साधारण लोगों के हाथ में हो। -अरस्तू
- जीवन में ऐसे प्रसंग और स्थितियां भी आती हैं जब बुद्धिमत्ता इसी में होती है कि अति बुद्धिमान न बना जाए। -शिलर
Thursday, August 2, 2018
बात पते की 02/08/2018 - Hindi Quotes
- आप दर्पण में अपना चेहरा देख सकते है पर अपने कर्म में अपनी आत्मा को देख सकते हैं। -जॉर्ज बर्नाड शा
- सिद्धन्तों में असली ताकत तभी आती है जब पेट पूरी तरह से भरा हो। -मार्क ट्वेन
- मानव दूसरों के दोष देखकर हंसता है। तब उसे अपने दोष याद नहीं आते ,जिनका न आदि है और न अंत। -कबीरदास
- चिंता और तकलीफे परिस्थितियों से लड़कर नहीं ,अंदरूनी कमजोरी पर विजय पाने से दूर होगी। -स्वामी रामतीर्थ
- जो नहीं है उसकी कामना करके जो है उसे बर्बाद न करें क्योंकि जो है उसकी कभी आप उम्मीद ही करते थे। -एपिक्यूरस
- प्रेम कर्कश को मधुर बनाता है ,पापी को पुण्यवान बनाता है और अंधकार को प्रकाशमय बना देता है। -बंकिमचंद्र चटर्जी
- हमारी श्रद्धा मोमबत्ती की तरह होनी चाहिए ,जो हमे तो प्रकाश देती ही है ,हमारा आसपास भी रोशन करती है। -महात्मा गांधी
- जीवन की आधी नाकामियों का कारण घोड़े के छलांग लगाते समय उसकी लगाम खींच लेना होता है। -चार्ल्स डिकेंस
- मित्रों की असली मदद हमारी उतनी मदद नहीं करती जितना कि केवल यह विश्वास कि वे जरूरत में हमारी मदद करेंगे। -एपिक्यूरस
- हर नेक काम पहले असम्भव लगता है। -थॉमस कारलाइली
Wednesday, August 1, 2018
बात पते की 01/08/2018 - Hindi Quotes
- पृथ्वी का मूल आधार सत्य है। सच्चाई की ताकत से ही सूर्य चमक रहा है और हवा बह रही है। वस्तुतः सब कुछ सच पर टिका है। -चाणक्य
- सिर्फ खुद के अज्ञान का विस्तार जानने के लिए भी हमें काफी ज्ञान की जरूरत होती है। -थॉमस सोवेल
- जीवन में सफलता प्रतिभा अथवा अवसर का उतना अधिक विषय नहीं है ,जितना कि लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता और डटे रहने का है। -सी डब्ल्यू वेंडेट
- कुछ लोग सपनों में जीते हैं ,कुछ हकीकत पसंद होते हैं और कुछ पहले का दूसरे में बदल देते हैं। -डेसिडेरियस एरेस्मस
- राजनीति में हिस्सा न लेने का सबसे बड़ा दंड यह है कि अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगते हैं। -प्लेटो
- परिस्थितियां मानव नियंत्रण से बाहर हो सकती हैं ,लेकिन हमारा आचरण तो हमारे ही नियंत्रण में होता है -बेंजामिन डिजरायली
- निष्क्रियता से संदेह व् डर पैदा होता है। क्रियाशीलता से विश्वास व साहस। डर पर विजय पाना है तो बाहर निकलें और व्यस्त रहें। -डेल कार्नेगी
- धैर्य जीवन के लक्ष्य का द्वार खोल देता है ,क्योंकि सिवाय धैर्य के उस द्वार की कोई कुंजी नहीं है। -शेख सादी
- विश्वास चाहे व्यक्ति में हो या शक्ति में ,दृढ़ होना चाहिए ,तभी वह फलदायक सिद्ध हो सकता है। -महात्मा गांधी
- दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है ,जो असाधारण सुख की आस में संतोष को ताक पर रख देते हैं। -डग लारसन
Tuesday, July 31, 2018
बात पते की 31/07/2018 - Hindi Quotes
- लगातार पवित्र विचार करते रहे। बुरे संस्कारों को दबाने के लिए एकमात्र समाधान यही है। -स्वामी विवेकानंद
- हमें संतोष और आत्मतृप्ति तभी हो सकती है ,जबकि हम अपने भाग्य का निपटारा स्वयं अपने तरीके से करें। -जवाहरलाल नेहरू
- छोटी -छोटी चीजों के प्रति वफादार रहें ,क्योंकि हमारी बड़ी ताकत इन्ही छोटी चीजों में बसती है। -मदर टेरेसा
- समय सभी चीजों को परिपक्व कर देता है। समय के साथ सभी चीजें उजागर हो जाती हैं। समय सत्य का प्रणेता है। -फ़्रांकिओस रॉबेल्स
- संसार में ऐसी कोई शक्ति नहीं ,जो उच्च ,सरल ,सत्य एवं कर्मण्य जीवन के प्रभाव को कम कर सके। -बुकर टी वाशिंगटन
- विश्वास और निष्ठा के साथ सकारात्मकता से सोचो। तब जीवन और सुरक्षित हो जाएगा ,उपलब्धियों और अनुभवों से भरा हुआ। -स्वामी विवेकानंद
- दुनिया की महत्वपूर्ण वस्तुओं में से ज्यादातर उन व्यक्तियों को प्राप्त हुई है ,जिन्होंने बिलकुल आशा न होते हुए भी अपने प्रयास जारी रखे। -डेल कार्नेगी 8 व्यवहार कुशलता लोगों को यह यकीन दिलाने कला है कि वे आपसे अधिक जानते है। -रेमंड मार्टीमर 9जीवन में ख़ुशी का अर्थ सिर्फ लड़ाइयां लड़ना नहीं ,उनसे बचना है। जनहित में कुशलतापूर्वक पीछे हटना भी अपने आप में जीत है। -नॉर्मन विसेंट पील 10 जितना अधिक धन व्यक्ति के पास होता है ,वह उससे कही अधिक चाहता है। धन रिक्त स्थान भरने की बजाय शून्यता पैदा करता है। -बेंजामिन फ्रेंकलिन
Monday, July 30, 2018
बात पते की 30/7/2018
- तकलीफें परिस्थितियों से लड़कर नहीं ,भीतरी खामियां खत्म करने से दूर होंगी ,जिनसे वे सच में पैदा हुई है। -स्वामी रामतीर्थ
- किसी व्यंजन की तरह कानून का सम्मान भी उन्हें बनाने के तरीके पर निर्भर करता है। -जान गाडफ्रे
- परम्परा में हम सुरक्षित महसूस करते है और बदलाव से डरते हैं। किन्तु परम्परा में मन ताजगी खो देता है।- जे कृष्णमूर्ति
- दो बार सोचकर बोलना चाहिए ,क्योंकि आपके शब्द किसी के मन में सफलता या विफलता के बीज बो सकते हैं। -नेपोलियन हिल
- विपत्ति में भी जिस हृदय में सद्ज्ञान उत्पन्न न हो ,वह उस सूखे वृक्ष की तरह है जो पानी पाकर भी पनपता नहीं ,सड़ जाता है। -मुंशी प्रेमचंद
- मैं असफल नहीं हुआ हूं। मुझे तो सिर्फ उन दस हजार तरीकों का पता चला है ,जो काम नहीं देंगे। -थामस एडिसन
- मित्रता तो हमेशा ही मीठी जिम्मेदारी होती है। यह कभी भी अपॉर्चुनिटी नहीं होती। -खलील जिब्रान
- भाग्य की प्रतीक्षा नहीं की जाती ,यह तो ऐसी बात है जिसे प्राप्त किया जाना चाहिए। -विलियम जे ब्राउन
- जब शक्ति के प्रेम की जगह प्रेम की शक्ति लेगी तब दुनिया को शांति के वरदान का पता चलेगा। -विलियम ग्लेडस्टोन
- यदि जीत का विस्तार से विवरण दिया जाए तो कोई उसे पराजय से अलग नहीं पाएगा। -जा पाल सात्र
Sunday, July 29, 2018
बात पते की 29/7/2018 - Hindi Quotes
- प्रसन्नता कोई स्टेशन नहीं ,जहां आप पहुंचे। यह तो यात्रा का तरीका है। -मार्गरेट रनबेक
- विचारों को वस्तुओं का रूप देने की क्षमता ही सफलता का असली रहस्य है। -जेए रोसंकरांज
- जीवन में आप तब तक सही दिशा में आगे नहीं बढ़ सकते ,जब तक कि आपको अपने लक्ष्य का पता न हो। -अर्नाल्ड एच ग्लास्गो
- सुख की गहराई में गोता लगाने के बाद हमारे हाथ में मोतियों की जगह पत्थर ही ज्यादा आते हैं। -बाल्जाक
- कोई आपके आसुओं का हकदार नहीं है। यदि कोई होगा भी तो वह आपको रोने नहीं देगा। -गैब्रियल गार्सिया मार्केज
- जिसने स्वयं को वश में कर लिया है ,उसकी विजय को देवता भी पराजय में नहीं बदल सकते। -गौतम बुद्ध
- यदि सभी वास्तव में शांति चाहने लगें तो दुनिया को शांतिपूर्ण होने में देर न लगेगी। -जान लेनन
- जीवन स्वाभाविक रूप से होने वाले बदलावों की श्रंखला है। इसका विरोध न कीजिए वरना दुःख पैदा होगा।- लाओ त्जू
- मानव जाति को युद्धों का अंत करना ही होगा ,इसके पहले कि युद्ध उसका अंत कर दे। -जान एफ केनेडी
- हंसी कार में लगे वाइपर जैसी होती है ,इससे बारिश तो नहीं रूकती पर यात्रा जारी रहती। -स्पेन की कहावत
Saturday, July 28, 2018
बात पते की 28/7/2018 - Hindi Quotes
- कोई आदमी एक ही नदी में दो बार नहीं उतरता क्योंकि न तो नदी वही होती है और न वह आदमी। -हेराक्लिट्स
- रुचिपूर्वक दूसरे के दोष देखने से आपका मन दूसरों के कचरे का कूड़ेदान बन जाएगा। -पब्लियस साइरस
- सफल आदमी वह होता है जो उन ईंटों से मजबूत नींव रखता है जो दूसरे उसके ऊपर फेंकते हैं। -डेविड ब्रिकली
- हिंसा का कारण यह भ्रम है कि जिंदगी ऐसी सम्पति है जो शेयर करने की नहीं ,हिफाजत से रखने की चीज है। -हेनरी नॉएन
- धमनियों की कठोरता की बजाय लोग दिलों की कठोरता से जल्दी बूढ़े होते हैं। -मार्टिन लूथर किंग
- जब किसी रोग की बहुत -सी दवाइयां बताई जाती है तो इसका अर्थ है उसका इलाज सम्भव नहीं। -एन्तोन चेखव
- अगर इंसान शिक्षा की उपेक्षा करता है ,तो वह लंगड़ाते हुए अपने जीवन के अंत की तरफ बढ़ता है। -प्लेटो
- वस्तुएं बल से छीनी या धन से खरीदी जा सकती हैं ,किन्तु ज्ञान अध्ययन से ही प्राप्त हो सकता है। -स्वामी विवेकानंद
- संसार एक कड़वा वृक्ष है ,इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते है --एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति। -चाणक्य
- व्यक्ति खुद के पास सबसे ज्यादा तब होता है जब वह खेल में डूबे बच्चे जैसी गंभीरता प्राप्त कर लेता है। -हेराक्लाइटस
Friday, July 27, 2018
भूख न लगना और खूब भूख लगना -दोनों ही समस्याएं प्राणघातक और गंभीर हो सकती हैं।
जीवित रहने और शारीरिक ऊर्जा के लिए भोजन बहुत जरूरी है सभी व्यक्तियों की भोजन की आदतें अलग -अलग होती हैं। ऐसी स्थिति में खान -पान संबंधी गड़बड़ी से कुछ लोगों का पीड़ित हो जाना स्वभाविक है। खान -पान संबंधी गड़बड़ी मुख्यतः दो प्रकार की होती है। भूख न लगना और खूब भूख लगना। दोनों ही समस्याएं प्राणघातक और गंभीर हो सकती हैं। खान-पान संबंधी गड़बड़ी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। दुनियाभर की पांच प्रतिशत से भी ज्यादा महिलाएं इन दोनों में से किसी न किसी समस्या से पीड़ित होती हैं। इनकी शुरुआत आमतौर पर किशोरावस्था से ही हो जाती है। हम तब इस ओर ध्यान नहीं देते और धीरे -धीरे यह हमारी आदत में शुमार हो जाता है।
लक्षण --भूख न लगने की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का वजन शरीर के अपेक्षित वजन से काफी कम हो जाता है। इससे शरीर कुपोषण का शिकार होकर काफी कमजोर हो जाता है। इससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है ,जिससे बीमारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ढेर सारा भोजन करने से व्यक्ति का वजन काफी बढ़ जाता है ,जिससे डायबिटीज और हार्ट सहित कई अन्य बीमारियों के पनपने के संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने का कारण ---1 चिंता या तनाव ---कई लोगों की आदत होती है कि वे छोटी -छोटी बातों को लेकर टेंशन में आ जाते हैं। जब वे चिंतित ,घबराए हुए या तनावग्रस्त होते हैं तो पेट में कुछ ऐसे अम्लों का निर्माण होता है ,जिनसे भूख मर जाती है। इसलिए जहां तक हो सके चिंता से दूर रहें।
2 अरुचि --कई बार व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से पीड़ित होते हैं ,जिसके कारण भोजन के प्रति अरुचि पैदा हो जाती है।
3 डायटिंग --बढ़ते वजन को कम करने के चक्कर में कई लोग डायटिंग शुरू कर देते हैं. वे दुबला होने की गोलियां भी खाते हैं ,जिससे वे ऐनरेक्सिया नामक बीमारी के शिकार हो जाते हैं और उनकी भूख मर जाती है।
4 अत्यधिक सतर्क --कई लोग अपने आहार के मामले में भी नकारात्मक रूप से अत्यधिक सतर्क होते हैं। वजन बढ़ जाने के डर से वे हल्का भोजन करते हैं और अत्यधिक कसरत करते हैं। ऐसी स्थिति में कुपोषण या अत्यधिक मेहनत से उन्हें टीबी सहित कई अन्य बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने की बीमारी से निजात पाने में मनोचिकित्सक काफी मददगार साबित हो सकते हैं ,क्योंकि अपनी समस्याओं के संबंध में अपने परिजनों के साथ चर्चा करना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है। उपचार में मनोचिकित्सा के साथ ही मेडिकेशन भी जरूरी होता है। ये दोनों अलग -अलग या साथ -साथ भी हो सकती है। सामान्य परिस्थितियों में रोगी इससे ही ठीक हो जाता है। लेकिन किसी कारणवश यदि रोगी इससे ठीक नहीं हो पा रहा हो ,तो समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसी स्थिति में रोगी को अस्पताल में भर्ती करा कर उसका विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए।
लक्षण --भूख न लगने की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का वजन शरीर के अपेक्षित वजन से काफी कम हो जाता है। इससे शरीर कुपोषण का शिकार होकर काफी कमजोर हो जाता है। इससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है ,जिससे बीमारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ढेर सारा भोजन करने से व्यक्ति का वजन काफी बढ़ जाता है ,जिससे डायबिटीज और हार्ट सहित कई अन्य बीमारियों के पनपने के संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने का कारण ---1 चिंता या तनाव ---कई लोगों की आदत होती है कि वे छोटी -छोटी बातों को लेकर टेंशन में आ जाते हैं। जब वे चिंतित ,घबराए हुए या तनावग्रस्त होते हैं तो पेट में कुछ ऐसे अम्लों का निर्माण होता है ,जिनसे भूख मर जाती है। इसलिए जहां तक हो सके चिंता से दूर रहें।
2 अरुचि --कई बार व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से पीड़ित होते हैं ,जिसके कारण भोजन के प्रति अरुचि पैदा हो जाती है।
3 डायटिंग --बढ़ते वजन को कम करने के चक्कर में कई लोग डायटिंग शुरू कर देते हैं. वे दुबला होने की गोलियां भी खाते हैं ,जिससे वे ऐनरेक्सिया नामक बीमारी के शिकार हो जाते हैं और उनकी भूख मर जाती है।
4 अत्यधिक सतर्क --कई लोग अपने आहार के मामले में भी नकारात्मक रूप से अत्यधिक सतर्क होते हैं। वजन बढ़ जाने के डर से वे हल्का भोजन करते हैं और अत्यधिक कसरत करते हैं। ऐसी स्थिति में कुपोषण या अत्यधिक मेहनत से उन्हें टीबी सहित कई अन्य बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है।
भूख न लगने की बीमारी से निजात पाने में मनोचिकित्सक काफी मददगार साबित हो सकते हैं ,क्योंकि अपनी समस्याओं के संबंध में अपने परिजनों के साथ चर्चा करना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है। उपचार में मनोचिकित्सा के साथ ही मेडिकेशन भी जरूरी होता है। ये दोनों अलग -अलग या साथ -साथ भी हो सकती है। सामान्य परिस्थितियों में रोगी इससे ही ठीक हो जाता है। लेकिन किसी कारणवश यदि रोगी इससे ठीक नहीं हो पा रहा हो ,तो समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसी स्थिति में रोगी को अस्पताल में भर्ती करा कर उसका विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए।
बात पते की 27/7/2018 - Hindi Quotes
- जो भयभीत न हो ,वह आक्रामक नहीं होता। जिस व्यक्ति को कोई डर न हो वही स्वतंत्र व शांति से पूर्ण व्यक्ति है। -जेकृष्णमूर्ति
- में प्रजातंत्र में इसलिए विश्वास करता हूं क्योंकि वह प्रत्येक मनुष्य को आगे बढ़ने के अवसर देता हैं। -वुडरो विल्सन
- यदि आप बार -बार असफल नहीं हो रहे हैं तो इसका अर्थ है आप कुछ आविष्कारक काम नहीं कर रहे हैं। -वुडी एलन
- यह यद् रखना बेहतर होगा कि सभी सफल व्यवसाय नैतिकता की नींव पर आधारित होते हैं। -हेनरी वार्ड बीचर
- सफलता का नुस्खा आसान है। जो सही है ,उसे सही समय पर ,सही तरीके से कीजिए। -अर्नाल्ड ग्लास्गो
- शांति मानव जीवन के लिए एक परम् -पावन और वांछनीय निधि है। यह बाहर की किसी चीज से नहीं मिलती। यह अपने अंदर की चीज है। -महात्मा गांधी
- बुद्धिमान व्यक्ति के स्वभाव में ही आमोद -प्रमोद के प्रति उदासीनता होती है पर मूर्ख उसके गुलाम होते हैं। -एपिक्टेटस
- ईश्वर हर चीज में है ,लेकिन मानव में वह सबसे ज्यादा अभिव्यक्त हुआ है। इसलिए मानव सेवा ही ईश्वर पूजा है। -रामकृष्ण परमहंस
- बच्चे अंधेरे से डरे तो उन्हें माफ़ किया जा सकता है। जिंदगी की असली त्रासदी तो वह है जब लोग उजाले से घबराने लगते हैं। -प्लेटो
- युद्ध शायद अकेले जीता जा सकता है ,लेकिन शांति ,चिरस्थायी शांति के लिए तो सबका सहयोग जरूरी होता है। -लुइज इनासियो
Wednesday, July 25, 2018
बात पते की 26/7/2018 - Hindi Quotes
- जैसे धूप से बर्फ पिघलती है उसी तरह दयालुता से शत्रुता ,अविश्वास और गलतफहमी खत्म हो जाती है। -अल्बर्ट श्वेटजर
- अपनी जिंदगी को इस प्रकार जिओ जैसे आपके कार्यों से निकली बातें संसार के नियम बनने वाली हो। -इमैनुअल कांट
- चुनौतिओं को स्वीकार करें ,ताकि आप विजय का असली आनंद महसूस कर सकें। -आरजी इंगरसोल
- प्रेम के आधार पर ही मनुष्य वीर बन सकता है। -ताओ धर्म
- उसी व्यक्ति को सजा दी जा सकती है ,जिसमें इतनी अच्छाई हो कि वह न्याय को समझ सके। -विलियम अर्नेस्ट हाकिंग
- रचनात्मक व्यक्ति किसी को हराने की इच्छा से नहीं ,कुछ हासिल करने के जुनून से प्रेरित होता है। -आएन रेन्ड
- एक ही चीज जो बहुमत को नहीं मानती और वह है मनुष्य की अंतरात्मा। -हार्पर ली
- उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है ,जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता। -स्वामी विवेकानंद
- जब तक आप धनी लोगों को पसंद नहीं करते तब तक आप धनी नहीं हो सकते। -डगलस कूपलैंड
- हमारे जख्म आमतौर पर हमारे सर्वश्रेष्ठ और सबसे सुंदर हिस्से की ओर राह खोलने वाले होते हैं। -डेविड रिको
कामी और लोभी व्यक्ति ही माया के शिकार होते हैं ,विरक्त नहीं।
छल -कपट ,विश्वासघात ,देशद्रोह ,हत्याएँ आदि का कारण लोभ और लालच ही है। यह सब भोगों के लिए हो रहा है। आश्चर्य यह है कि भोग ज्यों के त्यों हैं ,भोगने वाले नष्ट हो रहे हैं। इसके लिए एक दृष्टांत देखिए ---
एक विरक्त साधु सड़क पर जा रहे थे। मार्ग में उन्हें कुछ स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। देखते ही वे चौंके और मार्ग से हटकर चलने लगे। थोड़ी दूरी पर उन्हें चार बंदूकधारी सिपाही मिले। साधु ने उनसे कहा बच्चा ,इस मार्ग से बचकर जाना ,रास्ते में एक डायन बैठी है।
सिपाही ने कहा -अरे बाबा !डायन से क्या डरना ,हरकत करेगी तो एक कारतूस उसपर दाग देंगे। थोड़ी दूर चलने पर उन्हें भी स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। सबने मुद्राएँ बीनकर आपस में यह निश्चय किया कि पहले कुछ खा -पीकर आराम कर ले फिर गश्त पर चलेंगे। तय हुआ कि दो लोग मुद्राओं की रक्षा करें। दो सिपाही बाजार में गये और वहाँ से नमकीन व शराब में विष मिलाकर ले आए। उन्होंने सोचा -वहां जाकर कह देंगे कि हम दोनों तो वहीं खा -पीकर आए हैं ,यह तुम्हारा ही हिस्सा है ,इस पर वे लोग मर जाएंगे और मुद्राएँ हम आपस में बाँट लेंगे।
उधर जंगल में बैठे शेष दोनों सिपाहियों ने निश्चय किया कि जब बाजार वाले सिपाही लौटेंगे तो हम उन दोनों को गोली से मार देंगे और धन आपस में बाँट लेंगे।
बाजार वाले सिपाही जैसे ही लौटे ,इन्होंने एक -एक को अपनी बंदूकों से ठंडा कर दिया और लगे खाने -पीने ,परन्तु उसमें तो विष मिला था। जल्दी ही वे दोनों भी सदा -सदा के लिए वहीं लेट गए।
थोड़ी देर बाद साधु बाबा लौटे तो चारों लाशों को देखकर हंस पड़े और बोले वाह री डायन ! चारों को खा गई और तू ज्यों -की -त्यों यही बैठी है।
डायन रूपी माया के लिए पाप मत करो। जीवन को निर्मल बनाओ। माया के प्रलोभन से बचो। ईश्वर भक्तों पर माया वार नहीं करती। सच्चा आस्तिक भौतिक भोगों के लिए कभी भी दुष्कृत्य नहीं करेगा। कामी और लोभी ही माया के शिकार होते हैं ,विरक्त नहीं।
एक विरक्त साधु सड़क पर जा रहे थे। मार्ग में उन्हें कुछ स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। देखते ही वे चौंके और मार्ग से हटकर चलने लगे। थोड़ी दूरी पर उन्हें चार बंदूकधारी सिपाही मिले। साधु ने उनसे कहा बच्चा ,इस मार्ग से बचकर जाना ,रास्ते में एक डायन बैठी है।
सिपाही ने कहा -अरे बाबा !डायन से क्या डरना ,हरकत करेगी तो एक कारतूस उसपर दाग देंगे। थोड़ी दूर चलने पर उन्हें भी स्वर्ण मुद्राएँ पड़ी दिखाई दी। सबने मुद्राएँ बीनकर आपस में यह निश्चय किया कि पहले कुछ खा -पीकर आराम कर ले फिर गश्त पर चलेंगे। तय हुआ कि दो लोग मुद्राओं की रक्षा करें। दो सिपाही बाजार में गये और वहाँ से नमकीन व शराब में विष मिलाकर ले आए। उन्होंने सोचा -वहां जाकर कह देंगे कि हम दोनों तो वहीं खा -पीकर आए हैं ,यह तुम्हारा ही हिस्सा है ,इस पर वे लोग मर जाएंगे और मुद्राएँ हम आपस में बाँट लेंगे।
उधर जंगल में बैठे शेष दोनों सिपाहियों ने निश्चय किया कि जब बाजार वाले सिपाही लौटेंगे तो हम उन दोनों को गोली से मार देंगे और धन आपस में बाँट लेंगे।
बाजार वाले सिपाही जैसे ही लौटे ,इन्होंने एक -एक को अपनी बंदूकों से ठंडा कर दिया और लगे खाने -पीने ,परन्तु उसमें तो विष मिला था। जल्दी ही वे दोनों भी सदा -सदा के लिए वहीं लेट गए।
थोड़ी देर बाद साधु बाबा लौटे तो चारों लाशों को देखकर हंस पड़े और बोले वाह री डायन ! चारों को खा गई और तू ज्यों -की -त्यों यही बैठी है।
डायन रूपी माया के लिए पाप मत करो। जीवन को निर्मल बनाओ। माया के प्रलोभन से बचो। ईश्वर भक्तों पर माया वार नहीं करती। सच्चा आस्तिक भौतिक भोगों के लिए कभी भी दुष्कृत्य नहीं करेगा। कामी और लोभी ही माया के शिकार होते हैं ,विरक्त नहीं।